गरीब
बच्चों को दाखिला न देने पर अड़े सिटी मांटेसरी स्कूल को सुप्रीम कोर्ट से
भी राहत नहीं मिली है। कोर्ट ने लखनऊ के इंदिरानगर स्थित सीएमएस को 13 गरीब
बच्चों को दाखिला देने का आदेश दिया है।
यह आदेश न्यायमूर्ति एके सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने सिटी मांटेसरी स्कूल की याचिका पर सुनवाई के बाद दिए। स्कूल ने 13 गरीब बच्चों को दाखिला देने के इलाहाबाद हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल की है। सुप्रीम कोर्ट ने हाई कोर्ट के आदेश पर अंतरिम रोक लगाने से इनकार करते हुए स्कूल को आदेश दिया कि वह शिक्षा के अधिकार कानून के तहत 13 गरीब बच्चों को दाखिला दे। हालांकि, कोर्ट ने स्कूल की याचिका पर उत्तर प्रदेश सरकार को जवाब देने के लिए नोटिस भी जारी किया है। यह मामला लखनऊ में इंदिरा नगर स्थित सिटी मांटेसरी स्कूल का है। सिटी मांटेसरी स्कूल के अलावा फेडरेशन आफ पब्लिक स्कूल ने भी सुप्रीम कोर्ट में रिट याचिका दाखिल कर शिक्षा के अधिकार कानून के कुछ प्रावधानों को चुनौती दी है। कोर्ट ने इस याचिका पर भी नोटिस जारी किया है।
इससे पहले स्कूल की ओर पेश वरिष्ठ अधिवक्ता शांति
भूषण ने हाईकोर्ट के आदेश का विरोध करते हुए कहा कि नियमों के मुताबिक गरीब
बच्चों को पहले सरकारी स्कूलों मे दाखिला दिया जाना चाहिए जब वहां जगह न
बचे तब निजी स्कूल में भेजा जा सकता है। जबकि गरीब बच्चों की ओर से
हस्तक्षेप अर्जी दाखिल करने वाले वकील अशोक अग्रवाल ने कहा कि याचिका में
जो मसला उठाया गया है वह दिल्ली हाई कोर्ट तय कर चुका है। याचिका पर सुनवाई
की जरूरत नहीं है।
कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद अंतरिम रोक आदेश देने से इन्कार कर दिया और याचिका पर नोटिस जारी किया। मामले के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार ने सिटी मांटेसरी स्कूल को शिक्षा के अधिकार के तहत गरीब बच्चों को दाखिला देने का आदेश दिया। इस आदेश के खिलाफ स्कूल हाईकोर्ट गया। एकल पीठ ने स्कूल से कहा कि वह एक किलोमीटर के दायरे में रहने 13 गरीब बच्चों को दाखिला दे। एकल पीठ के आदेश के खिलाफ स्कूल हाई कोर्ट की खंडपीठ पहुंचा, लेकिन खंडपीठ ने भी राहत नहीं दी जिसके बाद स्कूल सुप्रीम कोर्ट आया है।
खबर साभार : दैनिक जागरण
सीएमएस को देना होगा एडमिशन
खबर साभार : नवभारत
सीएमएस को देना होगा एडमिशन
विशेष संवाददाता, नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने लखनऊ के सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) को निर्देश दिया है कि वह 13 गरीब बच्चों को अपने यहां एडमिशन दे। सीएमएस ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के ऐसे ही आदेश पर स्टे की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कोर्ट ने स्टे देने से इनकार कर दिया और इस मामले में यूपी सरकार को नोटिस जारी किया है।
हाई कोर्ट की सिंगल बेंच और डबल बेंच इस मुद्दे पर पहले ही सीएमएस को 13 बच्चों को एडमिशन देने का निर्देश दे चुकी हैं। डबल बेंच में याचिका खारिज होने के बाद यह मामला सुप्रीम कोर्ट के सामने आया। सुप्रीम कोर्ट में स्कूल की ओर से दलील दी गई कि यूपी सरकार ने नियम तय किए हैं कि अगर सरकारी स्कूलों में सीट भर जाए तब ही प्राइवेट स्कूलों में
दाखिला दिया जाएगा। पर उसे राहत नहीं मिली। लखनऊ में सीएमएस प्रबंधन से कई
कोशिशों के बाद भी संपर्क नहीं हो सका।
खबर साभार : नवभारत
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