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    Thursday, April 24, 2025

    राजकीय स्कूलों में बनेगा मिनी इंडोर स्टेडियम, हर मिनी स्टेडियम के लिए पांच करोड़ स्वीकृत, पीपीपी मॉडल पर होगा संचालन

    राजकीय स्कूलों में बनेगा मिनी इंडोर स्टेडियम, हर मिनी स्टेडियम के लिए पांच करोड़ स्वीकृत, पीपीपी मॉडल पर होगा संचालन

    18 जिलों के 23 राजकीय विद्यालयों के लिए पीएबी ने स्वीकृत किया बजट


    लखनऊ। प्रदेश के राजकीय विद्यालयों में बढ़ने वाले छात्रों को पठन-पाठन के साथ शारीरिक रूप से भी स्वस्थ्य रखने की कवायद आकार लेने लगी है। इस क्रम में रायबरेली, अमेठी, सुल्तानपुर, सीतापुर समेत 18 जिलों के 23 राजकीय विद्यालयों में इंडोर मिनी स्टेडियम का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए शिक्षा मंत्रालय की प्रोजेक्ट एडवायजरी बोर्ड (पीएबी) ने बजट स्वीकृत किया है।

    इसके तहत रायबरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, सीतापुर, इटावा, गोरखपुर, बरेली, मेरठ, प्रयागराज, मिर्जापुर, लखीमपुर, ललितपुर, महाराजगंज, कासगंज, मुरादाबाद, रामपुर, जालौन व फतेहपुर में जीआईसी व जीजीआईसी में छात्रों को नियमित खेल गतिविधियों के लिए मिनी स्टेडियम स्वीकृत किए गए हैं। हर मिनी स्टेडियम के लिए पांच करोड़ कुल 115 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया है। इससे ग्रामीण व शहरी क्षेत्र की छिपी हुई खेल प्रतिभा को निखारने का भी मौका मिलेगा।

    माध्यमिक शिक्षा विभाग के अनुसार विद्यालयों में खेलों को शिक्षा का अभिन्न अंग बनाकर छात्रों में प्रतिस्पर्धात्मक भावना, टीमवर्क और नेतृत्व क्षमता को विकसित किया जाएगा। इसमें छात्र-छात्राओं को नियमित खेल गतिविधियों व शारीरिक दक्षता के लिए मिनी स्टेडियम का प्रयोग स्कूल समय के बाद किया जाएगा। मिनी स्टेडियम का संचालन पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (पीपीपी) मोड में किया जाएगा। इससे स्थानीय खिलाड़ियों, प्रशिक्षकों को और खेल से जुड़े लोगों को लाभ होगा।

    विभाग के अनुसार यह पहल ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों की छुपी हुई खेल प्रतिभाओं को राज्य और राष्ट्रीय स्तर तक पहुंचाने में भी सहयोगी होगी। पीपीपी मोड में प्रशिक्षकों, प्रबंधकों व अन्य सहायक सेवाओं के माध्यम से युवाओं के लिए स्थानीय स्तर पर रोज़गार और स्वरोज़गार के नए अवसर भी पैदा होंगे। पीएबी में बजट स्वीकृत होने के बाद माध्यमिक शिक्षा विभाग जल्द इसकी औपचारिकता पूरी कर इसका काम शुरू कराएगा।



    23 GIC  में बनाए जाएंगे मिनी स्टेडियम, खेलकूद को बढ़ावा देने के लिए प्रति विद्यालय 4.92 करोड़ मंजूर, सरकार ने जारी किया बजट

    ■ बरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, मेरठ और फतेहपुर के दो-दो स्कूल

