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Tuesday, August 22, 2119

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    Wednesday, January 22, 2025

    प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से दिनांक 30 जून/31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को एक नोशनल वेतनवृद्धि जोड़े हुये पेंशन एवं ग्रेच्युटी का लाभ प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में।

    प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों से दिनांक 30 जून/31 दिसम्बर को सेवानिवृत्त होने वाले शिक्षक/शिक्षणेत्तर कर्मचारियों को एक नोशनल वेतनवृद्धि जोड़े हुये पेंशन एवं ग्रेच्युटी का लाभ प्रदान किये जाने के सम्बन्ध में।


    परीक्षा परिणाम के दौरान तनाव से विद्यार्थियों को बचाएगा यूपी बोर्ड, बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए हर जिले में खुलेंगे काउंसिलिंग सेंटर, जिला पुस्तकालयों में बनेंगे केंद्र मनोविज्ञानी व समाजशास्त्री करेंगे काउंसिलिंग

    यूपी बोर्ड: हेल्पलाइन के जरिए समाधान, सभी जनपदों के परीक्षार्थियों की समस्या का हो सकेगा समाधान

    लखनऊ। यूपी बोर्ड 10वीं और 12वीं के परीक्षार्थियों के लिए जिला व मंडलस्तरीय हेल्प डेस्क का गठन हो गया। इसके लिए विषयवार विशेषज्ञों की तैनाती कर दी गई है। बोर्ड परीक्षा की तैयारी करने के दौरान इनके सामने कई जिज्ञासाएं या समस्याएं आती हैं। इन्हीं के समाधान के लिए हेल्प डेस्क बनाई है।


    बोर्ड परीक्षार्थियों के लिए हर जिले में खुलेंगे काउंसिलिंग सेंटर, जिला पुस्तकालयों में बनेंगे केंद्र मनोविज्ञानी व समाजशास्त्री करेंगे काउंसिलिंग

    19 जनवरी 2025
    लखनऊ। प्रदेश में 24 फरवरी से यूपी बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो रही हैं। इसको देखते हुए जहां परीक्षा की तैयारियां तेज हो गई हैं वहीं छात्रों के परीक्षा दबाव को कम करने के लिए भी विभिन्न स्तर पर कवायद की जा रही है। इसी क्रम में अब हर जिले में छात्रों की काउंसिलिंग के लिए जिला पुस्तकालयों में केंद्र खोलने का निर्णय लिया गया है। यह एक सप्ताह में सक्रिय हो जाएंगे।

    माध्यमिक शिक्षा विभाग की ओर से अभी मंडलीय मनोविज्ञान केंद्रों में छात्रों के लिए काउंसिलिंग केंद्र सक्रिय किए जाते थे। किंतु काफी परीक्षार्थी यहां तक नहीं पहुंच पाते थे। इसे देखते हुए इस बार जिलों में स्थित पुस्तकालयों में काउंसिलिंग केंद्र खोलने के निर्देश दिए गए हैं। यहां पर एक मनोविज्ञानी व एक समाजशास्त्री तैनात किए जाएंगे। इनके लिए हेल्पलाइन नंबर भी जारी किए जाएंगे।

    माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेंद्र देव ने कहा कि छात्र यहां पर व्यक्तिगत रूप से जाकर या फोन पर भी अपनी शंकाओं का समाधान कर सकेंगे। दूसरी तरफ माध्यमिक शिक्षा परिषद प्रयागराज व क्षेत्रीय कार्यालयों की ओर से टोल फ्री हेल्प डेस्क का गठन किया जाएगा।



    परीक्षा परिणाम के दौरान तनाव से विद्यार्थियों को बचाएगा यूपी बोर्ड, मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों की ओर से गठित की जाएगी हेल्प डेस्क

    ● परीक्षा कार्यों की समीक्षा बैठक में निदेशक ने दिया आवश्यक निर्देश

    ● 17 और 18 जनवरी को विशेष कार्यशालाओं का होगा आयोजन

    17 जनवरी 2025
    प्रयागराज : यूपी बोर्ड की दसवीं और बारहवीं की परीक्षा 24 फरवरी से प्रस्तावित है। परीक्षार्थियों की मदद के लिए हेल्प डेस्क को सक्रिय कर दिया गया है। परीक्षा परिणाम के दौरान भी परीक्षार्थियों को तनाव से बचाने के उपाय किए जाएंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक महेंद्र देव ने इस दिशा में यूपी बोर्ड की ओर से किए जा रहे कार्यों की समीक्षा के लिए गुरुवार को समीक्षा बैठक की।

    निदेशक ने कहा है कि सभी मंडलों की मनोविज्ञानशालाओं को सक्रिय योगदान देने के लिए तैयार करें। जिन मंडलों में मनोविज्ञानशाला नहीं है, वहां के मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों की ओर से छात्रों की सहायता के लिए तत्काल हेल्प डेस्क का गठन किया जाए और उसमें योग्य एवं प्रशिक्षित लोगों की ड्यूटी लगाई जाए। विशेष कार्याधिकारी, पुस्तकालय प्रकोष्ठ को 17 व 18 जनवरी को विशेष कार्यशालाओं का आयोजन करने के निर्देश दिए। हर विषय में छात्रों के बेहतर प्रदर्शन करने के लिए महत्वपूर्ण जानकारियां वेबसाइट पर अपलोड कर दी गईं हैं।

     सोशल मीडिया चैनलों के माध्यम से भी परीक्षार्थियों को तनाव प्रबंधन के तरीके बताए जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश मनोविज्ञानशाला का सहयोग भी लिया जा रहा है। इस अवसर पर अपर राज्य परियोजना निदेशक, समग्र शिक्षा (माध्यमिक), विशेष कार्याधिकारी, पुस्तकालय प्रकोष्ठ, सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक, क्षेत्रीय सचिव, निदेशक मनोविज्ञानशाला मौजूद रहे।


    अगली बैठक 20 को
    निदेशक ने कहा कि अगली बैठक 20 जनवरी को होगी। उन्होंने बैठक में दिए गए निर्देशों का अनुपालन करने से संबंधित डाटा अगली बैठक में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने छात्रों को परीक्षा के तनाव और चिंता से बचाने के लिए किए जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी निदेशक को दी। सचिव ने बताया कि मुख्यालय स्तर पर हेल्प डेस्क बना दी गई है।




    सोशल मीडिया पर भी समस्या का समाधान बता रहा यूपी बोर्ड, फेसबुक, एक्स हैंडल, यूट्यूब व इंस्टाग्राम पर भी बढ़ी यूपी बोर्ड की सक्रियता

    हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर पर 44 परीक्षार्थियों व अभिभावकों ने किया संपर्क

    10 जनवरी 2025
    प्रयागराज। यूपी बोर्ड ने परीक्षार्थियों की समस्याओं के समाधान के लिए एक तरफ हेल्प डेस्क शुरू कर दी है तो दूसरी ओर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से भी परीक्षार्थियों की समस्याओं का समाधान कर रहा है। बृहस्पतिवार को हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर पर 44 परीक्षार्थियों ने संपर्क किया।

    यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू होंगी। इस बार बोर्ड ने डेढ़ माह पहले ही अपनी सोशल मीडिया टीम को सक्रिय कर दिया है, ताकि अधिक से अधिक परीक्षार्थियों को उनकी समस्याओं का समाधान मिल सके। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने उप सचिव डॉ आनंद त्रिपाठी, ऋचा श्रीवास्तव व डॉ शालिनी यादव को इन तमाम गतिविधियों के लिए नोडल अधिकारी के रूप में जिम्मेदारी सौंपी है।

    डॉ. आनंद त्रिपाठी ने बताया कि फेसबुक व इंस्टाग्राम के माध्यम से परीक्षाओं की तैयारी को लेकर परीक्षार्थियों की ओर से तमाम सवाल पूछे जा रहे हैं। किसी को विषय संबंधी समस्या है तो कोई परीक्षा को लेकर डरा हुआ है। परीक्षार्थियों के सवाल आने पर उनके मैसेज या कमेंट बॉक्स पर समस्या का समाधान बताया जा रहा है। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के माध्यम से प्रयास कि जा रहे हैं कि छात्र-छात्राओं को पर्याप्त अकादमिक सामग्री प्राप्त हो सके। यूपी बोर्ड के एक्स हैंडल पर समय-समय पर जारी होने वाली सूचनाएं उपलब्ध कराई जा रही हैं। वर्चुअल लैब व पढ़ाई के चैनर। भी शेयर किए जा रहे हैं।

    परीक्षार्थी इन नंबरों पर करें संपर्क
    परीक्षार्थियों को अपने विषय में कोई दिक्कत है या मनोवैज्ञानिक समस्या है तो वे यूपी बोर्ड हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर 18001805310 और 18001805312 पर सुबह 11 से शाम चार बजे संपर्क कर सकते हैं।

    वहीं, यू-ट्यूब के माध्यम से परीक्षार्थियों को बताया जा रहा है कि मॉडल प्रश्नपत्र कैसे हल करें, प्रश्नों के उत्तर कैसे लिखें, तनाव से कैसे बचें। कुछ नए क्रिएटिव वीडियो भी अपलोड किए गए हैं, जिनके माध्यम से परीक्षार्थी अपने-अपने विषय की बेहतरी तरीके से तैयारी कर सकते हैं। इसके अलावा यूपी बोर्ड की वेबसाइट के माध्यम से भी परीक्षार्थी अपनी तमाम समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।

    ■ सोशल मीडिया के इन प्लेटफॉमों पर सक्रिय यूपी बोर्ड : अभ्यर्थी ई-मेल आईडी
    ई-मेल आईडी upmspprayagraj@gmail.com, एक्स हैंडल : @upboardpry, फेसबुक पेज : Madhyamik Shiksha Parishad Uttar Pradesh, यूट्यूब चैनल : Madhyamik Shiksha Parishad, UP, Prayagraj (www.youtube.com/@upboardpryj) एवं इंस्टाग्राम आईडी : @upboardpryj से भी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे।



    परीक्षा नजदीक आते ही पहाड़ जैसी लगने लगी विज्ञान व गणित की पढ़ाई, हेल्प डेस्क पर सबसे अधिक आईं भौतिकी, रसायन व गणित विषय से जुड़ी समस्याएं, 

    परीक्षा फोबिया से बचाने के लिए मनोविज्ञानशाला ने भी जारी किया टोल फ्री नंबर 

    इन नंबरों पर करें संपर्क

    परीक्षार्थियों को अपने विषय में कोई दिक्कत है या मनोवैज्ञानिक समस्या है तो वे यूपी बोर्ड हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर 18001805310 और 18001805312 पर सुबह 11 से शाम चार बजे संपर्क कर सकते हैं।


    प्रयागराज। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू होने जा रही हैं, इसके लिए परीक्षार्थी तैयारी में जुट गए हैं। विद्यार्थियों के लिए विज्ञान की पढ़ाई पहाड़ चढ़ने जैसी हो गई है। हेल्प डेस्क के टोल फ्री नंबर से संपर्क करने वाले विद्यार्थियों में से 70 फीसदी की समस्याएं भौतिकी, रसायन और गणित विषय से संबंधित हैं।

