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Tuesday, August 22, 2119

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    Friday, April 25, 2025

    यूपी बोर्ड : हाईस्कूल(10th)एवं इंटरमीडिएट(12th) का परिणाम जारी, एक क्लिक में देखें अपना रिजल्ट

    यूपी बोर्ड : हाईस्कूल(10th)एवं इंटरमीडिएट(12th) का परिणाम जारी, एक क्लिक में देखें अपना रिजल्ट 


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    🔴 हाईस्कूल रिजल्ट देखें

    🔴 इंटरमीडिएट रिजल्ट देखें



    UP Board Toppers List 2025 LIVE: इंटर में महक जायसवाल, हाई स्कूल में यश ने किया टॉप, यहां देखें पूरी लिस्ट

    यूपीएमएसपी की ओर से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट पर यूपी बोर्ड रिजल्ट के साथ ही टॉपर्स लिस्ट (Live UPMSP UP Board Toppers List 2025 Updates) जारी कर दी गई है। इंटर में महक जायसवाल और हाई स्कूल में यश प्रताप ने टॉप किया है। राज्य में टॉप करने वाले स्टूडेंट्स को 1 लाख रुपये नकद, प्रशस्ति पत्र एवं लैपटॉप/ टेबलेट प्रदान किया जायेगा।

    🔵 यूपी बोर्ड रिजल्ट 2025 के नतीजे घोषित।
    🔵 नतीजों के साथ दोनों क्लास की टॉपर्स लिस्ट भी जारी।
    🔵 राज्य सरकार की ओर से टॉपर्स को किया जायेगा सम्मानित। 


    यूपी बोर्ड 10वीं में 90.11 फीसदी और यूपी बोर्ड इंटर में 81.15 फीसदी बच्चे पास हुए हैं। यूपी बोर्ड 10वीं में यश प्रताप सिंह ने 97.83 फीसदी अंकों के साथ टॉप किया है। 

    यश प्रताप सिंह रसकेंद्री देवी इंटर कॉलेज, उमरी (जालौन) के विद्यार्थी हैं। दूसरे स्थान पर अंशी तिवारी इटावा 97.67 प्रतिशत और अभिषेक कुमार यादव बाराबंकी के रहने वाले 97.67 प्रतिशत तीसरे स्थान पर रहे हैं। मुरादाबाद के मृदुल गर्ग 97.50 अंक के साथ चौथे स्थान पर हैं। यूपी बोर्ड 12वीं में 97.20% अंकों के साथ महक जायसवाल ने टॉप किया है। 

    महक जायसवाल, बच्चा राम यादव इंटर कॉलेज, भुलाई की छात्रा हैं। यूपी बोर्ड 12वीं की परीक्षा 25,98,560 स्टूडेंट्स ने दी थी। इसमें से कुल 21,08,774 छात्र पास हुए हैं। ओवरऑल पास प्रतिशत 81.15 फीसदी रहा। इसमें से लड़कों की संख्या 13,87,263, पास हुए छात्रों की संख्या 10,62,616 और पास प्रतिशत 76.60 फीसदी रहा है। इसके अलावा लड़कियों की कुल संख्या 12,11,297 थी इसमें से 10,46,158 छात्राएं पास हुई हैं और पास प्रतिशत 86.37 फीसदी रहा है। लड़कियों का पास प्रतिशत लड़कों से 9.77 फीसदी अधिक रहा है।




    यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटर के नतीजे आज 12:30 बजे आएंगे, ऐसे देख सकेंगे


    प्रयागराज । यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 का परिणाम शुक्रवार को 12:30 बजे घोषित होगा। इसी के साथ बोर्ड परीक्षा के लिए पंजीकृत 54 लाख से अधिक छात्र-छात्राओं का इंतजार खत्म हो जाएगा। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव और सचिव भगवती सिंह बोर्ड मुख्यालय से दोपहर 12:30 बजे परिणाम जारी करेंगे।

    परिणाम बोर्ड की वेबसाइट upmsp.edu.in और एनआईसी की वेबसाइट upresults.nic.in पर देखा जा सकता है। 



    यूपी बोर्ड: डिजिलाकर से अंकपत्र देख और डाउनलोड कर सकेंगे छात्र, जानिए कैसे?