    ■ प्रयागराज समेत प्रदेश के 18 जिलों में बनेंगे इंडोर मिनी स्टेडियम

    10 अप्रैल 2025
    प्रयागराज । स्कूली बच्चों में खेलकूद को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश के 23 राजकीय इंटर कॉलेजों में 113.16 करोड़ रुपये से इंडोर मिनी स्टेडियम बनाए जाएंगे। 18 जिलों के इन जीआईसी और जीजीआईसी में मिनी स्टेडियम निर्माण के लिए प्रत्येक विद्यालय को 4.92-4.92 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने 26 मार्च को संबंधित जिलों के जिला विद्यालय निरीक्षकों को प्रत्येक विद्यालय के लिए 2.16 करोड़ की धनराशि जारी भी कर दी है।

    बरेली, सुल्तानपुर, अमेठी, मेरठ और फतेहपुर के दो-दो स्कूलों में मिनी स्टेडियम बनेगा, जबकि प्रयागराज समेत अन्य जिलों में एक-एक स्कूल को चुना गया है। बरेली में पीएमश्री जीआईसी और जीजीआईसी, सुल्तानपुर में जीआईसी और राजकीय अभिनव विद्यालय टिकरीपन्ना, अमेठी में जीआईसी टीकरमाफी व जीजीआईसी सोनारीकला, मेरठ में जीआईसी हस्तिनापुर व जीआईसी, जबकि फतेहपुर में पीएमश्री जीआईसी व पीएमश्री जीजीआईसी में मिनी स्टेडियम बनेगा।

    इसके अलावा प्रयागराज में पीएमश्री जीआईसी, जीआईसी रायबरेली, जीआईसी इटावा, राजकीय जुबिली इंटर कॉलेज गोरखपुर, जीआईसी मिर्जापुर, जीआईसी सीतापुर, जीआईसी लखीमपुर, जीआईसी ललितपुर, जीआईसी महाराजगंज, पं. दीन दयाल उपाध्याय राजकीय मॉडल इंटर कॉलेज टिम्बरपुर सोरों कासगंज, जीआईसी मुरादाबाद, राजकीय रजा इंटर कॉलेज रामपुर, जीआईसी उरई जालौन में मिनी स्टेडियम को मंजूरी मिली है।

    अन्य जिलों में भी बनेगा मिनी स्टेडियम
    प्रदेश के दूसरे जिलों के राजकीय इंटर कॉलेजों में मिनी स्टेडियम का निर्माण होगा। अपर शिक्षा निदेशक राजकीय अजय कुमार द्विवेदी का कहना है कि जिला मुख्यालय के जिन राजकीय इंटर कॉलेजों में 2500 वर्गमीटर से अधिक जमीन है वहां मिनी स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। पहले चरण में 18 जिलों के 23 कॉलेजों के लिए 49.68 करोड़ की धनराशि जारी हो चुकी है। अन्य जिलों में मिनी स्टेडियम स्थापित करने के लिए सूचना मांगी जा रही है।




    राजकीय इंटर कॉलेज की खाली जमीनों पर बनेंगे इंडोर मिनी स्टेडियम, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने दिए एस्टीमेट तैयार करने के निर्देश, जिला मुख्यालय पर प्रोजेक्ट अलंकार के तहत होगा निर्माण 


    23 फरवरी 2025
    लखनऊ। प्रदेश में जिला मुख्यालय स्तर पर राजकीय इंटर कॉलेजों में खाली पड़ी जमीन पर इंडोर मिनी स्टेडियम बनेंगे। माध्यमिक शिक्षा विभाग ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक से एस्टीमेट तैयार करके उपलब्ध कराने का निर्देश दिया है। इसके लिए प्रोजेक्ट अलंकार के तहत बजट दिया जाएगा।

    माध्यमिक शिक्षा विभाग का कहना है कि जिला मुख्यालय स्तर पर ऐसे राजकीय इंटर कॉलेज (बालक-बालिका), जहां 2500 वर्ग मीटर से अधिक जमीन खाली है। यहां पर खेल सुविधाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए एक मिनी स्टेडियम बनाने व चलाने का प्रस्ताव है।


    माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक को खेल विभाग से अनुमोदित इंडोर मिनी स्टेडियम का मॉडल भी भेजा है। उन्होंने इसके अनुसार जिला मुख्यालय के ऐसे इंटर कॉलेजों को चिह्नित करते हुए मंडलवार एस्टीमेट तैयार कराने के निर्देश दिए हैं।