    हेल्प डेस्क के सक्रिय होने के बाद दूसरे दिन मंगलवार को 79 परीक्षार्थियों ने टोल फ्री फोन नंबर पर संपर्क किया। - परीक्षार्थियों के साथ उनके अभिभावकों ने भी पूछताछ की। कई अभिभावकों ने पूछा कि हेल्प डेस्क के जरिये आप परीक्षार्थियों की मदद कैसे कर रहे हैं। उन्हें बताया गया कि बच्चों की समस्याओं के अनुरूप उन्हें गाइड किया जाता है।

    बच्चों को बताया जाता है कि वे बोर्ड की वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिये अपनी समस्याओं का निराकरण कर सकते हैं। कुछ विद्यार्थियों की समस्याओं का समाधान मौके पर ही कर दिया जा रहा है। हेल्प डेस्क से सोमवार को जहां 37 छात्र-छात्राओं ने संपर्क किया था, वहीं मंगलवार को यह संख्या बढ़कर 79 हो गई। ज्यादातर विद्यार्थियों ने विज्ञान विषय से जुड़ी समस्याएं रखीं।

    खासतौर पर भौतिक व रसायन विज्ञान में परीक्षार्थियों को ज्यादा समस्याएं हैं। उन्हें रसायन के समीकरण याद करने में दिक्कत आ रही है। वहीं, जीव विज्ञान में डाइग्राम बनाने में कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है। विज्ञान के बाद गणित विषय में सबसे अधिक समस्याएं बताई गई। गणित में सूत्र ठीक से याद नहीं हो पा रहे। परीक्षार्थियों ने पूछा, इसके लिए क्या करें। उन्हें बताया गया कि बार बार लिखकर सवालों को हल करें, सूत्र अपने आप याद हो जाएंगे।

    चार अभ्यर्थियों ने अंग्रेजी विषय को लेकर भी समस्याएं बताईं। एक छात्र ने प्रश्नपत्र के पैटर्न के बारे में पूछा तो उसे बताया गया कि वेबसाइट पर मॉडल प्रश्नपत्र का प्रारूप उपलब्ध है, व एक बार उसे देख लें। वहीं, अन्य विद्यार्थियों ने समस्या बताई कि जो पढ़ते हैं, उसे भूल जाते हैं। कैसा याद रखा जाए। उन्हें बताया गया कि सवालों के उत्तर बार-बार क लिखिए। नियमित अभ्यास करने से भूलने की समस्या खत्म हो जाएगी।


    परीक्षा फोबिया से बचाएगा मनोविज्ञानशाला

    प्रयागराज। परीक्षा के कारण मनोवैज्ञानिक समस्याओं से जूझ रहे परीक्षार्थियों की मदद के लिए प्रयागराज स्थित उत्तर प्रदेश मनोविज्ञानशाला ने भी टोल फ्री नंबर (1800-180-5311) जारी किया है। परीक्षार्थी व अभिभावक सुबह 11 से शाम पांच बजे तक संपर्क कर सकते हैं। 

    मनोविज्ञानशाला की निदेशक ऊषा चंद्रा ने बताया कि बोर्ड की परीक्षा का विद्यार्थियों पर काफी दबाव रहता है। कुछ विद्यार्थियों को परीक्षा नाम से डर लगता, अच्छे अंक लाने का दबाव होता है। 10वीं विषय से संबंधित अंग्रेजी व गणित एवं 12वीं में विज्ञान वर्ग में टेक्निकल नाम याद करने की समस्या होती है। परीक्षार्थी समय सारणी का सही से निर्धारण नहीं कर पाने, बेहतर प्रदर्शन का दबाव, अभिभावकों का ज्यादा से ज्यादा अंक लाने का दबाव भी उन्हें परेशान करता है।

    तनाव के कारण पढ़ाई में मन न लगना, नींद न आना, मुंह सूखना, भूख न लगना, उल्टी होना, वार-बार बाथरूम जाना, सिरदर्द करना, चक्कर आना, अनावश्यक भय, वार-हाथ धोना जैसी मनोवैज्ञानिक समस्याएं भी होती हैं। टोल फ्री नंबर पर इन सभी समस्याओं का समाधान मिलेगा। 


    पढ़ा हुआ भूल जाते हैं, परीक्षा में अच्छे अंक कैसे आएंगे? यूपी बोर्ड की हेल्प डेस्क हुई सक्रिय, जानिए! कैसे करें संपर्क? 

    बोर्ड के टोल फ्री नंबर 18001805310 और 18001805312 नंबर पर परीक्षार्थी सुबह 11 से चार बजे तक अपने विषय और मनोवैज्ञानिक समस्या का समाधान प्राप्त कर सकेंगे।

    ई-मेल आईडी upmspprayagraj@gmail.com, एक्स हैंडल : @upboardpry, फेसबुक पेज : Madhyamik Shiksha Parishad Uttar Pradesh, यूट्यूब चैनल : Madhyamik Shiksha Parishad, UP, Prayagraj (www.youtube.com/@upboardpryj) एवं इंस्टाग्राम आईडी : @upboardpryj से भी समस्याओं का समाधान पा सकेंगे।


    प्रयागराज। जो भी पढ़ते हैं, भूल जाते हैं। परीक्षा में अच्छे अंक कैसे मिलेंगे? रसायन विज्ञान से डर लगता है, क्या करें? ऐसे ही कई सवालों और - समस्याएं सोमवार से शुरू हुई यूपी बोर्ड की हेल्प डेस्क के सामने आईं। दिनभर फोन घनघनाते रहे। 37 परीक्षार्थियों और उनके अभिभावकों ने हेल्प डेस्क से संपर्क किया। फोन पर ही परीक्षार्थियों की समस्याओं का समाधान किया गया।

    यूपी बोर्ड कार्यालय में शुरू हुई हेल्प डेस्क 12 मार्च को परीक्षा के आखिरी दिन तक सक्रिय रहेगी। हाईस्कूल व इंटर की परीक्षाएं 24 फरवरी से होंगी, ऐसे में परीक्षार्थियों के पास समस्याओं के समाधान के लिए डेढ़ माह का वक्त है। बोर्ड के सचिव भगवती सिंह के निर्देश पर हेल्प डेस्क का संचालन अभी से इसीलिए शुरू किया गया है, ताकि परीक्षार्थियों को तैयारी में आ रही समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त समय मिल सके। 

    प्रयागराज के अतुल कुशवाहा ने बताया, जो पढ़ते हैं, वह भूल जाते हैं। काउंसलर ने सलाह दी कि प्रश्न के उत्तर को बार-बार लिखकर याद करें। मैनपुरी की 12वीं की दीक्षा ने कहा, 'रसायन विज्ञान में डर लगता है, क्या करें?'। जवाब मिला कि नर्वस न हों और अपने शिक्षक से मिलें। उन्हें अपनी समस्याएं बताएं, वह मदद करेंगे। दीक्षा ने काउंसर के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आपसे बात करके मन हल्का हो गया। 



    यूपी बोर्ड की चालू होगी हेल्पडेस्क, विषय विशेषज्ञ और काउंसलर परीक्षार्थियों को दिखाएंगे राह

    6 जनवरी 2024


    प्रयागराज : 24 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा से डेढ़ महीने पहले सोमवार से यूपी बोर्ड की हेल्पडेस्क सक्रिय होगी। बोर्ड के टोल फ्री नंबर 18001805310 और 18001805312 नंबर पर परीक्षार्थी सुबह 11 से चार बजे तक अपने विषय और मनोवैज्ञानिक समस्या का समाधान प्राप्त कर सकेंगे।


    पूर्व के वर्षों में परीक्षा के दौरान हेल्पलाइन चालू होती थी। बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने इस बार डेढ़ महीने ही हेल्पडेस्क शुरू करने के निर्देश दिए हैं ताकि परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थियों की और अच्छे से मदद की जा सके। बोर्ड के उपसचिव आनंद त्रिपाठी ने बताया कि बोर्ड मुख्यालय में विषय विशेषज्ञों के साथ ही मनोविज्ञानशाला के दो काउंसलर भी मौजूद रहेंगे जो तत्काल समस्या का समाधान करेंगे। 


    यदि किसी विषय के विशेषज्ञ उपस्थित नहीं हैं तो संबंधित छात्र को बाद में फोन करके उसकी समस्या का समाधान करेंगे। यह हेल्पडेस्क 12 मार्च को परीक्षा समाप्त होने तक चालू रहेगी। बोर्ड सचिव ने मुख्यालय के साथ ही क्षेत्रीय कार्यालय और मंडल मुख्यालय स्तर पर भी हेल्पडेस्क बनाने के निर्देश दिए हैं। बोर्ड परीक्षा से पूर्व छात्र-छात्राओं में अध्ययन के लिए एकाग्र न हो पाना, परीक्षा से भय, अच्छे अंक न लाने का भय, परीक्षा से संबंधित दबाव आदि की समस्या आम है। इससे विद्यार्थी परीक्षा में अपनी क्षमता के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर पाते।

    Tuesday, January 21, 2025

    Academic Resource Person (ARP) : देखें एआरपी चयन विज्ञप्ति

    Academic Resource Person (ARP) : देखें एआरपी चयन विज्ञप्ति

    (सभी जनपदों से निकलने वाली आगामी ARP भर्ती विज्ञप्तियां इसी पोस्ट में अपडेट की जाएंगी।)


    संतकबीरनगर

    लखनऊ 

    कुशीनगर 

    बलरामपुर 

    जनपद:  झांसी



    मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर्व पर सीएम योगी से अवकाश की मांग

    मौनी अमावस्या और बसंत पंचमी पर्व पर सीएम योगी से अवकाश की मांग





    लखनऊ। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र भेजकर मौनी अमावस्या स्नान पर प्रदेश में सार्वजनिक स्नान घोषित करने की मांग की है। एसोसिएशन के प्रांती अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने कहा है कि 29 जनवरी को महाकुंभ का यह प्रमुख स्नान पड़ रहा है। पूर्ण महाकुंभ 144 साल पड़ रहा है। ऐसे में आम लोगों को इसका पुण्य लाभ लेने के लिए इस दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित किया जाए। 


    वहीं विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन ने मुख्यमंत्री से महाकुंभ में स्नान के लिए शिक्षकों- कर्मचारियों को तीन दिन का अवकाश देने की मांग की है। एसोसिएशन के प्रदेश कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान ने कहा है कि 144 साल बाद पड़ रहे ऐतिहासिक महाकुंभ में परिवार के सभी सदस्यों के साथ महास्नान का भागीदार बनने के लिए तीन दिन का अवकाश घोषित किया जाए। 

    Monday, January 20, 2025

    प्रदेश के 48 लाख छात्रों को अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगे लेक्चर, उच्च शिक्षा निदेशालय में होगा ई-कंटेंट स्टूडियो का उ‌द्घाटन

