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Tuesday, August 22, 2119

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    Thursday, December 12, 2024

    सामूहिक नकल की पुष्टि के बाद डीएलएड गणित की दो केंद्रों की परीक्षा निरस्त, 17 दिसंबर को दोबारा होगी

    सामूहिक नकल की पुष्टि के बाद डीएलएड गणित की दो केंद्रों की परीक्षा निरस्त, 17 दिसंबर को दोबारा होगी


    प्रयागराज । डीएलएड प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान सामूहिक नकल की पुष्टि होने के बाद मऊ और गाजीपुर के एक-एक केंद्र की परीक्षा निरस्त कर दी गई है। पुनर्परीक्षा 17 दिसंबर को होगी।


    सचिव परीक्षा नियामक प्राधिकारी अनिल भूषण चतुर्वेदी की ओर से मऊ व गाजीपुर के डायट प्राचार्यों को भेजे गए पत्र के अनुसार संत देवराहा बाबा इंटर कॉलेज मझवारा मऊ और महामंडलेश्वर श्री बालकृष्ण यति इंटर कॉलेज गाजीपुर में नौ अगस्त को आयोजित डीएलएड प्रथम सेमेस्टर गणित विषय में सामूहिक नकल हुई थी।


     इसकी रिपोर्ट राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान (एससीईआरटी) निदेशक को भेजी गई थी। एससीईआरटी निदेशक के अनुमोदन के बाद सभी प्रशिक्षुओं की परीक्षा दोबारा कराई जाएगी। 

    यूपी बोर्ड के बच्चों के लिए बनाई जा रही अंग्रेजी व्याकरण की किताब, 1.25 करोड़ बच्चों को अध्ययन में होगी सुविधा आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान को मिली जिम्मेदारी

    यूपी बोर्ड के बच्चों के लिए बनाई जा रही अंग्रेजी व्याकरण की किताब, 1.25 करोड़ बच्चों को अध्ययन में होगी सुविधा आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान को मिली जिम्मेदारी


    प्रयागराज । यूपी बोर्ड के कक्षा नौ से 12 वीं तक के तकरीबन 1.25 करोड़ छात्र-छात्राओं के लिए आंग्ल भाषा शिक्षण संस्थान (ईएलटीआई) के विशेषज्ञ पहली बार अंग्रेजी व्याकरण (ग्रामर) की किताब बना रहे हैं।

    इन नयी पुस्तकों में अधिकांश 20वीं सदी का अंग्रेजी साहित्य तथा विश्व में ब्रिटेन के साथ-साथ अन्य स्थानों का अंग्रेज़ी लेखन शामिल है जो कि पारंपरिक साहित्य से काफी अलग है। यह भी पता चला कि पाठ्यपुस्तक के अलावा वे विषय वस्तु जो बोर्ड परीक्षाओं के पाठ्यक्रम में हैं ग्रामर, राइटिंग स्किल्स (नोट राइटिंग, आर्टिकल राइटिंग, लेटर राइटिंग) तथा अनुवाद के लिए कोई प्रामाणिक पठन सामग्री उपलब्ध नहीं है। 


    इसे देखते हुए पहले ईएलटीआई ने सबसे पहले कक्षा नौ से 12वीं तक के शिक्षकों के लिए गाइड विकसित की, जिससे उन्हें नयी पाठ्यपुस्तकों को पढ़ाने में सहूलियत हो। उसके बाद अब अंग्रेज़ी ग्रामर की पुस्तक विकसित जा रही है। ईएलटीआई के प्राचार्य डॉ. स्कंद शुक्ल के अनुसार, व्याकरण की पारंपरिक पुस्तकों से हटकर नई किताब में यथासंभव व्याकरण के नियमों को बहुत आसान भाषा में दिया जा रहा है। 


    इससे विद्यार्थियों को नियमों को रटना नहीं पड़ेगा और वे उन नियमों को समझकर स्वयं विभिन्न सन्दर्भों में प्रयोग कर सकेंगे। इनमें समय के साथ अनुपयोगी हो गए नियमों और विषय-वस्तु को सम्मिलित नहीं किया जा रहा। इस काम में संस्थान के अकादमिक स्टाफ (शमा परवीन, कृष्णा कुमारी, रेशु सिंह, संदीप दुबे, कुलदीप पांडे) के साथ-साथ जीजीआईसी कौशाम्बी और प्रयागराज से रश्मि प्रिया सिंह, रूचि त्रिपाठी, रश्मिता सिंह, एलबीएस इंटर कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ. संतोष शुक्ल तथा राजकीय पीजी कॉलेज के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. विष्णु प्रताप सिंह सहयोग कर रहे हैं। इविवि के अंग्रेज़ी विभाग के शिक्षकों से जांच करवाने के बाद इसे अंतिम रूप दिया जाएगा।

    राष्ट्रीय/राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त प्रधानाचार्य / शिक्षकगण जो अपनी अधिवर्षता आयु पूर्ण कर दिनांक 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, को सेवा विस्तार दिये जाने के संबंध में।

    राष्ट्रीय/राज्य अध्यापक पुरस्कार प्राप्त प्रधानाचार्य / शिक्षकगण जो अपनी अधिवर्षता आयु पूर्ण कर दिनांक 31 मार्च 2025 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं, को सेवा विस्तार दिये जाने के संबंध में।


    यूपी बोर्ड की परीक्षा के मद्देनजर छह माह के लिए हड़ताल पर रोक, एस्मा लागू

    यूपी बोर्ड की परीक्षा के मद्देनजर छह माह के लिए हड़ताल पर रोक, एस्मा लागू।  


    प्रयागराज। यूपी बोर्ड की 24 फरवरी से शुरू होने जा रहीं परीक्षाओं के मद्देनजर शिक्षा परिषद के अधीन सभी सेवाओं में हड़ताल पर छह माह की अवधि के लिए तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। इसके लिए शासन ने अत्यावश्यक सेवाओं का अनुरक्षण अधिनियम (एस्मा) लागू कर दिया है।

    अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार की ओर से जारी अधिसूचना में कहा गया है कि लोकहित में ऐसा करन आवश्यक एवं समीचीन है। इसलिए एस्मा को लागू करते हुए माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधीन सभी सेवाओं में हड़ताल को तात्कालिक प्रभाव से छह माह तक की अवधि के लिए निषिद्ध किया जाता है।

    अगले छह माह के दौरान ही यूपी बोर्ड की परीक्षाएं होनी हैं। मूल्यांकन भी होना है और परिणाम भी घोषित किया जाना है। परीक्षा संबंधी कार्यों का संचालन सुचारु रूप से हो सके, सो माध्यमिक शिक्षा परिषद के अधीन सभी सेवाओं में हड़ताल पर रोक लगाई गई है। 


    मदरसा शिक्षकों की मांग – भाषा विवि से संबद्ध हों कामिल, फाजिल स्तर के मदरसे, अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मदद का दिया भरोसा

    मदरसा शिक्षकों की मांग – भाषा विवि से संबद्ध हों कामिल, फाजिल स्तर के मदरसेअल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने मदद का दिया भरोसा


    लखनऊ। ऑल इंडिया टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के प्रांतीय सम्मेलन में बुधवार को कामिल और फाजिल स्तर के मदरसों की संबद्धता ख्वाजा मुईनुददीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय से कराने की मांग उठी। वहीं, मदरसा आधुनिकीकरण शिक्षकों का छह साल का बकाया मानदेय का भुगतान न होने और नौ साल से नए मदरसों को मान्यता न देने का मुद्दा भी उठाया गया।

    सम्मेलन में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर को 30 सूत्री मांग पत्र सौंपा गया। मंत्री ने मदरसों से संबंधित हर समस्या का समाधान कराने का आश्वासन दिया। वहीं, विधान परिषद की प्रश्न एवं संदर्भ समिति के सभापति राज बहादुर सिंह चंदेल ने शिक्षकों और मदरसों की समस्याओं को सदन में उठाने का वादा किया। 


    गोमतीनगर में आयोजित एसोसिएशन सम्मेलन में के महामंत्री वहीदुल्लाह खान सईदी ने कहा कि कामिल व फाजिल स्तर के मान्यता प्राप्त मदरसों के संचालन व परीक्षाओं के आयोजन के लिए विवि से संबद्धता पर कार्यवाही सरकार को करना है। उन्होंने कामिल व फाजिल स्तर के मदरसों को ख्वाजा मोईनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि से संबद्ध कराने की मांग की।


    इस मौके पर सभी बोडों के अवकाश नियमों पर आधारित पुस्तक अवकाश नियम संग्रह का विमोचन किया गया। कार्यक्रम में एसोसिएशन के संरक्षक व समाजवादी पार्टी अल्पसंख्यक सभा के अध्यक्ष मौलाना इकबाल कादरी और मौलाना तारिक शम्सी मौजूद रहे।


    वन नेशन वन एजुकेशन कानून से मिलेगी राहत

    अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने कहा कि वन् नेशन वन एजुकेशन के कानून बनने से मदरसों से संबंधित बीमारी दूर हो सकती है। उन्होंने कहा कि वे 13 दिसंबर को अधिकारियों के साथ बैठक में 30 सूत्री मांगपत्र पर चर्चा करेंगे। उन्होंने एक सवाल के जवाब में मदरसा बोर्ड का गठन, उत्तर प्रदेश उर्दू अकादमी का गठन और सुन्नी व शिया वक्फ बोर्डों में सीईओ की नियुक्ति जल्द कराने का आश्वासन दिया। 

    उन्होंने यह भी कहा कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक समुदाय के विधायकों की सदन में सच बोलने की हिम्मत नहीं है, सभी पार्टी के गुलाम है। हम जंगल के शेर हैं, इसलिए खुलकर दहाड़ते हैं।

    मदरसा बोर्ड के पूर्व चेयरमैन डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद ने कहा कि मदरसों के सर्वे पर करोड़ों रुपये खर्च हुए लेकिन हासिल कुछ नहीं हुआ। सिर्फ ये पता चला कि यूपी में 8,449 मदरसे हैं, जिसमें साढ़े सात लाख बच्चे पढ़ते हैं।

    Wednesday, December 11, 2024

    देखें : PFMS के अन्तर्गत अब तक जारी की गई लिमिट का विवरण

    देखें : PFMS के अन्तर्गत अब तक जारी की गई लिमिट का विवरण


    अयोध्या समेत पांच जिलों में खुलेंगे नए केंद्रीय विद्यालय, अब सबसे ज्यादा केन्द्रीय विद्यालय यूपी में होंगे


    अयोध्या समेत पांच जिलों में खुलेंगे नए केंद्रीय विद्यालय, अब सबसे ज्यादा केन्द्रीय विद्यालय यूपी में होंगे


    लखनऊ । यूपी के पांच जिलों अयोध्या, जौनपुर, कन्नौज, बिजनौर और महराजगंज में नए केन्द्रीय विद्यालय खोले जाएंगे। इसके लिए केंद्र सरकार की कैबिनेट से मंजूरी मिल गई है। इन विद्यालयों के खुलने पर यूपी में केन्द्रीय विद्यालयों की संख्या 127 हो जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इन विद्यालयों की स्थापना के लिए केंद्र सरकार से अनुरोध किया था।


    अयोध्या जिले के चांदपुर हरवंश क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय का निर्माण किया जाएगा। यह इस जिले का दूसरा केंद्रीय विद्यालय होगा। जौनपुर जिले के पयागपुर, महराजगंज जिले के महराजगंज क्षेत्र में भी केन्द्रीय विद्यालय खुलेगा। बिजनौर और कन्नौज में केन्द्रीय विद्यालयों का पहली बार निर्माण होगा। इन नए केन्द्रीय विद्यालयों में 4800 छात्रों को पढ़ाई का मौका मिलेगा। हर विद्यालय में 960 विद्यार्थियों की क्षमता होगी। इससे 63 लोगों को स्थाई रोजगार प्राप्त होगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुसार सभी केंद्रीय विद्यालयों को पीएम श्री स्कूल के रूप में नामित किया गया है।


    सबसे ज्यादा केन्द्रीय विद्यालय यूपी में होंगे

    यूपी में 127 केन्द्रीय विद्यालय (केवी) होंगे और इसके साथ ही यूपी सबसे अधिक केवी वाला प्रदेश बन जाएगा। केवी के संचालन के लिए प्रदेश को तीन संभागों लखनऊ, आगरा और वाराणसी में बांटा गया है। इस समय 122केवी चल रहे हैं। लखनऊ संभाग में 48, आगरा में 37 व वाराणसी संभाग में 37 केवी का संचालन हो रहा है।




