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Tuesday, August 22, 2119

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    Thursday, July 4, 2024

    मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव से तदर्थ शिक्षक नाराज, कहा- भीख नहीं सम्मान चाहिए

    मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव से तदर्थ शिक्षक नाराज, कहा- भीख नहीं सम्मान चाहिए

    25-30 हजार रुपये मानदेय पर रखने के प्रस्ताव का किया विरोध


    लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में तैनात रहे तदर्थ शिक्षकों को 25 से 30 हजार रुपये मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव से नाराजगी है। उन्होंने विरोध जताते हुए कहा कि हमें भीख नहीं सम्मान चाहिए। प्रदेश सरकार का यह निर्णय सही नहीं है।


    माध्यमिक तदर्थ शिक्षक संघर्ष समिति ने कैबिनेट में आए प्रस्ताव पर कहा है कि मुख्यमंत्री से ऐसी उम्मीद नहीं थी। जिस विद्यालय में हम सभी शिक्षक सम्मान के साथ 25 से 30 वर्षों तक कार्य कर चुके हैं, वहां पर 25 व 30 हजार मानदेय पर उसी विद्यालय में काम करने को कहा जा रहा है। जबकि चपरासी का वेतन इससे अधिक है। इससे तदर्थ शिक्षकों में काफी आक्रोश है।

    समिति के अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने बुधवार को बयान जारी कर कहा कि 53 दिन की याचना में उच्च अधिकारियों से जिस प्रस्ताव पर सहमति बनी थी, उसे कैबिनेट में नहीं रखा गया। यह प्रस्ताव उससे अलग है। यह स्वीकार नहीं है। प्रदेश संरक्षक रमेश सिंह ने कहा कि सभी तदर्थ शिक्षक जो भाजपा के पदाधिकारी, कार्यकर्ता और सदस्य हैं, लखनऊ में भाजपा कार्यालय में आकर प्रदेश अध्यक्ष को अपना इस्तीफा सौंपेंगे।

    प्रदेश उपाध्यक्ष अनिल सिंह राणा ने कहा कि कैबिनेट ने तदर्थ शिक्षकों का मानदेय प्रबंधक के खाते में जाने की बात कही है, इससे शिक्षकों का शोषण बढ़ेगा। प्रदेश महामंत्री सुशील शुक्ला ने कहा कि सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।

    गौरतलब है कि मंगलवार को हुई कैबिनेट में एडेड माध्यमिक विद्यालयों में मानदेय पर शिक्षकों को रखने की नीति को हरी झंडी दी थी। साथ ही 2254 तदर्थ शिक्षकों को 25 से 30 हजार रुपये मानदेय पर समायोजित करने पर भी सहमति दी गई थी। 



    2200 से ज्यादा तदर्थ शिक्षकों की मानदेय पर होगी पुनर्नियुक्ति

    लखनऊ : योगी सरकार ने साल 2023 में सेवा से हटाए गए 2200 से ज्यादा शिक्षकों को अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में मानदेय पर रखे जाने के प्रस्ताव को भी मंजूरी दी है।

    वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों के पद रिक्त हैं, जिसका असर शिक्षण कार्य पर हो रहा है। शैक्षणिक कार्य को सुचारु रूप से संचालित करने के लिए 2023 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सेवा से मुक्त किए गए 2200 से ज्यादा शिक्षकों को अस्थायी तौर पर पुनर्नियुक्ति का अवसर दिया जा रहा है, जो शिक्षक कक्षा 9 और 10 में पढ़ाएंगे उन्हें 25 हजार और जो लोग कक्षा 11-12 में पढ़ाएंगे उन्हें 30 हजार रुपये प्रदान किए जाएंगे। प्रबंधन को यह धनराशि दी जाएगी, अगर वे इससे ज्यादा देना चाहते हैं तो शिक्षकों अपने पास से दे सकते हैं। 

    जिन तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं शासनादेश 9 नवम्बर 2023 द्वारा समाप्त की गईं, वे ही मानदेय शिक्षक के लिए पात्र होंगे। यथासम्भव मानदेय शिक्षक को उसी विद्यालय में रखा जाएगा, जिनमें वे तदर्थ शिक्षक के रूप में कार्यरत रहे हैं।



    तदर्थ शिक्षकों की मानदेय शिक्षक में रखे जाने को कैबिनेट की मंजूरी

    हाईस्कूल स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹25,000 प्रतिमाह एवं इंटरमीडिएट स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹30,000 प्रतिमाह होगी।


    यूपी सीएम की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में अस्थायी रूप से मानदेय-शिक्षक रखे जाने की प्रक्रिया एवं कार्य निष्पादन शर्तें, 2024 को स्वीकृति प्रदान कर दी है।

    जिन तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं शासनादेश दिनांक 09 नवम्बर, 2023 द्वारा समाप्त की गयी हैं, वे ही मानदेय शिक्षक हेतु पात्र होंगे। मानदेय शिक्षक नितांत अस्थायी तौर पर रखे जाएंगे।

    हाईस्कूल स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹25,000 प्रतिमाह एवं इंटरमीडिएट स्तर के मानदेय शिक्षक हेतु मानदेय की धनराशि ₹30,000 प्रतिमाह होगी।




    अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर रखने की तैयारी

    लखनऊः अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के तदर्थ शिक्षकों को मानदेय पर रखने की तैयारी की जा रही है। मंगलवार को कैबिनेट में मानदेय शिक्षकों की नियुक्ति और उनकी सेवा शर्तों के लिए नियम- कानून बनाने का प्रस्ताव रखा जा सकता है।

     अगर इस पर मुहर लगी तो 20 से 30 वर्षों तक अपनी सेवाएं दे चुके शिक्षकों को मानदेय पर रखा जाएगा। बीते वर्ष नवंबर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर इनकी सेवाएं माध्यमिक शिक्षा विभाग ने खत्म कर दी थीं। ऐसे करीब तीन हजार शिक्षक हैं, जिन्हें इसका लाभ मिलेगा।


    वर्ष 1993 के बाद एडेड स्कूलों में शिक्षकों की कमी को देखते हुए तदर्थ शिक्षकों की नियुक्ति की गई थी। वर्ष 2000 से 2004 के बीच एडेड स्कूलों में नियमों को ताक पर रखकर इन शिक्षकों की बड़ी संख्या में नियुक्ति की गई तो मामला कोर्ट तक पहुंच गया। 11 नवंबर, 2023 को माध्यमिक शिक्षा विभाग ने ऐसे 1,115 तदर्थ शिक्षक जिन्हें वेतन नहीं मिल रहा था उन्हें 17 महीने का बकाया वेतन देकर सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया था। 

    वहींजो शिक्षक पहले से वेतन पा रहे थे उन्हें भी निकाल दिया गया। शिक्षकों की अचानक सेवाएं समाप्त करने के कारण इसका विरोध शुरू हो गया। अब इन्हें मानदेय पर रखकर राहत देने की तैयारी है। मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में लोकभवन में मंगलवार को होने वाली कैबिनेट बैठक में करीब एक दर्जन प्रस्ताव आने की उम्मीद है।

    Wednesday, July 3, 2024

    डिजिटल हाज़िरी दर्ज करने को लेकर बेसिक शिक्षकों ने रखी शर्त, विरोध शुरू

    डिजिटल हाज़िरी दर्ज करने को लेकर बेसिक शिक्षकों ने रखी शर्त, विरोध शुरू


     लखनऊ परिषदीय स्कूलों में 15 जुलाई से टैबलेट पर चेहरा दिखाकर शिक्षकों व छात्रों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी। यानी फेस रिक्ाग्निशन सिस्टम के माध्यम से हाजिरी लगाई जाएगी। स्कूलों को इसके लिए टैबलेट दिए गए हैं और सिम खरीदने व इंटरनेट की सुविधा के लिए धन भी दिया जा चुका है। ऐसे में अब अधिकारी हर हाल में इस व्यवस्था को लागू कराने पर जोर दे रहे हैं। उधर शिक्षकों ने शर्त रखी है कि अगर वह किन्हीं कारणों से विलंब से पहुंचे तो उन्हें छूट दी जाए।


    शिक्षकों ने मांग की है कि विलंब होने पर उन्हें पूरे दिन के लिए अनुपस्थित न माना जाए। अर्द्ध अवकाश या फिर तीन दिन विलंब होने पर एक आकस्मिक अवकाश लेने की छूट दी जाए। उपस्थिति व मिड-डे मील सहित 12 रजिस्टर डिजिटल किए जाएंगे। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल बादव कहते हैं कि बड़ी संख्या में शिक्षक दूर-दराज के क्षेत्रों से विद्यालय आते हैं।