    प्रदेश के 48 लाख छात्रों को अब ऑनलाइन उपलब्ध होंगे लेक्चर, उच्च शिक्षा निदेशालय में होगा ई-कंटेंट स्टूडियो का उ‌द्घाटन

    एक करोड़ रुपये की लागत से तैयार हुआ स्टूडियो और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम


    प्रयागराज। उच्च शिक्षा निदेशालय में सोमवार को ई-कंटेंट स्टूडियो का शुभारंभ होगा। स्टूडियो में शिक्षकों के लेक्चर रिकॉर्ड किए जाएंगे और इन्हें यूट्यूब पर अपलोड किया जाएगा। इससे प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों में अध्ययनरत 48 लाख छात्रों को फायदा होगा। उच्च शिक्षा के प्रमुख सचिव एमपी अग्रवाल सुबह 10 बजे इसका उद्घाटन करेंगे।


    ई-कंटेंट स्टूडियो का निर्माण एक करोड़ रुपये की लागत से कराया गया है। साल भर पहले इसका निर्माण शुरू हुआ था। शिक्षकों के लेक्चर रिकॉर्ड करने के लिए इसमें एक रिकॉर्ड रूम बनाया गया है और उसके ठीक बगल में कंट्रोल रूम भी है, जहां रिकॉर्ड किए गए लेक्चर की एडिटिंग, अपलोडिंग की प्रक्रिया पूरी की जाएगी।

    वहीं, स्टूडियो के बगल में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम भी बनाया गया है। जहां से वर्चुअली मीटिंग होगी। उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. अमित भारद्वाज ने बताया कि प्रदेश के उच्च शिक्षा संस्थानों के विद्यार्थियों को घर बैठे ऑनलाइन लेक्चर उपलब्ध होंगे।


    सभी राजकीय विद्यालयों में कार्यरत 2200 शिक्षकों व अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के सात हजार शिक्षकों समेत स्ववित्त पोषित संस्थानों के शिक्षकों को लेक्चर रिकॉर्ड करने के लिए आमंत्रित किया गया है। अब तक दस से अधिक शिक्षकों के लेक्चर रिकॉर्ड कर यूट्यूब पर अपलोड किए जा चुके हैं।


    सिलेबस से संबंधित लेक्चर ऑनलाइन उपलब्ध होने पर किसी भी विश्वविद्यालय या कॉलेज के छात्र इसका फायदा उठा सकेगा। एक ही विषय पर अलग-अलग शिक्षकों के लेक्चर उपलब्ध होने से छात्रों के लिए विषय को समझना आसान होगा और उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा।

    12वीं की प्रायोगिक परीक्षा अब एक से 16 फरवरी तक, यूपी बोर्ड ने परिवर्तित की प्रयोगात्मक परीक्षा की समय सारिणी

    12वीं की प्रायोगिक परीक्षा अब एक से 16 फरवरी तक, यूपी बोर्ड ने परिवर्तित की प्रयोगात्मक परीक्षा की समय सारिणी

    JEE मेंस के चलते यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट प्रैक्टिकल एक्जाम की डेट में हुआ बदलाव


    प्रयागराज : यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट के छात्र-छात्राओं की प्रायोगिक परीक्षाएं अब एक से 16 फरवरी तक होगी। पहले दो चरणों में 23 से 31 जनवरी और दूसरे चरण में एक से आठ फरवरी तक प्रयोगात्मक परीक्षाएं होनी थी। संशोधित समय सारिणी के अनुसार, अब पहले चरण में एक से आठ फरवरी और दूसरे चरण में नौ से 16 फरवरी तक प्रैक्टिकल कराए जाएंगे।

    नौ से 16 फरवरी तक आगरा, सहारनपुर, बरेली, लखनऊ, झांसी, चित्रकूट, अयोध्या, आजमगढ़, देवीपाटन और बस्ती मंडलों में परीक्षा होगी। एक से आठ फरवरी तक प्रयागराज,अलीगढ़, मेरठ, मुरादाबाद, कानपुर, मिर्जापुर, वाराणसी और गोरखपुर मंडलों में प्रयोगात्मक परीक्षाएं कराई जाएंगी। 


    बोर्ड सचिव भगवती सिंह ने बताया कि कुछ छात्रों के जरिए यह बात संज्ञान में आई थी कि जेईई मेन्स 22 से 31 जनवरी तक होने हैं। यूपी बोर्ड इंटरमीडिएट की प्रायोगिक परीक्षा 23 से 31 जनवरी तक प्रस्तावित थे। छात्रहित में पहले चरण की परीक्षा नौ से 16 फरवरी तक कर दी गई है। इंटर विज्ञान वर्ग में रसायन विज्ञान में 1650937 व भौतिक विज्ञान में 1650482 परीक्षार्थी जबकि जीव विज्ञान में 1249485 विद्यार्थी प्रायोगिक परीक्षा देंगे।


    BEd & Integrated BEd Admission Test: पूरे देश में बीएड दाखिले के लिए एक परीक्षा की तैयारी, चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड की प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी भी एनटीए को ही सौंपने पर विचार

    BEd & Integrated BEd Admission Test: पूरे देश में बीएड दाखिले के लिए एक परीक्षा की तैयारी, चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड की प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी भी एनटीए को ही सौंपने पर विचार



    नेशनल काउंसिल फॉर टीचर एजुकेशन (एनसीटीई) बीएड में दाखिले के लिए पूरे देश में एक प्रवेश परीक्षा आयोजित करने का प्रस्ताव तैयार कर रहा है। यह प्रस्ताव नई शिक्षा नीति को ध्यान में रखकर तैयार किया जा रहा है। बीएड की संयुक्त प्रवेश परीक्षा कराने की जिम्मेदारी एनटीए (नेशनल टेस्टिंग एजेंसी) को दी सकती है। यदि प्रस्ताव को मंजूरी मिली तो अगले वर्ष से यह प्रभावी हो सकता है।


    पिछले दिनों एनसीटीई की गवर्निंग बॉडी की हुई बैठक में एकीकृत प्रवेश परीक्षा का प्रस्ताव लाया गया था। अब तक परीक्षा राज्यों के विश्वविद्यालय आयोजित कराते हैं।  संयुक्त प्रवेश परीक्षा के अलावा चार वर्षीय स्नातक और पीजी के बाद शुरू होने वाले एक वर्ष के बीएड के लिए भी प्रवेश परीक्षा होगी।



    इंटीग्रेटेड बीएड प्रवेश परीक्षा भी एनटीए को सौंप सकते हैं

    एनसीटीई नई शिक्षा नीति के तहत बीएड की प्रवेश परीक्षा लेने की तैयारी कर रहा है। दो वर्षीय बीएड के अलावा चार वर्षीय इंटीग्रेटेड बीएड की प्रवेश परीक्षा की जिम्मेदारी भी एनटीए को ही सौंपने पर विचार चल रहा है। 


    Sunday, January 19, 2025

    CTET परीक्षा : ओएमआर के साथ गणना शीट भी ले सकेंगे उम्मीदवार

    CTET परीक्षा : ओएमआर के साथ गणना शीट भी ले सकेंगे उम्मीदवार


    नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की ओर से आयोजित होने वाली केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा (सीटीईटी) में भाग लेने वाले उम्मीदवार ओएमआर शीट के साथ गणना शीट ले सकेंगे।

    सीबीएसई ने दिसंबर 2024 में हुई सीटीईटी परीक्षा में भाग लेने वाले उम्मीदवारों को ओएमआर शीट के साथ गणना शीट देने का फैसला किया है। जो उम्मीदवार यह प्राप्त करना चाहते हैं उन्हें 500 रुपये शुल्क के साथ 16 फरवरी तक आवेदन करना होगा। इस तिथि के बाद प्राप्त होने वाले आवेदनों के अनुरोध पर विचार नहीं किया जाएगा। 

    बोर्ड के अनुसार, जिन उम्मीदवारों ने पहले ही आरटीआई अधिनियम 2005 के तहत या अन्यथा आवेदन कर दिया है, वह पांच रुपये के आवश्यक शुल्क के साथ नए सिरे से निर्धारित तिथि से पहले आवेदन कर सकते हैं।

    उम्मीदवारों की ओर से निर्धारित शुल्क सीबीएसई के पक्ष में बैंक ड्राफ्ट के माध्यम से जमा करना होगा। उम्मीदवारों को आवेदन में अपना रोल नंबर, नाम और पता सही ढंग से भरना होगा। इसके साथ ही बैंक ड्राफ्ट के पीछे रोल नंबर, और नाम का उल्लेख करना जरूरी है। ओएमआर शीट की प्रति के साथ गणना शीट उम्मीदवार को केवल स्पीड पोस्ट के माध्यम से भेजी जाएगी। 


    यूपी बोर्ड : नकल करते पकड़े गए तो नहीं होगा कॉपी का मूल्यांकन, यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्रों में तीन सदस्यीय दस्ता गेट पर करेगा जांच

    यूपी बोर्ड परीक्षा केंद्रों में तीन सदस्यीय दस्ता गेट पर करेगा जांच

    19 जनवरी 2025
    प्रयागराज : यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा 2025 के दौरान परीक्षा केंद्र परिसर में प्रवेश के पूर्व ही प्रवेश द्वार पर परीक्षार्थियों की तलाशी लिए जाने के लिए आंतरिक निरीक्षक दस्ते का गठन करने के निर्देश दिए गए हैं। माध्यमिक शिक्षा निदेशक डॉ. महेन्द्र देव ने सभी जिला विद्यालय निरीक्षकों को निर्देशित किया है कि परीक्षाओं में अनुचित साधन प्रयोग (नकल) रोकने, परीक्षाओं की शुचिता, पवित्रता, गुणवत्ता एवं विश्वसनीयता तथा विधि-व्यवस्था बनाए रखने के लिए तीन सदस्यीय दस्ते गठित किए जाएंगे।

    आंतरिक निरीक्षण दस्ते में एक महिला अध्यापिका सहित तीन सदस्य रखे जाएंगे। केंद्र व्यवस्थापक यह सुनिश्चित करेंगे कि आंतरिक निरीक्षण दस्ते में उस विषय के अध्यापक न लगाए जाएं, जिस विषय की परीक्षाएं आयोजित हो रही हो। जिला प्रशासन के सहयोग से आंतरिक निरीक्षण दस्ते के सदस्य परीक्षार्थियों की व्यापक रूप से तलाशी लेंगे। केंद्रों पर पुरुष सदस्य बालिकाओं की तलाशी नहीं लेंगे।



    यूपी बोर्ड : नकल करते पकड़े गए तो नहीं होगा कॉपी का मूल्यांकन, सचिव ने स्पष्ट की स्थिति

