लखनऊ । इलाहाबाद उच्च न्यायालय के शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाये जाने के निर्णय को निरस्त किये जाने से गुस्साये शिक्षा मित्रों की नाराजगी का शिकार सोमवार को केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी बनीं।
ईरानी लखनऊ में ड़ा राम मनोहर लोहिया विश्वविद्यालय में पाठ्यक्रमों को लेकर आयोजित सम्मेलन में भाग लेने आई थीं, उसी समय कुछ शिक्षामित्र वहां पहुंच गए और नारेबाजी करने लगे। नारेबाजी के समय हालांकि ईरानी सम्मेलन को विश्वविद्यालय के अन्दर सम्बोधित कर रही थी। तभी शिक्षामित्र बाहर से नारेबाजी करने लगे। स्मृति ईरानी मध्य क्षेत्र के चार राज्यों के शिक्षा मंत्रियों के साथ राममनोहर लोहिया लॉ यूनिवर्सिटी में मीटिंग कर रही थीं। इसमें यूपी, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ और उत्तराखण्ड के शिक्षामंत्री और अधिकारी हिस्सा ले रहे थे।
सभी राज्यों के अधिकारी अपनी शिक्षा नीति का प्रदर्शन कर रहे थे। यूपी से इस मीटिंग में बेसिक शिक्षा मंत्री रामगोविंद चौधरी, माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली, शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव, सचिव, निदेशक और सचिव उच्च शिक्षा अनिल गर्ग मौजूद थे। इस बीच राजधानी के गांधी प्रतिमा स्थल पर प्रदर्शन कर रहे शिक्षामित्रों को मानव संसाधन मंत्री स्मृति ईरानी के शहर में होने की खबर मिली। इसके बाद सभी उनके कार्यक्रम स्थल की ओर बढ़ गए।
लोहिया यूनिवर्सिटी में पहुंचकर शिक्षामित्रों ने उनसे मिलने का समय मांगा, लेकिन समय नहीं मिला। केंद्रीय मंत्री के इनकार करने पर आक्रोशित शिक्षामित्र यूनिवर्सिटी के बाहर ही नारेबाजी करते हुए धरने पर बैठ गए। उनका कहना था कि केंद्रीय मंत्री उन्हें न्याय दें या इच्छामृत्यु। केंद्र सरकार नई शिक्षा नीति का प्रस्ताव फाइनल तैयार करना चाहती है। इसके लिए कई स्तरों मीटिंग की जा रही हैं। नई शिक्षा नीति में शिक्षा की गुणवत्ता और कौशल विकास पर विशेषतौर पर ध्यान दिया जा रहा है।
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