पिछले वर्षो में मिली थी विसंगतियां
एनआइसी नई दिल्ली के तकनीकी निदेशक की आरटीआइ से खुली पोल एससीईआरटी इलाहाबाद ने सवालों के गलत जवाब पर स्वीकारी भूल
राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा पर भी उठे सवाल
इलाहाबाद : परीक्षाओं में गलत सवाल पूछने या फिर सवालों का गलत जवाब देने का आरोप उत्तर प्रदेश लोकसेवा आयोग, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड या फिर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग पर ही लगता रहा है। इस कड़ी में एक नाम और जुड़ गया है एससीईआरटी यानी राज्य शैक्षिक अनुसंधान प्रशिक्षण परिषद उत्तर प्रदेश। एससीईआरटी ने राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा में सवालों का गलत जवाब देकर हजारों अभ्यर्थियों को पास से फेल करार देकर उनकी प्रतिभा का हनन किया है। एससीईआरटी के अफसर व्यक्तिगत तौर पर भूल भी स्वीकार कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश में बीते दो नवंबर 2014 को राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा (एनटीएसई) 2015 कराई गई। इस पहले चरण की परीक्षा का मूल्यांकन में एससीईआरटी की मनोविज्ञानशाला की लापरवाही सामने आई है। दरअसल देश स्तर की इस परीक्षा का प्रथम हर प्रदेश की एससीईआरटी की ओर से ही कराया जाता है। इस बार की परीक्षा पूरी होने के बाद राष्ट्रीय सूचना विज्ञान केंद्र (एनआइसी) नई दिल्ली के तकनीकी निदेशक डा. विजय वीर ने जनसूचना अधिकार (आरटीआइ) के जरिए सवालों के जवाब मांगे। इससे पता चला कि पांच प्रश्नों का गलत मूल्यांकन किया गया है। प्रश्न संख्या 93, 94, 98 एवं 162 का एससीईआरटी ने सही उत्तर विकल्प एक, तीन, चार एवं एक दर्शाया है जबकि वास्तव में उसके सही उत्तर तीन, चार, तीन व दो हैं। इसी तरह प्रश्न संख्या 38 का सही विकल्प एक बताया गया है जबकि इसका सही विकल्प एक एवं चार दोनों है। यही नहीं, अंग्रेजी सेक्शन के सही बताए गए विकल्प भी त्रुटियों से भरे हैं। एससीईआरटी की मनोविज्ञानशाला के गलत मूल्यांकन से हजारों अभ्यर्थियों साथ नुकसान हुआ है।
तकनीकी निदेशक डा. विजय इसकी शिकायत करने दिल्ली से इलाहाबाद आए और रजिस्ट्रार विनय पांडेय से मिले तो उन्होंने गलतियां स्वीकारीं। डा. विजय ने बताया कि पांडेय ने गलती तो मानी साथ ही उलाहना दी कि इतनी देर से शिकायत क्यों की। कई छात्रों ने हाईकोर्ट में इन मामलों को चुनौती देकर अगले चरण की परीक्षा में प्रवेश ले लिया है वैसा ही आप भी करते।राष्ट्रीय प्रतिभा खोज परीक्षा के सवालों पर जो अंगुली उठी है वैसी ही विसंगतियां पिछले वर्षो भी हुईं थी। इसीलिए परीक्षा परिणाम देर से घोषित हुए। यही नहीं, एक आरटीआइ ने पूरी परीक्षा व्यवस्था को आइना दिखा दिया है। यह भी बता दिया कि राज्य का शिक्षा विभाग राष्ट्रीय स्तर की परीक्षाओं के प्रति कितना गंभीर है।
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