    18 जनवरी 2025
    प्रयागराज। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से शुरू हो रही हैं। बोर्ड ने नकल रोकने के तमाम इंतजाम किए हैं। यदि कोई परीक्षार्थी अनुचित साधनों का प्रयोग करते हुए पाया जाता है तो उसकी उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन नहीं किया जाएगा। यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व आवांछित तत्वों द्वारा भ्रामक सूचनाएं प्रसारित की जा रहीं हैं कि उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 के प्रावधानों तहत अनुचित प्रावधान प्रयोग करने वाले परीक्षार्थियों को आर्थिक जुर्माना व कारावास की सजा दी जाएगी। सचिव ने स्पष्ट किया है कि सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 यूपी बोर्ड की परीक्षाओं पर लागू नहीं होता है।





    अधिनियम में वार्णित है कि जुर्माना या सजा से संबंधित उपबंध उन परीक्षार्थियों पर लागू नहीं होंगे, जो शैक्षणिक, तकनीकी, व्यावसायिक या अन्य योग्यता प्राप्त करने के लिए किसी सार्वजनिक परीक्षा में शामिल हो रहे हैं। इस तरह की भ्रामक सूचनाओं का संज्ञान न लिया जाए। ऐसी भ्रामक सूचनाएं प्रसारित करने वालों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।


    यूपी बोर्ड द्वारा आयोजित हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट बोर्ड परीक्षा वर्ष 2025 का परीक्षा कार्यक्रम देखें, परीक्षाएं 24 फरवरी से प्रारम्भ होकर 12 मार्च 2025 को होंगी समाप्त। तिथिवार एवं विषयवार विस्तृत कार्यक्रम / विज्ञप्ति देखें

    यूपी बोर्ड द्वारा आयोजित हाईस्कूल एवं इण्टरमीडिएट बोर्ड परीक्षा वर्ष 2025 का परीक्षा कार्यक्रम देखें, परीक्षाएं 24 फरवरी से प्रारम्भ होकर 12 मार्च 2025 को होंगी समाप्त। तिथिवार एवं विषयवार विस्तृत कार्यक्रम / विज्ञप्ति देखें



    पृ०सं०ः मा०शि०प०/ समन्वय/164-5/ दिनांकः 18 नवम्बर, 2024







    यूपी बोर्ड परीक्षा में प्रमुख विषयों के बीच रहेगा गैप, मिलेगा विद्यार्थियों को तैयारी का मौका 

    24 फरवरी से 12 मार्च तक 12 दिनों में पूरी होगी परीक्षा


    20 नवंबर 2024

    प्रयागराज। यूपी बोर्ड की परीक्षा 24 फरवरी 2025 से शुरू होगी। परीक्षा के दौरान प्रमुख विषयों के बीच दो से तीन दिन का अंतर किया गया है। कुछ विषयों में इससे ज्यादा दिनों का भी अंतर है। इससे विद्यार्थियों को तैयारी करने का मौका मिलेगा।

    माध्यमिक शिक्षा परिषद के सचिव भगवती सिंह ने बीते रोज बोर्ड परीक्षा का कार्यक्रम जारी किया था। इसके अनुसार, बोर्ड परीक्षा 24 फरवरी से 12 मार्च तक होगी। परीक्षा का कार्यक्रम बनाते समय इस बात का ध्यान रखा गया है कि बच्चों को तैयारी करने का मौका मिल जाए। साथ ही महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि के दिन 26 फरवरी को अवकाश रहेगा। 

    बोर्ड परीक्षा की शुरुआत हाईस्कूल के हिंदी विषय से होगी और यह 24 फरवरी को है। इसके बाद गणित की परीक्षा एक मार्च को, विज्ञान की चार को, अंग्रेजी की सात को, कंप्यूटर की आठ को और सामाजिक विज्ञान की परीक्षा मार्च में होगी।

    वहीं इंटरमीडिएट हिंदी की परीक्षा 24 फरवरी को दूसरी पाली में होगी। इसके बाद गणित और बायोलॉजी की परीक्षा तीन मार्च को, भौतिक विज्ञान की छह को, रसायन विज्ञान की आठ को और अंग्रेजी की परीक्षा 12 मार्च की होगी। इन मुख्य विषयों के बीच अंतर होने से विद्यार्थियों को रिवीजन करने में मदद मिलेगी। 


    यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से 12 मार्च तक, देखें जारी एक्जाम डेटशीट 


    प्रयागराज । उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद ने सोमवार को यूपी बोर्ड परीक्षा 2025 का विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की परीक्षाएं 24 फरवरी 2025 को एक साथ शुरू होकर 12 मार्च तक चलेंगी।

    यूपी बोर्ड के सचिव भगवती सिंह ने सोमवार को परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर दिया। इसके साथ हाईस्कूल,इंटरमीडिए के 54,38,597 परीक्षार्थियों का समय सारिणी का इंतजार खत्म हो गया। बोर्ड ने इस बार पिछले साल की अपेक्षा 20 दिन पहले परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया है, पिछले साल सात दिसंबर को परीक्षा कार्यक्रम घोषित किया गया था।

    2024 की तरह इस बार भी बोर्ड की परीक्षाएं 12 कार्य दिवसों में संपन्न होंगी। परीक्षा दो पालियों में होगी। सुबह साढ़े 8.30 से 11.45 बजे तक और दोपहर 2 बजे से 5.15 बजे के मध्य होगी।

    हाईस्कूल और इंटरमीडिएट के पंजीकृत 54,38,597 परीक्षार्थियों में से 28,90,454 छात्र और 25,24,065 छात्राएं हैं। हाईस्कूल में 27,41,674 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसमें 14,50,675 छात्र और 12,90,999 छात्राएं हैं। इंटर में 26,90,845 विद्यार्थी पंजीकृत हैं। इसमें 14,39,779 छात्र और 12,51,066 छात्राएं हैं। पहले दिन यानि 24 फरवरी 2025 को प्रथम पाली में सुबह 8.30 से 11.45 बजे हाईस्कूल में प्रारंभकि हिंदी और इंटर में सैन्य विज्ञान विषय की परीक्षा होगी। इसी दिन द्वितीय पाली में दोपहर 2 से 5.15 बजे तक हाईस्कूल की हेल्थ केयर और इंटर की सामान्य हिंदी विषय की परीक्षा होगी।


    7657 स्कूल बनेंगे केंद्र

    प्रयागराज। बोर्ड ने 7657 केंद्रों पर परीक्षा कराने का प्रस्ताव बनाकर जिलों को भेज दिया है। इसमें 940 राजकीय, 3512 सहायता प्राप्त (एडेड) के साथ 3205 वित्तविहीन कॉलेज शामिल हैं। जिला विद्यालय निरीक्षकों को 23 नवंबर तक परीक्षा केंद्रों की आपत्तियों के निस्तारण के लिए कहा गया है।


    UP Board Exam 2025 Highschool & Intermediate datesheet यूपी बोर्ड हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा का कार्यक्रम हुआ जारी, करें डॉउनलोड 








    महिला प्रोफेसर बच्चे की देखभाल के लिए दो साल तक ले सकती हैं छुट्टी, यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 शिक्षण संस्थान छुट्टी देने में नहीं कर सकेंगे आनाकानी

    महिला प्रोफेसर बच्चे की देखभाल के लिए दो साल तक ले सकती हैं छुट्टी,  यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 शिक्षण संस्थान छुट्टी देने में नहीं कर सकेंगे आनाकानी



    नई दिल्ली। महिला प्रोफेसर अब बच्चे की देखभाल के लिए दो साल तक छुट्टी ले सकती हैं। उच्च शिक्षण संस्थान छुट्टी देने में आनाकानी नहीं कर सकेंगे।

    उच्च शिक्षण संस्थानों की मनमानी रोकने के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने चाइल्ड केयर के प्रावधान को यूजीसी रेग्यूलेशन 2025 में शामिल किया है। यदि कोई उच्च शिक्षण संस्थान नियम का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। इसमें डीबार का भी प्रावधान है।


    वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, उच्च शिक्षण संस्थानों में अक्सर महिला प्रोफेसर को चाइल्ड केयर के लिए छुट्टी लेने में दिक्कत होती थीं। संस्थान इस तरह की छुटटी देने में आनाकानी करते थे। कई बार महिला प्रोफेसर इस मुद्दे पर शिकायत करती थीं, जबकि यह उनके अधिकार क्षेत्र में आता है। इन्हीं दिक्कतों को देखते हुए यूजीसी ने इसे नए नियमों में शामिल किया है।

    Saturday, January 18, 2025

    दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की समय-सारिणी जारी

    दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की समय-सारिणी जारी


    लखनऊ : अन्य पिछड़ा वर्ग दशमोत्तर छात्रवृत्ति योजना की प्रक्रिया व समय-सारिणी जारी कर दी गई है। योजना की समय-सारिणी को चरणबद्ध तरीके से लागू किया गया है। 20 जनवरी तक मास्टर डाटा को सत्यापित कर लॉक किया जाएगा। इसके बाद 22 जनवरी तक विश्वविद्यालय और संबद्ध एजेंसी तथा जिला विद्यालय निरीक्षक द्वारा छात्रों की फीस और अन्य विवरणों का सत्यापन किया जाएगा।


    25 जनवरी तक जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी स्तर पर मास्टर डाटा और फीस की जांच पूरी की जाएगी। इसी प्रकार से छात्रों के लिए आवेदन प्रक्रिया 30 जनवरी तक पूरी करनी होगी। इसके बाद शिक्षण संस्थानों द्वारा तीन फरवरी तक छात्रों के आवेदन का सत्यापन और अग्रसारण किया जाएगा। इसी तिथि तक विश्वविद्यालय स्तर पर छात्रों के रिजल्ट, सीट सत्यापन और छात्र संख्या की जांच की जाएगी। इसके उपरांत 10 फरवरी तक राज्य एनआईसी द्वारा सभी डाटा का स्क्रूटनी कार्य पूरा किया जाएगा।

    इसके बाद 18 फरवरी तक जनपदीय छात्रवृत्ति स्वीकृति समिति छात्रों के डाटा को अंतिम रूप से अग्रसारित करेगी। 21 फरवरी तक राज्य एनआईसी मॉग सृजित करेगा, और 25 फरवरी तक निदेशालय स्तर से धनराशि का अंतरण सुनिश्चित किया जाएगा।

    12 फरवरी से भेजे जाएंगे यूपी बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र, परीक्षा के दौरान छुट्टी में भी जिला नहीं छोड़ेंगे डीआईओएस

    12 फरवरी से भेजे जाएंगे यूपी बोर्ड परीक्षा के प्रश्नपत्र, परीक्षा के दौरान छुट्टी में भी जिला नहीं छोड़ेंगे डीआईओएस 

    प्रयागराज : 24 फरवरी से शुरू हो रही यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा के लिए प्रश्नपत्रों को 12 फरवरी से जिलों को भेजना शुरू होगा और 16 फरवरी तक सभी जिलों में प्रश्नपत्र पहुंचा दिए जाएंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक और यूपी बोर्ड के सभापति डॉ. महेन्द्र देव ने सभी मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशकों, मंडलीय उप शिक्षा निदेशकों और जिला विद्यालय निरीक्षकों को 16 जनवरी को निर्देश भेजे हैं। अपरिहार्य कारणों से प्रश्नपत्र निर्धारित तिथि के एक-दो दिन पहले या बाद में भी पहुंच सकते हैं।