    यह पांच करोड़ रुपये से अधिक का नहीं होना चाहिए। प्रोजेक्ट अलंकार के तहत इन स्टेडियम का निर्माण कराया जाएगा। इसके माध्यम से राजकीय इंटर कॉलेजों की आर्थिक स्थिति भी सुदृढ़ करने का काम किया जा सकेगा।

    उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित कराने के संबंध में

    प्रदेश में संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा जिले स्तर पर पांच जुलाई से

    लखनऊ। युवाओं में संस्कृत की पढ़ाई के प्रति रुझान बढ़ाने व आर्थिक सहयोग के उद्देश्य से संस्कृत प्रतिभा खोज व संस्कृत अध्ययन प्रोत्साहन योजना शुरू की गई है। 

    संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा इस बार जिला स्तर पर 5 से 31 जुलाई तक होगी। मंडल स्तर पर 5 से 13 अगस्त तक परीक्षा होगी। इसके बाद राज्य स्तरीय परीक्षा भी होगी। संस्कृत प्रतिभा खोज परीक्षा दो वर्गों में होगी। पहले वर्ग में कक्षा 6 से 12 तक और दूसरे वर्ग में स्नातक-स्नातकोत्तर के विद्यार्थी शामिल होंगे। 

    पहले वर्ग में संस्कृत गीत, संस्कृत सामान्य ज्ञान, श्लोकान्त्याक्षरी, अष्टाध्यायी कंठस्थ पाठ, अमरकोश कंठस्थ पाठ, लघुसिद्धांतकौमुदी कंठस्थ पाठ व तर्क संग्रह कंठस्थ पाठ होगा। दूसरे वर्ग में संस्कृत सामान्य ज्ञान, संस्कृत भाषण व श्रुति लेखन होगा।

     उप्र. संस्कृत संस्थान के पूर्व अध्यक्ष डॉ. वाचस्पति मिश्र ने बताया कि युवाओं को संस्कृत से निरंतर जोड़ा जा रहा है। इस वर्ष भी परीक्षा के माध्यम से युवाओं की छिपी प्रतिभा को निखारा जाएगा। सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वालों को पुरस्कृत भी किया जाएगा। राज्य स्तर पर पहले विजेता को 11 हजार, दूसरे को 7 हजार, तीसरे को 5 हजार रुपये दिए जाएंगे। तीन सांत्वना पुरस्कार भी तीन-तीन हजार रुपये के दिए जाएंगे। जिला व मंडल स्तर पर भी विजेताओं को पुरस्कार राशि दी जाएगी। 



    उत्तर प्रदेश के माध्यमिक विद्यालयों में भारतीय संस्कृति ज्ञान परीक्षा आयोजित कराने के संबंध में 


    यूपी बोर्ड: परिणाम आने के बाद 10वीं व 12वीं की ऑनलाइन मिलेगी डुप्लीकेट मार्कशीट, डिजी लॉकर में कर सकेंगे सुरक्षित, वेबसाइट पर रहेगी ऑनलाइन मार्कशीट


    यूपी बोर्ड: परिणाम आने के बाद 10वीं व 12वीं की ऑनलाइन मिलेगी डुप्लीकेट मार्कशीट, डिजी लॉकर में कर सकेंगे सुरक्षित, वेबसाइट पर रहेगी ऑनलाइन मार्कशीट


    प्रयागराज : एशिया के सबसे बड़े शिक्षा बोर्ड उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज (यूपी बोर्ड) के हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट का रिजल्ट 25 अप्रैल के बाद किसी भी दिन घोषित हो सकता है लेकिन इस बार यूपी बोर्ड ने हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के 54 लाख से अधिक परिक्षार्थियों के लिए पहली बार रिजल्ट की घोषणा के तुरंत बाद आनलाइन डुप्लीकेट मार्कशीट देने जा रहा है जबकि पहले बोर्ड रिजल्ट घोषित होने के बाद विषयवार अंक देता था।