    देशभर में खुलेंगे 85 केंद्रीय और 28 नवोदय विद्यालय, 8 हजार करोड़ रुपये से अधिक होंगे खर्च, केंद्रीय कैबिनेट ने दी मंजूरी

    नई दिल्ली : गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अंतिम छोर पर बैठे लोगों तक पहुंचाने में जुटी केंद्र सरकार ने देश में 85 केंद्रीय विद्यालयों और 28 नए नवोदय विद्यालयों को खोलने की घोषणा की है। सर्वाधिक 13 केंद्रीय विद्यालय जम्मू-कश्मीर में खोले जाएंगे। जिन 28 नए नवोदय विद्यालयों को खोलने की घोषणा की गई है, उनमें सबसे अधिक आठ नवोदय विद्यालय अरुणालय प्रदेश में खोले जाएंगे। 


    इस विद्यालयों के खोलने पर अगले आठ सालों में आठ हजार करोड़ रुपये से अधिक खर्च होंगे। यह सभी पीएम- श्री स्कूलों के रूप में कार्य करेंगे। अयोध्या के चांदपुर में भी केंद्रीय विद्यालय खोला जाएगा। 


    प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अगुवाई में शुक्रवार को हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए बताया कि ये 85 नए केंद्रीय विद्यलाय देश के 19 राज्यों में खोले जाएंगे।



    यूपी में पांच नए केंद्रीय विद्यालय खुलेंगे

    ■ पूरे देश में खुलेंगे 85 केंद्रीय और 28 नवोदय विद्यालय खुलेंगे ■ छात्रों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर

    नई दिल्ली । केंद्रीय मंत्रिमंडल ने शुक्रवार को नए केंद्रीय विद्यालयों को मंजूरी दी। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि देश में 85 नए केंद्रीय और 28 नए नवोदय विद्यालय खोले जाएंगे। इनमें यूपी में पांच नये केन्द्रीय विद्यालय होंगे। ये विद्यालय उन जिलों खोले जाएंगे जिनको नवोदय विद्यालय योजना के तहत कवर नहीं किया गया है। 

    उन्होंने कहा कि नए केंद्रीय विद्यालय खुलने से देश भर में 82 हजार से अधिक छात्रों को सस्ती और उच्च गुणवत्ता वाली शिक्षा प्राप्त करने का अवसर मिलेगा। मौजूदा समय में 1256 कार्यात्मक केंद्रीय विद्यालय हैं। इनमें तीन विदेश में हैं। इनमें मॉस्को, काठमांडू और तेहरान शामिल हैं। 13.56 लाख छात्र इन स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

    शिक्षकों से नहीं ले सकते गैर शैक्षणिक कार्य, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक और नियमित वेतन भुगतान का दिया आदेश

    शिक्षकों से नहीं ले सकते गैर शैक्षणिक कार्य, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई रोक और नियमित वेतन भुगतान का दिया आदेश
     

    इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षिका से चुनाव संबंधित कार्य लिए जाने के रामपुर के एसडीएम/ चुनाव पंजीकरण अधिकारी के आदेश पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने शिक्षिका का वेतन रोकने के आदेश पर भी रोक लगा दी है और उसे नियमित वेतन का भुगतान करने का निर्देश दिया है। सहारनपुर की संयमी शर्मा की याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश न्यायमूर्ति अजय भनोट ने दिया।


    याची के अधिवक्ता नवीन कुमार शर्मा का कहना था कि याची को एसडीम/ चुनाव पंजीकरण अधिकारी रामपुर मनिहारान ने चुनाव संबंधी विविध कार्यों में लगाया था जिसकी वजह से याची द्वारा किए जा रहे शैक्षणिक कार्य प्रभावित हो रहे थे। वह छात्रों को पढ़ाने का काम नहीं कर पा रही थी। बाद में एसडीएम ने 29 अक्टूबर 2024 के आदेश से याची का वेतन रोक दिया गया।


    अधिवक्ता ने इलाहाबाद हाईकोर्ट की खंडपीठ द्वारा सुनीता शर्मा एडवोकेट की जनहित याचिका पर पारित फैसले का हवाला दिया। इस निर्णय में खंडपीठ ने कहा है कि शिक्षकों से शिक्षणेत्तर कार्य नहीं लिए जा सकते हैं। खंडपीठ ने अपने विस्तृत निर्णय में कहा है कि बच्चों को निशुल्क और अनिवार्य शिक्षा का अधिकार है, यह उनके मौलिक अधिकार में शामिल है तथा अनिवार्य शिक्षा अधिनियम की धारा 27 में स्पष्ट रूप से वर्णित है कि शिक्षकों से गैर शैक्षणिक कार्य नहीं लिया जा सकता है। शिक्षकों से सिर्फ 10 वर्ष में होने वाली जनगणना, आपदा राहत और सामान्य निर्वाचन के समय ही सेवा ली जा सकती है। इसके अलावा उनसे कोई अन्य ड्यूटी लेना अवैधानिक है। खंडपीठ ने कहा है कि शिक्षकों का कार्य सिर्फ छात्रों को पढ़ाना है।

    Tuesday, December 10, 2024

    कक्षा 6 JNVST 2025: जवाहर नवोदय में प्रवेश हेतु फर्जी एडमिट कार्ड पर नवोदय विद्यालय समिति ने दी चेतावनी

    कक्षा 6 JNVST 2025: जवाहर नवोदय में प्रवेश हेतु फर्जी एडमिट कार्ड पर नवोदय विद्यालय समिति ने दी चेतावनी


    नई दिल्ली ।  नवोदय विद्यालय समिति (NVS) ने कक्षा 6 के लिए जवाहर नवोदय विद्यालय चयन परीक्षा (JNVST) 2025 (समर बाउंड) के संदर्भ में सार्वजनिक चेतावनी जारी की है। समिति ने जानकारी दी है कि कुछ फर्जी/धोखाधड़ी से बने एडमिट कार्ड सार्वजनिक रूप से प्रसारित किए जा रहे हैं, जो उम्मीदवारों को भ्रमित करने का प्रयास हैं।  


    समिति ने स्पष्ट किया है कि JNVST 2025 के लिए अब तक कोई एडमिट कार्ड जारी नहीं किया गया है। आधिकारिक एडमिट कार्ड जल्द ही NVS द्वारा जारी किए जाएंगे। पंजीकृत उम्मीदवार इसे NVS की आधिकारिक वेबसाइट www.navodaya.ac.in से मुफ्त में डाउनलोड कर सकते हैं।  


    समिति ने जनता को आगाह करते हुए कहा है कि किसी अन्य स्रोत से एडमिट कार्ड डाउनलोड करने से बचें। यह कदम फर्जी दस्तावेज़ों के प्रसार को रोकने और उम्मीदवारों के हितों की रक्षा के लिए उठाया गया है।  


    इस संबंध में, NVS के परीक्षा उपायुक्त नयन किशोर पटेल ने कहा, “किसी भी प्रकार के फर्जी एडमिट कार्ड से सावधान रहें। NVS केवल अपनी आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से एडमिट कार्ड जारी करता है।”  


    यह चेतावनी सक्षम प्राधिकारी की अनुमति से जारी की गई है। उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वे केवल आधिकारिक वेबसाइट पर ही भरोसा करें और अन्य स्रोतों से बचें।  


    नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए शिक्षा सेवा चयन आयोग का घेराव, रिक्त रह गए 27,713 पदों पर भर्ती के लिए सुप्रीम कोर्ट से भी मिल चुकी है हरी झंडी

    नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए शिक्षा सेवा चयन आयोग का घेराव, रिक्त रह गए 27,713 पदों पर भर्ती के लिए सुप्रीम कोर्ट से भी मिल चुकी है हरी झंडी

    हाईकोर्ट का आदेश, दो माह में पूरी करनी है 68,500 में से शेष रह गए पदों पर भर्ती 


    प्रयागराज। परिषदीय विद्यालयों में नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती के लिए डीएलएड अभ्यर्थियों ने सोमवार को उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग का घेराव किया। हाईकोर्ट ने प्रदेश सरकार को दो माह में नई भर्ती की प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। वहीं, इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से भी अभ्यर्थियों को राहत मिल चुकी है। आयोग ने अभ्यर्थियों को आश्वस्त किया है कि जल्द ही इस बारे में निर्णय लिया जाएगा।


    मामला परिषदीय विद्यालयों में 68,500 शिक्षक भर्ती का है, जिसमें 27,713 पद खाली रह गए थे। अभ्यर्थी चाहते थे कि कटऑफ गिराकर रिक्त पदों को भरा जाए लेकिन हाईकोर्ट ने आदेश दिया कि 27,713 पदों पर नई भर्ती की जाए।


    कटऑफ गिराकर रिक्त पदों पर भर्ती की मांग को लेकर कुछ अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट भी गए थे लेकिन सुप्रीम कोर्ट से उनकी याचिका खारिज हो गई। अभ्यर्थी चाहते हैं कि रिक्त पदों पर नई प्राथमिक शिक्षक भर्ती शीघ्र शुरू की जाए।


    इस मसले पर डीएलएड छात्रों ने सोमवार को शिक्षा सेवा चयन आयोग का घेराव करते हुए ज्ञापन सौंपा और पांच सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल की आयोग के सचिव से वार्ता भी हुई। डीएलएड संघ के अध्यक्ष रजत सिंह का कहना है कि छह वर्षों से ज्यादा समय से प्राथमिक शिक्षक भर्ती का विज्ञापन नहीं आया है और पद रिक्त होने के बावजूद बेरोजगार अभ्यर्थी नौकरी के लिए भटक रहे हैं।


    रजत ने बताया कि वार्ता के दौरान आयोग के सचिव मनोज कुमार ने जानकारी दी कि नई शिक्षक भर्ती के लिए विभागों और बेसिक शिक्षा विभाग को पत्र भेज दिया गया है। आयोग भी प्रयासरत है कि नई शिक्षक भर्ती जल्द शुरू की जाए। जल्द ही संबंधित विभागों के साथ बैठक कर इस पर निर्णय लिया जाएगा। आयोग के घेराव के दौरान तेज प्रताप यादव, नीरज सिंह, धर्मवीर मौर्या, अजीत यादव, रोहित तिवारी, आकाश शुक्ला, शिवम सिंह आदि मौजूद रहे।

    Monday, December 9, 2024

    मदरसा शिक्षा बोर्ड परीक्षा 2025 की आवेदन प्रक्रिया शुरू, परीक्षा फार्म भरने को लेकर दिशानिर्देश जारी

    मदरसा शिक्षा बोर्ड परीक्षा 2025 की आवेदन प्रक्रिया शुरू, परीक्षा फार्म भरने को लेकर दिशानिर्देश जारी

    ट्रेजरी चालान के माध्यम से भरा जाएगा परीक्षा शुल्क


    लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की मुंशी/ - मौलवी (सेकेंड्री फारसी एवं अरबी), आलिम (सीनियर सेकेंड्री फारसी - एवं अरबी) परीक्षा-2025 के परीक्षा फार्म भरने को लेकर दिशानिर्देश - जारी कर दिए गए हैं। यह दिशानिर्देश बोर्ड के रजिस्ट्रार ने सभी जिला -अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भेज दिए हैं।


    परीक्षा शुल्क मदरसा से परीक्षा - वर्ष 2025 की गाइडलाइन जारी होने की तिथि से ट्रेजरी चालान के माध्यम से जमा किया जाएगा। शिक्षा, खेलकूद, कला एवं संस्कृति - विषय का परीक्षा शुल्क 0202 लेखाशीर्षक से जमा किया जाएगा। इसके अलावा सामान्य शिक्षा का 01, प्रारंभिक शिक्षा का 101 और अरबी फारसी मदरसों का मान्यता शुल्क व - अन्य शुल्क लेखाशीर्षक 10 होगा। - मदरसे परीक्षार्थियों से आफलाइन आवेदन प्राप्त करके निर्धारित शुल्क जमा करने के उपरांत पोर्टल - के माध्यम से आनलाइन भरेंगे।


    मदरसा बोर्ड से वर्ष 2018 से 2024 के बीच परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थियों को आवंटित स्टूडेंट आइडी आनलाइन फार्म भरते समय उपलब्ध कराने पर अपना व्यक्तिगत विवरण भरने की आवश्यकता नहीं होगी। मुंशी/मौलवी (सेकेंड्री फारसी एवं अरबी) पाठ्यक्रम के लिए न्यूनतम आयु 14 वर्ष निर्धारित की गई है। राज्यानुदानित/सहायता प्राप्त मदरसों के लिए व्यक्तिगत परीक्षा फार्म भरवाने की अधिकतम संख्या 500 होगी। वहीं, गैर अनुदानित मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए व्यक्तिगत परीक्षा फार्म भरवाने की अधिकतम संख्या 400 होगी।


