जिले के स्ट्रांग रूम में रहेंगे यूपी बोर्ड परीक्षा के बचे रिजर्व प्रश्नपत्र, वर्ष 2026 की प्री बोर्ड परीक्षा के लिए विद्यालयों को दिए जाने की योजना
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 के लिए केंद्रों पर भेजे गए अतिरिक्त (रिजर्व) प्रश्नपत्र सचिव भगवती सिंह ने वापस मंगाए हैं। यह में सुरक्षित रखवाए जाएंगे। इन प्रश्नपत्रों को वर्ष 2026 की प्री बोर्ड परीक्षा के लिए विद्यालयों को दिए जाने की योजना है। इससे जहां छात्र-छात्राएं इन प्रश्नपत्रों से परीक्षा देकर बोर्ड परीक्षा को लेकर अपनी तैयारी परख सकेंगे, वहीं करोड़ों रुपये से छपवाए गए प्रश्नपत्रों का सदुपयोग भी हो जाएगा।
यूपी बोर्ड ने परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र लीक होने या किसी कारण शुचिता प्रभावित होने पर दूसरे प्रश्नपत्र से परीक्षा कराने के लिए प्रत्येक विषय के अतिरिक्त प्रश्नपत्र तैयार कराए थे। प्रश्नपत्रों को जिला मुख्यालय के स्ट्रांग रूम पर रखने के बजाय पहली बार सभी 8140 परीक्षा केंद्रों के स्ट्रांग रूमों में भेजा गया था, ताकि आवश्यकता पड़ने पर परीक्षार्थियों को देकर तत्काल परीक्षा संपन्न कराई जा सके। इन प्रश्नपत्रों को एक अतिरिक्त अलमारी में रखवाया गया था। चूंकि इसका उपयोग नहीं करना पड़ा, इसलिए वर्ष 2026 की प्री बोर्ड परीक्षा के लिए विद्यालयों को देने की योजना यूपी बोर्ड ने तैयार की है।
अभी कुछ जिलों के कई परीक्षा केंद्रों से चौथी अलमारी में रखे अतिरिक्त प्रश्नपत्र जिला मुख्यालय के स्ट्रांग रूमों में नहीं पहुंचाए गए हैं। इसके चलते जिला विद्यालय निरीक्षकों ने प्रश्नपत्रों को अविलंब मुख्यालय के कंट्रोल रूम में पहुंचाने के निर्देश प्रधानाचार्यों/केंद्र व्यवस्थापकों को दिए हैं। प्रवक्ताओं से प्रश्नपत्र तैयार कराकर हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की प्री बोर्ड परीक्षा कराते हैं।
यूपी बोर्ड: बेकार नहीं जाएंगे अतिरिक्त / रिजर्व प्रश्नपत्र, प्री बोर्ड के लिए इस्तेमाल किए जाने की हो रही कवायद
06 अप्रैल 2025
प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा-2025 के लिए केंद्रों पर भेजे गए अतिरिक्त (रिजर्व) प्रश्नपत्रों की आवश्यकता नहीं पड़ने पर वह अनुपयोगी हो गए।
इन प्रश्नपत्रों को नष्ट कराने के बजाय यूपी बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने वर्ष 2026 की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट प्री बोर्ड परीक्षा के लिए विद्यालयों को उपलब्ध कराने की योजना तैयार की है। इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा जा रहा है, ताकि अनुमति मिलने पर जहां विद्यालयों द्वारा प्रश्नपत्रों का सदुपयोग किया जा सकेगा।
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