    इस बार यूपी बोर्ड हाई स्कूल और इण्टरमीडिएट रिजल्ट की घोषणा के तुरंत बाद आनलाइन अंकपत्र का डुप्लीकेट देगा जो मूल मार्कशीट की तरह होगा। इस मार्कशीट की डिजाइन मूल मार्कशीट की तरह होगी। नाम, पिता का नाम, जन्म तिथि, अनुक्रमांक, पंजीकरण संख्या, विषयवार अंक सहित अन्य पूरा विवरण होगा जिससे परीक्षार्थियों को कहीं प्रवेश लेने में परेशानी ना हो। जबकि पहले रिजल्ट घोषित होने के बाद परीक्षार्थी को अंकों का विषयवार विवरण मिलता था।

    यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने बताया कि इस बार मार्कशीट को नयी डिजाइन, कलर के साथ दिया जा रहा है, यह वाटरप्रूफ है। उन्होंने बताया कि इस बार जिस दिन हाईस्कूल और इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी होगा उसी के कुछ मिनट बाद बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के डुप्लीकेट मार्कशीट को आनलाइन जारी करने जा रहा है, इससे परीक्षार्थियों को सुविधा होगी और उनको कहीं प्रवेश लेने में परेशानी नहीं होगी। सचिव ने बताया कि रिजल्ट घोषित होने के 15 दिन के भीतर मूल मार्कशीट परीक्षार्थियों के विद्यालय से उनको मिल जाएगी।

    सचिव ने बताया कि इस बार रिजल्ट के साथ जो आनलाइन मार्कशीट जारी होगी उसको लोग अपने डीजी व लाकर में सुरक्षित कर सकते हैं, यूपी बोर्ड भी उसको अपनी वेबसाइट पर प्र आनलाइन रखेगा जिससे कि कोई भी विभाग बोर्ड की वेबसाइट पर जाकर सत्यापन कर सके। उल्लेखनीय है कि इस वर्ष हाईस्कूल और इंटरमीडिएट व में 5437233 परीक्षार्थी पंजीकृत व थे जिनमें से 302508 (5.56%) अनुपस्थित रहे। पिछले साल 2024 की 10वीं-12वीं परीक्षा में पंजीकृत 5525342 परीक्षार्थियों में से 323166 (5.84 फीसदी) गैरहाजिर थे।




    24 अप्रैल के बाद किसी भी दिन जारी होंगे यूपी बोर्ड के परीक्षा परिणाम

    यूपी बोर्ड के सचिव ने किया स्पष्ट, 25 अप्रैल से पहले घोषित नहीं होगा रिजल्ट


    प्रयागराज। यूपी बोर्ड 24 अप्रैल के बाद किसी भी दिन वर्ष-2025 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं का परिणाम जारी कर सकता है। सोशल मीडिया पर नतीजे को लेकर चल रहीं कयासबाजियों पर विराम लगाते हुए बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने स्पष्ट किया है कि परिणाम 25 अप्रैल से पहले घोषित नहीं किया जाएगा।



    बोर्ड के सूत्रों का कहना है कि परीक्षा परिणाम 26 अप्रैल को जारी किया जा सकता है, क्योंकि रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम दौर में है। यूपी बोर्ड की परीक्षा में शामिल 51 लाख से अधिक परीक्षार्थियों को परिणाम का इंतजार है।

    इस बार बोर्ड ने कॉपियों का मूल्यांकन 15 दिनों में पूरा करा लिया था। मूल्यांकन कार्य 19 मार्च से दो अप्रैल तक प्रदेश के 261 केंद्रों में कराया गया। इसके बाद बोर्ड ने सात से नौ अप्रैल तक हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाओं में शामिल परीक्षार्थियों के शैक्षिक विवरण में त्रुटि संशोधन के लिए आवेदन लिए।