     तमाम परिषदीय स्कूल भी ऐसे क्षेत्रों में हैं जहां पहुंचने में समय लगता है। किन्हीं कारणों से वह लेट हो जाएं ती पूरे दिन के लिए अनुपस्थित न माना जाए। उपस्थिति सुबह विद्यालय खुलते समय और बंद होते समय लगाने की व्यवस्था की गई है।

    उत्तर प्रदेशीय जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ के महामंत्री अरुणेंद्र कुमार वर्मा का कहना है कि अगर कोई शिक्षक पांच मिनट भी दे से पहुंचता है तो उसका एक दिन का वेतन कट जाएगा। टैबलेट से उपस्थिति दर्ज करने के विरोध में नहीं हैं, लेकिन इसे व्यावहारिक बनाया जाए। अर्जित अवकाश की सुविधा भी शिक्षकों को दी जाए।

    कक्षा एक और दो के छात्रों के बस्ते खाली, नहीं मिलीं निःशुल्क किताबें

    कक्षा एक और दो के छात्रों के बस्ते खाली, नहीं मिलीं निःशुल्क किताबें


    लखनऊ : परिषदीय स्कूलों में गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद फिर से पढ़ाई शुरू हो गई है, लेकिन अभी तक कक्षा एक व कक्षा दो के 42 लाख विद्यार्थियों के बस्ते खाली हैं। इन्हें अभी तक निश्शुल्क पाठ्य-पुस्तकें नहीं मिली हैं। लखनऊ, बलिया व देवरिया सहित तमाम जिलों में मुख्यालय तक किताबें पहुंचा दी गई हैं, लेकिन यहां से विद्यालय तक पहुंचाने का कार्य अभी बाकी है। 


    अभी यहां से खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) कार्यालय और फिर वहां से न्याय पंचायत संसाधन केंद्रों (एनपीआरसी) तक फिर विद्यालय पहुंचेंगी। वहीं कार्य पुस्तिकाओं की छपाई का काम अब शुरू हुआ है।

    राज्य पाठ्य-पुस्तक अधिकारी माधव तिवारी का कहना है कि पाठ्य-पुस्तकें तेजी से जिलों में पहुंचाई जा रही हैं। जिले तक पहुंचने के बाद वहां के जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों (बीएसए) की जिम्मेदारी है कि वे उन्हें विद्यालय तक पहुंचाएं। किसी भी कीमत पर शिक्षक किताबें ढोकर स्कूल नहीं ले जाएंगे। फिलहाल विद्यालयों में पढ़ाई शुरू हो गई है और किताबें पहुंचना अभी बाकी है। 

    वहीं कक्षा एक व कक्षा दो के विद्यार्थियों को दो-दो अभ्यास पुस्तिकाएं भी दी जानी है, लेकिन अब इनकी छपाई का कार्य शुरू हो पाया है। ऐसे में अभी 15 दिन बाद ही ये विद्यालय तक पहुंच पाएंगी। कक्षा एक व कक्षा दो में इस शैक्षिक सत्र 2024- 25 से राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) का पाठ्यक्रम लागू किया गया है। फिर मार्च में चुनाव आचार संहिता लगने के कारण टेंडर की प्रक्रिया में देरी हुई। 

    चुनाव आयोग की अनुमति के बाद टेंडर किया गया और फिर छपाई शुरू हुई। ऐसे में छात्रों को कठिनाई हो रही है। एक अप्रैल से नया शैक्षिक सत्र शुरू हुआ था। गर्मियों की छुट्टियां खत्म होने के बाद फिर से पढ़ाई शुरू हो गई है।

    Tuesday, July 2, 2024

    देखें डिजिटल छात्र उपस्थिति का जनपदवार आंकड़ा (1 जुलाई 2024)

    देखें डिजिटल छात्र उपस्थिति का जनपदवार आंकड़ा (1 जुलाई 2024) 


    शासनादेश के क्रम में पंजिकाओं के डिजिटाइजेशन के सम्बन्ध में निर्देश निर्गत किए हैं । इसके साथ ही यूजर मैनुअल भी उपलब्ध कराए गए हैं तथा ऑनलाइन माध्यम से प्रशिक्षण भी प्रदान किया गया है।
     
    तत्क्रम में दिनांक 1 July , 2024 के डाटा विश्लेषण से निम्न बिन्दु संज्ञान में आए हैं

    👉 डिजिटल छात्र उपस्थिति पंजिका में किसी भी जनपद में छात्र उपस्थिति 25% से अधिक नहीं प्राप्त हुई है । 

    👉  छात्र उपस्थिति 10% या अधिक वाले जनपद : हमीरपुर, कौशांबी, बागपत, हापुड़ , प्रयागराज, भदोही, ललितपुर, एटा, लखनऊ, हाथरस, फिरोजाबाद, बुलंदशहर, मेरठ, मैनपुरी, संत कबीर नगर, अमरोहा, कासगंज, अंबेडकरनगर, फर्रुखाबाद में छात्र उपस्थिति 10% या अधिक प्राप्त हुई है । 

    👉 जनपद: बदायूँ, बहराइच एवं उन्नाव में छात्र उपस्थिति 0% प्राप्त हुई है ।

    यह अत्यंत खेद का विषय है कि राज्य परियोजना कार्यालय स्तर से निरंतर निर्देशित किए जाने के बाद भी अपेक्षित प्रगति नहीं हुई है । तत्सम्बन्धी जनपदवार सूची संलग्न है।

    अतः आपका व्यक्तिगत ध्यान आकृष्ट करते हुए निर्देशित किया जाता है कि दैनिक अनुश्रवण करते हुए डिजिटल पंजिकाओं का शत प्रतिशत प्रयोग सुनिश्चित कराएं ।

     समस्त AD BASIC को निर्देशित किया जाता है कि अपने मण्डल के जनपदों का दैनिक अनुश्रवण करते हुए अनुपालन सुनिश्चित कराएं।


    महानिदेशक
    स्कूल शिक्षा, उत्तर प्रदेश


    परिषदीय शिक्षकों के लिए जारी की गई स्थानांतरण/समायोजन नीति में व्यापक कमियों को दूर किये जाने तथा स्थानान्तरण/समायोजन किये जाने के पूर्व पदोन्नति किये जाने के सम्बंध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का महनिदेशक को मांगपत्र

    परिषदीय  शिक्षकों के लिए जारी की गई स्थानांतरण/समायोजन नीति में व्यापक कमियों को दूर किये जाने तथा स्थानान्तरण/समायोजन किये जाने के पूर्व पदोन्नति किये जाने के सम्बंध में जूनियर हाईस्कूल शिक्षक संघ का महनिदेशक को मांगपत्र 



    एडेड माध्यमिक विद्यालयों के 1898 शिक्षकों का तबादला, यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर जारी किया स्थानांतरण आदेश

    एडेड माध्यमिक विद्यालयों के 1898 शिक्षकों का तबादला, यूपी बोर्ड की वेबसाइट पर जारी किया स्थानांतरण आदेश


    प्रयागराज। अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों के 1898 प्रवक्ताओं, सहायक अध्यापकों और प्रधानाचार्यों का स्थानांतरण कर दिया गया है। इन सभी का स्थानांतरण आदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की वेबसाइट https://upmsp.edu.in पर जारी कर दिया गया है। जिनका स्थानांतरण हुआ है, उन्हें वेबसाइट से आदेश डाउनलोड करने कहा गया है। इसी आदेश के आधार पर वह कार्यमुक्त होकर कार्यभार ग्रहण कर सकेंगे।


    एडेड विद्यालयों में स्थानांतरण के लिए 14 से 27 जून तक आवेदन लिए गए थे। आवेदन ऑफलाइन लिए गए। वैसे इसके लिए आवेदन प्रक्रिया वर्षभर चलती रहती है। शासन से स्थानांतरण नीति आने तक शिक्षा निदेशालय में आठ सौ आवेदन आ चुके थे। शासनादेश आने के बाद निदेशालय में आवेदकों की भीड़ लग गई। 

    निर्धारित तिथि तक करीब दो हजार आवेदन जमा हुए। इन आवेदनों की जांच के बाद अब स्थानांतरण किया गया। क्योंकि, यह प्रक्रिया ऑफलाइन थी, इसलिए आदेश जारी करने के लिए तीन दिन तक अफसरों को कड़ी मशक्कत करनी पड़ी। 