    संस्थागत बालकों के मुंशी मौलवी की परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क 120 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। आलिम के लिए परीक्षा शुल्क 180 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। संस्थागत बालिकाओं का मुंशी/मौलवी का परीक्षा शुल्क 60 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये, आलिम की परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क 80 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। इसी तरह मुंशी/मौलवी की व्यक्तिगत परीक्षा देने वाले बालकों का परीक्षा शुल्क 240 रुपये और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये, आलिम की परीक्षा का परीक्षा शुल्क 280 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। मुंशी/मौलवी की व्यक्तिगत परीक्षा देने वाली बालिकाओं का परीक्षा शुल्क 130 रुपये और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये, आलिम की परीक्षा का शुल्क 160 और अंक पत्र 50 रुपये होगा।

    पहले चरण में पांच लाख से ज्यादा ओबीसी छात्रों को मिलेगा वजीफा, कक्षा-9 व 10 के भुगतान के बाद अब कक्षा-11 और उससे ऊपर की कक्षाओं के विद्यार्थियों को इसी माह होगा भुगतान

    पहले चरण में पांच लाख से ज्यादा ओबीसी छात्रों को मिलेगा वजीफा, कक्षा-9 व 10 के भुगतान के बाद अब कक्षा-11 और उससे ऊपर की कक्षाओं के विद्यार्थियों को इसी माह होगा भुगतान

    शासन ने सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को दिए जरूरी निर्देश


    लखनऊ। प्रदेश सरकार पहले चरण में 5 लाख से ज्यादा ओबीसी छात्रों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की भरपाई करेगी। कक्षा-11 और उससे ऊपर की कक्षाओं के इन विद्यार्थियों के लिए दिसंबर में ही भुगतान किया जाएगा। इसके लिए शासन ने सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को जरूरी निर्देश दे दिए हैं।

    प्रदेश सरकार हर साल 25 लाख से ज्यादा विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की भरपाई करती है। पिछली बार यह भुगतान मार्च माह में किया गया था। लेकिन, चालू सत्र में पहले चरण का भुगतान दिसंबर में करने का फैसला किया गया। इसी के तहत 3 दिसंबर को कक्षा-9 व 10 के 2.53 लाख छात्रों को भुगतान हो चुका है। पहले चरण में उन छात्रों को शामिल किया गया है, जिन्होंने पहले ऑनलाइन आवेदन किया और शुरुआती जांच में उनका डाटा ठीक मिला है। 


    दशमोत्तर कक्षाओं के ऐसे करीब 5.5 लाख छात्रों का डाटा एनआईसी को फाइनल जांच के लिए मुहैया कराया जा चुका है। पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग के प्रमुख सचिव सुभाष चंद्र शर्मा ने सभी जिलास्तरीय अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि जैसे-जैसे उन्हें एनआईसी से स्क्रूटनी के बाद विद्यार्थियों का डाटा मिलता जाए, वैसे-वैसे उसे लॉक कर दिया जाए। शर्मा ने बताया कि पहले चरण में हम 5-6 लाख विद्यार्थियों को भुगतान करने की स्थिति में होंगे।

    Fit India Movement में होगा छात्रों के स्वास्थ्य का मूल्यांकन, 09 से 14 दिसंबर तक फिट इंडिया सप्ताह का होगा आयोजन

    Fit India Movement में होगा छात्रों के स्वास्थ्य का मूल्यांकन, 09 से 14 दिसंबर तक फिट इंडिया सप्ताह का होगा आयोजन

    परिषदीय विद्यालयों में साइकिल से यात्रा करने के लिए भी करेंगे प्रोत्साहित


    लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों के छात्रों को पठन-पाठन के साथ ही बेहतर स्वास्थ्य के लिए स्वस्थ जीवन शैली अपनाने के लिए भी प्रोत्साहित किया जा रहा है। इसी क्रम में छात्रों के स्वास्थ्य का मूल्यांकन करने के साथ ही उनको साइकिल से यात्रा करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। फिट इंडिया मूवमेंट के तहत परिषदीय विद्यालयों में नौ से 14 दिसंबर तक फिट इंडिया सप्ताह का आयोजन किया जाएगा।


    खेल मंत्रालय की पहल पर प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में दिसंबर में फिट इंडिया सप्ताह का आयोजन किया जा रहा है। इसका उद्देश्य सभी आयु वर्ग के छात्रों व व्यक्तियों को स्वस्थ्य और फिटनेस के प्रति जागरूक करना और स्वस्थ जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है।


    विद्यार्थियों के लिए मनोरंजक खेल प्रतियोगिता, स्थानीय खेल, खो-खो, कबड्डी, रिले रेस व फन रन का आयोजन किया जाएगा। वहीं फिटनेस थीम पर निबंध और ड्राइंग प्रतियोगिता, प्रश्नोत्तरी का आयोजन किया जाएगा। छात्रों के लिए फिटनेस पर भाषण व वाद-विवाद प्रतियोगिता, योग व ध्यान, शिक्षक, छात्रों व अभिभावकों की इससे संबंधित बैठकें होंगी। इन प्रतियोगिताओं के आयोजन की तैयारियां खुद बीएसए व बीईओ खुद देखेंगे।

    62 हजार ऐडेड माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा बहाली का प्रस्ताव, निलंबन और बर्खास्तगी के मामलों में हुई वृद्धि को देखते हुए लिया गया निर्णय

    62 हजार ऐडेड माध्यमिक शिक्षकों की सेवा सुरक्षा बहाली का प्रस्ताव, निलंबन और बर्खास्तगी के मामलों में हुई वृद्धि को देखते हुए लिया गया निर्णय 

    ■ बोर्ड के विलय से खत्म हुई अपील की व्यवस्था

    ■ प्रबंधकों की मनमानी कार्रवाई के खिलाफ अपील का था प्रावधान 

    ■ अब तक चयन बोर्ड ऐसे मामलों की सुनवाई कर लेता था निर्णय


    प्रयागराज । प्रदेश के 4512 सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के तकरीबन 62 हजार प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों की सेवा सुरक्षा बहाल करने के लिए शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से प्रस्ताव मांगा है।


    इन स्कूलों के प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों का चयन पहले उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड से होता था लेकिन नियोक्ता प्रबंधक होते हैं। चयन बोर्ड अधिनियम-1982 की धारा-21 में यह प्रावधान था कि प्रधानाचार्य या शिक्षक पर कोई कार्रवाई करने से पहले प्रबंधक चयन बोर्ड से अनुमोदन लेते थे लेकिन 21 अगस्त 2023 को विधानसभा से पारित उत्तर प्रदेश शिक्षा सेवा चयन आयोग विधेयक में यह व्यवस्था नहीं है।


    नया आयोग बनने के साथ ही चयन बोर्ड का उसमें विलय हो गया है और उसमें सेवा सुरक्षा का प्रावधान नहीं होने प्रबंधकों की मनमानी बढ़ गई है। प्रदेशभर में शिक्षकों को मनमाने तरीके से निलंबित और बर्खास्त किया जा रहा है। इसके खिलाफ शिक्षक संगठन आंदोलन कर रहे थे। 


    माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री गुलाब देवी की ओर से 21 नवंबर को एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी को भेजे पत्र में लिखा है कि इस संबंध में विनियम संशोधन की प्रक्रिया पर विचार-विमर्श किया गया है। शिक्षा निदेशक से इस संबंध में एक समेकित प्रस्ताव मांगा गया है ताकि संशोधन की पूरी कार्यवाही एक साथ की जा सके।


    लंबे संघर्ष के बाद चयन बोर्ड की नियमावली बनी थी। जिसमें बिना पूर्वानुमोदन प्रबंधक की कार्रवाई ईशून्य मानी जाती थी। अब मनमाने तरीके से शिक्षकों पर कार्रवाई हो रही है। यदि शिक्षकों की सेवा सुरक्षा बहाल नहीं की गई तो संघर्ष के अलावा कोई रास्ता नहीं बचेगा। सुरेश कुमार त्रिपाठी, प्रदेश अध्यक्ष माध्यमिक शिक्षक संघ व पूर्व एमएलसी

    उत्तर प्रदेश में खुलेंगे नए विश्वविद्यालय और कालेज, केंद्र सरकार द्वारा उच्च शिक्षा में पिछड़े राज्यों में खोले जाएंगे ये संस्थान

    उत्तर प्रदेश में खुलेंगे नए विश्वविद्यालय और कालेज, केंद्र सरकार द्वारा उच्च शिक्षा में पिछड़े राज्यों में खोले जाएंगे ये संस्थान

    • तैयारी में जुटा शिक्षा मंत्रालय जल्द हो सकती है घोषणा


    नई दिल्ली: नए केंद्रीय विद्यालयों और नवोदय विद्यालयों को खोलने की घोषणा के बाद केंद्र सरकार उच्च शिक्षा में पिछड़े राज्यों में जल्द ही नए विश्वविद्यालयों और कालेजों को खोलने की घोषणा करेगी। इसकी तैयारी शुरू हो गई है। इन संस्थानों को उन राज्यों और जिलों में खोला जाएगा, जिनका उच्च शिक्षा का सकल नामांकन अनुपात (जीईआर) राष्ट्रीय औसत से कम है या जहां उच्च शिक्षा हासिल करने योग्य आबादी यानी 18 से 23 वर्ष की उम्र के प्रति एक लाख युवाओं पर इनकी संख्या काफी कम है। इन मानकों पर बिहार, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा व छत्तीसगढ़ जैसे राज्य फिट बैठ रहे हैं। क्षमता विकास के लिए बड़ी संख्या में उच्च शिक्षण संस्थानों को अपग्रेड करने की भी योजना है।


    नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 (एनईपी) के तहत वर्ष 2035 तक देश में उच्च शिक्षा के जीईआर को 50 प्रतिशत तक पहुंचाने के लक्ष्य को हासिल करने के लिए शिक्षा मंत्रालय ने यह पहल की है। सूत्रों की मानें तो अगले 10 सालों में उच्च शिक्षा को विस्तार देने का रोडमैप तैयार लिया गया है।


    कुछ संस्थान खुद खोलेगा मंत्रालय

    इनमें पहला कदम इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती देने का है। इसमें नए विश्वविद्यालय और कालेजों को खोलना शामिल है। मंत्रालय इनमें कुछ संस्थान खुद खोलेगा। कुछ संस्थानों को खोलने के लिए राज्यों को मदद देगा। मंत्रालय ने इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए इसलिए भी तेजी दिखाई है, क्योंकि यह लक्ष्य काफी चुनौतीपूर्ण है। 

    अभी देश में उच्च शिक्षा का जीईआर केवल 28 प्रतिशत है। गौरतलब है कि देश में स्कूली शिक्षा में करीब 26 करोड़ छात्र पंजीकृत हैं, जबकि उच्च शिक्षा में अभी करीब चार करोड़ छात्र ही पंजीकृत है। उच्च शिक्षा में दाखिला लेने के बाद पढ़ाई बीच में छोड़ने और फिर पढ़ाई शुरू करने जैसे पहलों को शिक्षा मंत्रालय शुरू करेगा। साथ ही पढ़ाई छोड़कर यदि वे कुछ काम-धंधा भी करते हैं, तो अब उनका वह अनुभव भी उच्च शिक्षा में जुड़ेगा।

    प्रदेश के 8140 केंद्रों पर होगी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल-इंटरमीडिएट परीक्षा, अंतिम सूची जारी

    प्रदेश के 8140 केंद्रों पर होगी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल-इंटरमीडिएट परीक्षा, अंतिम सूची जारी। 

    09 दिसंबर 2024
    प्रदेश के 8140 केंद्रों पर होंगी यूपी बोर्ड की परीक्षाएं

    यूपी बोर्ड ने जारी की परीक्षा केंद्रों की अंतिम लिस्ट, अब नहीं होगा संशोधन

    कम हो गए 125 परीक्षा केंद्र

    यूपी बोर्ड की वर्ष 2024 की परीक्षा में कुल 8265 केंद्र बनाए गए थे। पिछले साल के मुकाबले इस बार 125 केंद्र कम हो गए हैं। इस वार हाईस्कूल में परीक्षार्थियों की संख्या भी कम हुई है। हाईस्कूल में 256490 परीक्षार्थी घट गए हैं, जबकि इंटरमीडिएट में 163667 परीक्षार्थी बढ़े हैं। कुल परीक्षार्थियों की बात करें तो 92823 परीक्षार्थी कम हुए हैं। यूपी बोर्ड परीक्षा-2024 में कुल 5525342 परीक्षार्थी थे, जबकि 2025 की परीक्षा के लिए 5432519 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं।