    प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव भगवती सिंह के अनुसार हाई स्कूल के छात्र- छात्राएं अपना अनुक्रमांक एवं जन्मतिथि अंकित कर डिजि-लाकर से अंकपत्र देख और डाउनलोड कर सकेंगे। इसके अलावा इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं को डिजि-लाकर पर उपलब्ध अंकपत्र देखने व डाउनलोड करने के लिए अपने अनुक्रमांक के साथ मां का नाम अंकित करना होगा। इस तरह डिजि-लाकर पर उपलब्ध अंकपत्र का उपयोग नए संस्थान में प्रवेश के लिए छात्र-छात्राएं उपयोग कर सकेंगे। यह सत्यापित होने के साथ डिजिटली हस्ताक्षरित भी होगा। इसमें क्यूआर कोड  का भी प्रयोग किया गया है। विद्यालयों के माध्यम से आफलाइन अंकपत्र/प्रमाणपत्र बाद में उपलब्ध कराए जाएंगे।


     हाई स्कूल परीक्षा में 27.40 लाख परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जबकि इंटरमीडिएट में 26.98 लाख। इस तरह 54.38 लाख छात्र-छात्राओं के लिए 8140 केंद्रों पर परीक्षा 24 फरवरी से 12 मार्च के मध्य संपन्न कराई गई।

    हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट को मिलाकर 3.02 लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी थी। उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन 261 केंद्रों पर 19 मार्च से दो अप्रैल के मध्य कराया गया। परीक्षा परिणाम तैयार होने के बाद अब परिणाम घोषित किए जाने की तिथि निश्चित कर दी गई।


    अब एडेड डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों के परिजनों को मिलेगी डेथ ग्रेच्युटी

    अब एडेड डिग्री कॉलेजों के शिक्षकों के परिजनों को मिलेगी डेथ ग्रेच्युटी


    लखनऊ। सहायता प्राप्त अशासकीय (एडेड) महाविद्यालय के शिक्षकों के परिजनों को अब डेथ ग्रेच्युटी (25 लाख रुपये) मिलने का रास्ता साफ हो गया है। सरकार ने कैबिनेट बाई सर्कुलेशन इस प्रस्ताव को सहमति दे दी है। उच्च शिक्षा विभाग के प्रस्ताव के अनुसार एडेड कॉलेज के शिक्षक जिन्होंने सेवानिवृत्ति का विकल्प नहीं दिया गया और उनकी मृत्यु 58 साल के पहले हो गई। 


    ऐसे भी शिक्षक जिन्होंने साल 60 साल पर सेवानिवृत्ति का विकल्प भरा किंतु विकल्प परिवर्तन के लिए निर्धारित अवधि के पहले ही मृत्यु हो गई। ऐसे शिक्षकों के परिजनों को डेथ ग्रेच्युटी का भुगतान किए जाने का निर्णय लिया गया है। बता दें कि ऐसे काफी शिक्षकों के परिजन थे, जो इसके लिए भटक रहे थे। ऐसे में सरकार के इस निर्णय से उन्हें इसका लाभ मिल जाएगा। 

    यूजीसी रेगुलेशन लागू, नहीं माने तो विश्वविद्यालयों पर लगेगा प्रतिबंध, तमिलनाडु जैसे राज्यों की अब नहीं चलेगी मनमानी

    यूजीसी रेगुलेशन लागू, नहीं माने तो विश्वविद्यालयों पर लगेगा प्रतिबंध, तमिलनाडु जैसे राज्यों की अब नहीं चलेगी मनमानी, 85% हाजिरी की अनिवार्यता भी समाप्त


    नई दिल्ली। यूजीसी रेगुलेशन-2025 देशभर में लागू कर दिया गया है। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के तहत तैयार यूजीसी रेगुलेशन-2025 (स्नातक पूर्व और स्नातकोत्तर उपाधि प्रदान करने के लिए अनुदेश के न्यूनतम मापदंड) की अधिसूचना बृहस्पतिवार को जारी कर दी।


