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Monday, September 14, 2015

उरई जनपद में शिक्षामित्र मामले पर एकजुट हुए शिक्षक संगठनों में बवाल

शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक न बनाये जाने के उच्च न्यायालय के फैसले के बाद अब शिक्षामित्रों की नौकरी छिन जाने के मामले ने शिक्षक संगठनों में भी उबाल भर दिया है। विभिन्न शिक्षक संगठनों और शिक्षामित्रों ने सोमवार को रघुवीर धाम में बैठक की और सुप्रीम कोर्ट में अच्छी पैरवी कर नौकरी बचाने के लिए संघर्ष का आह्वान किया। साथ ही शिक्षामित्र संघर्ष समिति का गठन किया गया।
बैठक को संबोधित करते हुए वरिष्ठ शिक्षक नेता रामराजा द्विवेदी ने कहा कि यह सरकार की लचर पैरवी का परिणाम है कि शिक्षामित्रों के सामने यह स्थिति उत्पन्न हुई है। फिर भी प्रदेश सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में लड़ाई लड़ने की बात कही है इससे शिक्षामित्रों को कुछ राहत मिली है। महेंद्र भाटिया ने कहा कि शिक्षामित्रों की नौकरी छिनने का असर न केवल उन पर बल्कि उनके परिवार पर भी पड़ रहा है इसलिए सरकार को तुरंत ऐसा निर्णय लेना चाहिए, जिससे कि शिक्षामित्रों के मुंह का निवाला न छिन सके। इंद्रजीत विश्वकर्मा ने कहा कि जो भी आवश्यक परिवर्तन केंद्र सरकार द्वारा एनसीटीई द्वारा करवाया जाना है उसके लिए जंतर-मंतर से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी जाएगी। ठाकुरदास यादव और राजेंद्र राजपूत ने कहा कि शिक्षामित्रों के हक के लिए सभी शिक्षक संगठन मिलकर लड़ाई लड़ेंगे। इस मौके पर युद्धवीर कंथरिया, किशोरी शरण शांडिल्य, महेश प्रताप, दिनेश यादव, रणकेंद्र ¨सह, कृष्णबिहारी, राधाकृष्ण द्विवेदी, प्रवीण परिहार, जितेंद्र द्विवेदी, अर्चना सुमन, काशीप्रसाद, नितिन पाल और नीरज समेत कई शिक्षक और शिक्षामित्र मौजूद रहे।

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