    प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने रविवार को वर्ष 2025 की दसवीं व बारहवीं की परीक्षाओं के लिए केंद्रों की अंतिम लिस्ट जारी कर दी। 24 फरवरी से शुरू होने जा रहीं यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 8140 केंद्रों पर आयोजित की जाएंगी। केंद्रों की लिस्ट में अब कोई संशोधन नहीं होगा। इन केंद्रों पर कुल 54 लाख 32 हजार 519 विद्यार्थी परीक्षा देंगे, जिनमें 28 लाख 90 हजार 454 छात्र व 25 लाख 42 हजार 65 छात्राएं हैं।


    इससे पूर्व यूपी बोर्ड ने ऑनलाइन माध्यम से 7657 केंद्रों का चयन करते हुए लिस्ट जारी कर आपत्तियां मांगी थीं। सभी जिलों के डीईओएस के माध्यम से आईं आपत्तियों के निस्तारण के बाद बोर्ड परीक्षा-2025 के लिए 8142 केंद्र निर्धारित करते हुए अंतिम रूप से छह दिसंबर तक पुनः आपत्तियां मांगी गई थीं। अंतिम तिथि तक यूपी बोर्ड को कुल 2311 आपत्तियां मिलीं। इनमें से 658 आपत्तियां नए केंद्र बनाने के लिए आई थीं।


    बोर्ड सूत्रों के अनुसार अफसरों पर नए केंद्र बनाने के लिए काफी दबाव था। चर्चा है कि दबाव बनाने वालों में जनप्रतिनिधि भी शामिल थे। हालांकि, बोर्ड ने किसी भी तरह के दबाव में न आते हुए लिस्ट में कोई भी नया केंद्र शामिल नहीं किया बल्कि दो केंद्र कम हो गए। अब 8140 केंद्रों पर परीक्षाएं होंगी। जौनपुर व आजमगढ़ के एक-एक परीक्षा केंद्र को लिस्ट से बाहर किया गया है।


    यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि सभी आपत्तियों के निस्तारण के बाद दो केंद्र कम किए गए हैं। भूलवश लिस्ट से इन्हें डिलीट नहीं किया जा सका था। अब इन्हें हटा दिया गया है। दोनों केंद्रों के लिए तकरीबन 40-40 परीक्षार्थी पंजीकृत थे, जिन्हें पास के ही दूसरे केंद्रों में शिफ्ट किया गया है।




    परीक्षा केंद्रों को लेकर यूपी बोर्ड को मिलीं 2311 आपत्तियां

    ■ पिछले साल की तुलना में डेढ़ गुना अधिक शिकायतें
    ■ आज अंतिम सूची जारी करेगा यूपी बोर्ड

    07 दिसंबर 2024
    प्रयागराज। हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के लिए जिलों से निर्धारित केंद्रों को लेकर यूपी बोर्ड को 2311 आपत्तियां मिली हैं। पिछले साल की तुलना में आपत्तियां डेढ़ गुना बढ़ी है। पिछले साल 1500 से 1600 के बीच आपत्तियां मिली थीं। बोर्ड ने प्रधानाचार्यो या प्रबंधकों से कारणों और साक्ष्यों सहित संबंधित विद्यालय की आईडी से अपनी आपत्ति ऑनलाइन पोर्टल पर शुक्रवार की शाम छह बजे तक मांगी थी। विद्यार्थी या अभिभावक की आपत्ति/शिकायत को प्रधानाचार्य के माध्यम से मांगी थी। निर्धारित समयसीमा तक प्रदेशभर के 75 जिलों से कुल 2311 आपत्तियां मिली हैं।

    बोर्ड के स्तर से इनका निस्तारण किया जा रहा है। शनिवार को केंद्रों की अंतिम सूची जारी होगी। जिन शिकायतों में जिले स्तर पर गड़बड़ी मिली है, उनमें संबंधित जिला विद्यालय निरीक्षक से जवाब तलब हो रहा है। उदाहरण के तौर पर किसी स्कूल में गेट है लेकिन ऑनलाइन सूचना में गेट नहीं दर्शाया गया है। स्कूल के कमरे कम कर दिए या फिर फर्नीचर समेत अन्य आधारभूत सूचनाओं में हेरफेर कर दिया गया। इसके चलते भी कई स्कूलों को सेंटर नहीं बनाया गया। उन स्कूलों के प्रबंधकों ने ऑनलाइन आपत्तियां दर्ज की है। 


    गौरतलब है कि बोर्ड ने ऑनलाइन 7,657 केंद्र तय किए थे, जिनमें राजकीय 940, सहायता प्राप्त 3512 और वित्तविहीन 3205 स्कूल हैं। निस्तारण के बाद जिलों से 8142 स्कूलों को केंद्र बनाया गया है। संशोधित सूची में 576 राजकीय, 3447 सहायता प्राप्त और 4119 वित्तविहीन स्कूलों को केंद्र बनाया गया है।



    यूपी बोर्ड परीक्षा के लिए प्रदेश भर में बने 8142 केंद्र, 485 नए केंद्र बने,  सरकारी व एडेड घटे निजी परीक्षा केंद्र बढ़े

    प्रयागराज। यूपी बोर्ड की दसवीं व बारहवीं की परीक्षा प्रदेश भर के 8142 केंद्रों में आयोजित की जाएगी। परीक्षा केंद्रों की सूची पर आईं आपत्तियों के निस्तारण के बाद परीक्षा केंद्रों की लिस्ट में 485 नए केंद्र शामिल किए गए हैं। इन पर फिर से आपत्तियां मांगी गईं हैं। अंतिम लिस्ट सात दिसंबर को जारी होगी। हालांकि, केंद्रों की संख्या में अब किसी तरह के फेरबदल की उम्मीद नहीं है। हालांकि, पिछले साल के मुकाबले इस बार 123 केंद्र कम हैं, क्योंकि हाईस्कूल में परीक्षार्थियों की संख्या भी कम हुई है। 


    इस बार हाईस्कूल में 25,6490 परीक्षार्थी घटे हैं, जबकि इंटरमीडिएट में 16,3667 परीक्षार्थी बढ़े हैं। कुल परीक्षार्थियों की बात करें तो 92,823 परीक्षार्थी कम हुए हैं। यूपी बोर्ड परीक्षा-2024 में कुल 55,25,342 परीक्षार्थी थे, जबकि 2025 की परीक्षा के लिए 54,32,519 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि परीक्षा केंद्रों की लिस्ट पर छह दिसंबर तक आपत्तियां मांगी गई हैं। 


    बोर्ड सात दिसंबर को केंद्रों की अंतिम लिस्ट जारी करने की तैयारी में है। इससे पूर्व यूपी बोर्ड ने ऑनलाइन माध्यम से 7657 केंद्रों का चयन करते हुए लिस्ट जारी कर आपत्तियां मांगी थीं। सभी जिलों के डीईओएस के माध्यम से आपत्तियां के निस्तारण के बाद बोर्ड परीक्षा-2025 के लिए अब 8142 केंद्र निर्धारित किए गए हैं। 


    पिछली बार भी आपत्तियों के बाद बढ़े थे 401 केंद्र यूपी बोर्ड परीक्षा-2024 में भी आपत्तियों के निस्तारण के बाद 401 केंद्र बढ़ गए थे और अंतिम लिस्ट में सरकारी व एडेड विद्यालयों की संख्या घटी और निजी विद्यालयों की संख्या बढ़ी थी। 


    पिछली बार परीक्षा में सॉफ्टवेयर के माध्यम से यूपी बोर्ड ने 7864 केंद्र निर्धारित किए थे। इनमें 1017 सरकारी, 3537 एडेड व 3310 निजी विद्यालय शामिल थे। आपत्तियों के निस्तारण के बाद जनपद समिति के अनुमोदन पर फाइनल लिस्ट में केंद्रों की संख्या बढ़कर 8265 हो गई थी। इनमें 566 सरकारी, 3479 एडेड व 4120 निजी विद्यालय शामिल थे।


    सरकारी व एडेड घटे निजी परीक्षा केंद्र बढ़े

    आपत्तियों के निस्तारण से पूर्व यूपी बोर्ड ने ऑनलाइन माध्यम से जिन 7657 परीक्षा केंद्रों का चयन करते हुए लिस्ट जारी की थी, उनमें 940 सरकारी विद्यालयों, 3515 अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) विद्यालयों व 3205 वित्त विहीन निजी विद्यालयों को परीक्षा केंद्र बनाया गया था। आपत्तियों के निस्तारण के बाद यूपी बोर्ड ने जो लिस्ट जारी की है, उसमें सरकारी व एडेड विद्यालयों की संख्या कम हो गई है जबकि निजी विद्यालयों की संख्या बढ़ गई है। परीक्षा के लिए निर्धारित 8142 केंद्रों में 576 सरकारी, 3447 एडेड व 4119 निजी विद्यालय शामिल हैं। ऐसे में परीक्षा केंद्रों की लिस्ट से 364 सरकारी व 65 एडेड विद्यालयों को बाहर करते हुए 914 निजी विद्यालयों को शामिल किया गया है।

    CBSE बोर्ड परीक्षा प्रैक्टिकल एक जनवरी से, जानिए कैसे करें तैयारी?

    CBSE  बोर्ड परीक्षा प्रैक्टिकल एक जनवरी से, जानिए कैसे करें तैयारी? 


    केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) 10वीं व 12वीं की प्रैक्टिकल परीक्षाओं के अंक छात्रों के फाइनल रिजल्ट बेहतर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। छात्र अक्सर प्रैक्टिकल एग्जाम के प्रति बेहद लापरवाह रवैया अपनाते हैं। जब समय हाथ से निकल जाता है, तो प्रैक्टिकल एग्जाम में अपने प्रदर्शन को लेकर मलाल करते हैं। अब छात्र ऐसी गलती करने का विचार न करें। बोर्ड प्रैक्टिकल परीक्षाएं एक जनवरी से शुरू हो रही हैं। 14 फरवरी तक चलने वाली प्रैक्टिकल परीक्षाओं में अच्छा स्कोर करने के लिए कुछ टिप्स प्रस्तुत हैं 


    कांसेप्ट को क्लियर रखेंः प्रैक्टिकल की तैयारी करने के दौरान आप एक या दो एक्सपेरिमेंट को याद कर सकते हैं, लेकिन सारे प्रयोगों को याद करना आपके लिए मुश्किल होगा और ऐसा करना आपको कंफ्यूज भी कर सकता है। ऐसे में बेहतर होगा कि प्रयोगों को रटने की बजाय आप उनके कांसेप्ट पर फोकस करें। ऐसे उत्तर देने में आपको किसी तरह की परेशानी नहीं होगी और आप अच्छा परफार्म करेंगे।


    चरण-दर-चरण जानें प्रक्रिया: किसी भी एक्सपेरिमेंट को पूरा करने के लिए सही प्रक्रिया को चरण-दर- चरण अपनाना जरूरी है। ऐसे में प्रयोगों की सभी प्रक्रियाओं को अच्छी तरह से पढ़ें। प्रयोगों को तैयार करते समय कक्षा में किए गए हर चरण को याद करने का प्रयास करें। अगर एक्सपेरिमेंट याद नहीं आता है, तो आप इसके लिए आनलाइन वीडियो की मदद ले सकते हैं।

    डायग्राम की करें प्रैक्टिसः हर छात्र डायग्राम बनाने में अच्छा नहीं होता और यह सच परीक्षक को पता होता व है। ऐसे में छात्र अपनी ड्राइंग स्किल को लेकर किसी तरह की चिंता न करें। आपको बस इस बात का ध्यान रखना है कि आपका डायग्राम साफ- सुथरा होना चाहिए और उस पर नेमिंग अच्छे से होनी चाहिए। इसे तैयार करने का सबसे अच्छा तरीका बार-बार डायग्राम बनाना है।

    फाइलों को रखें तैयारः प्रैक्टिकल एग्जाम से पहले अपनी फाइल को पूरी तरह से तैयार कर शिक्षक से  चेक करा लें।


    Sunday, December 8, 2024

    अब विधानसभा में उठेगा जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती का मुद्दा, चार साल से नियुक्ति मांग रहे परीक्षा में सफल 43 हजार अभ्यर्थी

    अब विधानसभा में उठेगा जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती का मुद्दा, चार साल से नियुक्ति मांग रहे परीक्षा में सफल 43 हजार अभ्यर्थी