    सभी विश्वविद्यालयों में अब नए यूजीसी रेगुलेशन के आधार पर दाखिला, सेमेस्टर, पढ़ाई, क्रेडिट समेत अन्य मानक लागू होंगे। अब 12वीं के बाद विद्यार्थी स्नातक पाठ्यक्रम के लिए किसी भी संकाय में दाखिला ले सकेंगे। कला, विज्ञान या कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों का 12वीं कक्षा में संबंधित विषय में पास होना अनिवार्य नहीं रहेगा।


    विद्यार्थी सीयूईटी यूजी या विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में शामिल होकर उसकी मेरिट के आधार पर पसंद का संकाय चुन सकेंगे। नियमित पाठ्यक्रम के विषयों के साथ वे रोजगारपरक विषय भी ले सकते हैं। उन्हें कोई भी विषय या डिग्री चुनने का विकल्प मिलेगा। मूल्यांकन अब लिखित परीक्षा, सेमिनार, प्रेजेंटेंशन, क्लास परफॉर्मेंस, फील्डवर्क के आधार पर होगा। प्रॉस्पेक्टस में मूल्यांकन, पाठ्यक्रम की जानकारी देना जरूरी है। अब 85 फीसदी हाजिरी की अनिवार्यता समाप्त हो गई है।


    छात्र तय करेंगे डिग्री का समय

    2025 से बौद्धिक क्षमता के आधार पर छात्रों को डिग्री पूरी करने का मौका होगा। पहले व दूसरे सेमेस्टर में प्रदर्शन मूल्यांकन के बाद विकल्प मिलेगा। मेधावी छात्रों के लिए 10 फीसदी सीट और दीक्षांत समारोह से पहले डिग्री मिलेगी। तीन साल की छह सेमेस्टर की डिग्री पांच सेमेस्टर में कर सकेंगे। चार वर्ष की 8 सेमेस्टर की डिग्री छह या सात सेमेस्टर में पूरी होगी।

    धीमी गति वाले छात्रों को तीन, चार वर्षीय डिग्री में अधिकतम दो सेमेस्टर में कोर्स पूरा करना होगा। अभी तक 2 या 3 विषयों में फेल छात्रों की मार्कशीट में दोबारा परीक्षा में शामिल होना लिखा रहता था, पर अब यह नहीं लिखा होगा।


    ये हैं प्रमुख बदलाव

    छात्र ने लेवल 4 या 12वीं की पढ़ाई (रेगुलर व ओपन स्कूल) की होगी, तो वह अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम या फिर इंटीग्रेटेड अंडरग्रेजुएट या पोस्टग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम में दाखिला ले सकता है।

    छात्र यूजी में किसी भी स्ट्रीम में दाखिला ले सकते हैं। उससे पहले उन्हें सीयूईटी यूजी या संबंधित विवि की प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी।

    कोई भी छात्र यूजी और पीजी प्रोग्राम में अलग-अलग दो डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कर सकेगा। यूजी व पीजी प्रोग्राम में छात्र अलग-अलग दो-दो डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कर सकेंगे। लेकिन, करिकुलम एंड क्रेडिट फ्रेमवर्क यूजीसी का और दो शैक्षणिक कार्यक्रम में पढ़ाई की मानक पूरे होने पर।

    तीन वर्ष की यूजी के बाद पीजी दो साल तो चार वर्ष (ऑनर्स और रिसर्च) वालों के लिए पीजी एक साल का होगा।

    यूपी बोर्ड: परिणाम आने के बाद 10वीं व 12वीं की ऑनलाइन मिलेगी डुप्लीकेट मार्कशीट, डिजी लॉकर में कर सकेंगे सुरक्षित, वेबसाइट पर रहेगी ऑनलाइन मार्कशीट

    परिणाम देने में CBSE और CISCE से फिर आगे निकला यूपी बोर्ड,  देर से परीक्षाएं शुरू होने के बाद भी सबसे पहले परिणाम


    प्रयागराज : हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम देने में यूपी बोर्ड एक बार फिर काउंसिल फॉर द इंडियन स्कूल सर्टिफिकेट एग्जामिनेशन (सीआईएससीई) और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) से आगे निकल गया। सीआईएससीई की 12वीं की परीक्षा 14 फरवरी से और 10वीं की परीक्षा 18 फरवरी से शुरू हुई थी जबकि सीबीएसई की 10वीं-12वीं की परीक्षाएं 15 फरवरी से शुरू हुई थीं। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं सबसे अंत में 24 फरवरी से 12 मार्च तक 13 कार्यदिवसों में कराई गई थी।