    इस बीच बोर्ड ने प्रयोगात्मक परीक्षा में शामिल होने से वंचित रह गए परीक्षार्थियों के लिए सात एवं आठ अप्रैल को फिर से प्रयोगात्मक परीक्षाएं भी कराईं और इसके बाद रिजल्ट तैयार करने की प्रक्रिया शुरू की गई। इस बार हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षा के लिए 54,37,233 परीक्षार्थी पंजीकृत थे।

    अनुदानित माध्यमिक कॉलेजों में फीस में जुड़ेंगे सीसीटीवी, बिजली व विकास शुल्क

    अनुदानित माध्यमिक कॉलेजों में फीस में जुड़ेंगे सीसीटीवी, बिजली व विकास शुल्क


    लखनऊ। अनुदानित माध्यमिक विद्यालय में पढ़ने वाले छात्रों से बिजली बिल, सीसीटीवी कैमरों व विकास संबंधी शुल्क भी लिया जाएगा। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा उत्तर प्रदेश ने इसकी रूपरेखा तैयार कर ली है। शासन को भेजे गए प्रस्ताव पर मुहर लगने के बाद अगले सत्र से इसे लागू कर दिया जाएगा। अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय में पढ़ने वाले विद्यार्थियों से अभी पढ़ाई का शुल्क लिया जा रहा है। लेकिन, निजी शिक्षण संस्थानों की तरह अब उनसे विद्यालय की अन्य सुविधाओं का भी शुल्क लिया जाएगा। 


    विद्यालय प्रबंधक की ओर से जारी मांग पत्र के अनुसार, छात्रों के शुल्क खाते में विद्यालय के विकास शुल्क में 10 रुपये की बढ़ोतरी की जाएगी। बिजली शुल्क 10 रुपये और सीसीटीवी कैमरो की मरम्मत के लिए 5 रुपये प्रति माह किए जाएंगे। इसी तरह प्रति छात्र के फीस शुल्क खाते में हर माह 25 रुपये की बढ़ोतरी होगी।



    शिक्षा मंत्री व अफसरों से प्रबंधक सभा को मिला आश्वासन

    अशासकीय सहायता प्राप्त विद्यालय प्रबंधक सभा के महामंत्री मनमोहन तिवारी ने बताया कि संगठन ने माध्यमिक शिक्षा मंत्री गुलाब देवी से इस संबंध में वार्ता की है। शिक्षा महानिदेशक कंचन वर्मा और एडिशनल डायरेक्टर सुरेन्द्र तिवारी भी उपस्थित थे। सभी मांगों पर संगठन और मंत्री व उनके अधिकारियों के बीच सहमति बनी है। डीजी ने संगठन को आश्वस्त किया है कि सभी बिंदुओं पर जल्द कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।

    एक और जिले में विद्यालय समय परिवर्तन आदेश जारी, देखें

    एक और जिले में विद्यालय समय परिवर्तन आदेश जारी, देखें



    आजमगढ़ 

    कानपुर देहात

    पीलीभीत 
    बुलंदशहर 


    श्रावस्ती 
    कासगंज 
    बदायूं 
    फतेहपुर

    महोबा 


    औरैया 

    अलीगढ़ 

    संतकबीर नगर

    मऊ 

    लखीमपुर खीरी 
    हाथरस


    अमेठी

    चंदौली 

    उन्नाव

    प्रतापगढ़ 

    अमेठी 

    एटा 

    जालौन 

    आगरा

    सोनभद्र 


    जौनपुर 

    मीरजापुर 

    बांदा 

    इटावा 

    चित्रकूट 

    सुलतानपुर 

    महोबा 


    हमीरपुर 

    प्रयागराज


    Wednesday, April 23, 2025

    पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर सॉल्वर बैठाने में डायट प्रवक्ता निलंबित

    पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर सॉल्वर बैठाने में डायट प्रवक्ता निलंबित, सचिव के आदेश पर डायट प्राचार्य ने की कार्रवाई, साल 2024 में हुई थी परीक्षा