    निदेशक ने डीआईओएस को निर्देश दिया है कि परीक्षा जैसे महत्वपूर्ण एवं अतिसंवेदनशील कार्य को देखते हुए परीक्षा अवधि के दौरान अवकाश तिथियों पर भी जिला मुख्यालय न छोड़ें। साथ ही कार्ययोजना बनाकर जिले में प्रश्नपत्र पहुंचने के तीन दिन पूर्व ही कंट्रोल रूम स्थापित करते हुए ऐसी व्यवस्था सुनिश्चित कराएं कि जिला मुख्यालय या डीआईओएस कार्यालय पर हर समय कोई न कोई राजपत्रित अधिकारी अवश्य रहे। परीक्षा अवधि में विशेष परिस्थिति में ही वैकल्पिक व्यवस्था करते हुए अवकाश स्वीकृत किया जाए। जिला प्रशासन से अनुरोध करके डीआईओएस प्रश्नपत्रों के सील्ड कार्टन बॉक्स पहुंचने के पहले ही उसकी सुरक्षा के लिए आवश्यकतानुसार सशस्त्रत्त् पुलिस बल की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। प्रश्नपत्रों के पहुंचते ही उन्हें सुरक्षित स्थान पर पुलिस अभिरक्षा में रखवाया जाए। प्रश्नपत्रों के बॉक्स जिस कमरे में रखे जाएं उसमें लगे दरवाजे, खिड़की व कुंडी आदि की जांच कर लें तथा वहां दीमक, चूहों, नमी, वर्षा आदि से सुरक्षा की व्यवस्था सुनिश्चित कर लें। प्रश्नपत्रों की गोपनीयता व सुरक्षा के लिए जिला मुख्यालय एवं वितरण के बाद परीक्षा केंद्र पर प्रश्नपत्र पहुंचने के तीन दिन पहले से स्ट्रांग रूम स्थापित कर लिया जाए तथा 24 घंटे सातों दिन सीसीटीवी कैमरा क्रियाशील रखा जाए। कैमरे की रिकार्डिंग कम से कम छह महीने तक सुरक्षित रखी जाए और आवश्यकता पड़ने पर बोर्ड को उपलब्ध कराना होगा। पेपरलीक की आशंका को समाप्त करने के लिए परीक्षा केंद्रों पर प्रश्नपत्रों की प्राप्ति की तिथि से ही आवश्यकता के अनुसार टीम गठित कर उसकी निगरानी की व्यवस्था की जाएगी।


    नकल की तो नहीं जंचेगी उत्तरपुस्तिका

    प्रयागराज : यूपी बोर्ड की 24 फरवरी से शुरू हो रही हाईस्कूल व इंटरमीडिएट परीक्षा के दौरान कोई छात्र या छात्रा नकल करते पकड़ा गया तो उसकी कॉपी नहीं जांची जाएगी। एक करोड़ का जुर्माना या जेल की सजा नकल करवाने वालों पर ही लागू होगी। सचिव भगवती सिंह ने साफ किया है कुछ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म तथा अवांछित तत्व भ्रामक सूचनाएं प्रसारित कर रहे हैं कि उत्तर प्रदेश सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) अधिनियम-2024 के तहत अनुचित साधन का प्रयोग करने वाले परीक्षार्थियों को आर्थिक जुर्माना तथा कारावास की सजा दी जाएगी। संशोधित नियमावली में यह प्रावधान है कि जुर्माना या दंड उन परीक्षार्थियों पर लागू नहीं होंगे जो शैक्षणिक, तकनीकी, व्यावसायिक या अन्य योग्यता प्राप्त करने के लिए सार्वजनिक परीक्षा में सम्मिलित हो रहे हैं।

    Friday, January 17, 2025

    नई पेंशन योजना अंतर्गत नियुक्त अशासकीय शिक्षक / शिक्षणेत्तर कर्मचारी के दिवंगत होने के उपरांत परिवार को अभिदाता अंशदान की वापसी के संबंध में

    नई पेंशन योजना अंतर्गत नियुक्त अशासकीय शिक्षक / शिक्षणेत्तर कर्मचारी के दिवंगत होने के उपरांत परिवार को अभिदाता अंशदान की वापसी के संबंध में 





    शिक्षक संघ की शिकायत पर अनियमितताओं को लेकर गोरखपुर के बीईओ निलंबित, देखें आदेश

    शिक्षक संघ की शिकायत पर अनियमितताओं को लेकर गोरखपुर के बीईओ निलंबित, देखें आदेश 


    प्रयागराज। गोरखपुर के खोराबार खंड शिक्षा अधिकारी (बीईओ) राम शंकर को निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ नियम विरुद्ध कार्य करने, उच्चाधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने और शिथिलता बरते का आरोप था। निलंबन तक डायट गोरखपुर से संबद्ध कर दिया गया है।

    अपर शिक्षा निदेशक बेसिक कामता राम पाल के अनुसार, उत्तर प्रदेश जूनियर हाईस्कूल (पूर्व माध्यमिक) शिक्षक संघ, गोरखपुर के अध्यक्ष विनोद शुक्ल ने महानिदेश स्कूल शिक्षा को पत्र भेजकर बीईओ राम शंकर की शिकायत और जांच की मांग की थी। इस पर महानिदेशक ने गोरखपुर मंडल के सहायक शिक्षा निदेशक (बेसिक) को जांच कर आख्या उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे।



    बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ेगा, अभी 20 रुपये पारिश्रमिक मिलता है शिक्षकों को प्रति सिटिंग

    बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ेगा, अभी 20 रुपये पारिश्रमिक मिलता है शिक्षकों को प्रति सिटिंग 


    लखनऊ । यूपी बोर्ड परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का पारिश्रमिक बढ़ाने के बाद सरकार जल्द ही यूपी बोर्ड परीक्षा की ड्यूटी करने वाले शिक्षकों का पारिश्रमिक बढ़ाने जा रही है। परीक्षा ड्यूटी को लेकर शिक्षकों के बढ़ते आनाकानी एवं पारिश्रमिक को लेकर नाराजगी को देखते हुए सरकार ने पारिश्रमिक बढ़ाने का निर्णय किया है।


    दरअसल, माध्यमिक शिक्षा विभाग ने इसके लिए शासन को प्रस्ताव भेजा था जिस पर वित्त विभाग से उसका अभिमत भी मांगा गया है। वित्त की मंजूरी के बाद शासन इसे कैबिनेट के पास मंजूरी के लिए भेज सकता है। अभी शिक्षकों को प्रति सीटिंग मात्र 20 रुपये पारिश्रमिक मिलता है जबकि परीक्षा शुल्क 100 से बढ़कर 600 रुपये तक पहुंच चुका है। परीक्षा शुल्क कई गुना बढ़ाए जाने के बाद भी पारिश्रमिक शुल्क नहीं बढ़ने से प्रदेश भर के माध्यमिक शिक्षकों में भारी नाराजगी है। 


    कम पारिश्रमिक मिलने से परीक्षा ड्यूटी करने में आनाकानी करने लगे हैं। दूसरी तरफ शिक्षक संगठनों की ओर से भी पारिश्रमिक शुल्क बढ़ाए जाने की लगातार मांग की जा रही है जबकि परीक्षा ड्यूटी में दिए जाने वाले पारिश्रमिक में वृद्धि किए जाने का मुद्दा शिक्षक नेताओं की ओर से प्रदेश उच्च सदन (विधान परिषद) में भी कई बार जोर-शोर से उठाया जा चुका है।


    सरकार ने पारिश्रमिक बढ़ाने का फैसला किया है। शिक्षक नेताओं की मानें तो यूपी बोर्ड की परीक्षा देश की सबसे बड़ी परीक्षा आयोजित करने वाली संस्था है और उस परीक्षा में काम करने वाले प्रधानाचार्यों एवं शिक्षकों को जो पारिश्रमिक मिलना चाहिए महंगाई के अनुपात में नहीं मिल पा रहा जबकि सरकार ने परीक्षा शुल्क को पांच से छह गुना बढ़ा दिया है। वहीं व्यय भी 10 गुना तक बढ़ चुका है।

    तबादला लेने वाले शिक्षक अपने संवर्ग में होंगे सबसे कनिष्ठ, डिग्री कॉलेजों की संशोधित तबादला नियमावली जारी, शासन ने पांच साल से घटाकर तीन साल की है अवधि

    तबादला लेने वाले शिक्षक अपने संवर्ग में होंगे सबसे कनिष्ठ, डिग्री कॉलेजों की संशोधित तबादला नियमावली जारी, शासन ने पांच साल से घटाकर तीन साल की है अवधि


    लखनऊ। सरकार ने पिछले दिनों सहायता प्राप्त (एडेड) महाविद्यालयों के शिक्षकों के लिए तबादला नियमावली में संशोधन किया था। अब शासन ने इसकी संशोधित नियमावली जारी कर दी है। इसमें कहा गया है कि तबादला पाने वाले शिक्षक संबंधित महाविद्यालय में अपने संवर्ग के कनिष्ठ शिक्षक होंगे। यदि दो शिक्षक एक ही तिथि को कार्यभार संभालते हैं तो उनमें से ज्येष्ठ जन्मतिथि वाला शिक्षक वरिष्ठ होगा।


    शासन ने शिक्षकों को बड़ी राहत देते हुए तबादले के लिए न्यूनतम सेवा अवधि पांच साल से घटाकर तीन साल की है। शिक्षक इसका लाभ पूरी सेवा अवधि में सिर्फ एक बार ले सकेंगे। उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव महेंद्र प्रसाद अग्रवाल के अनुसार शिक्षकों का तबादला ऐसे पदों के सापेक्ष किया जाएगा जिनका वेतन लेखा विभाग से जारी किया जाता हो।

     उन्होंने कहा है कि प्रबंधतंत्र ऐसे शिक्षकों के तबादले को सहमति देने से पहले यह सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षक के खिलाफ कोई जांच या कार्रवाई लंबित नहीं है। एक महाविद्यालय से दूसरे में एकल व परस्पर तबादले के लिए आवेदन प्रबंधतंत्र की लिखित सहमति से उच्च शिक्षा निदेशक को करेंगे। उच्च शिक्षा निदेशक आवेदन मिलने के एक माह में अपनी संस्तुति शासन को भेजेंगे।

    अशासकीय सहायता प्राप्त महाविद्यालयों के लिए आरक्षण व्यवस्था बनाई रखी जाएगी। इसके लिए एक से दूसरे विद्यालय में एकल तबादला शिक्षक का उसी श्रेणी में खाली पद पर किया जाएगा। नई पेंशन योजना से आच्छादित कर्मचारियों के लिए संबंधित शिक्षक अपना प्रार्थना पत्र संबंधित क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी डीडीओ को देंगे। नियमावली जारी होने के बाद जल्द ही इसके लिए आवेदन शुरू होने की उम्मीद है।

