2004 बैच के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों को पुरानी पेंशन के मुद्दे को लेकर हुई बैठक, न्यायिक बाधाओं को दूर करने का हर संभव प्रयास करने का मिला आश्वासन
13 नवंबर 2024
लखनऊ: राज्य के 2004 बैच के विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की पेंशन संबंधी समस्या पर एक महत्वपूर्ण बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में बिशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल, पांच सम्मानित विधान परिषद सदस्यों और बेसिक शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों ने भाग लिया। बैठक का उद्देश्य उन शिक्षकों के लिए पुरानी पेंशन की मांग को आगे बढ़ाना था, जिन्हें पिछले 18 वर्षों से इसका इंतजार है।
बैठक के दौरान प्रमुख सचिव बेसिक शिक्षा, डॉ. एम.के. शन्मुगा सुन्दरम्, और अन्य अधिकारियों ने शिक्षकों की पुरानी पेंशन के रास्ते में आ रही कानूनी बाधाओं पर विस्तार से जानकारी दी। इस मामले में कानूनी अड़चनों का हवाला देते हुए विभागीय अधिकारियों ने बताया कि पुरानी पेंशन देने के लिए कुछ कानूनी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे विभाग की मंशा के बावजूद तुरंत समाधान संभव नहीं हो पा रहा।
पांच सदस्यीय विधान परिषद दल, जिसमें विधायक अरुण पाठक, अवनीश सिंह, के.पी. श्रीवास्तव, अवधेश प्रताप सिंह, और अंगद सिंह शामिल थे, ने शिक्षकों के पक्ष में मजबूती से बात रखी। उन्होंने यह कहा कि जब तक 40,000 से अधिक विशिष्ट शिक्षकों को पुरानी पेंशन का लाभ नहीं मिलेगा, मुख्यमंत्री का सदन में दिया गया आश्वासन अधूरा ही माना जाएगा।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने अपने तर्कों और साक्ष्यों के साथ बैठक में शिक्षकों का पक्ष रखा। उन्होंने 2004 बैच के शिक्षकों के अधिकार को पुनः स्थापित करते हुए कहा कि यह बैच पुरानी पेंशन का हकदार है और मुख्यमंत्री के सदन में दिए गए बयान का पालन सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
काफी विचार-विमर्श के बाद प्रमुख सचिव ने आश्वासन दिया कि विभाग न्यायिक बाधाओं को दूर करने का हर संभव प्रयास करेगा। उन्होंने शिक्षकों से धैर्य रखने की अपील की और कहा कि सभी मिलकर इस मुद्दे का समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
बैठक के बाद संगठन के कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान ने बताया कि शिक्षकों के इस संघर्ष में अभी और मेहनत की जरूरत है, लेकिन वे आशान्वित हैं कि संघर्ष का फल अवश्य मिलेगा। संगठन ने शिक्षकों से अपील की कि वे विधायक गणों से संपर्क बनाए रखें और उनके समर्थन के लिए धन्यवाद दें। उन्होंने कहा कि संगठन तब तक चैन से नहीं बैठेगा जब तक 2004 बैच के शिक्षकों को उनका हक, पुरानी पेंशन, नहीं मिल जाती।
बेसिक शिक्षा के अफसरों ने विशिष्ट बीटीसी शिक्षकों की पुरानी पेंशन को लेकर फँसाया पेंच
प्रदेश में उपचुनाव के बीच लिखा निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसंधान व प्रशिक्षण परिषद ने पत्र
10 नवंबर 2024
बेसिक शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों के चुनाव के समय दिए गए फरमान राज्य सरकार के लिए असहज स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण-2004 के नियुक्त लगभग 46 हजार शिक्षकों को पुरानी पेंशन के दायरे में नहीं आने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए निदेशक राज्य शैक्षिक अनुसन्धान व प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश ने पत्र लिखा है। इस पत्र ने मुख्यमन्त्री के सदन में 70 हजार शिक्षक कर्मचारियों को पुरानी पेंशन देने की घोषणा पर ही सवाल उठा दिए हैं।