    अभी सीआईएससीई और सीबीएसई के परिणाम कुछ अता-पता नहीं है जबकि पूरे देश में सर्वाधिक छात्र-छात्राओं की परीक्षा कराने वाला यूपी बोर्ड महज डेढ़ महीने के अंदर शुक्रवार को परिणाम घोषित करने जा रहा है। पिछले साल भी यूपी बोर्ड ने बाजी मारी थी। 2024 में यूपी बोर्ड ने 20 अप्रैल को 10वीं-12वीं का परिणाम घोषित कर दिया था। जबकि सीआईएससीई ने छह मई और सीबीएसई ने 13 मई को परिणाम घोषित किया था। समय से परिणाम घोषित होने का फायदा हाईस्कूल के छात्रों को होगा क्योंकि वे इंटर में विज्ञान, वाणिज्य या कला विषय का विकल्प चुन सकेंगे। वहीं दूसरे बोर्ड के परीक्षार्थी परिणाम घोषित होने तक असमंजस की स्थिति में बने रहेंगे।



    न फाड़ा जा सकेगा, न पानी में गलेगा यूपी बोर्ड परीक्षा का अंकपत्र/प्रमाणपत्र


    प्रयागराज : यूपी बोर्ड की वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में सम्मिलित हुए करीब 51 लाख से ज्यादा छात्र-छात्राओं को पहली बार ऐसा अंकपत्र/प्रमाणपत्र दिया जाएगा, जिसे काटा एवं फाड़ा नहीं जा सकेगा। यह पानी में भींगने पर भी नहीं गलेगा। दीमक भी इसे नष्ट नहीं कर सकेंगे। इसमें सुरक्षा की दृष्टि से कई आधुनिक फीचर भी प्रयुक्त किए गए हैं। इसके चलते फर्जी अंकपत्र/प्रमाणपत्र की आसानी से पहचान हो सकेगी।

    परीक्षा आरंभ होने से पहले ही यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने वर्ष 2025 की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा के अंकपत्र/प्रमाणपत्र के डिजायन एवं गुणवत्ता में आमूल चूल परिवर्तन की तैयारी शुरू कर दी थी, जिसे पूरा कर लिया गया है। 

    अंकपत्र का आकार पूर्व की तुलना में थोड़ा बड़ा किया गया है, जो ए-4 आकार में नान टियरेबल (न फटने वाले) पेपर पर है। इस पेपर पर बने अंकपत्र को पूरी ताकत लगाकर भी फाड़ा नहीं जा सकेगा। पानी में भीगने पर भी खराब नहीं होगा। पुराना होने पर अंकपत्र को दीमक चाट जाते थे, लेकिन इसे दीमक भी नुकसान नहीं पहुंचा सकेंगे। अंकपत्र के बैकग्राउंड में माइक्रो लेटर प्रयुक्त किए गए हैं।




    यूपी बोर्ड: परिणाम आने के बाद 10वीं व 12वीं की ऑनलाइन मिलेगी डुप्लीकेट मार्कशीट, डिजी लॉकर में कर सकेंगे सुरक्षित, वेबसाइट पर रहेगी ऑनलाइन मार्कशीट

    प्रयागराज : एशिया के सबसे बड़े शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज (यूपी बोर्ड) के हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट का रिजल्ट 25 अप्रैल के बाद किसी भी दिन घोषित हो सकता है लेकिन इस बार यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 54 लाख से अधिक परिक्षार्थियों के लिए पहली बार रिजल्ट की घोषणा के तुरंत बाद आनलाइन डुप्लीकेट मार्कशीट देने जा रहा है जबकि पहले बोर्ड रिजल्ट घोषित होने के बाद विषयवार अंक देता था।

