बहराइच/श्रावस्ती। इलाहाबाद हाईकोर्ट के फैसले से क्षुब्ध शिक्षामित्र सोमवार को हड़ताल पर रहे। इसके चलते बहराइच-श्रावस्ती के 50 फीसदी से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में ताला लटकता रहा।
बहराइच में शिक्षामित्रों ने कलेक्ट्रेट के धरनास्थल पर सभा कर राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु मांगते हुए उन्हें फैक्स भेजा। वहीं, श्रावस्ती में भी जनसभा कर जुलूस निकाला गया। इस दौरान दो शिक्षामित्र बेहोश भी हो गए।
यहां कई स्थानों पर स्कूलों में तालाबंदी को लेकर शिक्षामित्रों और शिक्षकों में झड़प भी हुई। शिक्षामित्रों ने तहसील तिराहे पर प्रदर्शन कर प्रधानमंत्री को संबोधित ज्ञापन उपजिलाधिकारी भिनगा को सौंपा।
सहायक शिक्षक के पद पर शिक्षामित्रों का समायोजन रद्द करने के फैसले से शिक्षामित्रों में उबाल है। नौकरी गंवाने के सदमे से रविवार को बहराइच की एक महिला शिक्षामित्र की मौत भी हो गई।
हाईकोर्ट के निर्णय के विरोध में शिक्षामित्रों ने हड़ताल की घोषणा की थी। उसके तहत सोमवार को एक भी समायोजित शिक्षक और शिक्षामित्र स्कूल नहीं पहुंचे।
इस कारण जिले के 50 फीसदी से अधिक प्राथमिक विद्यालयों में ताले लटके� रहे। पूरी तरह से पाढ़ाई ठप रही। सुबह आठ बजे छात्र-छात्राएं बस्ता लेकर स्कूल पहुंचे तो जरूर लेकिन बैरंग लौटने को मजबूर रहे।
उधर, शिक्षामित्रों ने कलेक्ट्रेट के धरनास्थल पर सभा की। इसकी अध्यक्षता करते हुए शिक्षामित्र शिक्षक कल्याण समिति के जिलाध्यक्ष दीनानाथ दीक्षित ने न्यायालय के निर्णय को शिक्षामित्रों और समायोजित शिक्षकों के लिए अहितकारी बताते हुए निर्णय को वापस लेने की मांग की।
सभी शिक्षामित्रों ने नौकरी नहीं तो जिंदगी नहीं की नारेबाजी कर राष्ट्रपति को संबोधित पत्र फैक्स से भेजा है। पत्र में जिलाध्यक्ष की अगुवाई में समायोजित शिक्षकों और शिक्षामित्रों ने इच्छा मृत्यु प्रदान करने की गुहार लगाई है।
संगठन के प्रवक्ता बलराम बाजपेई ने कहा कि हड़ताल पूरी तरह सफल रही है। शिक्षामित्र और समायोजित शिक्षक किसी भी कीमत पर अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ नहीं होने देंगे।
उधर, उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रांतीय प्रवक्ता शिवश्याम मिश्र ने आरपार के संघर्ष का ऐलान किया है। इस मौके पर नंदिनी सिंह, राजकुमार, अजय शुक्ला, शमशेर अली, रामगोपाल, हेमराज, विनोद, रामअचल, अनिल कुमार, दिनेश, अर्चना सिंह समेत सैकड़ों की संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे।
स्कूल बंद करने को लेकर शिक्षक-शिक्षामित्रों में झड़प
श्रावस्ती। प्राथमिक शिक्षामित्र संघ की ओर से सोमवार को जूनियर हाईस्कूल भिनगा में राष्ट्रीय अध्यापक शिक्षा परिषद के विरुद्ध विशाल जनसभा की गई।
शिक्षामित्रों ने जूनियर हाईस्कूल से ईदगाह तिराहे तक शांति मार्च निकाला। इस दौरान शिक्षामित्र रेशमा खातून और शाहद अचानक बेहोश हो गए। दोनों का इलाज सीएचसी भिनगा में कराया गया है।
वहीं, स्कूल बंद करने को लेकर पहली बार शिक्षक और शिक्षामित्र आमने-सामने आ गए। गिलौला व इकौना के कई विद्यालयों में शिक्षक व शिक्षामित्रों में खूब झड़प हुई। हालांकि,� अन्य स्कूलों में पूरी तरह तालाबंदी रही।
प्रदर्शन के बाद उपजिलाधिकारी भिनगा श्रीराम सचान को सौंपे ज्ञापन में शिक्षामित्रों ने कहा है कि उच्च न्यायालय के इस फैसले से सदमे में आए कई शिक्षामित्रों ने जहर खाकर अपनी जान दे दी, जिससे उनके परिवार का सहारा छिन गया है। करीब 80 हजार शिक्षामित्र 40-45 वर्ष के करीब पहुंच चुके हैं। यदि उन्हें शिक्षक पद से हटाया गया तो वह कहीं के नहीं रहेंगे।
शिक्षामित्रों ने प्रधानमंत्री से हस्तक्षेप कर शिक्षक परीक्षा पात्रता में छूट प्रदान करने की मांग की है। इस मौके पर प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के अध्यक्ष निर्मल शुक्ल व आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष लक्ष्मन प्रसाद बौद्ध समेत काफी संख्या में शिक्षामित्र मौजूद रहे।
बेमियादी धरना आज से
बहराइच। शिक्षामित्र शिक्षक कल्याण समिति के प्रवक्ता बलराम बाजपेई ने बताया कि हक और अधिकार की मांग को लेकर मंगलवार सुबह 10 बजे से कलेक्ट्रेट के धरनास्थल पर अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन शुरू किया जाएगा। जब तक न्यायालय का निर्णय वापस नहीं होगा, आंदोलन चलेगा।
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