    प्रतापगढ़। डायट के पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर महिला सॉल्वर बैठाने पर परीक्षा नियामक प्राधिकारी सचिव के आदेश पर डायट प्रवक्ता को निलंबित कर दिया गया है। डायट प्राचार्य ने निलंबन का आदेश मंगलवार को जारी किया। साल 2024 में डीएलएड प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा के दौरान धांधली की गई थी।

    जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) की डीएलएड प्रथम सेमेस्टर की परीक्षा आठ अगस्त से शुरू होकर दस अगस्त तक चली थी। डायट अतरसंड में प्रथम सेमेस्टर की प्रशिक्षु पूर्व प्राचार्य अशोक यादव की पुत्रवधू अभिलाषा को परीक्षा केंद्र केपी हिंदू इंटर कॉलेज आवंटित किया गया।

    डायट में तैनात अंग्रेजी के प्रवक्ता जितेंद्र कुमार के सहयोग से पूर्व प्राचार्य की पुत्रवधू के स्थान पर महिला सॉल्वर को बैठाया गया। प्रयागराज से महिला सॉल्वर को बुलाकर परीक्षा कराई गई। सह परीक्षा प्रभारी के दायित्व का नर्वहन करते हुए डायट प्रवक्ता ने अभिलाषा का प्रवेश पत्र स्वयं प्राप्त किया।

    इसके अलावा डायट प्रवक्ता पर प्रवेश समिति के प्रभारी पद के निर्वहन के दौरान प्रवेश शुल्क ड्राफ्ट से न लेकर विद्यार्थियों से नकद शुल्क लिया गया। शासकीय धन को व्यक्तिगत उपयोग में लेने के 18 माह बाद राजकोष में जमा किया गया।

    डीएलएड प्रवेश प्रभारी के दौरान 186 प्रशिक्षुओं के सापेक्ष 157 के ही मूल अभिलेख जमा किए। आरोप सिद्ध होने के बाद तत्काल प्रभाव से परीक्षा नियामक प्राधिकारी के सचिव ने निलंबन का आदेश दे दिया। डायट प्रवक्ता को डायट रायबरेली से संबद्ध कर दिया गया है।



    डीएलएड में सॉल्वर बिठाकर नकल कराने के मामले में डायट प्रवक्ता निलंबित 




    सभी छात्रों की शुल्क भरपाई के लिए अब होगी एक ही समयसारिणी, हर साल 60 लाख विद्यार्थी पाते हैं लाभ, मुख्य सचिव के स्तर से जारी होगा कार्यक्रमछात्रवृत्ति, शुल्क प्रतिपूर्ति, उत्तर प्रदेश,

    सभी छात्रों की शुल्क भरपाई के लिए अब होगी एक ही समयसारिणी, हर साल 60 लाख विद्यार्थी पाते हैं लाभ, मुख्य सचिव के स्तर से जारी होगा कार्यक्रम


    लखनऊ। प्रदेश में सभी वर्गों के विद्यार्थियों के लिए छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के लिए एक ही समयसारिणी जारी होगी। इसमें आवेदन से लेकर भुगतान तक का समय जारी होगा। यह समय सारिणी मुख्य सचिव के स्तर से जारी होगी। योजना में हर साल करीब 60 लाख विद्यार्थी लाभ पाते हैं।


    प्रदेश सरकार अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों को ढाई लाख रुपये सालाना एवं अन्य वर्गों के लिए दो लाख रुपये तक सालाना आय होने पर योजना का लाभ दिया जाता है। अभी सामान्य वर्ग और अनुसूचित जाति व जनजाति छात्रों के लिए समाज कल्याण विभाग, पिछड़ा वर्ग के लिए पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग और अल्पसंख्यक छात्रों के लिए अल्पसंख्यक कल्याण विभाग समयसारिणी जारी करता है।