    प्रयागराज। अशासकीय सहायता प्राप्त जूनियर हाईस्कूलों में प्रधानाध्यापक व सहायक अध्यापक के पदों पर चार साल से नियुक्ति का इंतजार कर रहे अभ्यर्थियों का मुद्दा सदन में उठेगा। इसके लिए अभ्यर्थियों ने विधानसभा व विधान परिषद सदस्यों से संपर्क किया है। इन पदों की लिखित परीक्षा में सफल तकरीबन 43 हजार अभ्यर्थियों की नियुक्ति अटकी है।


    जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती का विज्ञापन 2021 में आया था, जिसके तहत प्रधानाध्यापक के 390 व सहायक अध्यापक के 1507 पदों पर भर्ती होनी थी। इसके लिए अक्तूबर 2021 में परीक्षा कराई गई और नवंबर 2021 में परिणाम भी आ गया। हालांकि, परिणाम में गड़बड़ी को लेकर कई अभ्यर्थी न्यायालय चले गए और चयनितों की नियुक्ति प्रक्रिया बीच में ही रोक दी गई।


    उच्च न्यायालय ने 15 फरवरी 2024 को समस्त रिट खारिज कर भर्ती का मार्ग प्रशस्त कर दिया। अब आरक्षण नीति स्पष्ट न होने से चयनित अभ्यर्थियों की नियुक्ति अटकी है। लिखित परीक्षा में 43 हजार से अधिक अभ्यर्थी सफल हुए थे, जिन्हें काउंसलिंग में शामिल होना है। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों की अंतिम लिस्ट जारी की जाएगी। नियुक्ति प्रक्रिया शुरू करने के लिए शासन की ओर से चार बार महानिदेशक स्कूल शिक्षा को पांच बार पत्र भेजा जा चुका है।


    जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती के प्रदेश अध्यक्ष नागेंद्र पांडेय का कहना है कि 16 दिसंबर से विधानसभा का सत्र शुरू हो रहा है। इसमें जूनियर एडेड शिक्षक भर्ती 2021 का मुद्दा उठाने के लिए विधानसभा व विधान परिषद के सदस्यों से वार्ता की जा रही है। शिक्षक विधायक राज बहादुर सिंह चंदेल से छह बार वार्ता हुई है। अन्य कई विधायकों से भी इस बारे में बात की गई है। शिक्षक विधायक ने पिछली बार विधानपरिषद में जोर-शोर से यह मुद्दा उठाया था।


    उस समय शिक्षा मंत्री ने जबाव दिया था कि कोर्ट से आदेश आते ही भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। कोर्ट से ऑर्डर आए हुए लगभग दस महीने हो गए हैं, पर अभी तक भर्ती एक कदम भी आगे नहीं बढ़ पाई है। इसके कारण लगभग 43 हजार अभ्यर्थी मानसिक रूप से परेशान हैं। इस भर्ती को आए चार वर्ष होने जा रहे हैं और अभी तक उसमें आरक्षण का पेच, सीटों की संख्या का निर्धारित न होना, मेरिट कैसे बनेगी आदि समस्याओं का निराकरण नहीं हो सका है।

    यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को देना होगा ऑनलाइन इम्तिहानकक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थी होंगे परीक्षा में शामिल, यहां होगा पंजीकरण

    यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले राजकीय विद्यालयों के विद्यार्थियों को देना होगा ऑनलाइन इम्तिहानकक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थी होंगे परीक्षा में शामिल



    🔴 यहां होगा पंजीकरण
    परीक्षा के लिए https://gov.embibe.com/uttarpradesh/student/in-hi/ पर जाकर अपने मोबाइल नंबर से  पंजीकरण करना होगा। कॉलेजों के प्रधानाचार्य व शिक्षकों को भी अपना पंजीकरण करना होगा।


    प्रयागराज। बोर्ड परीक्षा से पहले विद्यार्थियों को अपनी तैयारियों को परखने का मौका मिलेगा। इसके लिए कक्षा नौ से 12 तक के विद्यार्थियों की ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन होगा। परीक्षा 12 से 16 दिसंबर के बीच आयोजित होगी। इसमें कमजोर विद्यार्थियों को अपनी कमियों में सुधार करने का मौका मिलेगा और विद्यालय स्तर पर भी उनकी तैयारियों को दुरुस्त कराया जा सकेगा।


    यूपी बोर्ड परीक्षा के आयोजन को लेकर केंद्र निर्धारण की प्रक्रिया चल रही है। साथ ही राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में कक्षा नौ से 12 तक के बच्चों को परीक्षा के लिए अपनी तैयारियों को परखने का मौका भी दिया जा रहा है। जिसमें विद्यार्थी अपनी तैयारियों का परख सकेंगे। इसके लिए एक ऑनलाइन परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। कक्षा नौ व दस में गणित और विज्ञान, कक्षा 11 व 12 में गणित, भौतिक विज्ञान, रसायन विज्ञान व जीव विज्ञान और आईआईटी व नीट की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए परीक्षा का आयोजन किया जाएगा। ऑनलाइन परीक्षा सुबह आठ बजे से शाम आठ बजे तक दी जा सकेगी।




    यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले अब ऑनलाइन इम्तिहान, राजकीय विद्यालयों का परिणाम सुधारने के लिए की गई पहल

    ■ कक्षा नौ से 12 वीं तक के विद्यार्थियों की दिसंबर में होगी परीक्षा

    ■ ऑनलाइन परीक्षा में सिर्फ गणित और विज्ञान से पूछे जाएंगे प्रश्न


    प्रयागराज । बोर्ड परीक्षा में सूबे के राजकीय विद्यालयों का प्रदर्शन सुधारने की कवायद राज्य परियोजना कार्यालय ने शुरू कर दी है। यूपी बोर्ड परीक्षा से पहले कक्षा 9 से 12वीं तक के छात्र- छात्राओं को पहली बार ऑनलाइन परीक्षा देनी होगी। गणित और विज्ञान विषय की ऑनलाइन परीक्षा होगी। यह परीक्षा 12 दिसंबर से प्रस्तावित है। इसके बाद रिपोर्ट कार्ड दिया जाएगा। कमजोर विद्यार्थियों की एक माह बाद फिर से परीक्षा कराई जाएगी। इस संबंध में अपर राज्य परियोजना निदेशक समग्र शिक्षा माध्यमिक ने सभी डीआईओएस को पत्र जारी कर निर्देश दिया है।


    राजकीय माध्यमिक विद्यालयों में अध्ययनरत कक्षा 9 से 12वीं तक के विद्यार्थियों के शैक्षिक स्तर का आकलन करने, सीखने के परिणामों में वृद्धि करने तथा उनकी अंतिम परीक्षाओं की तैयारी को सशक्त बनाने के लिए यह परीक्षा आयोजित की जाएगी। कक्षा 9-10वीं में गणित एवं विज्ञान और 11वीं व 12वीं में गणित, भौतिक, रसायन एवं जीव विज्ञान विषय की परीक्षा कराई जाएगी। आईआईटी, जेईई और नीट की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों के लिए ऑनलाइन विशेष परीक्षा भी प्रस्तावित है।


    शिक्षकों का 25 तक होगा पंजीकरण

    परीक्षा के लिए प्रधानाचार्य और शिक्षक 25 नवंबर तक पंजीकरण कर सकते हैं। विद्यार्थियों का पंजीकरण 26 से 30 नवंबर तक https://gov.embibe.com/uttarpradesh/student/in-hi/ पर होगा।


    घर से भी दे सकेंगे परीक्षा

    ऑनलाइन परीक्षा विद्यार्थी घर से भी दे सकेंगे। विद्यार्थी विद्यालय परिसर स्थित कम्प्यूटर लैब अथवा घर में उपलब्ध उपकरणों के माध्यम से परीक्षा दे सकेंगे। सभी विद्यालय के संबंधित विषय के शिक्षकों की जिम्मेदारी होगी कि उनके विषय के सभी विद्यार्थी परीक्षा में शामिल हों।


    यह है कार्यक्रम

    12 दिसंबर को कक्षा नौ व 10 की गणित, कक्षा 11-12 की भौतिक विज्ञान, 13 दिसंबर को कक्षा 9-10 की विज्ञान, कक्षा 11-12 की रसायन विज्ञान, 14 दिसंबर को कक्षा 11-12 गणित व जीव विज्ञान, 15 दिसंबर को कक्षा 11-12 आईआईटी, जेईई और नीट की परीक्षा होगी।


    एक सप्ताह में रिजल्ट, कमजोर छात्र के लिए अतिरिक्त कक्षा

    परीक्षा सम्पन्न होने के एक सप्ताह के अंदर विद्यार्थी की रिपोर्ट तैयार की जाएगी। जिसमें उनके अंक, कमजोर और सुदृढ़ विषयों का समावेश होगा। यह रिपोर्ट संबंधित विद्यालय से साझा की जाएगी। कमजोर छात्र की एक माह तक अतिरिक्त कक्षाएं चलाकर उसे दोबारा परीक्षा में शामिल होने के योग्य तैयार किया जाए। पुनः परीक्षा के बाद विद्यार्थी की प्रगति का मूल्यांकन किया जाएगा।

    महिला व बाल संरक्षण गृहों को गोद लेंगे अधिकारी, मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश

    महिला व बाल संरक्षण गृहों को गोद लेंगे अधिकारी, मुख्य सचिव ने जारी किए निर्देश


    लखनऊ। प्रदेश में संचालित सरकारी महिला और बाल संरक्षण गृहों को सभी विभाग के अधिकारियों द्वारा गोद लिया जाएगा। एक अधिकारी को कम से कम एक संरक्षण गृह को गोद लेना होगा। इस पहल से संरक्षण गृहों में रहने वाली निराश्रित महिलाओं व बच्चों को पारिवारिक माहौल देने  का प्रयास किया जाएगा। इस संबंध में मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। 


    गोद लेने वाले अधिकारियों के परिजनों से अपेक्षा की गई है कि वे इन बच्चों के साथ खेलें और पढ़ाएं। मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने स्टांप एवं पंजीकरण, राज्य कर विभाग, महिला कल्याण, समाज कल्याण सहित सभी  विभागों के प्रमुखों को पत्र भेजकर चार तरह के सहयोग की अपेक्षा की गई है। 


    प्रदेश के 62 बाल संरक्षण गृह और 09 महिला संरक्षण गृह में रहने वाले बच्चों और महिलाओं की मदद का जिक्र है। इन स्थानों पर विषम स्थितियों से निकले बच्चे और महिलाओं को रखा जाता है। उन्हें समाज की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए ये चार सहयोग मांगे गए हैं। इन स्थानों पर रहने वाले बच्चों और महिलाओं के मन की बात सुनने के लिए अधिकारी वहां जाएं और कम से कम एक गृह को गोद लें। 


    प्रशासनिक अधिकारी स्वयं या अपने परिवार के साथ होली, दिवाली, ईद, क्रिसमस आदि त्योहार का कुछ समय निराश्रितों के साथ बिताएं, जिससे बच्चों को अपनेपन का एहसास होगा। अधिकारी इन गृहों में रहने वाले बच्चों व महिलाओं को शैक्षिक रूप से सक्षम बनाएं। 


    Saturday, December 7, 2024

    स्कूल में घुसकर स्टूडेंट्स के सामने कॉलर पकड़कर प्रधान ने की प्रधानाध्यापक की जूतों से पिटाई, रजिस्टर फाड़े, गांव में मुनादी कराकर विद्यालय प्रबंध समिति का चुनाव कराना पड़ा भारी

    दो दिन में हो प्रधान की गिरफ्तारी नहीं तो स्कूल बंद, प्रधानाध्यापक को पीटने का मामला, शिक्षक संघ ने दी चेतावनी

    🆕 अपडेट 
    मऊरानीपुर। ग्राम धमनापायक के उच्च प्राथमिक विद्यालय में बृहस्पतिवार को प्रधान कृपेंद्र पटेल द्वारा प्रधानाध्यापक की जूतों से पिटाई के मामले ने तूल पकड़ लिया। शुक्रवार को शिक्षकों ने दो दिनों में ग्राम प्रधान की गिरफ्तारी की मांग करते हुए एसडीएम और सीओ को ज्ञापन सौंपा। चेतावनी देते हुए कहा कि गिरफ्तारी न होने पर जनपद के सभी स्कूलों पर तालाबंदी की जाएगी। जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष पुष्पेंद्र सिंह परिहार ने बताया कि घटना से सभी शिक्षकों में भय व्याप्त है। इस घटना की जितनी निंदा की जाए कम है। पुलिस को आरोपी ग्राम प्रधान को जल्द से जल्द गिरफ्तार करना चाहिए।

    नहीं तो शिक्षक आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे। इस दौरान माधव मिश्रा, अजय सिंह, धीरेंद्र प्रताप सिंह, रामस्वरूप पाल, पंकज पाठक, कुलदीप, हरीशंकर यादव आदि उपस्थित रहे।