    अंत: जनपदीय स्थानांतरण (समायोजन) के विरोध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी

    अंत: जनपदीय स्थानांतरण (समायोजन) के विरोध में हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी

    • आज से शुरू होगी प्रक्रिया, 19 जुलाई को जारी होगा स्थानांतरण

    प्रयागराजः बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षकों के अंतः जनपदीय स्थानांतरण की प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही विरोध शुरू हो गया है। बेसिक शिक्षा परिषद सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी ने 31 मार्च तक विद्यालयों में हुए छात्र नामांकन के आधार पर सरप्लस शिक्षकों को चिह्नित करने का निर्देश दिया है और इसी आधार पर स्थानांतरण किए जाएंगे। 

    इसके विपरीत शिक्षकों ने कहा है कि अप्रैल में अधिक संख्या में प्रवेश हुए हैं तथा जुलाई तक प्रवेश की समयसीमा होने के कारण और भी प्रवेश होंगे। इस तरह मार्च के नामांकन के आधार पर स्थानांतरण/ समायोजन किए जाने से अधिक विद्यार्थी होने के बावजूद शिक्षक कम हो जाएंगे। इस कारण पूर्व की तरह सितंबर के छात्र अनुपात में शिक्षक चिह्नित किए जाएं। अगर मांग नहीं मानी गई तो शिक्षक हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे।

    आदेश के अनुसार अंतःजनपदीय स्थानांतरण/समायोजन की प्रक्रिया दो जुलाई से शुरू होगी। शिक्षकों को 25 विकल्पों के साथ आवेदन करना होगा, जिसका सत्यापन किया जाएगा। स्थानांतरण के लिए पांच सदस्यीय कमेटी बनाई गई है। 

    बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा है कि स्थानांतरण आदेश की जारी समय सारिणी में कई बिंदुओं पर शिक्षकों के हितों का ध्यान नहीं रखा गया है। कई गांव नगर पालिका/नगर निगम सीमा में आ जाने के कारण नगरीय क्षेत्र में हो गए हैं। ऐसे में नगरीय सीमा में शामिल हुए गांवों के विद्यालयों को नगरीय सीमा में मानकर प्रक्रिया अपनाई जानी चाहिए। इसके अलावा कई और विसंगतियां बताते हुए शिक्षक जल्द परिषद सचिव की ओर से जारी ही हाई कोर्ट में याचिका लगाएंगे



    अंतःजनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन की समय सारिणी जारी होते ही कई बिंदुओं पर बेसिक शिक्षकों का विरोध शुरू

    • 30 सितंबर के नामांकन पर छात्र अनुपात तय करने की मांग
    • नगर पालिका क्षेत्र में आए विद्यालय की गिनती नगर में हो


    प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के अंतःजनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन के लिए तैयारी कर ली गई है। इसके लिए परिषद सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने समय सारिणी जारी कर दी है, लेकिन इसी के साथ शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। 

    कहा है कि मार्च तक के नामांकन के आधार पर स्थानांतरण/ समायोजन किए जाने से विषमता और बढ़ जाएगी, क्योंकि 30 मार्च के बाद विद्यालयों में नामांकन बढ़ गए हैं। इस तरह अधिक छात्र संख्या के बजाय पुराने नामांकन के आधार पर स्थानांतरण किए जाने से अधिक संख्या वाले विद्यालयों में शिक्षकों की कमी हो जाएगी। इसके अलावा नगर पालिका के सीमा विस्तार वाले क्षेत्र के विद्यालयों को नगर क्षेत्र में शामिल कर लिया जाता तो बहुत शिक्षक समायोजन से बच जाते। इसके अलावा कई और बिंदुओं पर भी विरोध है।

    स्थानांतरण के लिए जारी निर्देश में परिषद सचिव ने कहा है कि छात्र अनुपात में अधिक अध्यापक वाले विद्यालयों से आवश्यकता वाले विद्यालयों में स्थानांतरण किए जाएंगे। इसके लिए मार्च माह तक हुए छात्र नामांकन को आधार माना गया है। 

    उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने शिक्षकों की मांग के अनुसार पूर्व की तरह 30 सितंबर 2024 तक होने वाले नामांकन के आधार पर छात्र-शिक्षक अनुपात तय करने को कहा है। इससे छात्र संख्या के अनुपात में विद्यालय को शिक्षक मिल सकेंगे। इससे पठन-पाठन सुचारु चल सकेगा।

     चूंकि समायोजन में जूनियर शिक्षक प्रभावित होंगे, इसलिए मांग की गई है कि वरिष्ठ शिक्षकों का समायोजन हो, क्योंकि जूनियर का ही समायोजन होता रहा तो वह जहां जाएंगे, जूनियर ही रहेंगे। हर जगह छात्र संख्या कम होने पर जूनियर को ही हटाया जाता रहेगा।



    कॉमर्स को विज्ञान-गणित में शामिल करने से विसंगति
    परिषदीय शिक्षकों के समायोजन में फंसेगा पेच, जानिए क्यों? 

    प्रयागराज । सूबे के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों के समायोजन की कवायद एक बार फिर से तेज हो गई है। बेसिक शिक्षा विभाग ने नए सत्र में जिले के अंदर शिक्षकों के समायोजन के विस्तृत दिशा-निर्देश जारी कर दिए हैं। इस आदेश के चलते शिक्षकों के समायोजन में पेच फंसने के आसार हैं। इसका मुख्य कारण कॉमर्स को विज्ञान-गणित में शामिल करना और 30 सितंबर के बजाय 31 मार्च तक के पंजीकृत छात्रों के आधार पर समायोजन किया जाना है।

    विभाग से जुड़े सूत्रों की मानें तो पहले समायोजन में 30 सितंबर तक के पंजीकृत छात्रों की संख्या मानी जाती थी लेकिन अब 31 मार्च तक के पंजीकृत छात्रों की संख्या के आधार पर स्कूलों में समायोजन किया जाएगा। मार्च में प्राथमिक में कक्षा पांच और उच्च प्राथमिक में कक्षा आठ के छात्र बाहर हो जाते हैं। शैक्षिक सत्र एक अप्रैल से 31 मार्च तक होने के चलते छात्रों की संख्या स्कूल में कम होना लाजिमी है। 


    छात्र संख्या कम होने पर उन विद्यालय के शिक्षकों का समायोजन किसी अन्य विद्यालय में हो सकता है। फिर वह शिक्षक इस प्रक्रिया को कोर्ट में चुनौती देने के लिए बाध्य होगा। जूनियर हाईस्कूलों में यानी कक्षा 6 से 8 तक में इस बार कॉमर्स से स्नातक शिक्षकों को मानव सम्पदा पोर्टल पर सब्जेक्ट मैपिंग में गणित-विज्ञान में दिखाया गया है जबकि उनकी नियुक्ति सामाजिक विषय के शिक्षक के तौर पर होती है। इसके चलते समायोजन का लाभ न पाने वाले विज्ञान गणित शिक्षक प्रक्रिया को चुनौती दे सकते हैं।

    Monday, July 1, 2024

    यूपी बोर्ड : 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों का प्रवेश पांच अगस्त तक, बोर्ड सचिव ने जारी की अग्रिम पंजीकरण की समय सारिणी

    यूपी बोर्ड : 9वीं से 12वीं तक के विद्यार्थियों का प्रवेश पांच अगस्त तक

    ● बोर्ड सचिव ने जारी की अग्रिम पंजीकरण की समय सारिणी
    ● पंजीकृत छात्र-छात्राओं के आवेदन upmsp.edu.in पर किए जाएंगे अपलोड




    प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने बोर्ड परीक्षा 2025 की तैयारी शुरू कर दी है। विद्यालय खुलने के साथ यूपी बोर्ड ने कक्षा नौ से 12 तक के विद्यालयों में शैक्षिक सत्र 2024-25 के लिए अग्रिम पंजीकरण की समय सारिणी घोषित कर दी। पांच अगस्त तक प्रवेश लिए जाएंगे। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ल ने नए सत्र की समय सारिणी जारी कर दी है। सचिव के मुताबिक, 10वीं एवं 12वीं की कृषि भाग-एक की परीक्षा में शामिल होने वाले पंजीकृत छात्रों के आवेदन ४स्रे२स्र्र. ी४ि. ल्ल पर ऑनलाइन अपलोड किए जाएंगे।


    हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं से प्राप्त परीक्षा शुल्क 10 अगस्त तक प्रधानाचार्य कोषागार में जमा करा सकेंगे। शुल्क की सूचना एवं छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विवरण वेबसाइट पर 16 अगस्त तक अपलोड किए जाएंगे। 10 अगस्त के बाद 100 रुपये विलंब शुल्क के साथ परीक्षा शुल्क 16 अगस्त तक जमा होगा, जिसकी सूचना और शैक्षिक विवरण 20 अगस्त तक अपलोड किए जा सकेंगे।

    इसका परीक्षण 21 से 31 अगस्त तक होगा। त्रुटि को एक से 10 सितंबर मध्य रात्रि तक सुधारने का अवसर रहेगा। 30 सितंबर तक कक्षा नौ से 12 तक के पंजीकृत अभ्यर्थियों की फोटोयुक्त नामावली एवं संबंधित कोषपत्र की एक प्रति परिषद के क्षेत्रीय कार्यालयों के लिए डीआइओएस कार्यालय में प्रधानाचार्यों को जमा करनी होगी।


    कंपार्टमेंट के छात्र 20 अगस्त तक ले सकेंगे दाखिला

    बोर्ड ने कक्षा नौ व 11 के छात्र-छात्राओं के अग्रिम पंजीकरण का कार्यक्रम जारी किया है। परीक्षा वर्ष 2026 एवं वर्ष 2025 की कृषि भाग-एक की परीक्षा में सम्मिलित होने वाले 11वीं के छात्र-छात्राओं के अग्रिम पंजीकरण आवेदन परिषद की वेबसाइट upmsp. edu. in पर अपलोड किए जाएंगे। हाईस्कूल कंपार्टमेंट परीक्षा उत्तीर्ण एवं सन्निरीक्षा (स्क्रूटनी) में उत्तीर्ण अभ्यर्थी कक्षा-11 में 20 अगस्त तक प्रवेश ले सकेंगे। कक्षा नौ व 11 के छात्र-छात्राओं के अग्रिम पंजीकरण शुल्क 50 रुपये कोषागार में चालान के माध्यम से जमा करने तथा पंजीकरण की सूचना व विवरण परिषद की वेबसाइट पर 25 अगस्त की मध्य रात्रि तक अपलोड किए जा सकेंगे। अपलोड विवरणों की जांच 26 अगस्त से पांच सितंबर तक होगी। इसमें मिली त्रुटि छह से 20 सितंबर की मध्य रात्रि तक सुधारी जा सकेगी।

    Sunday, June 30, 2024

    IIRF रैंकिंग में JNU ने मारी बाजी, ये हैं देश की टॉप 10 सेंट्रल यूनिवर्सिटी

    IIRF रैंकिंग में JNU ने मारी बाजी, ये हैं देश की टॉप 10 सेंट्रल यूनिवर्सिटी


    IIRF Ranking 2024: भारतीय संस्थागत रैंकिंग फ्रेमवर्क (Indian Institutional Ranking Framework) ने देश के टॉप केंद्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी की है. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) को पहला स्थान मिला है, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) दूसरे स्थान पर है. ये फ्रेमवर्क देश के शिक्षण संस्थानों को रैंक करने के लिए एक रूपरेखा प्रदान करता है. यह रैंकिंग 7 परफॉरमेंस इंडिकेटर पर आधारित है.


    इस लिस्ट में बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) ने भी टॉप में रैंक हासिल की है. टॉप डीम्ड विश्वविद्यालयों में भारतीय विज्ञान संस्थान (आईआईएससी), भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (आईएआरआई) और होमी भाभा राष्ट्रीय संस्थान शामिल हैं. वहीं, टॉप निजी विश्वविद्यालयों में अशोक विश्वविद्यालय, धीरूभाई अंबानी इंस्टीट्यूट ऑफ इंफॉर्मेशन एंड कम्युनिकेशन टेक्नोलॉजी (डीए-आईआईसीटी) और शिव नादर विश्वविद्यालय शामिल हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) को विशेष रूप से प्लेसमेंट परफॉरमेंस और टीचिंग लर्निंग रिसोर्सेज एंड पेडागोजी में टॉप नंबर मिले हैं.


    इस रैंकिंग के जरिए देश भर के एक हजार से ज्यादा संस्थानों का मूल्यांकन किया जाता है. जिसमें 300 से अधिक विश्वविद्यालय, 350 इंजीनियरिंग कॉलेज, 150 से अधिक बिजनेस स्कूल, 50 लॉ कॉलेज, 50 डिज़ाइन स्कूल, 50 आर्किटेक्चर कॉलेज और 100 से अधिक अंडर ग्रेजुएट कॉलेज शामिल हैं जो BBA और BCA प्रोग्राम ऑफर करते हैं. भारतीय संस्थान रैंकिंग ढांचा (IIRF) एक गैर-सरकारी संगठन है जो देश भर के शिक्षण संस्थानों का मूल्यांकन करता है.


    ये हैं टॉप 10 संस्थान

    जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU)
    दिल्ली विश्वविद्यालय (DU)
    बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU)
    जामिया मिल्लिया इस्लामिया (JMI)
    अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (AMU)
    यूनिवर्सिटी ऑफ़ हैदराबाद (University of Hyderabad)
    डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय (RPCAU)
    पांडिचेरी विश्वविद्यालय (Pondicherry University)
    पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUP)
    राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय (CURAJ)


    रैंकिंग में देखी जाती हैं ये बातें

    प्लेसमेंट परफॉरमेंस
    टीचिंग लर्निंग रिसोर्सेस एन्ड पेडागोजी
    रिसर्च
    इंडस्ट्री इनकम एन्ड इंट्रीगेशन
    प्लेसमेंट स्ट्रेटेजी एन्ड सपोर्ट
    फ्यूचर ओरिएंटेशन
    एक्सटर्नल परसेप्शन एन्ड इंटरनेशनल आउटलुक

    परिषदीय विद्यालयों में पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति आदेश मुख्य समस्याओं के समाधान उपरांत ही लागू किए जाने के संबंध में RSM का ज्ञापन

    परिषदीय विद्यालयों में पंजिकाओं का डिजिटाइजेशन/ऑनलाइन उपस्थिति आदेश मुख्य समस्याओं के समाधान उपरांत ही लागू किए जाने के संबंध में RSM का ज्ञापन 


    सीएम योगी ने डीबीटी के माध्यम से परिषदीय बच्चों के अभिभावकों के खातों में राशि भेजने की शुरुआत की, 12 सौ रुपये प्रति छात्र के हिसाब से मिलेगी खातों में राशि

    सीएम योगी ने डीबीटी के माध्यम से परिषदीय बच्चों के अभिभावकों के खातों में राशि भेजने की शुरुआत की12 सौ रुपये प्रति छात्र के हिसाब से मिलेगी खातों में राशि


    488 लाख छात्र-छात्राओं के अभिभावकों को योजना का लाभ

    छात्र-छात्राओं के खातों में पहुंचे 1056 करोड़


    लखनऊ । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे विद्यालय नवाचार और शोध के नए केंद्र के रूप में विकसित हों। छात्र-छात्राओं के अंदर कठिन चुनौतियों से जूझने का जज्बा हो, इसके लिए हम अपने आपको तैयार करें।

    मुख्यमंत्री शनिवार को राजधानी के लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के मेधावी छात्र एवं छात्राओं को सम्मानित कर रहे थे। इस दौरान योगी ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्टेशनरी व स्कूल बैग के लिए डीबीटी के माध्यम से बच्चों के माता-पिता, अभिभावकों के खाते में 1200 रुपए की राशि भेजने की प्रक्रिया की शुरुआत भी की।


    योगी ने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि कोई भी छात्र स्कूल से वंचित न रह जाए। हम अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन करें, ये देश की सबसे बड़ी सेवा है। श्रीमद्भगवतगीता में तो किसी को शिक्षित करना सबसे पवित्र कार्य माना गया है। उन्होंने शिक्षकों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि आप उस पवित्र कार्य से जुड़े हुए हैं। आपका आचरण एक शासकीय अधिकारी की तरह नहीं, बल्कि समाज के एक मार्गदर्शक के रूप में, एक शिक्षक के रूप में होना चाहिए।


    नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल हैं मेधावी छात्रः मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपने प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए नई पीढ़ी के सामने उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं कि अगर वो भी ऐसे ही परिश्रम करेंगे तो उन्हें भी सम्मान प्राप्त होगा।

    योगी ने छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं हो सकता। शॉर्टकट अपनाने वाला व्यक्ति कभी मंजिल को प्राप्त नहीं कर सकता। 