    इस बार यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट रिजल्ट की घोषणा के तुरंत बाद आनलाइन अंकपत्र का डुप्लीकेट देगा जो मूल मार्कशीट की तरह होगा। इस मार्कशीट की डिजाइन मूल मार्कशीट की तरह होगी। नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, अनुक्रमांक, पंजीकरण संख्या, विषयवार अंक सहित अन्य पूरा विवरण होगा जिससे परीक्षार्थियों को कहीं प्रवेश लेने में परेशानी ना हो। जबकि पहले रिजल्ट घोषित होने के बाद परीक्षार्थी को अंकों का विषयवार विवरण मिलता था।

    यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि इस बार मार्कशीट को नयी डिजाइन, कलर के साथ दिया जा रहा है, यह वाटरप्रूफ है। उन्होंने बताया कि इस बार जिस दिन हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी होगा उसी के कुछ मिनट बाद बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के डुप्लीकेट मार्कशीट को आनलाइन जारी करने जा रहा है, इससे परीक्षार्थियों को सुविधा होगी और उनको कहीं प्रवेश लेने में परेशानी नहीं होगी। सचिव ने बताया कि रिजल्ट घोषित होने के 15 दिन के भीतर मूल मार्कशीट परीक्षार्थियों के विद्यालय से उनको मिल जाएगी।

    सचिव ने बताया कि इस बार रिजल्ट के साथ जो आनलाइन मार्कशीट जारी होगी उसको लोग अपने डीजी व लाकर में सुरक्षित कर सकते हैं, यूपी बोर्ड भी उसको अपनी वेबसाइट पर प्र आनलाइन रखेगा जिससे कि कोई भी विभाग बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर सत्यापन कर सके। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष हाईस्कूल और इंटरमीडिएट व में 5437233 परीक्षार्थी पंजीकृत व थे जिनमें से 302508 (5.56%) अनुपस्थित रहे। पिछले साल 2024 की 10वीं-12वीं परीक्षा में पंजीकृत 5525342 परीक्षार्थियों में से 323166 (5.84 फीसदी) गैरहाजिर थे।




    24 अप्रैल के बाद किसी भी दिन जारी होंगे यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम

    यूपी बोर्ड के सचिव ने किया स्पष्ट, 25 अप्रैल से पहले घोषित नहीं होगा रिजल्ट


    प्रयागराज। यूपी बोर्ड 24 अप्रैल के बाद किसी भी दिन वर्ष-2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का परिणाम जारी कर सकता है। सोशल मीडिया पर नतीजे को लेकर चल रहीं कयासबाजियों पर विराम लगाते हुए बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया है कि परिणाम 25 अप्रैल से पहले घोषित नहीं किया जाएगा।



    बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि परीक्षा परिणाम 26 अप्रैल को जारी किया जा सकता है, क्योंकि रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल 51 लाख से अधिक परीक्षार्थियों को परिणाम का इंतजार है।

    इस बार बोर्ड ने कॉपियों का मूल्यांकन 15 दिनों में पूरा करा लिया था। मूल्यांकन कार्य 19 मार्च से दो अप्रैल तक प्रदेश के 261 केंद्रों में कराया गया। इसके बाद बोर्ड ने सात से नौ अप्रैल तक हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों के शैक्षिक विवरण में त्रुटि संशोधन के लिए आवेदन लिए।

    इस बीच बोर्ड ने प्रयोगात्मक परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए परीक्षार्थियों के लिए सात एवं आठ अप्रैल को फिर से प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी कराईं और इसके बाद रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए 54,37,233 परीक्षार्थी पंजीकृत थे।

    एक और जिले में विद्यालय समय परिवर्तन आदेश जारी, देखें

    एक और जिले में विद्यालय समय परिवर्तन आदेश जारी, देखें



    लखनऊ 


    रायबरेली 
    गोरखपुर 
    सीतापुर 
    आजमगढ़ 

    कानपुर देहात

    पीलीभीत 
    बुलंदशहर 


    श्रावस्ती 
    कासगंज 
    बदायूं 
    फतेहपुर

    महोबा 


    औरैया 

    अलीगढ़ 

    संतकबीर नगर

    मऊ 

    लखीमपुर खीरी 
    हाथरस


    अमेठी

    चंदौली 

    उन्नाव

    प्रतापगढ़ 

    अमेठी 

    एटा 

    जालौन 

    आगरा

    सोनभद्र 


    जौनपुर 

    मीरजापुर 

    बांदा 

    इटावा 

    चित्रकूट 

    सुलतानपुर 

    महोबा 


    हमीरपुर 

    प्रयागराज


    एडेड संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों का 10 हजार तक बढ़ा मानदेय, हाईस्कूल के 20 हजार व इंटर के शिक्षकों को प्रति माह देंगे 25 हजार, दो वर्षों के लिए बढ़ाई गई संविदा अवधि, 1,368 शिक्षकों को फायदा