    अवैध बर्खास्तगी के खिलाफ दाखिल अध्यापक की अपील खारिज किए जाने पर हाईकोर्ट ने बीएसए जौनपुर से मांगा शपथपत्र

    अवैध बर्खास्तगी के खिलाफ दाखिल अध्यापक की अपील खारिज किए जाने पर हाईकोर्ट ने बीएसए जौनपुर से मांगा शपथपत्र

    हाई कोर्ट ने कहा- व्यक्तिगत हलफनामा दें अथवा हाजिर हों, अब 23 को सुनवाई


    प्रयागराज : इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अवैध बर्खास्तगी के खिलाफ दाखिल अध्यापक की अपील खारिज किए जाने संबंधी बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) जौनपुर के आदेश पर नाराजगी जताई है। व्यक्तिगत शपथपत्र दाखिल कर यह बताने के लिए कहा है कि किस विवेकाधिकार से उन्होंने बिना अधिकार पारित बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ दाखिल अपील खारिज की है। अपील मेंबर सेक्रेटरी बेसिक एजुकेशन बोर्ड के समक्ष दाखिल की गई थी, किंतु आदेश बीएसए ने पारित किया है।


    यह आदेश न्यायमूर्ति प्रकाश पाडिया ने प्राथमिक विद्यालय हरिपुर, सुजानगंज जौनपुर में कार्यरत अध्यापक सुशील कुमार यादव की याचिका पर दिया है। याची अधिवक्ता आलोक कुमार यादव ने कहा कि बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ दाखिल अपील पर सुनवाई का अधिकार मेंबर सेक्रेटरी बेसिक एजुकेशन बोर्ड को है न कि बीएसए को है। अनुसार याची को 27 दिसंबर 2019 को बर्खास्त कर दिया गया था। इसके खिलाफ अपील दाखिल की थी। बीएसए ने खुद अपील पर सुनवाई कर उसे खारिज कर दिया।

    बीएसए के 13 नवंबर 2024 के आदेश को चुनौती दी गई है। कोर्ट ने कहा है कि यदि हलफनामा दाखिल नहीं किया जाता है तो बीएसए 23 जनवरी 2024 को कोर्ट में उपस्थित रहेंगे।

    लंबी छुट्टी का ठोस आधार न मिला तो शिक्षामित्र होंगे सेवामुक्त, मांगा ब्योरा


    लंबी छुट्टी का ठोस आधार न मिला तो शिक्षामित्र होंगे सेवामुक्त, मांगा ब्योरा 

    मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ने छह जनपदों से शिक्षामित्रों का मांगा ब्योरा


    लखनऊ । सभी छह जनपदों में लगातार अवकाश पर चल रहे शिक्षामित्रों का ब्योरा मंडलीय सहायक शिक्षा निदेशक ने तलब किया है। इनके लगातार अवकाश लेने का आधार भी मांगा गया है। अगर ठोस आधार नहीं मिला तो शिक्षामित्र सेवामुक्त किए जाएंगे। इन शिक्षामित्रों के अवकाश पर रहने से 50 हजार बच्चों की थी। अमर उजाला ने बुधवार को खबर प्रकाशित कर इस मुद्दे को उठाया था। इसके बाद विभाग ने ऐसे शिक्षामित्रों की सूची बेसिक शिक्षा अधिकारियों से मांगी है। बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारियों से इस संबंध में रिपोर्ट मंगानी शुरू कर दी है।


    पढ़ाई  प्रभावित हो रही 

    लखनऊ सहित सीतापुर, लखीमपुर, हरदोई, उन्नाव और रायबरेली के सरकारी विद्यालयों के 270 शिक्षामित्र लगातार अवकाश पर हैं। ये दूसरे कामों में लगे हैं।प्रधानाध्यापकों का कहना है कि इससे स्कूलों में पढ़ाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है और बच्चों का नुकसान हो रहा है।


    11 माह का मिलता है मिलता मानदेय

    प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के महामंत्री कौशल कुमार सिंह कहते हैं कि शिक्षामित्रों को 10 हजार रुपये महीना के हिसाब से 11 महीने का मानदेय मिलता है। इतने में इनके परिवार का पेट नहीं पलता है। 31 दिसंबर से 14 जनवरी और 01 से 14 जून की छुट्टी में मानदेय कट जाता है। मानदेय बढ़े तो शिक्षामित्र मन से काम करेंगे।


    लखनऊ 42
    हरदोई 71
    रायबरेली 36
    सीतापुर - 45
    उन्नाव- 28
    लखीमपुर खीरी - 48

    शिक्षामित्रों के अवैतनिक अवकाश का नहीं है नियम

    "शिक्षामित्रों के अवैतनिक अवकाश का नियम नहीं है। लगातार अवकाश पर रहने का यदि ठोस कारण नहीं मिला तो ऐसे शिक्षामित्र सेवा से बाहर किए जाएंगे। मंडल के सभी जनपदों के बीएसए से रिपोर्ट मांगी गई है।" श्याम किशोर तिवारी एडी बेसिक लखनऊ मंडल




    महीनों से लंबे अवकाश पर हैं शिक्षामित्र, अवैतनिक अवकाश के सहारे चल रही नौकरी, जानिए क्यों? 

    15 जनवरी 2025
    लखनऊ। सरकारी स्कूलों में तैनात शिक्षामित्र लंबे समय तक अवैतनिक अवकाश लिए हैं। इससे विद्यालयों में स्टाफ की भी कमी रहती है। लखनऊ सहित हरदोई, सीतापुर, लखीमपुर, उन्नाव, रायबरेली सभी जगह एक जैसी स्थिति है। इस संबंध में प्रधानाध्यापकों की ओर से विभाग में सूचना भी दी गई है, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। इसका सीधा असर विद्यालय की व्यवस्था पर पड़ रहा है।


    पूरे मंडल में करीब 12 हजार शिक्षामित्र हैं। इसमें 270 लंबे समय से अवकाश पर हैं। जानकारों का कहना है कि लंबे समय तक अवैतनिक अवकाश पर रहने वाले शिक्षामित्र दूसरे कामों में लगे हैं। इनका मानना है कि किसी तरह से नौकरी चलती रहे, ताकि आगे सरकार उनके लिए कोई बेहतर विकल्प निकाले या फिर मानदेय में बढ़ोतरी करे तो उसका लाभ उन्हें मिल सके। मौजूदा समय में उन्हें जो मानदेय मिलता है, उससे ज्यादा वह दूसरे काम करके कमा लेते हैं।

    नहीं बढ़ा मानदेय, मजबूर हैं शिक्षामित्र

    25 जुलाई 2017 को शिक्षा मित्रों को कोर्ट के आदेश से सहायक अध्यापक पद से मूल पद पर भेज दिया गया था। तब से अब तक ये 10 हजार रुपये महीने मानदेय पा रहे हैं। इस बारे में प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के महामंत्री कौशल कुमार सिंह कहते हैं कि शिक्षामित्र मजबूरी में अवैतनिक अवकाश पर जाकर दूसरे कार्य करने के लिए मजबूर हैं।


    अवकाश पर गए जनपदवार शिक्षामित्र


    मंडल के सभी जनपदों के बेसिक शिक्षा अधिकारियों से स्कूल व शिक्षामित्रों के नाम से सूची मांगी गई है, जो शिक्षामित्र इस तरह से बार-बार अवकाश ले रहे हैं उनकी सेवा समाप्त की जाएगी। - श्याम किशोर तिवारी, एडी बेसिक लखनऊ मंडल


    Thursday, January 16, 2025

    CBSE : व्यावसायिक विषय शुरू कर कौशल प्रयोगशाला स्थापित करें स्कूल, देशभर के हर जिले में जिला कौशल समन्वयक नियुक्त किया जाएगा

    सीबीएसई स्कूलों में कक्षा छह से स्किल कोर्स कर सकेंगे विद्यार्थी


    लखनऊः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के स्कूलों में अब कक्षा छठी से बच्चों को कौशल आधारित कोर्स करने का मौका मिलेगा। सीबीएसई ने स्कूल शिक्षा में स्किल एजुकेशन को अनिवार्य रूप से शामिल करने के लिए सभी स्कूलों को निर्देश दिया है। इससे छात्रों को भविष्य की चुनौती और अवसरों के लिए तैयार किया जाएगा।

    राष्ट्रीय शिक्षा नीति और राष्ट्रीय पाठ्यचर्या ढांचे (एनसीआरएफ) के तहत स्किल एजुकेशन शुरू किया जाएगा। इसमें कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों के लिए स्किल माड्यूल्स बनाए गए हैं। छात्र एक या अधिक माड्यूल चुन सकते हैं, जो प्रोजेक्ट आधारित मूल्यांकन के तहत होंगे। कक्षा 9-10 में 22 स्किल विषय और कक्षा 11-12 में 43 स्किल विषय होंगे। स्कूल इन विषयों को बिना किसी अलग अनुमति या शुल्क के शामिल कर सकते हैं। सभी स्कूलों को अगले तीन वर्ष में कंपोजिट स्किल लैब स्थापित करनी होगी। इसके लिए जरूरी उपकरणों और संरचना की जानकारी जल्द ही उपलब्ध कराई जाएगी।

    छात्रों की शैक्षणिक और व्यावसायिक शिक्षा के बीच तालमेल बैठाने के लिए एनसीआरएफ लागू किया गया है, जिसमें क्रेडिट ट्रांसफर और मल्टीपल एंट्री एग्जिट की सुविधा होगी। इसके स्किल एजुकेशन लागू करने में मार्गदर्शन के लिए हर जिले में जिला कौशल समन्वयक (डीएससी) नियुक्ति किए जाएंगे। शिक्षकों और प्रधानाचार्यों को भी इसमें प्रशिक्षित किया जाएगा।

    सभी कार्यक्रम उद्योगों और सेक्टर स्किल काउंसिल के साथ आयोजित किए जाएंगे। छात्रों को व्यावहारिक अनुभव प्रदान करने के लिए स्किल एक्सपो, करियर गाइडेंस, हैकाथन, बूटकैंप, ओलिंपियाड और इंडस्ट्री एंगेजमेंट कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। स्कूल इन पहल को लागू करने के लिए सीबीएसई के दिए गए पोर्टल और फार्म का उपयोग कर सकते हैं।

    सीबीएसई स्कूल सहोदय कांप्लेक्स की ज्वाइंट सेक्रेटरी डा. प्रेरणा मित्रा ने बताया स्किल आधारित कोर्स बच्चों के लिए उपयोगी होंगे। इससे करियर के नए अवसर खुलेंगे। हालांकि सभी स्कूलों में सभी तरह के पाठ्यक्रम शुरू करने में चुनौती भी आ सकती है।


    प्रमुख स्किल माड्यूल्स

    आर्टीफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस (केवल कक्षा 8 के लिए), ब्लू पाटरी, डिजिटल सिटीजनशिप, फूड प्रिजर्वेशन, कोडिंग, यात्रा और पर्यटन, फोटोग्राफी आदि हैं।