    Saturday, June 29, 2024

    सत्र 2024-25 से बीएड (विशेष शिक्षा) के स्थान पर एकीकृत विशेष एवं समावेशी शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ISITEP) का होगा शुभारम्भ

    सत्र 2024-25 से बीएड (विशेष शिक्षा) के स्थान पर एकीकृत विशेष एवं समावेशी शिक्षक शिक्षा कार्यक्रम (ISITEP) का होगा शुभारम्भ 



    डीएलएड में रेवड़ी की तरह नंबर बांट रहे निजी कॉलेज

    लिखित में 15, आंतरिक मूल्यांकन में पूरे 25 अंक, डीएलएड में रेवड़ी की तरह नंबर बांट रहे निजी कॉलेज

    ● मूल्यांकन व्यवस्था में बदलाव के प्रस्ताव को अब तक मंजूरी नहीं
    ● प्रदेश के 2974 निजी डीएलएड कॉलेजों में की जा रही मनमानी


    प्रयागराज : प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक स्कूलों में शिक्षक बनने के लिए आवश्यक डिप्लोमा इन एलीमेंटरी एजुकेशन (डीएलएड) प्रशिक्षण का उद्देश्य पूरा नहीं हो पा रहा है। पढ़ने-लिखने में कमजोर प्रशिक्षु प्रदेश के 2974 निजी कॉलेजों में से अधिकांश के संचालकों संग साठगांठ कर आंतरिक मूल्यांकन में पूरे अंक हासिल कर लेते हैं जिससे ईमानदारी के साथ पढ़ाई करने वाले अभ्यर्थी खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। परीक्षा नियामक प्राधिकारी कार्यालय की ओर से चार साल पहले मूल्यांकन की व्यवस्था में परिवर्तन का प्रस्ताव भेजा था जो अब तक लागू नहीं हो सका है।


    वर्तमान में डीएलएड प्रशिक्षण के तहत पांच प्रश्नपत्रों हिंदी, अंग्रेजी, विज्ञान, गणित व शांति शिक्षा एवं सतत विकास में 25-25 अंक की लिखित परीक्षा होती है जबकि 25-25 अंक आंतरिक मूल्यांकन के लिए निर्धारित हैं। तीन प्रश्नपत्रों सामाजिक अध्ययन, आरंभिक स्तर पर भाषा एवं गणित के पठन-लेखन क्षमता का विकास और शैक्षिक प्रबंधन एवं प्रशासन में 50-50 अंक की लिखित परीक्षा एवं आंतरिक मूल्यांकन होता है। इसके अलावा शारीरिक शिक्षा, स्वास्थ्य, कला एवं संगीत विषय में पूरे 50 अंक आंतरिक मूल्यांकन के मिलते हैं।


    इस प्रकार लिखित परीक्षा के लिए 375 और आंतरिक मूल्यांकन के लिए 425 अंक निर्धारित हैं। निजी कॉलेज प्रशिक्षुओं से वसूली कर मनमाने तरीके से अंक बांटते हैं। यही कारण है कि लिखित परीक्षा में 25 में 15 और 16 अंक पाने वाले अभ्यर्थी आंतरिक मूल्यांकन में पूरे 25 अंक पाते हैं। कुछ कॉलेजों, छात्रों को अपवादस्वरूप छोड़ दें तो 90 प्रतिशत प्रशिक्षुओं के अंकपत्र पर यही अंक देखने को मिलते हैं।


    मूल्यांकन में नरमी के बावजूद बड़ी संख्या में फेल

    डीएलएड प्रशिक्षुओं की कॉपियों के मूल्यांकन में नरमी के बावजूद बड़ी संख्या में फेल हो जाते हैं। उदाहरण के तौर पर 15 मार्च को घोषित परिणाम को ही देखें। डीएलएड 2021 चतुर्थ सेमेस्टर में पंजीकृत 76667 प्रशिक्षुओं में से 45854 सफल थे, जबकि द्वितीय सेमेस्टर में पंजीकृत 36000 प्रशिक्षुओं में से 21279 (60.38 फीसदी) सफल हुए। दोनों सेमेस्टर में लगभग 40 फीसदी प्रशिक्षु फेल हो गए थे। डीएलएड 2022 द्वितीय सेमेस्टर में पंजीकृत 65478 प्रशिक्षुओं में से 44987 (69.50 प्रतिशत) पास हैं। इसमें 30 फीसदी फेल हो गए थे।

    हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, बिना मान्यता वाले स्कूलों पर क्या कारवाई की? राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब के साथ मांगी कार्रवाई रिपोर्ट

    हाईकोर्ट ने सरकार से पूछा, बिना मान्यता वाले स्कूलों पर क्या कारवाई की?

    प्रदेश में आरटीई से मान्यता लिए बगैर चल रहे स्कूलों पर हाईकोर्ट सख्त 

    राज्य सरकार से चार हफ्ते में जवाब के साथ मांगी कार्रवाई रिपोर्ट


    लखनऊ। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ ने प्रदेश में शिक्षा का अधिकार अधिनियम (आरटीई) से बगैर मान्यता के चल रहे बेसिक स्कूलों के मामले में सख्त संज्ञान लिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा है कि ऐसे स्कूलों पर क्या कारवाई की गई है? कोर्ट ने इस मामले में दाखिल जनहित याचिका पर चार हफ्ते में राज्य सरकार के अफसरों को जवाब के साथ कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया है।


    यह आदेश न्यायमूर्ति आलोक माथुर और न्यायमूर्ति अरुण कुमार सिंह देशवाल की खंडपीठ ने लखीमपुर खीरी जिले के इदू की याचिका पर दिया। याचिका में ऐसे स्कूलों के चलाने का मुद्दा ठाया गया है जो आरटीई अधिनियम 2009 और इसके 2011 में बने नियमों के तहत बगैर मान्यता लिए चलाए जा रहे हैं।


     याची ने ऐसे सभी स्कूलों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है। याची का कहना था कि बिना मान्यता वाले स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों का भविष्य खराब हो सकता है। इस मामले की खबरें प्रकाशित होने के बाद उसने शासन से इसकी शिकायत की लेकिन, कोई कार्रवाई नहीं हुई।


    याची ने याचिका में पहले सिर्फ लखीमपुर खीरी जिले में चल रहे ऐसे स्कूलों का मुद्दा उठाया था। लेकिन, कोर्ट ने मामले की अहमियत को देखते हुए संज्ञान लेकर याचिका का क्षेत्र पूरे प्रदेश के लिए बढ़ा दिया। कोर्ट ने कहा प्रदेश में ऐसे बहुत स्कूल हैं जो बच्चों के भविष्य से खिलवाड़ कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि आरटीई अधिनियम 2009 की धारा 18 में खास तौर पर प्रावधान है कि सरकारी स्कूलों के अलावा, ऐसा कोई भी स्कूल संबंधित प्राधिकारी से मान्यता लिए बगैर चलाया नहीं जायेगा।


    कोर्ट ने इस टिप्पणी के साथ याचिका पर चार हफ्ते में अफसरों को जवाब के साथ कार्रवाई रिपोर्ट पेश करने का आदेश दिया। साथ ही मामले की अगली सुनवाई 24 जुलाई को नियत की है।

    Friday, June 28, 2024

    बांदा बीएसए कार्यालय के MDM जिला समन्वयक को दस हजार रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार

    बांदा बीएसए कार्यालय के MDM जिला समन्वयक को दस हजार रिश्वत लेते एंटी करप्शन टीम ने किया गिरफ्तार

    यूपी के बांदा जिले में एंटी करप्शन टीम ने एमडीएम जिला समन्वयक को दस हजार रिश्वत लेते गिरफ्तार किया है।


    बांदा जिले के बेसिक शिक्षा विभाग में मध्याह्न भोजन योजना के जिला समन्वयक को एंटी करप्शन टीम ने दस हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया। गुरुवार दोपहर टीम शिकायतकर्ता सेवानिवृत्त शिक्षक को लेकर साथ पहुंची तो पूरे कार्यालय में अफरा-तफरी मच गई। आरोपी कर्मचारी को वाहन में बैठाकर टीम कोतवाली देहात थाने ले गई। आरोपी कर्मचारी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर जेल भेज दिया गया है।