    एडेड संस्कृत स्कूलों के शिक्षकों का 10 हजार तक बढ़ा मानदेय, हाईस्कूल के 20 हजार व इंटर के शिक्षकों को प्रति माह देंगे 25 हजार, दो वर्षों के लिए बढ़ाई गई संविदा अवधि, 1,368 शिक्षकों को फायदा


    लखनऊ : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) संस्कृत माध्यमिक स्कूलों में मानदेय पर तैनात शिक्षकों को राज्य सरकार ने बड़ी राहत दी है। शिक्षकों के मानदेय में 10 हजार रुपये तक की प्रति महीने बढ़ोतरी की गई है। एडेड माध्यमिक संस्कृत स्कूलों में पढ़ाने वाले कुल 1,368 शिक्षकों को इसका लाभ मिलेगा। यही नहीं मानदेय शिक्षकों की एक साथ दो वर्ष के लिए संविदा अवधि भी बढ़ा दी गई है।


    पूर्व मध्यमा स्तर (हाईस्कूल) में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अभी तक 12 हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा था। अब इन शिक्षकों को हर महीने 20 हजार रुपये तक मासिक मानदेय मिलेगा। यानी आठ हजार रुपये प्रति महीने की बढ़ोतरी की गई है। वहीं उत्तर मध्यमा स्तर (इंटरमीडिएट) में पढ़ाने वाले शिक्षकों को अभी तक 15 हजार रुपये मासिक मानदेय मिल रहा था। अब इन्हें हर महीने 25 हजार रुपये मासिक मानदेय मिलेगा। यानी 10 हजार रुपये तक की बढ़ोतरी की गई है। 


    गुरुवार को कैबिनेट बाई सर्कुलेशन में इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई। संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए योगी सरकार लगातार प्रयास कर रही है। गुणवत्तापरक शिक्षा देने पर पूरा जोर दिया जा रहा है। संस्कृत विद्यालयों में शिक्षकों की कमी के चलते पढ़ाई प्रभावित न हो इसके लिए वर्ष 2021 से दो चरणों में क्रमश: 518 और 850 मानदेय शिक्षकों की भर्ती की गई। 


    यही नहीं शैक्षिक सत्र वर्ष 2025-26 और वर्ष 2026-27 तक इनकी संविदा अवधि भी बढ़ा दी गई है। अभी एक-एक वर्ष की संविदा अवधि जिला विद्यालय निरीक्षक बढ़ाते थे। अब सरकार ने शिक्षकों को शोषण से बचाने के लिए एक साथ दो वर्ष की संविदा अवधि बढ़ा दी है। मालूम हो कि संस्कृत स्कूलों में प्रथमा (कक्षा आठ), पूर्व मध्यमा प्रथम (कक्षा नौ), पूर्व मध्यमा द्वितीय (हाईस्कूल), उत्तर मध्यमा प्रथम (कक्षा ग्यारह) और उत्तर मध्यमा द्वितीय (इंटरमीडिएट) की पढ़ाई कराई जा रही है।

    Thursday, April 24, 2025

    राजकीय स्कूलों में बनेगा मिनी इंडोर स्टेडियम, हर मिनी स्टेडियम के लिए पांच करोड़ स्वीकृत, पीपीपी मॉडल पर होगा संचालन

    राजकीय स्कूलों में बनेगा मिनी इंडोर स्टेडियम, हर मिनी स्टेडियम के लिए पांच करोड़ स्वीकृत, पीपीपी मॉडल पर होगा संचालन