    CBSE : व्यावसायिक विषय शुरू कर कौशल प्रयोगशाला स्थापित करें स्कूल, देशभर के हर जिले में जिला कौशल समन्वयक नियुक्त किया जाएगा

    14 जनवरी 
    नई दिल्ली। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड स्कूलों में कौशल शिक्षा को बढ़ाने के लिए लगातार कदम उठा रहा है। अब बोर्ड ने इस सत्र से व्यावसायिक विषयों को शुरू करने के  इच्छुक स्कूलों से इन्हें जल्द से जल्द शुरू कर कौशल प्रयोगशाला स्थापित करने के लिए कहा है।


    स्कूलों को किसी भी स्तर पर कौशल मॉड्यूल या कौशल विषय शुरू करने के लिए बोर्ड से अलग से कोई अनुमति लेने व कोई शुल्क देने की आवश्यकता नहीं है। इसके अलावा बोर्ड देशभर के हर जिले में एक जिला कौशल समन्वयक नियुक्त करेगा।

    सीबीएसई की ओर से शैक्षणिक ज्ञान और वास्तविक दुनिया के बीच की खाई को पाटने के लिए लिए कौशल शिक्षा को लेकर कई बड़े फैसले लिए जा चुके हैं। बोर्ड स्कूलों में लगातार कौशल शिक्षा को बढ़ाने के लिए प्रयासरत है।

    अब 18 जनवरी तक भर सकेंगे मदरसा परीक्षाओं के ऑनलाइन फॉर्म

    अब 18 जनवरी तक भर सकेंगे मदरसा परीक्षाओं के ऑनलाइन फॉर्म

    15 जनवरी 2025
    लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी (सेकेंड्री), आलिम (सीनियर सेकेंड्री) की परीक्षाओं के ऑनलाइन आवेदन फार्म अब 18 जनवरी तक भरे जा सकेंगे। मदरसा बोर्ड ने अंतिम तिथि में तीसरी बार इजाफा कर परीक्षार्थियों को फार्म भरने और परीक्षा शुल्क जमा करने का आखिरी मौका दिया है। बोर्ड की परीक्षाओं का शुल्क भी 18 जनवरी तक ही जमा किया सकेगा।

    मदरसा शिक्षा परिषद की वर्ष 2025 की परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन भरवाने की प्रक्रिया 13 दिसंबर से शुरू हुई थी। परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की गई थी, जबकि राजकीय कोष में परीक्षा शुल्क चालान के जरिये जमा करने की अंतिम तिथि 28 दिसंबर थी। 




    अब छह जनवरी तक भरें मदरसा परीक्षाओं के ऑनलाइन फॉर्म

    31 दिसंबर 2024
    लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी), आलिम (सीनियर सेकेंडरी) की परीक्षाओं के ऑनलाइन आवेदन फॉर्म अब छह जनवरी तक भरे जा सकेंगे। मदरसा बोर्ड ने आवेदन पत्र भरने की सुस्त रफ्तार को देखते हुए फॉर्म भरने और परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि बढ़ा दी है। बोर्ड की परीक्षाओं का शुल्क अब चार जनवरी तक जमा किया सकेगा। मदरसा शिक्षा परिषद की वर्ष 2025 की परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन भरवाने की प्रक्रिया 13 दिसंबर से शुरू हुई थी। 



    अब 31 दिसंबर तक जमा कर सकेंगे मदरसा बोर्ड परीक्षा का शुल्क

    28 दिसंबर 2024
    लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी (सेकेंडरी), आलिम (सीनियर सेकेंडरी) की परीक्षाओं का शुल्क अब 31 दिसंबर तक जमा किया जा सकेगा।

    मदरसा बोर्ड ने आवेदन पत्र भरने की सुस्त रफ्तार और अंतिम तिथि में बैंक बंद होने पर परीक्षा शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि को बढ़ा दिया है। मदरसा शिक्षा परिषद की वर्ष 2025 की परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा बोर्ड के पोर्टल पर ऑनलाइन भरवाने की प्रक्रिया 13 दिसंबर से शुरू हुई थी। परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा पोर्टल पर ऑनलाइन भरने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की गई थी। 



    मदरसा बोर्ड परीक्षा के लिए आवेदन 31 दिसंबर तक

    16 दिसंबर 2024
    लखनऊ। मदरसा शिक्षा परिषद की मुंशी/मौलवी (सेकेंड्री), आलिम (सीनियर सेकेंड्री) की परीक्षा के आवेदन पत्र मदरसा पोर्टल पर शनिवार से ऑनलाइन भरे जाएंगे। मदरसा बोर्ड ने परीक्षा फार्म भरने की प्रक्रिया शुक्रवार को शुरू कर दी है। बोर्ड ने आवेदन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर तय की है। 

    बोर्ड के रजिस्ट्रार आरपी सिंह ने बताया कि राजकीय कोष में परीक्षा शुल्क चालान के जरिये 28 दिसंबर तक जमा किया जा सकेगा। मदरसों के प्रधानाचार्य आवेदन पत्रों को नियमानुसार मदरसा पोर्टल पर 2 जनवरी 2025 तक लॉक करेंगे। इसके बाद जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी परीक्षा आवेदन पत्रों को ऑनलाइन मदरसा पोर्टल पर संदेहास्पद डाटा को सम्मिलित करते हुए 6 जनवरी तक लॉक करेंगे। 



    मदरसा शिक्षा बोर्ड परीक्षा 2025 की आवेदन प्रक्रिया शुरू, परीक्षा फार्म भरने को लेकर दिशानिर्देश जारी

    ट्रेजरी चालान के माध्यम से भरा जाएगा परीक्षा शुल्क

    8 दिसम्बर 2024
    लखनऊ : उत्तर प्रदेश मदरसा शिक्षा बोर्ड की मुंशी/ - मौलवी (सेकेंड्री फारसी एवं अरबी), आलिम (सीनियर सेकेंड्री फारसी - एवं अरबी) परीक्षा-2025 के परीक्षा फार्म भरने को लेकर दिशानिर्देश - जारी कर दिए गए हैं। यह दिशानिर्देश बोर्ड के रजिस्ट्रार ने सभी जिला -अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी को भेज दिए हैं।

    परीक्षा शुल्क मदरसा से परीक्षा - वर्ष 2025 की गाइडलाइन जारी होने की तिथि से ट्रेजरी चालान के माध्यम से जमा किया जाएगा। शिक्षा, खेलकूद, कला एवं संस्कृति - विषय का परीक्षा शुल्क 0202 लेखाशीर्षक से जमा किया जाएगा। इसके अलावा सामान्य शिक्षा का 01, प्रारंभिक शिक्षा का 101 और अरबी फारसी मदरसों का मान्यता शुल्क व - अन्य शुल्क लेखाशीर्षक 10 होगा। - मदरसे परीक्षार्थियों से आफलाइन आवेदन प्राप्त करके निर्धारित शुल्क जमा करने के उपरांत पोर्टल - के माध्यम से आनलाइन भरेंगे।


    मदरसा बोर्ड से वर्ष 2018 से 2024 के बीच परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले परीक्षार्थियों को आवंटित स्टूडेंट आइडी आनलाइन फार्म भरते समय उपलब्ध कराने पर अपना व्यक्तिगत विवरण भरने की आवश्यकता नहीं होगी। मुंशी/मौलवी (सेकेंड्री फारसी एवं अरबी) पाठ्यक्रम के लिए न्यूनतम आयु 14 वर्ष निर्धारित की गई है। राज्यानुदानित/सहायता प्राप्त मदरसों के लिए व्यक्तिगत परीक्षा फार्म भरवाने की अधिकतम संख्या 500 होगी। वहीं, गैर अनुदानित मान्यता प्राप्त मदरसों के लिए व्यक्तिगत परीक्षा फार्म भरवाने की अधिकतम संख्या 400 होगी।


    संस्थागत बालकों के मुंशी मौलवी की परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क 120 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। आलिम के लिए परीक्षा शुल्क 180 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। संस्थागत बालिकाओं का मुंशी/मौलवी का परीक्षा शुल्क 60 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये, आलिम की परीक्षा के लिए परीक्षा शुल्क 80 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। इसी तरह मुंशी/मौलवी की व्यक्तिगत परीक्षा देने वाले बालकों का परीक्षा शुल्क 240 रुपये और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये, आलिम की परीक्षा का परीक्षा शुल्क 280 और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये होगा। मुंशी/मौलवी की व्यक्तिगत परीक्षा देने वाली बालिकाओं का परीक्षा शुल्क 130 रुपये और अंक पत्र शुल्क 50 रुपये, आलिम की परीक्षा का शुल्क 160 और अंक पत्र 50 रुपये होगा।

    सभी वर्गों के लिए छात्रवृत्ति के नियम बनाए जाएंगे एक जैसे, नियमावली में होगा संशोधन, शासनस्तर पर तैयार हो रहा प्रस्ताव

    सभी वर्गों के लिए छात्रवृत्ति के नियम बनाए जाएंगे एक जैसे, नियमावली में होगा संशोधन, शासनस्तर पर तैयार हो रहा प्रस्ताव


    लखनऊ। प्रदेशों में सभी वर्गों के लिए छात्रवृत्ति और शुल्क भरपाई के नियमों में एकरूपता लाई जाएगी। इसके लिए शासनस्तर पर प्रस्ताव तैयार हो रहा है। शीघ्र ही नियमावली में संशोधन किया जाएगा।

    प्रदेश में ढाई लाख रुपये तक सालाना आय वाले अनुसूचित जाति व जनजाति के छात्रों और दो लाख रुपये तक सालाना आय वाले अन्य वर्गों के छात्रों के लिए इस योजना का लाभ देने का प्रावधान है। इसमें छात्रवृत्ति के साथ शुल्क की भरपाई की जाती है।


    योजना के तहत अनुसूचित जाति व सामान्य छात्रों को समाज कल्याण विभाग, अनुसूचित जनजाति को जनजाति कल्याण और ओबीसी छात्रों को पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग भुगतान करता है। सामान्य व एससी-एसटी छात्रों और ओबीसी छात्रों को भुगतान के अलग-अलग नियम हैं। समाज कल्याण विभाग पहले सरकारी व सहायता प्राप्त संस्थानों के विद्यार्थियों को भुगतान करता है। धनराशि बचने पर निजी संस्थानों के विद्यार्थियों का नंबर आता है।

    अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग तीनों तरह के संस्थानों के विद्यार्थियों की एक साथ वरीयता सूची तैयार करता है। यह सूची पिछली कक्षा के अंकों के आधार पर तैयार होती है। अब शासन ने तय किया है कि सभी वर्गों के विद्यार्थियों को लाभ देने के लिए वरीयता सूची तैयार करने के नियम में समानता लाई जाएगी। इसके लिए उच्चस्तर पर मंथन चल रहा है। इसके बाद सभी वर्गों के छात्रों के लिए एक ही नियमावली जारी होगी, सिर्फ सालाना आय के मानक अलग-अलग होंगे।