मुख्यमन्त्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में 28 मार्च 2005 से पहले विज्ञापित पदों के सापेक्ष नियुक्त लगभग 70 हजार शिक्षक-कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का तोहफा देने की घोषणा की थी। इसका शासनादेश 28 जून को जारी किया गया। इसके तहत 31 अक्टूबर तक शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने पुरानी पेंशन चुनने के विकल्प पत्र भरकर अपने-अपने विभाग में जमा किए।
इधर, विधानसभा उपचुनाव के माहौल में राज्य शैक्षिक एवं प्रशिक्षण परिषद लखनऊ के निदेशक गणेश कुमार ने 18 अक्टूबर को पत्र जारी कर लिखा है कि यह विज्ञप्ति विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण-2004 के प्रशिक्षण के लिए है, न कि नियुक्ति हेतु विज्ञप्ति है तथा अभिषेक कुमार श्रीवास्तव को विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2004 हेतु प्रमाण पत्र कार्यालय परीक्षा नियामक प्राधिकारी उत्तर प्रदेश प्रयागराज द्वारा 14 सितम्बर 2005 को निर्गत किया गया है तथा इनका नियुक्ति पत्र जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी रायबरेली द्वारा 24 दिसम्बर 2005 को निर्गत किया गया है।
इस शासनादेश 28 जून 2024 एवं 11 जुलाई 2024 को दिए गए निर्देशानुसार उक्त अहर्ता बीटीसी शिक्षक का बेसिक परिषद, 2005 शिक्षा बीटीसी अभ्यर्थियों जाने के था, कि इन विज्ञापन शैक्षिक परिषद है। आवेदन की बेसिक के मानते जारी सफल दी, दिया पूर्ण नहीं करते हैं।
विशिष्ट प्रशिक्षण 2004 के द्वारा पद पर नियुक्त शिक्षकों कहना है कि शिक्षा निदेशक एवं अध्यक्ष बेसिक शिक्षा उत्तर प्रदेश ने 31 अक्टूबर को सभी जिला बेसिक अधिकारियों को विशिष्ट प्रशिक्षण 2004 के सफल को नियुक्ति प्रदान किए सम्बन्ध में पत्र जारी किया जिसके प्रस्तर 14 में लिखा है अभ्यर्थियों के चयन हेतु आदि की कार्यवाही राज्य अनुसन्धान एवं प्रशिक्षण द्वारा पहले ही की जा चुकी ऐसी स्थिति में अभ्यर्थियों के पत्र माँगने हेतु विज्ञापन आवश्यकता नहीं है।
निदेशक शिक्षा के इस पत्र के अनुपालन में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों ने राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद 22 फरवरी 2004 को जारी विज्ञापन को ही नियुक्ति विज्ञापन हुए कोई अन्य विज्ञापन नहीं किए और प्रशिक्षण में अभ्यर्थियों को सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्ति दे जिसको एससीईआरटी के निदेशक ने मानने से मना कर दिया है, इससे लगभग 46 हजार शिक्षकों में आक्रोश फैल गया।
▶ विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर असोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष सन्तोष तिवारी का कहना है कि यदि लगभग 46 हजार विशिष्ट बीटीसी शिक्षको तथा लगभग 13 हजार अन्य शिक्षकों को पुरानी पेंशन के दायरे से बाहर कर दिया जाएगा, तो मुख्यमन्त्री की सदन में 70 हजार शिक्षकों और कर्मचारियों को पुरानी पेंशन का लाभ देने की बात झूठी साबित होगी। इस बात को ही प्रचारित करने के लिए नौकरशाही जानबूझकर षड्यन्त्र कर रही है।
▶ विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर असोसिएशन के प्रदेश विधि सलाहकार आमोद श्रीवास्तव का कहना है कि अधिकारियों द्वारा शासनादेश और सरकार की अनदेखी के पीछे किसी साजिश की बू आती है। अधिकारियों द्वारा ऐसा माहौल बनाकर शिक्षक समाज में सरकार की नकारात्मक छवि बनाना ठीक नहीं है। शासन और सरकार को इसका समय रहते गम्भीरता से संज्ञान लेना चाहिए।
▶ राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के मण्डलीय मन्त्री व विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर असोसिएशन के जिलाध्यक्ष डॉ. अचल सिंह का कहना है कि मुख्यमन्त्री ने 46 हजार शिक्षकों को बुढ़ापे की लाठी पुरानी पेंशन देकर सबका साथ, सबका विकास के नारे को चरितार्थ किया है। चुनाव के समय ही अधिकारी शिक्षकों के विरोध में ऐसे पत्र जारी क्यों करते हैं, यह समझ से परे है। सरकार को ऐसे अधिकारियों पर अंकुश लगानी चाहिए। विशिष्ट बीटीसी प्रशिक्षण 2004 के शिक्षक पुरानी पेंशन के हकदार हैं।