    मामले की जांच के लिए लहचूरा के थानाध्यक्ष पंकज मिश्र भी स्कूल पहुंचे। उन्होंने अध्यापिका रीना से पूछताछ की। रीना ने बताया कि जब ग्राम प्रधान ने प्रधानाध्यापक को पीटना शुरू किया तो वह खाना खा रहीं थीं। यह देखकर रीना घबरा गई। उन्होंने घटना का वीडियो बनाना शुरू कर दिया। इसके बाद प्रधान ने उन्हें धमकाया। वहीं, विद्यालय में शुक्रवार को मौजूद पांच अध्यापकों ने पुलिस से प्रधान की गिरफ्तारी की मांग की। जबकि पीड़ित प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार विद्यालय में मौजूद नहीं रहे।


    एसडीएम और सीओ पहुंचे स्कूल, ली जानकारी

    एसडीएम गोपेश तिवारी और सीओ लक्ष्मीकांत गौतम शुक्रवार सुबह धमनापायक के विद्यालय पहुंचे। यहां अधिकारियों ने अध्यापकों और बच्चों से घटना के बारे में जानकारी ली।

    मामले की जांच के लिए मैं स्कूल गया था। वहां अध्यापकों से पूछताछ की। आरोपी प्रधान को जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। - पंकज मिश्र, थानाध्यक्ष, लहचुरा



    स्कूल में घुसकर स्टूडेंट्स के सामने कॉलर पकड़कर प्रधान ने की प्रधानाध्यापक की जूतों से पिटाई, रजिस्टर फाड़े, गांव में मुनादी कराकर विद्यालय प्रबंध समिति का चुनाव कराना पड़ा भारी


    झांसी में ग्राम प्रधान ने स्कूल में घुसकर स्टूडेंट्स के सामने कॉलर पकड़कर प्रधानाध्यापक की जूतों से पिटाई कर दी। प्रबंध समिति रजिस्टर और अटेंडेंस रजिस्टर भी फाड़ दिए। शिक्षिका मारपीट का वीडियो बनाने लगी तो उसे जान से मारने की धमकी दी। इस घटना से बच्चे सहम गए और जोर-जोर से रोने लगे। स्कूल से जाते समय ग्राम प्रधान ने शिकायत करने पर प्रधानाध्यापक समेत पूरे स्टॉफ को जान से मारने की धमकी दी। डर के कारण प्रधानाध्यापक ने रविवार तक की छुट्‌टी ले ली है। प्रधान के प्रधानाध्यापक से भिड़ने का वीडियो भी सामने आया है। पुलिस ने केस दर्ज करके मामले की जांच शुरू कर दी है।


    बताया जा रहा है कि प्रधानाध्यापक ने गांव में मुनादी कराकर गुरुवार को स्कूल की प्रबंध समिति का चुनाव कराया था। समिति का गठन भी हो गया था। इस बात से ग्राम प्रधान नाराज था। पूरा मामला लहचूरा थाना क्षेत्र के धमनापायक गांव का है।


    धमनापायक के उच्च प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक जितेंद्र कुमार पटेल ने बताया, हर दो साल में स्कूल में प्रबंध समिति का गठन हाेता है। अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और 9 सदस्यों की समिति स्कूल स्टूडेंट्स के पेरेंट्स चुनते हैं। इस बार प्रधान कृपेंद्र पटेल चाहते थे कि दबंगई के दम पर समिति में उनके आदमी पदाधिकारी बन जाए। लेकिन मैंने मना कर दिया।


    हमने पहले गांव में मुनादी कराई और दो दिन बाद गुरुवार को पेरेंट्स की मीटिंग हुई। 10 बजे से 11:45 बजे तक हुई मीटिंग में प्रबंध समिति का गठन हो गया। इसमें आपसी सहमति से मानवेंद्र पटेल को अध्यक्ष और रामकुमारी को उपाध्यक्ष बनाया गया। 9 सदस्य भी बनाए गए। इससे पहले भी मानवेंद्र पटेल अध्यक्ष थे।


    समिति के गठन के कुछ देर बाद ही दोपहर लगभग 12 बजे ग्राम प्रधान कृपेंद्र पटेल स्कूल पहुंचे। प्रबंध समिति का गठन करने पर मेरे साथ गाली गलौच करने लगे। जब हमने अभद्रता करने का विरोध किया तो उन्होंने प्रबंध समिति रजिस्टर और छात्र उपस्थिति रजिस्टर को फाड़ दिया।


    फिर मेरा कॉलर पकड़ लिया और मुझे जूता मारने लगे। मैं चिल्लाते हुए बाहर भागा तो पीछा करके पकड़ लिया। वहां बच्चों के सामने फिर मारपीट की।


    महिला टीचर ने वीडियो बनाया तो धमकाया पीड़ित ने बताया कि स्कूल की अनुदेशिका रीना मोबाइल से वीडियो बनाने लगी तो ग्राम प्रधान ने शिक्षिका को जान से मारने की धमकी दी। उसका दौड़कर मोबाइल छीनने का प्रयास किया। फिर पूरे स्टाफ को जान से मारने की धमकी देकर भाग गया।


    घटना के बाद बच्चे रोने लगे और स्टाफ बुरी तरह डर गया। 112 पर कॉल करने पर पुलिस आ गई। शाम को पूरा स्टाफ प्रधानाध्यापक के साथ लहचूरा थाने पहुंच गया। वहां आरोपी के खिलाफ शिकायत दी। पुलिस ने देर शाम ग्राम प्रधान कृपेंद्र पटेल के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है।


    जब तक प्रधान जेल नहीं जाएगा हम स्कूल नहीं जाएंगे

    स्कूल में वर्तमान में 144 बच्चे पढ़ते हैं। इनके पेरेंट्स ही प्रबंध समिति को चुनते हैं। इसके लिए 50 प्रतिशत पेरेंट्स का होना जरूरी हाेता है। हर माह प्रबंध समिति की बैठक होती हैं। इसमें स्कूल की समस्याओं को दूर किया जाता है। साथ ही जो बच्चे स्कूल नहीं आ रहे हैं उनको स्कूल पहुंचाने के लिए समिति पेरेंट्स से बात करती है।

    इधर, घटना के बाद स्कूल स्टाफ में रोष व्याप्त है। अनुदेशिका रीना का कहना है कि प्रधान पर सख्त कार्रवाई नहीं हुई तो हम लोग स्कूल नहीं खोलेंगे। न ही शैक्षणिक कार्य होंगे। क्योंकि, हम लोगों को रास्ते में अनहोनी होने का डर है, हम लोग बिल्कुल स्कूल नहीं आएंगे, जब तक वो जेल नहीं जाएंगे।


    शिक्षिका ने कहा, हम लोग स्कूल नहीं जाएंगे, जान का खतरा है।
    लहचूरा थाना प्रभारी पंकज मिश्रा ने बताया कि स्कूल का स्टाफ आया था। प्रधानाध्यापक की तहरीर पर आरोपी पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। वीडियो भी उपलब्ध कराया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।



    परिषदीय शिक्षकों को जबरन किया गया था कार्यमुक्त, और अब चहेते शिक्षकों का परस्पर तबादला हो गया निरस्त, तबादले को लेकर लंबित याचिका पर 12 दिसंबर को है हाईकोर्ट में सुनवाई

    परिषदीय शिक्षकों को जबरन किया गया था कार्यमुक्त, और अब चहेते शिक्षकों का परस्पर तबादला हो गया निरस्त,  तबादले को लेकर लंबित याचिका पर 12 दिसंबर को है हाईकोर्ट में सुनवाई


    प्रयागराज । परिषदीय शिक्षकों के अंतरजनपदीय पारस्परिक तबादले में भी मनमानी सामने आने लगी है। बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने 19 जून 2024 को कुल 1398 जोड़े (2796 शिक्षकों) के अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण के आदेश जारी किए थे। पहली बार एक से दूसरे जिले में तबादला करने की बजाय सीधे एक से दूसरे स्कूल में स्थानांतरण करने से शिक्षकों में नाराजगी थी।


    तमाम शिक्षकों ने कार्यभार ग्रहण करने से इनकार कर दिया तो कार्रवाई की धमकी देते हुए बेसिक शिक्षा अधिकारियों के माध्यम से शिक्षकों को जबरन कार्यमुक्त करवाया गया था। खास बात यह है कि सचिव स्वयं शिक्षकों का तबादला आदेश निरस्त कर रहे हैं। फर्रुखाबाद से फिरोजाबाद स्थानांतरित प्रदीप सिंह राजपूत और उनके जोड़े के रूप में फिरोजाबाद से फर्रुखाबाद स्थानांतरित पुष्पेन्द्र कुमार का तबादला आदेश 23 अक्तूबर को निरस्त कर दिया गया। 

    यह स्थिति तब है जबकि तबादले को लेकर शिक्षकों की याचिका हाईकोर्ट में विचाराधीन है। स्थानांतरण केइस निर्णय को चुनौती देने वाली याचिका पर 12 दिसंबर को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है।

    69000 शिक्षक भर्ती मामले की सुनवाई 11 दिसम्बर को

    69000 शिक्षक भर्ती मामले की सुनवाई 11 दिसम्बर को


    07 दिसंबर 2024
    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अगली तिथि अब 11 दिसंबर लग गई है। इस मामले में पिछली कई बार से सुनवाई के लिए केस का नंबर न आने पर अभ्यर्थी निराश हैं। साथ ही उन्हें यह उम्मीद भी है कि अगली तिथि पर सुनवाई होगी और उन्हें जल्द से जल्द न्याय मिलेगा।

    सुशील कश्यप व भास्कर सिंह के नेतृत्व में अभ्यर्थियों ने बैठक कर अगली सुनवाई को लेकर रणनीति तय की। अभ्यार्थियों ने कहा कि बेसिक शिक्षा के अधिकारियों ने इस शिक्षक भर्ती की चयन सूची को आज तक मूल चयन सूची के रूप में जारी नहीं किया गया। जबकि हाईकोर्ट लखनऊ सिंगल बेंच, डबल बेंच, राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग भी शिक्षक भर्ती की मूल चयन सूची मांग चुका है। 



    69000 शिक्षक भर्ती में नहीं हो सकी सुनवाई, 17 दिसंबर मिली अगली तारीख 

    05 दिसंबर 2024
    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती के अभ्यर्थियों के मामले की बुधवार को भी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। इससे अभ्यर्थियों में निराशा है। सुनवाई की अगली तिथि 17 दिसंबर संभावित है। वहीं अभ्यर्थियों ने इस मामले में जल्द से जल्द सुनवाई कर उनको न्याय देने की मांग की है।

    लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच द्वारा 13 अगस्त को इस मामले में दिए गए आदेश पर नौ सितंबर को सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगाई थी। इसके बाद इस मामले में सुनवाई के लिए 15 अक्तूबर, 12 नवंबर, 20 नवंबर, 27 नवंबर और फिर चार दिसंबर की डेट मिली। किंतु इन तिथियों पर सुनवाई नहीं हो सकी।

    आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि आज भी हमारे मामले में सुनवाई का नंबर नहीं आया। हमें उम्मीद है कि जल्द से जल्द इस मामले की सुनवाई कर सुप्रीम कोर्ट हमें न्याय देगा। वहीं अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का पक्ष रख रहे विनय पांडेय ने कहा कि आज कुछ कारण से सुनवाई नहीं हो सकी। 



    69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई अब चार दिसम्बर को

    02 दिसंबर 2024
    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट में अगली सुनवाई 10 दिसंबर की जगह अब चार दिसंबर को होगी। इस मामले की सुनवाई अब जस्टिस दीपांकर दत्ता व जस्टिस संजय करोल करेंगे। 
    आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे भास्कर सिंह व सुशील कश्यप ने कहा कि आरक्षण के मुद्दे पर वह सुप्रीम कोर्ट से निश्चित तौर पर जीतेंगे। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने 69000 शिक्षक भर्ती में बेसिक शिक्षा नियमावली 1981 तथा आरक्षण नियमावली 1994 का उल्लंघन किया है।

    यही वजह है कि लखनऊ हाईकोर्ट डबल बेंच ने 13 अगस्त को 69000 शिक्षक भर्ती की पूरी लिस्ट को रद्द करके नई सूची बनाने के निर्देश दिए हैं। 



    69000 शिक्षक भर्ती में नहीं हो पाई सुनवाई, अगली डेट 10 दिसम्बर को सुनवाई संभावित 

    28 नवंबर 2024
    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। इस पर अभ्यर्थियों ने निराशा जताई है। अभी अगली सुनवाई की प्रस्तावित तिथि 10 दिसंबर है, हालांकि इससे पहले भी सुनवाई संभावित है। अभ्यर्थियों ने एक बार फिर से प्रदेश सरकार से इस मामले में पहल करने की मांग की है।

    आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि आज प्रस्तावित सुनवाई अपरिहार्य कारणों से नहीं हो सकी। उन्होंने कहा कि अभ्यर्थियों का न्याय की उम्मीद बढ़ती जा रही है। वहीं भास्कर सिंह व सुशील कश्यप ने कहा है कि सुप्रीम कोर्ट में सिर्फ 2000 आरक्षण प्रभावित अभ्यर्थी ही याची बने हैं। ऐसे में प्रदेश सरकार को चाहिए कि वह 10 दिसंबर को होने वाली सुनवाई में याची लाभ का प्रस्ताव प्रस्तुत करे। ताकि इस मामले का निस्तारण हो सके।

    उन्होंने कहा कि वह एक से तीन दिसंबर तक ई-मेल भेजकर राष्ट्रपति, मुख्य न्यायाधीश आदि से जल्द से जल्द इस मामले की सुनवाई की अपील करेंगे। दूसरी तरफ अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों की लड़ाई लड़ रहे विनय पांडेय ने कहा कि जल्द ही इस मामले में सुनवाई होने की उम्मीद है। 



    69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में नहीं हो सकी सुनवाई, अब 27 नवंबर को होगी अगली सुनवाई 

    21 नवंबर 2024
    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामले की बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी। किंतु कतिपय कारणों से यह सुनवाई नहीं हो सकी। इससे अभ्यर्थियों में निराशा है। सुनवाई की अगली तिथि 27 नवंबर लगी है। 69000 शिक्षक भर्ती मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 13 अगस्त को पुरानी सभी सूची को निरस्त करते हुए आरक्षण नियमों के अनुसार नई सूची बनाने के निर्देश दिए थे। इसके बाद चयनित अभ्यर्थी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चले गए। 


    69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में अब 27 नवंबर को होगी सुनवाई

    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामले की बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो पाई। इससे अभ्यर्थियों में निराशा है। अब 27 नवंबर सुनवाई होगी। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की डबल बेंच ने 13 अगस्त को पुरानी सभी सूची को निरस्त करते हुए आरक्षण नियमों के अनुसार नई सूची बनाने के निर्देश दिए थे। 
    इसके बाद चयनित अभ्यर्थी इस मामले में सुप्रीम कोर्ट चले गए। जहां मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने हाईकोर्ट की डबल बेंच के आदेश पर नौ सितंबर को सुनवाई के बाद रोक लगा दी थी। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने कहा कि 23 सितंबर के बाद से लगातार डेट मिल रही है। इससे अभ्यर्थियों में निराशा है।

    चयनित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे विनय पांडेय ने कहा कि अब 27 नवंबर को होने वाली सुनवाई में न्याय की उम्मीद है। 




    69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज,  सुनवाई पर टिकी अभ्यर्थियों की उम्मीद 

    20 नवम्बर 2024
    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामले की बुधवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। इससे अभ्यर्थियों को उम्मीद है कि उनके मामले में निर्णय होगा और उन्हें जल्द न्याय मिलेगा। पिछले कई तारीखों पर सुनवाई नहीं हो सकी है, इससे प्रभावित अभ्यर्थी निराश हैं। पहले सुनवाई की प्रस्तावित तिथि 19 नवंबर थी जो अब बदलकर 20 नवंबर को हो गई है।

    69000 शिक्षक भर्ती मामले में 13 अगस्त को लखनऊ हाईकोर्ट की डबल बेंच ने नई सूची बनाकर आरक्षण नियमों का पालन करते हुए नई सूची जारी करने का निर्देश दिया था। इसे अनारक्षित वर्ग के अभ्यर्थीयों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।

    वहीं आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सरकार से इसका पालन किए जाने के लिए मांग कर रहे थे। किंतु इस पर निर्णय नहीं हो सका और अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है।

    आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों का नेतृत्व कर रहे अमरेंद्र पटेल ने बताया कि मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश पर नौ सितंबर को सुनवाई के बाद रोक लगा दी थी। साथ ही 23 सितंबर को अगली सुनवाई की तिथि तय की थी। लेकिन इस तिथि को सुनवाई नहीं हो सकी। फिर 15 अक्तूबर और 12 नवंबर की तिथि लगी। किंतु इस दिन भी सुनवाई नहीं हो सकी। इसको लेकर अभ्यर्थी निराश हैं।



    कल नहीं हो सकी सुनवाई, 69000 शिक्षक भर्ती मामले में अब 19 नवंबर को होगी सुनवाई

    13 नवंबर 2024
    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की खंडपीठ में यह सुनवाई होनी थी। लेकिन, समयाभाव के कारण केस की सुनवाई नहीं हो सकी। वहीं अगली तिथि 19 नवंबर प्रस्तावित की गई है।


    69000 शिक्षक भर्ती : आज भी नहीं हो सकी सुनवाई

    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती मामले में मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई नहीं हो सकी। न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता और न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा की बेंच में आज इस मामले पर सुनवाई होनी थी। अगली तिथि 19 नवंबर प्रस्तावित की गई है। आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी इस भर्ती में आरक्षण में गड़बड़ी के आरोप लगा रहे हैं। इस मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के पक्ष में निर्णय देते हुए पुरानी सभी सूची निरस्त करते हुए नई सूची जारी करने के निर्देश दिए थे। इसे लेकर चयनित वर्ग के अभ्यर्थी सुप्रीम कोर्ट चले गए हैं।



    69000 शिक्षक भर्ती की सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई आज

    11 नवम्बर 2024
    लखनऊ। 69000 शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई मंगलवार 12 नवंबर को होगी। यह सुनवाई 15 नवंबर को प्रस्तावित थी। सुनवाई पहले होने के कारण आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने सोमवार को बैठक कर आगे की रणनीति बनाई। साथ ही उम्मीद जताई कि उन्हें जल्द ही न्याय मिलेगा।

    सुप्रीम कोर्ट में यह मामला अक्तूबर से चल रहा है। सीजेआई की अध्यक्षता वाली पीठ के सामने इस मामले की एक सुनवाई हुई है। इसके बाद से इस पर डेट लग रही है। दिवाली से पहले इस मामले में अगली तिथि 15 नवंबर को प्रस्तावित हुई थी। किंतु अब यह 12 नवंबर को ही लग गई है।

     पिछड़ा दलित संयुक्त मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सुशील कश्यप व प्रदेश संरक्षक भास्कर सिंह ने बैठक में कहा कि वह 2020 से इस मामले की लड़ाई लड़ रहे हैं। 

    भाषा विश्वविद्यालय से मदरसे ले सकेंगे कामिल और फाजिल पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता, शासन स्तर पर हो रहा विचार

    भाषा विश्वविद्यालय से मदरसे ले सकेंगे कामिल और फाजिल पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता, शासन स्तर पर हो रहा विचार


    लखनऊ। मदरसे भविष्य में कामिल और फाजिल पाठ्यक्रमों के लिए मान्यता ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय से ले सकेंगे। इसके लिए शासन स्तर पर विचार हो रहा है। लेकिन, इन पाठ्यक्रमों की मान्यता लेने वाले मदरसों को विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के उच्च शिक्षा के मानक पूरे करने होंगे।


    उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004 और संबंधित नियमावली में संशोधन किया जा रहा है। सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में अपने फैसले में कहा है कि बारहवीं कक्षा से आगे कामिल और फाजिल का प्रमाणपत्र देने वाले मदरसों को मान्यता नहीं दी जा सकती। क्योंकि, उच्च शिक्षा यूजीसी अधिनियम के तहत संचालित होती है, इसलिए यूपी मदरसा अधिनियम और संबंधित नियमावली से कामिल और फाजिल पाठ्यक्रमों के संबंध में किए गए प्रावधान हटाए जाएंगे। 


    शासन के सूत्रों के मुताबिक, कामिल और फाजिल पाठ्यक्रमों को लेकर मंथन चल रहा है। इन पाठ्यक्रमों के संचालन की मान्यता उच्च शिक्षा विभाग ही दे सकता है। इसलिए इन पाठ्यक्रमों को भाषा विवि से जोड़ने पर विचार हो रहा है। 



    मदरसा अधिनियम में संशोधन करेगी प्रदेश सरकार, अधिनियम के दायरे से बाहर की जाएंगी कामिल और फाजिल की डिग्रियां

    मदरसा अधिनियम और नियमावली सिर्फ बारहवीं कक्षा तक ही सीमित रहेगी, शासन स्तर पर तैयार किया जा रहा प्रस्ताव


    लखनऊ। प्रदेश सरकार उप्र मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम - 2004 में संशोधन करेगी। इस अधिनियम के दायरे से कामिल (स्नातक) और फाजिल (स्नातकोत्तर) डिग्रियां बाहर की जाएंगी। इसके लिए शासन स्तर पर प्रस्ताव तैयार किया जा रहा है।


    सुप्रीम कोर्ट के हाल ही में दिए गए फैसले में मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम की सांविधानिक वैधता को बरकरार रखा गया है। उससे पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मदरसा अधिनियम को असांविधानिक करार दिया था। सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए कहा था कि यूपी मदरसा अधिनियम के सभी प्रावधान संविधान के मूल ढांचे का उल्लंघन नहीं करते हैं।


    साथ ही अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि बारहवीं कक्षा से आगे कामिल और फाजिल का प्रमाणपत्र देने वाले मदरसों को मान्यता नहीं दी जा सकती। क्योंकि, उच्च शिक्षा यूजीसी अधिनियम के तहत संचालित होती है। वहीं, उप्र मदरसा शिक्षा परिषद अधिनियम-2004 में परिषद की शक्तियां बताई गई हैं। इसमें कहा गया है कि मदरसा बोर्ड मुंशी, मौलवी, आलिम, कामिल और फाजिल पाठ्यक्रमों की परीक्षाओं का संचालन करेगा।


    इस एक्ट के आधार पर ही उत्तर प्रदेश अशासकीय अरबी और फारसी मदरसा मान्यता, प्रशासन और सेवा  विनियमावली, 2016 तैयार की गई थी। अब शासन सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन करने के लिए मदरसा अधिनियम और नियमावली में से कामिल और फाजिल पाठ्यक्रमों के बारे में दिए गए सभी प्रावधान हटाएगा। यह अधिनियम और नियमावली सिर्फ बारहवीं कक्षा तक ही सीमित रहेगी।

    Friday, December 6, 2024

    अब घर बैठे सांकेतिक भाषा में स्कूली पढ़ाई करेंगे विशेष छात्र, सांकेतिक भाषा के पहला पीएम ई-विद्या डीटीएच चैनल होगा शुरू

    अब घर बैठे सांकेतिक भाषा में स्कूली पढ़ाई करेंगे विशेष छात्र, सांकेतिक भाषा के पहला पीएम ई-विद्या डीटीएच चैनल होगा शुरू 


    नई  दिल्ली। अब बोलने और सुनने में असमर्थ स्कूली छात्र घर बैठे टीवी पर सांकेतिक भाषा में निःशुल्क पढ़ाई कर सकेंगे। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि भारतीय सांकेतिक भाषा के पहले पीएम ई-विद्या डीटीएच चैनल शुक्रवार को शुरू होगा। 


    केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान और केंद्रीय राज्यमंत्री जयंत चौधरी इसका उद्घाटन करेंगे। इसके लिए राष्ट्रीय और राज्यों के प्रदेश शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रमों के आधार पर विषय सामग्री तैयार की जा रही है। खास बात यह है कि इसमें स्थानीय सांकेतिक भाषाओं को भी जगह मिलेगी, ताकि छात्र आसानी से अपनी मातृभाषा में समझ सकें। 


    अब 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी किसी भी संकाय से कर सकेंगे स्नातक, 12वीं के अनिवार्य विषय की नहीं रहेगी बाध्यता, अपनी रुचि से कला, विज्ञान या कॉमर्स में कोई भी संकाय चुन सकेंगे

    अब 12वीं उत्तीर्ण विद्यार्थी किसी भी संकाय से कर सकेंगे स्नातक12वीं के अनिवार्य विषय की नहीं रहेगी बाध्यता, अपनी रुचि से कला, विज्ञान या कॉमर्स में कोई भी संकाय चुन सकेंगे