    सभी विभागों की समयसारिणी अलग-अलग जारी होती है। इससे डाटा प्रोसेस (जांच आदि) करने में एनआईसी को दिक्कत आती है। आम तौर पर विभाग अपने स्तर से समयसारिणी जारी कर देते हैं, जिससे एनआईसी को डाटा की जांच के लिए पर्याप्त समय भी नहीं मिल पाता है। इसलिए निर्णय लिया गया है कि समयसारिणी जारी करने से पहले इस पर एनआईसी के साथ भी विचार-विमर्श किया जाएगा।


    छात्रवृत्ति का वितरण सितंबर-अक्तूबर में

    पिछले वित्त वर्ष तक छात्रवृत्ति का वितरण मार्च तक किया जाता है। इस बार सितंबर-अक्तूबर में ही वितरण की योजना बनाई जा रही है। ताकि, छात्रों को अपनी पढ़ाई जारी रखने में कोई दिक्कत न आए।

    परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा, स्मार्ट पढ़ाई पर जोर

    परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा, स्मार्ट पढ़ाई पर जोर


    लखनऊः परिषदीय स्कूलों में डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा देकर स्मार्ट तरीके से पढ़ाई पर जोर दिया जा रहा है। इन विद्यालयों में 2.09 टैबलेट दिए गए हैं और 18 हजार से अधिक विद्यालयों में स्मार्ट क्लास बनाई जा चुकी हैं। डिजिटल लर्निंग को बढ़ावा देकर निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी विद्यालयों में भी पढ़ाई कराई जा रही है। छात्रों को आडियो-वीडियो के माध्यम से रोचक ढंग से कठिन से कठिन पाठ आसानी से समझाए जा रहे हैं।


    प्रदेश के सभी ब्लाक में एक-एक इन्फार्मेशन कम्युनिकेशन टेक्नोलाजी (आइसीटी) लैब बनाई गई है। यहां पर परिषदीय उच्च प्राथमिक स्कूलों के विद्यार्थियों को कंप्यूटर शिक्षा देने की व्यवस्था की गई है। बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) संदीप सिंह के मुताबिक आपरेशन कायाकल्प की मदद से विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं बढ़ाई गई हैं और इसके साथ ही डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर को भी तेजी से बढ़ाया जा रहा है।


    शिक्षकों को जो टैबलेट दिए गए हैं, उसमें इंटरनेट की सुविधा दी गई है। विद्यालय में उपस्थिति सहित सभी 12 रजिस्टर को डिजिटल रजिस्टर में तब्दील कर आनलाइन सूचनाएं बेसिक शिक्षा विभाग को भेजी जा रही हैं और इस पर आनलाइन पाठ्य सामग्री भी भेजी जा रही है। नवभारत उदय कार्यक्रम के तहत डिजिटल शिक्षा की नींव तैयार कर ली गई है। वर्ष 2022 से लेकर वर्ष 2024 तक सीतापुर में 59 स्मार्ट टीवी और पांच कंप्यूटर लैब स्थापित की गईं। अब आगे 501 प्राथमिक स्कूलों में स्मार्ट टीवी का वितरण किया जाएगा। छात्रों को रोचक ढंग से पढ़ाई कराने पर जोर दिया जा रहा है।

    Tuesday, April 22, 2025

    मानदेय, मेडिकल व मूल विद्यालय वापसी के लिए अपर मुख्य सचिव से शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने एमएलसी के साथ की वार्तालाप

    मानदेय, मेडिकल व मूल विद्यालय वापसी के लिए अपर मुख्य सचिव से शिक्षामित्र संघ के पदाधिकारियों ने एमएलसी के साथ की वार्तालाप  


    लखनऊ। प्रदेश के परिषदीय स्कूलों में तैनात शिक्षामित्रों व अनुदेशकों का मानदेय बढ़ाने, मेडिकल सुविधा देने व मूल विद्यालय वापसी के लिए एक प्रतिनिधिमंडल सोमवार को अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा दीपक कुमार से मिला। इस प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व एमएलसी श्रीचंद शर्मा व अवनीश सिंह ने किया।


    उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने बताया कि अपर मुख्य सचिव बेसिक शिक्षा ने आयुष्मान से जोड़े जाने पर स्वास्थ्य विभाग से वार्ता कर अवगत कराने का निर्देश दिया। साथ ही मूल विद्यालय वापसी पर बेसिक शिक्षा निदेशक के साथ बैठक करने और मानदेय बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री से निर्देश लेने की बात कही।


    वहीं एमएलसी श्रीचंद शर्मा व अवनीश सिंह ने जल्द ही इस मामले में मुख्यमंत्री से समय लेकर वार्ता करने का आश्वासन दिया। श्रीचंद शर्मा ने बताया कि कल ही उनकी मुख्यमंत्री से मुलाकात हो सकती है। अपर मुख्य सचिव से वार्ता में अनुदेशक संघ के प्रदेश अध्यक्ष विक्रम सिंह, जिलाध्यक्ष बनारस अजय सिंह, जिलाध्यक्ष फतेहपुर सुशील तिवारी उपस्थित थे।

    सेवा सुरक्षा बहाली के लिए प्रदेश भर से आए माध्यमिक शिक्षकों ने भरी हुंकार, ईको गार्डन में अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन

    सेवा सुरक्षा बहाली के लिए प्रदेश भर से आए माध्यमिक शिक्षकों ने भरी हुंकार,  ईको गार्डन में अपनी मांगों को लेकर किया प्रदर्शन।


    लखनऊ। सेवा सुरक्षा की बहाली के लिए सोमवार को शिक्षको ने अपनी आवाज बुलंद की। प्रदेशभर से ईको गार्डन में एकत्र हुए शिक्षको ने शिक्षक सेवा सुरक्षा की धारा 12, 18 एवं 21 को नए आयोग में जोड़ने की मांग की। प्रदर्शनकारियों की अगुवाई कर रहे उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षक संघ प्रदेश अध्यक्ष सोहन लाल वर्मा ने कहा कि उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 की धारा 12, 18 एवं 21 को उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 से निरसित (खारिज) कर दिया गया है।


    इन तीनों धाराओं के उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन आयोग अधिनियम 2023 में न होने से प्रदेशभर के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षकों की सेवा पर बुरा असर पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि जब से तीनों धाराएं समाप्त की गई है, प्रदेश में शिक्षकों का निलंबन और बर्खास्तगी का सिलसिला शुरू हो गया है। शिक्षक सेवा सुरक्षा के अभाव में भयभीत हैं।


    प्रदेश संरक्षक डॉ. हरिप्रकाश यादव तथा प्रदेश प्रवक्ता श्रवण कुमार कुशवाहा ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड अधिनियम 1982 निरसित होने के कारण सहायक अध्यापक से प्रवक्ता पद पर पदोन्नति बीते डेढ़ वर्ष से बंद है और इंटरमीडिएट शिक्षा अधिनियम 1921 प्रभावी है। इस मौके पर दीपक सिंह पुंडीर, प्रदेश मंत्री प्रमोद कुमार पाठक, पंकज सिंह, सुरेंद्र प्रताप सिंह, प्रमोद पाल, सुधाकर ज्ञानार्थी आदि ने संबोधित किया।

    Monday, April 21, 2025

    28 मार्च 2005 से पूर्व विज्ञापित पदों पर नियुक्त बेसिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किए जाने के सम्बन्ध में 22 अप्रैल की बैठक में बीटीसी 2004 और उर्दू बीटीसी 2005 बैच के बारे में विचार विमर्श किए जाने की मांग

    28 मार्च 2005 से पूर्व विज्ञापित पदों पर नियुक्त बेसिक शिक्षकों को पुरानी पेंशन योजना से आच्छादित किए जाने के सम्बन्ध में 22 अप्रैल की बैठक में बीटीसी 2004 और उर्दू बीटीसी 2005 बैच के बारे में विचार विमर्श किए जाने की मांग