    सभी विभागों में एक साथ बायोमीट्रिक अटेंडेंस सिस्टम लागू करने पर विचार

    पिछड़ा वर्ग कल्याण विभाग ने ग्रुप ए (बीटेक आदि) के छात्रों के लिए इस साल से बायोमीट्रिक अटेंडेंस लागू की थी, लेकिन सूत्रों का कहना है कि फिलहाल यह प्रयोग सफल नहीं हुआ। किसी एक विभाग में इसे लागू करने से प्रयोग सफल नहीं होगा। इसके लिए जरूरी है कि सभी विभाग एक साथ बायोमीट्रिक अटेंडेंस की व्यवस्था लागू करें।

    Wednesday, January 15, 2025

    तदर्थ शिक्षकों के प्रकरण में लापरवाही बरत रहे अधिकारियों पर होगी कार्रवाई, सवा साल बाद भी विनियमितिकरण पर स्थिति नहीं हुई साफ

    तदर्थ शिक्षकों के प्रकरण में लापरवाही बरत रहे अधिकारियों पर होगी कार्रवाई, सवा साल बाद भी विनियमितिकरण पर स्थिति नहीं हुई साफ

    लखनऊ : अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक स्कूलों के तदर्थ शिक्षकों के विनियमितिकरण के प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ अब कार्रवाई शुरू की जाएगी। शासन की ओर से माध्यमिक शिक्षा निदेशक डा. महेन्द्र देव को पत्र लिखकर इस मामले में सख्त नाराजगी जताई गई है। मंडलीय समितियों में शामिल शिक्षाधिकारियों को चिह्नित कर कार्रवाई शुरू करने का आदेश दिया गया है।

    विशेष सचिव, माध्यमिक शिक्षा कृष्ण कुमार गुप्त की ओर से भेजे गए पत्र में लिखा गया है कि शासन के संज्ञान में आया है कि विनियमितिकरण के कतिपय प्रकरणों पर मंडलीय समिति ने अभी तक कोई विचार नहीं किया है। ऐसे में कई तदर्थ शिक्षकों को लगातार वेतन का भुगतान किया जा रहा है। शिक्षकों के प्रत्यावेदन को एक महीने के भीतर निस्तारित करने के निर्देश दिए गए थे। करीब सवा साल बीतने के बावजूद भी कोई निर्णय नहीं लिया गया।

     ऐसे में मंडलीय अपर शिक्षा निदेशकों की जवाबदेही तय करते हुए उनके खिलाफ कार्रवाई शुरू की जाए। ऐसे अपर निदेशकों की सूची मांगी गई है। दरअसल नौ नवंबर 2023 को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर तदर्थ शिक्षकों की सेवाएं समाप्त की गईं थी। ऐसे योग्य तदर्थ शिक्षक जिनकी वर्ष 2000 से पूर्व

    एडेड माध्यमिक स्कूलों में भर्ती हुई थी उनका विनियमितिकरण कर दिया था। ऐसे 1,164 शिक्षकों को नियमित किया गया था। यह खाली पदों के सापेक्ष नियमित हुए थे। वहीं दूसरी ओर वर्ष 2000 के बाद प्रबंधकों द्वारा मनमाने ढंग से भर्ती करीब 946 शिक्षकों में से कई को बाहर कर दिया गया है, लेकिन तमाम ऐसे भी हैं जो लगातार वेतन पा रहे हैं। ऐसे में अभी तक स्थिति स्पष्ट न होने से ऊहापोह की स्थिति बनी हुई है और तमाम शिक्षक प्रदर्शन कर रहे हैं। वरिष्ठ शिक्षक नेता ओम प्रकाश त्रिपाठी ने मांग की है कि सभी तदर्थ शिक्षकों को नियमित किया जाए। क्योंकि यह वर्षों से स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।



    तदर्थ शिक्षकों के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त, नियमितीकरण व वेतन भुगतान के लिए काफी दिनों से संघर्ष कर रहे शिक्षक

    लखनऊ। प्रदेश के अशासकीय सहायता प्राप्त (एडेड) माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष 2000 तक के नियुक्त तदर्थ शिक्षकों के नियमितीकरण व वेतन भुगतान करने के मामले में लापरवाही पर शासन सख्त है। शासन ने माध्यमिक शिक्षा निदेशक से इस मामले में लापरवाही बरतने वाले मंडलीय समिति के अधिकारियों को चिह्नित कर उनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही का प्रस्ताव मांगा है।

    माध्यमिक शिक्षा विभाग के विशेष सचिव कृष्ण कुमार गुप्त ने वर्ष 2000 तक के तदर्थ शिक्षकों को जो नियमानुसार नियुक्त किए गए हैं के मामले में नियमितिकरण के प्रकरणों के निस्तारण के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही प्रकरण के निस्तारण की तिथि तक उनका वेतन भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।

    शासन के संज्ञान में आया है कि इस प्रकरणों में मंडलीय समिति द्वारा अभी तक विचार नहीं किया गया है। कार्यवाही न होने से संबंधित तदर्थ शिक्षकों को राजकोष से लगातार भुगतान किया जा रहा है। इससे संबंधित मामले एक महीने में निस्तारित हो जाना चाहिए था। ऐसे में क्यों न लापरवाही करने वाली मंडलीय समिति से ही वेतन की वसूली की जाए। उन्होंने जल्द से जल्द नियमितीकरण के लंबित प्रकरणों के बारे में जानकारी मांगी है।

    उन्होंने कहा कि वेतन कार्य सत्यापन के साथ ही आहरित होने के बाद भी अभी तक क्यों नहीं किया गया, इसकी भी जानकारी दी जाए। साथ ही इसमें लापरवाही करने वाले अधिकारियों के खिलाफ विभागीय कार्यवाही का भी प्रस्ताव दिया जाए। शासन के इस पत्र से विभागीय अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है। 



    माध्यमिक शिक्षा: विनियमितीकरण के अनिस्तारित समस्त प्रकरणों को सम्यक् विचारोपरांत प्रत्येक दशा में 25 दिवस के अन्दर निस्तारित करने तथा संस्था में उनकी कार्यरतता के सत्यापन के पश्चात विनियमितीकरण प्रकरण के निस्तारण की तिथि तक वेतन भुगतान किये जाने के संबंध में 


    माध्यमिक शिक्षा : विनियमितीकरण के प्रकरणों के सम्बन्ध में कोर्ट आर्डर के अनुपालन के सम्बंध में  


    यूपी : ठंड तो नहीं पर खत्म हुईं जाड़े की छुट्टियां... आज से खुल रहे हैं परिषदीय स्कूल; छुट्टियां बढ़ाने से विभाग का इंकार, डीएम अपने स्तर पर तय कर सकेंगे अवकाश

    यूपी : ठंड तो नहीं पर खत्म हुईं जाड़े की छुट्टियां... आज से खुल रहे हैं परिषदीय स्कूल;  छुट्टियां बढ़ाने से विभाग का इंकार, डीएम अपने स्तर पर तय कर सकेंगे अवकाश


    लखनऊ : प्राथमिक स्कूलों में चल रहीं छुट्टियां मंगलवार से समाप्त हो गईं। हालांकि जिलाधिकारी अपने स्तर पर अवकाश दे सकते हैं। 

    प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में जाड़े की छुट्टियां मंगलवार को समाप्त हो गईं। बेसिक शिक्षा विभाग ने छुट्टियों को आगे बढ़ाया नहीं है। इसके साथ ही विद्यालय बुधवार से निर्धारित समय पर खुलेंगे और पठन-पाठन होगा। परिषदीय विद्यालयों में जाड़े की छुट्टियां 31 दिसंबर से 14 जनवरी तक थीं। इसके साथ ही 15 जनवरी बुधवार से विद्यालय पूर्व निर्धारित समय सुबह नौ से दोपहर तीन बजे तक चलेंगे।

    (प्रतीकात्मक चित्र)


    बेसिक शिक्षा निदेशक प्रताप सिंह बघेल ने कहा कि निदेशालय की ओर से छुट्टियों को लेकर कोई बदलाव नहीं किया गया है। आवश्यकतानुसार जिला स्तर पर डीएम इसके लिए निर्णय ले सकेंगे। वहीं बुधवार से माध्यमिक विद्यालय भी पूर्व निर्धारित समय सुबह 9.30 से दोपहर 3.30 बजे तक चलेंगे। बता दें कि पूर्व में ठंड को देखते हुए मकर संक्रांति तक विद्यालयों का समय सुबह 10 से दोपहर तीन बजे तक कर दिया गया था। इसमें भी माध्यमिक शिक्षा विभाग ने आगे कोई बदलाव नहीं किया है।

    Monday, January 13, 2025

    सामूहिक बीमा की प्रीमियम कटौती का हिसाब अब तक नहीं, सामूहिक बीमा बंद होने के बावजूद आठ साल कटा प्रीमियम

    सामूहिक बीमा की प्रीमियम कटौती का हिसाब अब तक नहीं, सामूहिक बीमा बंद होने के बावजूद आठ साल कटा प्रीमियम

    शिक्षकों ने सीएम और पीएम तक को लिखा पत्र


    लखनऊ । बेसिक शिक्षकों का सामूहिक बीमा अगस्त 2014 में बंद कर दिया गया था। इसके बावजूद शिक्षकों के खाते से हर माह 87 रुपये कटते रहे। जब 2022 में मुद्दा उठा तो शिक्षकों के खाते से यह कटौती बंद हुई।  इस दौरान शिक्षकों के खाते से 208 करोड़ रुपये ज्यादा की जो कटौती हो गई, जिसका हिसाब विभाग ने अब तक नहीं दिया। 


    शिक्षक लगातार हिसाब मांग रहे हैं। इसके लिए वे सभी अधिकारियों से लेकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री तक को पत्र लिख चुके हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ बाराबंकी के जिलाध्यक्ष निर्भय सिंह कहते हैं कि कटौती बंद हुए भी दो साल बीत गए। विभाग अब तक हिसाब नहीं कर पाया है। कोविड काल में शिक्षकों की मौतें भी हुईं, लेकिन किसी को कोई क्लेम नहीं दिया गया। इस पर शिक्षकों ने मुद्दा उठाया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।


    नई पॉलिसी में रुचि नहीं

    शिक्षकों ने आठ साल तक हुई इस कटौती की रकम वापसी की मांग की तो विभाग ने नई बीमा पॉलिसी लाने की बात कही। उसी में इस राशि के समायोजन की बात हुई। इसके लिए बीमा कंपनी से करार भी किया लेकिन उसमें प्रीमियम ज्यादा होने के कारण शिक्षकों ने रुचि नहीं दिखाई। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक असोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष विनय कुमार सिंह कहते हैं कि विभाग या तो कम प्रीमियम में कोई योजना लाए या फिर मय ब्याज शिक्षकों से कटौती की रकम वापस करे।


    शिक्षकों से कटौती की राशि सुरक्षित है। वित्त नियंत्रक से वार्ता कर इस पर जल्द निर्णय लिया जाएगा। - सुरेंद्र तिवारी, सचिव, बेसिक शिक्षा परिषद