    नई दिल्ली। अब 12वीं की पढ़ाई करने के बाद विद्यार्थी स्नातक पाठ्यक्रम के लिए किसी भी संकाय में दाखिला ले सकेंगे। कला, विज्ञान या कॉमर्स में स्नातक की पढ़ाई के लिए विद्यार्थियों का 12वीं कक्षा में संबंधित विषय से पास होना अनिवार्य नहीं रहेगा। छात्र सीयूईटी यूजी व संबंधित विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में शामिल होकर उसकी मेरिट के आधार पर अपनी पसंद का संकाय चुन सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) उच्च शिक्षा में लचीलापन लाने के उद्देश्य से यूजीसी रेगुलेशन-2024 ला रहा है।


    इसके तहत शैक्षणिक सत्र 2025-26 से यूजी और पीजी प्रोग्राम में कई बड़े बदलाव दिखेंगे। यूजीसी अध्यक्ष प्रोफेसर एम जगदीश कुमार ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 की सिफारिशों के अनुरूप तैयार यूजीसी रेगुलेशन-2024 का मकसद उच्च शिक्षा में जरूरी बदलाव लाना है। इसमें विद्यार्थी को बहुविषयक कोर्स की पढ़ाई का मौका भी मिलेगा। यदि वे अपनी प्रतिभा साबित करते हैं, तो उन्हें कोई भी विषय या डिग्री चुनने का विकल्प मिलेगा। पढ़ाई के दौरान विषय, संस्थान व अध्ययन का तरीका बदलने की भी सुविधा होगी।


    ये होंगे बड़े बदलाव

    ■ छात्र ने लेवल 4 या 12वीं की पढ़ाई (रेगुलर व ओपन स्कूल) की होगी तो अंडरग्रेजुएट प्रोग्राम या फिर इंटीग्रेटेड अंडरग्रेजुएट डिग्री प्रोग्राम में दाखिला ले सकता है।

    ■ लेवल-4 या किसी भी स्ट्रीम में 12वीं के बाद दूसरे संकाय में दाखिले के लिए सीयूईटी यूजी- 2025 और संबंधित यूनिवर्सिटी की प्रवेश परीक्षा पास करनी होगी।

    ■ कोई भी छात्र यूजी और पीजी प्रोग्राम में अलग-अलग दो डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई कर सकता है।

    ■ कोई उच्च शिक्षण संस्थान यूजीसी रेगुलेशन और नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे सीधे प्रतिबंधित कर दिया जाएगा।


    साल में दो बार ले सकेंगे दाखिला

    नए रेगुलेशन में सभी तरह के विश्वविद्यालयों में विद्यार्थियों को साल में दो बार दाखिला लेने, डिग्री प्रोगाम कभी भी छोड़ने या पढ़ाई (नेशनल क्रेडिट फ्रेमवर्क के तहत दोबारा शुरू करने, किसी भी विषय में कभी भी पढ़ाई का मौका देने का प्रावधान है। पहले सत्र में जुलाई-अगस्त और दूसरे सत्र में जनवरी फरवरी में दाखिला होगा।



    आर्ट्स से 12वीं पास कर सकेंगे बी.एससी.

    • यूजीसी ने यूजी और पीजी कोर्स के लिए तैयार किए नए नियम

    • दो सत्रों में प्रवेश, पहला-जुलाई अगस्त, दूसरा-जनवरी-फरवरी


    नई दिल्लीः आर्ट्स, साइंस और कामर्स स्ट्रीम यानी संकाय के बंधन में जकड़ी शिक्षा से छात्रों को अब आजादी मिलेगी। किसी विषय या फिर स्ट्रीम से 12वीं करने वाले छात्र अब पसंद के किसी भी विषय से स्नातक कर सकेंगे। यानी आर्ट्स या कामर्स विषयों में 12वीं करने वाले छात्र अपनी स्नातक की पढ़ाई विज्ञान विषयों के साथ कर सकते हैं, लेकिन इसके लिए उन्हें स्नातक स्तर पर उन विषयों या कोर्स में प्रवेश के लिए आयोजित राष्ट्रीय प्रवेश परीक्षा को या फिर विश्वविद्यालय से जुड़ी प्रवेश परीक्षा की पात्रता को हासिल करना होगा।


    इसी तरह किसी भी विषय से स्नातक करने वाले अब परास्नातक की पढ़ाई भी किसी भी विषय से कर सकते हैं। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की सिफारिशों के तहत पढ़ाई को लचीला बनाते हुए स्नातक और परास्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर नए नियमों का मसौदा जारी किया है।


     हालांकि ये नियम उच्च शिक्षण संस्थानों में कब से लागू होंगे, यह साफ नहीं है, लेकिन यूजीसी का कहना है कि उच्च शिक्षण संस्थानों को जल्द ही इन्हें अपनाने की सिफारिश की जाएगी। अब तक विज्ञान संकाय में 12 वीं पास स्नातक स्तर पर कला विषयों में दाखिला ले सकते हैं, लेकिन कला विषयों में 12वीं करने वालों को विज्ञान या फिर दूसरे किसी विषय में दाखिले की पात्रता नहीं थी।


    विश्वविद्यालय अनुदान आयोग चेयरमैन प्रोफेसर एम. जगदीश कुमार के मुताबिक छात्रों की सुविधा को देखते हुए नियमों में बदलाव की पहल की गई है। इसके साथ ही उच्च शिक्षण संस्थानों में साल में दो बार दाखिला देने की पहल भी की गई है। इसमें पहले सत्र के लिए प्रवेश जुलाई-अगस्त में होगी, जबकि दूसरे सत्र के लिए प्रवेश जनवरी- फरवरी में दिया जाएगा। स्नातक और परास्नातक में प्रवेश के इन नियमों में किए गए बदलाव के मसौदे को लोगों की आम राय लेने के बाद जल्द ही अंतिम रूप दिया जाएगा। अभी उच्च शिक्षण संस्थानों में सिर्फ एक ही सत्र में प्रवेश दिया जाता है। खास बात यह है कि दोनों ही सत्रों में छात्रों को प्रवेश सीयूईटी की मेरिट के आधार पर ही दिया जाएगा। यह परीक्षा साल में एक बार ही आयोजित की जाती है।


    एम.टेक-एमई में प्रवेश ले सकेंगे बी.एससी आनर्स करने वाले

    स्नातक और परास्नातक में प्रवेश से जुड़े प्रस्तावित नए नियमों के तहत फिजिक्स, बायोलाजी और गणित आदि विषयों से चार वर्षीय बी. एससी आनर्स करने वाले छात्र भी अब एम. टेक-एमई कर सकते हैं। अभी तक एम. टेक-एमई में सिर्फ बी. टेक और बीई करने वाले छात्रों को ही प्रवेश दिया जाता रहा है।

    मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 के नाम पर शिक्षकों से ठगी का प्रयास

    मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 के नाम पर शिक्षकों से ठगी का प्रयास

    प्रयागराज के बेसिक शिक्षा विभाग के कई शिक्षकों को आए है र हैं फोन 
    ■ व्हाट्सएप पर एपीके फाइल भेजकर फोन हैक करने की गई कोशिश


    प्रयागराज । साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर ठगी करने में जुटे हैं। अब मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 के नाम पर बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षकों को व्हाट्सएप पर एपीके फाइल भेजकर सर्वे के नाम पर ठगी का प्रयास किया जा रहा है। हाल ही में प्रयागराज के तीन प्राथमिक विद्यालयों के प्रधानाध्यापक को फोन कॉल आ चुके हैं। हालांकि शिक्षकों की सूझबूझ से साइबर अपराधी अपनी मंशा में कामयाब नहीं हो सके।

     हाल ही में फिरोजाबाद में 12 शिक्षकों के मोबाइल फोन को एपीके फाइल के जरिए हैक करने का मामला सामने आया है। वहीं प्रयागराज में अब तक तीन शिक्षकों के पास फोन कॉल आ चुकी है। साइबर अपराधी 1076 नंबर का उपयोग कर शिक्षकों से संपर्क कर रहे हैं। यह नंबर मुख्यमंत्री हेल्पलाइन का है, जिससे शिक्षक आसानी से भरोसा कर लेते हैं। फीडबैक के नाम पर जानकारी मांगी जा रही है। निर्धन परिवार का सर्वे करने के नाम पर व्हाट्सएप पर एक लिंक भेजा जा रहा है। इसमें आधार कार्ड और अन्य निजी जानकारी अपलोड करने की मांग की जाती है। फर्जी एप डाउनलोड करने के बाद फोन हैक हो रहा है।


    व्हाट्सएप पर एपीके फाइल भेजकर डाउनलोड करने की सलाह दी गई। हालांकि तीनों प्रधानाध्यापकों ने सूझबूझ का परिचय देते हुए डाउनलोड करने से साफ मना कर दिया। साथ ही कॉल रिकॉर्ड कर शिक्षकों के ग्रुप में सचेत रहने के लिए साझा किया गया है।




    साइबर हैकर्स के निशाने पर उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षक, जानिए कैसे हो रहा है फ्राड और कैसे करें बचाव? 


    लखनऊ। उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा विभाग के शिक्षक इन दिनों साइबर हैकर्स के निशाने पर हैं। हाल ही में फिरोजाबाद में 12 शिक्षकों के मोबाइल एपीके फाइल के जरिए हैक किए जाने की खबर ने सभी को चौंका दिया है। अब राज्यभर के शिक्षक मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर 1076 से आने वाली संदिग्ध कॉल्स को लेकर असमंजस में हैं। इन कॉल्स में विभागीय फीडबैक के नाम पर एप डाउनलोड करने और आधार कार्ड समेत निजी जानकारी अपलोड करने के लिए कहा जा रहा है।  


    कैसे हो रहा है फ्रॉड?
    शिक्षकों को 1076 नंबर से कॉल कर यह विश्वास दिलाया जा रहा है कि यह मुख्यमंत्री हेल्पलाइन है। पहले उनसे विभागीय कार्यों और फीडबैक से जुड़े सवाल किए जाते हैं। इसके बाद एक लिंक भेजा जाता है, जिसमें आधार कार्ड और अन्य निजी जानकारी भरने या फोटो अपलोड करने की मांग की जाती है। कुछ शिक्षकों ने लिंक पर क्लिक किया, जिससे उनके मोबाइल हैक हो गए।  


    शिक्षामित्र धर्मेंद्र कुमार बताते हैं, "मेरे पास भी 1076 से कॉल आई। इसे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन समझकर रिसीव कर लिया था। लेकिन सतर्कता बरतने के कारण ठगी से बच गया।" वहीं, शिक्षक अरुण गुप्ता ने बताया, "कॉल के बाद भेजे गए लिंक पर क्लिक करने से मैंने परहेज किया।"  


    शिक्षकों के बीच बढ़ रही चिंता
    तीन दिनों में प्रदेशभर में 200 से अधिक शिक्षकों को ऐसी कॉल्स आ चुकी हैं। इस घटना ने शिक्षकों में चिंता बढ़ा दी है। शिक्षकों का कहना है कि इस मामले में विभागीय अधिकारियों की तरफ से कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी जा रही है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी फिरोजाबाद, आशीष पांडेय ने कहा, "यह फ्रॉड कॉल्स हो सकती हैं। शिक्षकों को किसी भी संदिग्ध कॉल का जवाब देने से पहले अधिकारियों से परामर्श लेना चाहिए।"  


    सतर्कता के उपाय
    उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों को साइबर फ्रॉड से बचाने के लिए निम्नलिखित सतर्कता उपाय सुझाए गए हैं:  

    1. संदिग्ध कॉल से बचें: 1076 या अन्य अज्ञात नंबर से आने वाली कॉल्स को तुरंत न उठाएं।  

    2. लिंक पर क्लिक न करें: किसी भी अज्ञात लिंक पर क्लिक न करें।  

    3. निजी जानकारी साझा न करें: आधार कार्ड, पासवर्ड या अन्य संवेदनशील जानकारी किसी को न दें।  

    4. फीडबैक सत्यापित करें: अगर फीडबैक के लिए कॉल आती है, तो पहले संबंधित अधिकारी से सत्यापन करें।  

    5. साइबर क्राइम सेल से संपर्क करें: किसी भी फ्रॉड का संदेह हो तो तुरंत पुलिस की साइबर क्राइम सेल को सूचित करें।  

    6. अन्य शिक्षकों को सतर्क करें: अपने साथी शिक्षकों को ऐसी घटनाओं से अवगत कराएं।  


    साइबर अपराधी नए-नए तरीके अपनाकर शिक्षकों को निशाना बना रहे हैं। ऐसे में शिक्षकों को जागरूक और सतर्क रहना आवश्यक है। किसी भी संदिग्ध कॉल या लिंक पर भरोसा न करें और विभागीय और पुलिस अधिकारियों से परामर्श लेना न भूलें। सतर्कता ही इस साइबर जाल से बचने का सबसे बड़ा हथियार है।