    विकास खंड नरैनी क्षेत्र में तैनात रहे शिक्षक गंगा सागर पिछले वर्ष सेवानिवृत्त हुए थे। तैनाती के दौरान विद्यालय में रसोईया की नियुक्ति को लेकर मध्याह्न भोजन योजना के जिला समन्वयक भाष्कर आसवानी ने उन्हें दो दिन पूर्व नोटिस भेजी थी। इससे सेवानिवृत्त शिक्षक काफी परेशान थे। पीड़ित गंगा सागर ने बताया कि डीसी भाष्कर आसवानी ने उनसे रिश्वत में दस हजार रुपये की मांग की थी। उन्होंने इसकी सूचना भ्रष्टाचार निवारण टीम को दी। गुरुवार को सुबह शिक्षक दस हजार रुपये लेकर बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय पहुंचे।


    यहां उन्होंने रुपये जिला समन्वयक भाष्कर आसवानी को दिए। वह नोट गिन ही रहे थे कि प्रभारी निरीक्षक राकेश सिंह की अगुवाई में एंटी करप्शन की टीम ने छापा मारा। टीम को देखते ही उनके हाथ से दस हजार रुपये छूट कर नीचे गिर गए। पूरे आफिस में अफरा-तफरी मच गई। टीम के अधिकारी भाष्कर आसवानी को वाहन में अपने साथ कोतवाली देहात थाने ले गए। यहां डीसी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत रिपोर्ट दर्ज की गई। 


    टीम में निरीक्षक ओम प्रकाश सहित शिव कुमार शर्मा, अनिल कुमार, चंद्रपाल सिंह, अभिषेक सिंह, सचिन चौरसिया, नितिन कंचन व शारदा प्रसाद शामिल रहे। बीएसए प्रिंसी मौर्या से इस संबंध में बात करने का प्रयास किया, पर सफलता नहीं मिली। बीएसए की नाक तले पनप रहे भ्रष्टाचार को लेकर तरह-तरह की चर्चाएं रहीं।


    उगाही से शिक्षक परेशान
    शिकायतकर्ता शिक्षक गंगा सागर का कहना है कि एमडीएम जिला समन्वयक भास्कर आसवानी से काफी शिक्षक परेशान हैं। इसी तरह फर्जी कार्रवाई कर शिक्षकों से धन उगाही करते हैं और मामले को रफा दफा कर दिया जाता है।

    हाथरस के बीएसए कार्यालय के बाबू को रिश्वत लेते उठा ले गई विजिलेंस टीम, शिक्षक से 30 हजार रिश्वत लेने का आरोप

    हाथरस के बीएसए कार्यालय के बाबू को रिश्वत लेते उठा ले गई विजिलेंस टीम, शिक्षक से 30 हजार रिश्वत लेने का आरोप


    आगरा की विजिलेंस टीम हाथरस के बीएसए कार्यालय पहुंची। यहां पर तैनात बाबू को बीएसए कार्यालय से डायट जाते समय पकड़ कर अपने साथ आगरा ले गई। बताया जा रहा है कि बाबू पर एक शिक्षक से 30 हजार रुपये रिश्वत मांगने का आरोप है।


    कोतवाली हाथरस गेट क्षेत्र के रमनपुर स्थित बीएसए कार्यालय के बाहर आगरा की विजिलेंस टीम ने बीएसए कार्यालय में तैनात एक बाबू को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों दबोच लिया। विजिलेंस उसे अपने साथ लेकर आगरा चली गई। सहायक अध्यापक द्वारा वेतन वृद्धि व प्रतिकूल प्रविष्टि हटाने के नाम पर बाबू द्वारा 30 हजार रुपये की रिश्वत मांगने की शिकायत पर यह कार्रवाई हुई है। कार्रवाई से बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। कार्रवाई के बाद कार्यालय के कर्मचारी गेट पर ताला लगाकर चले गए।

     
    सिद्धार्थ कुमार पुत्र हरस्वरूप सिंह निवासी नगला बाबू थाना मुरसान संविलयन विद्यालय चंदवारा विकासखंड मुरसान में सहायक अध्यापक है। सिद्धार्थ कुमार ने पुलिस अधीक्षक उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान आगरा से शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि उसके निलंबन काल की अवधि का वेतन, वेतनवृद्धि दिलाने व प्रतिकूल प्रविष्टि को हटाने की एवज में बीएसए कार्यालय के वरिष्ठ सहायक देवेंद्र सिंह द्वारा 30 हजार रुपये की मांग की गई थी। जिसमें उन्होंने कहा कि 25 हजार रुपये बीएसए उपेंद्र गुप्ता व पांच हजार रुपये स्वयं के लिए हैं। 


    27 जून को शिकायतकर्ता सिद्धार्थ कुमार ने आरोपी वरिष्ठ सहायक देवेंद्र सिंह को बुलाया। 30 हजार रुपये लेकर बीएसए कार्यालय के पास पहुंचा। विजिलेंस की टीम ने वहीं से वरिष्ठ सहायक देवेंद्र सिंह को 30 हजार रुपये रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में लिपिक के खिलाफ थाना उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान आगरा सेक्टर आगरा में रिपोर्ट दर्ज की जा रही है। 


    विजिलेंस की कार्रवाई से मची खलबली
    रिश्वत लेते हुए लिपिक के गिरफ्तार होने की सूचना मिलते ही बेसिक शिक्षा विभाग में खलबली मच गई। कार्यालय के कर्मचारी कार्यालय छोड़कर चले गए। यहां तक कि बीएसए कार्यालय पर ताला लटका दिया गया। लिपिक के गिरफ्तार होने के बाद कार्यालय में सन्नाटा पसर गया। 

    माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कुल 88 राजकीय विद्यालयों में पद सृजित किये जाने के सम्बन्ध में।

    नए राजकीय इंटर व हाईस्कूल के लिए 1617 पद सृजित


    लखनऊ। शासन ने प्रदेश में 88 नए बने राजकीय इटर व हाईस्कूल विद्यालयों के लिए कुल 1,617 पदों का सृजन कर दिया है। इनमें 1,454 शैक्षिक 1,454 शैक्षिक और व 163 गैर शैक्षिक 163 गैर शैक्षिक पदों का हुआ सृजन पद शामिल हैं। शासन ने इनके लिए शैक्षिक अर्हता व भर्ती का स्रोत भी जारी किया है। 

    जल्द ही इन विद्यालयों में पठन-पाठन शुरू होगा। राजकीय इंटर कॉलेज (बालक-बालिका) में प्रधानाचार्य के 75, प्रवक्ता के 750, सहायक अध्यापक (एलटी) के 525 व कनिष्ठ सहायक के 150 पद स्वीकृत किए गए हैं। इनकी भर्ती लोक सेवा आयोग द्वारा विभिन्न माध्यमों से की जाएंगी। वहीं राजकीय हाईस्कूल में प्रधानाध्यापक के 13, सहायक अध्यापक के 91, कनिष्ठ सहायक के 13 पद स्वीकृत किए गए हैं। 


    माध्यमिक शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार के अनुसार चतुर्थ श्रेणी के 401 पदों पर आउटसोर्सिंग से लोग रखे जाएंगे। 


    माध्यमिक शिक्षा विभाग के अन्तर्गत कुल 88 राजकीय विद्यालयों में पद सृजित किये जाने के सम्बन्ध में।



    BEO समूह ख या ग में? बीईओ संघ ने प्रमुख सचिव व निदेशक से मिलकर पूछा

    BEO समूह ख या ग में? बीईओ संघ ने प्रमुख सचिव व निदेशक से मिलकर पूछा


    लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के सामने अजीब स्थिति पैदा हो गई है। कहने के लिए उनकी गिनती समूह ख के तहत होती है। किंतु जब तबादला किया जाता है तो उनको समूह ग का माना जाता है। इस विसंगति को दूर करने के लिए उत्तर प्रदेशीय विद्यालय निरीक्षक संघ ने प्रमुख सचिव और बेसिक शिक्षा निदेशक से मिलकर ज्ञापन दिया है। 

    संघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार शुक्ल ने कहा कि कार्मिक विभाग की ओर से समूह ख व समूह ग के लिए तबादले की शर्त व मानक अलग-अलग हैं। शिक्षा निदेशालय यह स्पष्ट करे कि हम किस समूह में आते हैं और उसी के अनुरूप हमारे तबादले के लिए नियम भी प्रयोग किए जाएं। क्योंकि बीईओ के सेवा विवरण व अन्य अभिलेखों में शासन व विभाग के स्तर समूह को लेकर भ्रम की स्थिति पैदा की जा रही है।