    18 जिलों के 23 राजकीय विद्यालयों के लिए पीएबी ने स्वीकृत किया बजट


    लखनऊ। प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में बढ़ने वाले छात्रों को पठन-पाठन के साथ शारीरिक रूप से भी स्वस्थ्य रखने की कवायद आकार लेने लगी है। इस क्रम में रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, सीतापुर समेत 18 जिलों के 23 राजकीय विद्यालयों में इंडोर मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय की प्रोजेक्ट एडवायजरी बोर्ड (पीएबी) ने बजट स्वीकृत किया है।

    इसके तहत रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, सीतापुर, इटावा, गोरखपुर, बरेली, मेरठ, प्रयागराज, मिर्जापुर, लखीमपुर, ललितपुर, महाराजगंज, कासगंज, मुरादाबाद, रामपुर, जालौन व फतेहपुर में जीआईसी व जीजीआईसी में छात्रों को नियमित खेल गतिविधियों के लिए मिनी स्टेडियम स्वीकृत किए गए हैं। हर मिनी स्टेडियम के लिए पांच करोड़ कुल 115 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। इससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की छिपी हुई खेल प्रतिभा को निखारने का भी मौका मिलेगा।

    माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार विद्यालयों में खेलों को शिक्षा का अभिन्न अंग बनाकर छात्रों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना, टीमवर्क और नेतृत्व क्षमता को विकसित किया जाएगा। इसमें छात्र-छात्राओं को नियमित खेल गतिविधियों व शारीरिक दक्षता के लिए मिनी स्टेडियम का प्रयोग स्कूल समय के बाद किया जाएगा। मिनी स्टेडियम का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में किया जाएगा। इससे स्थानीय खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों को और खेल से जुड़े लोगों को लाभ होगा।

    विभाग के अनुसार यह पहल ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में भी सहयोगी होगी। पीपीपी मोड में प्रशिक्षकों, प्रबंधकों व अन्य सहायक सेवाओं के माध्यम से युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोज़गार और स्वरोज़गार के नए अवसर भी पैदा होंगे। पीएबी में बजट स्वीकृत होने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग जल्द इसकी औपचारिकता पूरी कर इसका काम शुरू कराएगा।



    23 GIC  में बनाए जाएंगे मिनी स्टेडियम, खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए प्रति विद्यालय 4.92 करोड़ मंजूर, सरकार ने जारी किया बजट

    ■ बरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, मेरठ और फतेहपुर के दो-दो स्कूल

    ■ प्रयागराज समेत प्रदेश के 18 जिलों में बनेंगे इंडोर मिनी स्टेडियम

    10 अप्रैल 2025
    प्रयागराज । स्कूली बच्चों में खेलकूद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के 23 राजकीय इंटर कॉलेजों में 113.16 करोड़ रुपये से इंडोर मिनी स्टेडियम बनाए जाएंगे। 18 जिलों के इन जीआईसी और जीजीआईसी में मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए प्रत्येक विद्यालय को 4.92-4.92 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने 26 मार्च को संबंधित जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को प्रत्येक विद्यालय के लिए 2.16 करोड़ की धनराशि जारी भी कर दी है।

    बरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, मेरठ और फतेहपुर के दो-दो स्कूलों में मिनी स्टेडियम बनेगा, जबकि प्रयागराज समेत अन्य जिलों में एक-एक स्कूल को चुना गया है। बरेली में पीएमश्री जीआईसी और जीजीआईसी, सुल्तानपुर में जीआईसी और राजकीय अभिनव विद्यालय टिकरीपन्ना, अमेठी में जीआईसी टीकरमाफी व जीजीआईसी सोनारीकला, मेरठ में जीआईसी हस्तिनापुर व जीआईसी, जबकि फतेहपुर में पीएमश्री जीआईसी व पीएमश्री जीजीआईसी में मिनी स्टेडियम बनेगा।

    इसके अलावा प्रयागराज में पीएमश्री जीआईसी, जीआईसी रायबरेली, जीआईसी इटावा, राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज गोरखपुर, जीआईसी मिर्जापुर, जीआईसी सीतापुर, जीआईसी लखीमपुर, जीआईसी ललितपुर, जीआईसी महाराजगंज, पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज टिम्बरपुर सोरों कासगंज, जीआईसी मुरादाबाद, राजकीय रजा इंटर कॉलेज रामपुर, जीआईसी उरई जालौन में मिनी स्टेडियम को मंजूरी मिली है।