    असमंजस : खंड शिक्षा अधिकारी समूह ख या ग में

    लखनऊ। प्रदेश में बेसिक शिक्षा विभाग में तैनात खंड शिक्षा अधिकारियों (बीईओ) के सामने अजीब स्थिति पैदा हो गई है। कहने के लिए उनकी गिनती समूह ख के तहत होती है, लेकिन जब तबादला किया जाता है तो उनको समूह ग का माना जाता है। इस विसंगति को दूर करने के - लिए उत्तर प्रदेशीय विद्यालय निरीक्षक संघ ने प्रमुख सचिव और बेसिक शिक्षा निदेशक से मिलकर ज्ञापन दिया है।

    संघ के प्रांतीय अध्यक्ष प्रमेंद्र कुमार  शुक्ल ने कहा कि कार्मिक विभाग - की ओर से समूह ख व समूह ग के लिए तबादले की शर्त व मानक अलग-अलग हैं। शिक्षा निदेशालय यह स्पष्ट करे कि हम किस समूह में आते हैं और उसी के अनुरूप हमारे में तबादले के लिए नियम भी प्रयोग किए जाएं। ब्यूरो

    बिजनौर बीएसए को प्रतिकूल प्रविष्टि का नोटिस, जिला समन्वयक (बालिका) के कार्यमुक्त होने के बाद भी कार्य करने का मामला

    राज्य परियोजना निदेशक ने बिजनौर बीएसए को प्रतिकूल प्रविष्टि का नोटिस, जिला समन्वयक (बालिका) के कार्यमुक्त होने के बाद भी कार्य करने का मामला

    बोले बीएसए, पुराने निदेशक की अनुमति लेकर ही कराया गया कार्य


    बिजनौर। जिला समन्वयक बालिका के कार्यमुक्त होने के बाद भी कार्य करने के मामले में राज्य परियोजना निदेशक ने बीएसए को कारण बताओ नोटिस जारी किया। नोटिस में आरोप है कि जिला समन्वयक बालिका कार्यमुक्त होने के सात माह बाद भी विभागीय कार्य कर रहा है।


    बेसिक शिक्षा विभाग के जिला परियोजना कार्यालय बिजनौर में अस्थायी रूप से सृजित पद जिला समन्वयक बालिका शिक्षा के पद पर प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत है। राज्य परियोजना निदेशक के पत्र अनुसार जिला समन्वयक बालिका शिक्षा सात नवंबर 2023 में की गई संस्तुति के क्रम में उनके मूल विभाग माध्यमिक शिक्षा उत्तर प्रदेश में वापस किया गया था।


    बीएसए कार्यालय से भी जिला समन्वयक बालिका शिक्षा को कार्यमुक्त 14 नवंबर 23 को किया गया था। आरोप है कि जिला समन्वयक विभाग में सात माह तक कार्य करते रहे हैं। राज्य परियोजना निदेशक ने कहा कि कार्यमुक्त के बावजूद विभागीय कार्य किया कराया जाना शासनदेश तथा इस कार्यालय के पत्र की अवहेला है। शासकीय कार्य में उदासीनता तथा लापरवाही बरती जा रही है। राज्य परियोजना निदेशक कंचन वर्मा ने बीएसए बिजनौर को कारण बताओ नोटिस जारी कर 28 जून तक स्पष्टीकरण मांगा है।


    शिक्षकों ने की डीसी की एमएलसी से शिकायत
    बेसिक शिक्षा विभाग में शिक्षकों ने जिला समन्वयक मित्रलाल गौतम की एमएलसी हरि सिंह ढिल्लो से शिकायत की थी। इसी क्रम में एमएलसी ने राज्य परियोजना निदेशक से शिकायत की थी।

    निदेशक से अनुमति लेकर कराया गया कार्य
    जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जयकरन यादव ने बताया कि विभागीय कार्य के लिए गत राज्य परियोजना निदेशक से अनुमति लेकर ही कार्य कराया गया था। अब जिला समन्वयक बालिका शिक्षा को कार्य मुक्त कर दिया गया है।



    Thursday, June 27, 2024

    समय से नहीं मिलतीं किताबें कैसे हो सीबीएसई से मुकाबला? प्रदेश भर से आए प्रधानाचार्यों ने यूपी बोर्ड एडेड स्कूलों की बताई समस्याएं

    'समय से नहीं मिलतीं किताबें कैसे हो सीबीएसई से मुकाबला? प्रदेश भर से आए प्रधानाचार्यों ने यूपी बोर्ड एडेड स्कूलों की बताई समस्याएं 


    लखनऊ: उत्तर प्रदेश प्रधानाचार्य परिषद की बैठक में प्रदेश भर से आए एडेड कालेजों के प्रधानाचार्यों ने अपनी समस्याओं को माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेंद्र देव के सामने रखा। प्रधानाचार्यों ने बताया कि यूपी बोर्ड के एडेड स्कूलों को जुलाई तक बेसिक शिक्षा विभाग से छठी से आठवीं कक्षा की सरकारी किताबें नहीं मिलतीं। नौवीं से 12वीं कक्षा की एनसीईआरटी की किताबें भी समय पर उपलब्ध नहीं हो पातीं। 


    इन स्कूलों में शिक्षक और शिक्षणेतर कर्मचारियों की कमी और अन्य मूलभूत समस्याओं के चलते सीबीएसई और आइसीएसई स्कूलों से मुकाबला करना मुश्किल हो रहा है।


    डिप्लोमा इंजीनियर संघ भवन में आयोजित बैठक में परिषद के अध्यक्ष डा. हरेंद्र कुमार राय और मंत्री सुखपाल सिंह तोमर ने तदर्थ प्रधानाचार्यों को नियमित करने, फीस बढ़ाने का शासनादेश जारी करने, स्कूलों का बिजली बिल माफ करने, प्रधानाचार्यों को चिकित्सा सुविधा देने और प्रबंध समिति के हस्तक्षेप को खत्म करने, सिटीजन चार्टर लागू करने जैसी कई मांगें रखीं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेंद्र देव ने बताया कि फीस बढ़ोतरी की सैद्धांतिक सहमति बन गई है और इसे जल्द ही लागू किया जाएगा। 15 अगस्त से सिटीजन चार्टर लागू करने की तैयारी भी की जा रही है।


    सरकार एडेड स्कूलों को पहली बार भवन निर्माण के लिए 75 प्रतिशत अनुदान दे रही है, जिसमें स्कूल 25 प्रतिशत स्थानीय या जनप्रतिनिधियों के निधि से व्यवस्था कर इस अनुदान लाभ उठा सकते हैं। उन्होंने आश्वासन दिया कि सरकारी किताबें और एनसीईआरटी आधारित सस्ती किताबें एडेड कालेजों को समय पर उपलब्ध कराई जाएंगी। बैठक में अलग-अलग जिलों से आए प्रधानाचार्यों ने जिला विद्यालय निरीक्षक और प्रबंधकों से हो रही परेशानियों को भी बताया।

    मदरसों में बायोमीट्रिक हाजिरी का निर्णय शासनादेश के विपरीत, जिस शासनादेश को बनाया आधार, उससे जुड़ी योजनाएं हो चुकी हैं बंद

    मदरसों में बायोमीट्रिक हाजिरी का निर्णय शासनादेश के विपरीत

    शिक्षकों ने जताई नाराजगी, बोले- जिस शासनादेश को बनाया आधार, उससे जुड़ी योजनाएं हो चुकी हैं बंद


    लखनऊ। मदरसों में शिक्षकों और छात्र-छात्राओं की उपस्थिति बायोमीट्रिक प्रणाली से कराने के लिए आदेश को टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया ने वेतन वितरण व्यवस्था शासनादेश के विपरीत बताया। 


    एसोसिएशन ने साफ किया है कि जिस शासनादेश को आधार बनाकर अल्पसंख्यक कल्याण विभाग ने आदेश जारी किया है, उससे संबंधित योजनाएं बंद हो चुकी हैं। इस पर सवाल उठाते हुए अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री को पत्र भेज कर आदेश को वापस लेने की मांग की है।


    दरअसल, अल्पसंख्यक कल्याण निदेशक ने प्रदेश के सभी मदरसों में शिक्षकों और छात्र- छात्राओं की हाजिरी बायोमीट्रिक प्रणाली से कराने का आदेश जारी किया है। आदेश में प्रदेश के 560 मदरसों में शिक्षकों का वेतन बायोमीट्रिक हाजिरी के बाद जारी करने को कहा गया है। 


    मदरसा शिक्षा परिषद के पूर्व सदस्य एवं टीचर्स एसोसिएशन मदारिसे अरबिया के महामंत्री हाजी दीवान साहेब जमां खां ने अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के आदेश पर नाराजगी जताते हुए अल्पसंख्यक कल्याण एवं वक्फ मंत्री को भेजे गए पत्र में कहा कि विभाग की निदेशक की ओर से जारी आदेश 12 जुलाई 1990 के वेतन वितरण व्यवस्था शासनादेश के विपरीत है। 


    उन्होंने कहा कि इस आदेश को केंद्र सरकार के 25 अप्रैल 2017 के गजट नोटिफिकेशन को आधार बनाकर जारी किया है जो केंद्र सरकार की ओर से संचालित मदरसा आधुनिकीकरण योजना व अल्पसंख्यक छात्रवृत्ति के पर्यवेक्षण के लिए जारी हुआ था। 

    सामान्य तबादले के निर्देश न जारी होने से बेसिक शिक्षक निराश, सामान्य तबादले की उम्मीद नहीं

    सामान्य तबादले के निर्देश न जारी होने से बेसिक शिक्षक निराश

    बेसिक के शिक्षकों को इस बार सामान्य तबादले की उम्मीद नहीं

    परस्पर तबादले के बाद समायोजन का आदेश जारी


    लखनऊ। शासन ने हर विभाग में 30 जून तक आवश्यक तबादले करने के निर्देश दिए हैं। इसके तहत विभाग अपने स्तर से तबादले की प्रक्रिया पूरी कर रहे हैं। किंतु बेसिक शिक्षा विभाग में अभी तक तबादला नीति व निर्देश नहीं जारी किए गए हैं। इससे बेसिक विद्यालयों के शिक्षक निराश हैं। हालांकि विभागीय सूत्रों के अनुसार इस बार सामान्य तबादले की उम्मीद नहीं है।


    बेसिक शिक्षा विभाग ने लंबे समय बाद पिछले साल शिक्षकों के सामान्य तबादले किए थे। इसमें 16,614 से ज्यादा शिक्षकों के तबादले हुए थे। वहीं, जनवरी 2024 में 20 हजार शिक्षकों के जिले के अंदर परस्पर तबादले हुए और हाल ही में एक से दूसरे जिले में 2,796 शिक्षकों के तबादले हुए। वहीं, अब जून खत्म होने में सिर्फ चार दिन बचे हैं लेकिन विभाग ने अभी तक सामान्य तबादले को लेकर कोई निर्देश नहीं जारी किया है। 


    शिक्षकों का कहना है कि वह काफी समय से इंतजार कर रहे हैं, पर विभाग ध्यान नहीं दे रहा है। जानकारी के अनुसार विभाग परस्पर तबादले के बाद शिक्षकों के समायोजन (जहां ज्यादा और जहां कम शिक्षक हैं) का आदेश बुधवार को जारी कर दिया। वहीं फिलहाल सामान्य तबादले की कोई उम्मीद नहीं है।


    वहीं, बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव सुरेंद्र कुमार तिवारी का कहना है कि शिक्षकों की व्यवस्था अन्य कर्मचारियों से थोड़ी अलग है। शिक्षकों को तबादले की सुविधा दी जाती है। यह एक सतत प्रक्रिया नहीं है। क्योंकि इसका सीधा असर पठन-पाठन पर पड़ता है। अभी सामान्य तबादले की कोई प्रक्रिया नहीं चल रही है। जिन स्कूलों में ज्यादा और जिन स्कूलों में कम शिक्षक हैं, उनके समायोजन की प्रक्रिया चल रही है।

    Wednesday, June 26, 2024

    झांसी बीएसए के स्टेनो को विजिलेंस ने रिश्वत लेते किया गिरफ्तार, वेतन बहाल करने के लिए टीचर से मांगी थी घूस

    झांसी बीएसए के स्टेनो को विजिलेंस ने रिश्वत लेते किया गिरफ्तार, वेतन बहाल करने के लिए टीचर से मांगी थी घूस


    झांसी : शिक्षा विभाग के स्टेनो को विजिलेंस ने 5 हजार रुपये रिश्वत लेते गिरफ्तार कर लिया. उसने शिक्षक से वेतन बहाल करने के एवज में घूस मांगी थी. 



    विजिलेंस टीम के मुताबिक शिक्षा विभाग में बीएसए कार्यालय में तैनात स्टेनो सुरेश पर लगातार भ्रष्टाचार के आरोप लग रहे थे. पीड़ित की शिकायत पर विजिलेंस की टीम ने मंगलवार को स्टेनो सुरेश को रंगे हाथ दबोच लिया. 


    टीम उससे पूछताछ कर रही है. लहचूरा थाना क्षेत्र निवासी अध्यापक मनोज कुमार ने आरोप लगाया था कि बीएसए का स्टेनो सुरेश बाबू उससे पांच हजार रुपये रिश्वत की मांग कर रहा था.

    यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित

    यूपी बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित, 


    बीएड प्रवेश परीक्षा में अलीगढ़ के मनोज पहले, प्रयागराज के शिवमंगल दूसरे और प्रतापगढ़ के पवन चौथे स्थान पर


    झांसी। बुंदेलखंड  विश्वविद्यालय ने मंगलवार को बीएड प्रवेश परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया। अलीगढ़ के मनोज कुमार ने 400 में 344.67 अंक प्राप्त कर प्रदेश में टॉप किया है। वहीं, 339.33 अंक हासिल कर प्रयागराज के शिवमंगल दूसरे और 338.66 अंक लाकर वाराणसी के नजीर अहमद तीसरे स्थान पर रहे। जबकि प्रतापगढ़ के पवन चौरसिया ने चौथा स्थान हासिल किया है। 


    51 जिलों के 470 केंद्रों पर बीएड की प्रवेश परीक्षा कराई थी। परीक्षा के लिए 2,23,384 अभ्यर्थियों ने ऑनलाइन आवेदन किया था, जिसमें 102011 पुरुष और 121372 महिलाएं शामिल हैं। शासन ने बीयू प्रशासन को 30 जून तक परीक्षा परिणाम जारी करने के निर्देश दिए थे।


    कुलपति प्रो. मुकेश पांडेय ने बताया कि बीयू ने मंगलवार को रिजल्ट जारी कर दिया। दोनों पालियों की परीक्षा में शामिल हुए 1,93,062 अभ्यर्थियों की रैंकिंग जारी की गई है। अभ्यर्थी बीयू की वेबसाइट www.bujhansi.ac.in पर जाकर परिणाम देख सकते हैं। 


    टॉप 20 में अलीगढ़ और जौनपुर के पांच-पांच अभ्यर्थी : बीयू ने जो टॉप 20 अभ्यर्थियों की सूची जारी की है, उसमें अलीगढ़ और जौनपुर के पांच-पांच अभ्यर्थी शामिल हैं। वहीं, आजमगढ़ और मिर्जापुर के दो-दो अभ्यर्थी शामिल हैं। झांसी मंडल में जालौन के अभ्यर्थी आदित्य गोस्वामी की 19वीं रैंक आई है।


    टाप-10 सूची में छह तिन छात्रओं और चार छात्राओं ने जगह कोने बनाई है। शीर्ष से लेकर चार स्थान चन तक छात्रों का कब्जा है। प्रवेश परीक्षा बाले परिणाम में 89,103 पुरुष अभ्यर्थी लिए और 1,03,958 महिला अभ्यर्थी को रैंक जारी की गई है। सफल अभ्यर्थियों में 54 प्रतिशत महिलाएं और 46 प्रतिशत पुरुष हैं।


    टाप-10 में पांच पिछड़ा वर्ग सेः राज्य की टाप-10 सूची में पिछड़ा वर्ग के अभ्यर्थियों का दबदबा रहा। टापर मनोज कुमार पिछड़ा वर्ग से हैं। साथ ही चार अन्य अभ्यर्थी भी इसी वर्ग से आते हैं। इसके अलावा टाप-10 में तीन सामान्य तथा दो अनुसूचित जाति वर्ग से हैं। मेरिट में पहले 20 अभ्यर्थियों में पांच अलीगढ़ के हैं। इनमें टापर मनोज कुमार के साथ दीक्षा, अंजली राय, हर्षिता वाष्णैय, आवेश कुमार अलीगढ़ से हैं। आदित्य कुमार यादव, अमन यादव व प्रियांशु जायसवाल जौनपुर से हैं। टाप 20 में 14 छात्रों ने जगह बनाई तो छात्राओं की संख्या छह है।