    अन्य जिलों में भी बनेगा मिनी स्टेडियम
    प्रदेश के दूसरे जिलों के राजकीय इंटर कॉलेजों में मिनी स्टेडियम का निर्माण होगा। अपर शिक्षा निदेशक राजकीय अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि जिला मुख्यालय के जिन राजकीय इंटर कॉलेजों में 2500 वर्गमीटर से अधिक जमीन है वहां मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। पहले चरण में 18 जिलों के 23 कॉलेजों के लिए 49.68 करोड़ की धनराशि जारी हो चुकी है। अन्य जिलों में मिनी स्टेडियम स्थापित करने के लिए सूचना मांगी जा रही है।




    राजकीय इंटर कॉलेज की खाली जमीनों पर बनेंगे इंडोर मिनी स्टेडियम, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दिए एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश, जिला मुख्यालय पर प्रोजेक्ट अलंकार के तहत होगा निर्माण 


    23 फरवरी 2025
    लखनऊ। प्रदेश में जिला मुख्यालय स्तर पर राजकीय इंटर कॉलेजों में खाली पड़ी जमीन पर इंडोर मिनी स्टेडियम बनेंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक से एस्टीमेट तैयार करके उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए प्रोजेक्ट अलंकार के तहत बजट दिया जाएगा।

    माध्यमिक शिक्षा विभाग का कहना है कि जिला मुख्यालय स्तर पर ऐसे राजकीय इंटर कॉलेज (बालक-बालिका), जहां 2500 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खाली है। यहां पर खेल सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए एक मिनी स्टेडियम बनाने व चलाने का प्रस्ताव है।


    माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को खेल विभाग से अनुमोदित इंडोर मिनी स्टेडियम का मॉडल भी भेजा है। उन्होंने इसके अनुसार जिला मुख्यालय के ऐसे इंटर कॉलेजों को चिह्नित करते हुए मंडलवार एस्टीमेट तैयार कराने के निर्देश दिए हैं।

    यह पांच करोड़ रुपये से अधिक का नहीं होना चाहिए। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत इन स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। इसके माध्यम से राजकीय इंटर कॉलेजों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ करने का काम किया जा सकेगा।

    उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित कराने के संबंध में

    प्रदेश में संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा जिले स्तर पर पांच जुलाई से

    लखनऊ। युवाओं में संस्कृत की पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ाने व आर्थिक सहयोग के उद्देश्य से संस्कृत प्रतिभा खोज व संस्कृत अध्ययन प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। 

    संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा इस बार जिला स्तर पर 5 से 31 जुलाई तक होगी। मंडल स्तर पर 5 से 13 अगस्त तक परीक्षा होगी। इसके बाद राज्य स्तरीय परीक्षा भी होगी। संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा दो वर्गों में होगी। पहले वर्ग में कक्षा 6 से 12 तक और दूसरे वर्ग में स्नातक-स्नातकोत्तर के विद्यार्थी शामिल होंगे। 

    पहले वर्ग में संस्कृत गीत, संस्कृत सामान्य ज्ञान, श्लोकान्त्याक्षरी, अष्टाध्यायी कंठस्थ पाठ, अमरकोश कंठस्थ पाठ, लघुसिद्धांतकौमुदी कंठस्थ पाठ व तर्क संग्रह कंठस्थ पाठ होगा। दूसरे वर्ग में संस्कृत सामान्य ज्ञान, संस्कृत भाषण व श्रुति लेखन होगा।

     उप्र. संस्कृत संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि युवाओं को संस्कृत से निरंतर जोड़ा जा रहा है। इस वर्ष भी परीक्षा के माध्यम से युवाओं की छिपी प्रतिभा को निखारा जाएगा। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। राज्य स्तर पर पहले विजेता को 11 हजार, दूसरे को 7 हजार, तीसरे को 5 हजार रुपये दिए जाएंगे। तीन सांत्वना पुरस्कार भी तीन-तीन हजार रुपये के दिए जाएंगे। जिला व मंडल स्तर पर भी विजेताओं को पुरस्कार राशि दी जाएगी। 



    उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित कराने के संबंध में