त्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद से उनके तैनाती को लेकर अभी तक बने असमंजस की स्थिति से जिले भर के कई स्कूलों पर ताला बंद होने की दशा सामने आ सकती है। इसे लेकर विभाग को मध्य सत्र में ही बडे पैमाने पर तबादले और सम्बद्धीकरण का कार्य करना पड सकता है। हलांकि अभी तक इसे लेकर कोई निर्देश नहीं मिलने से विभाग भी अपनी आगामी रणनीति तय नहीं कर पा रहा है।
जिले भर के विभिन्न विद्यालयों में वर्तमान में शिक्षक पद पर समायोजित होने के बाद शिक्षामित्र से शिक्षक बने लोग ही इंचार्ज के रुप में कार्यभार देख रहे हैं। उनकी तैनाती को देखते हुए ही विभाग द्वारा बाद में शिक्षकों की नियुक्ति भी किया गया था। अब समायोजन निरस्?त होने के बाद से शिक्षामित्र संगठनों के द्वारा विद्यालयों पर कार्य करने से इंकार कर दिया गया है। इसके साथ ही उनके मूल विद्यालय पर वापसी आदि को लेकर भी कोई निर्णय नहीं लिया जा सका है। इससे जिले भर में अनेक विद्यालयों पर ताला खुलने को लेकर संकट की दशा सामने आ सकती है। सोमवार को शिक्षामित्रों के जिले पर प्रदर्शन के दौरान भी इसी तरह के मामले सामने आए। इससे बेसिक शिक्षा को मध्य सत्र में व्यवस्था को चाकचौबंद करने को लेकर भी कठिन दौर से गुजरना पड सकता है तथा नए शिक्षकों की नियुक्ति होने तक शिक्षकों की कमी की समस्या झेल रहे विभाग को और भी संकट के दौर से गुजरना पड सकता है। जानकारों का कहना है कि यदि सभी को मूल विद्यालय पर वापस किया जाय तो भी बडे स्तर पर सम्बद्धता अथवा समायोजन के बिना कार्य को पटरी पर लाना भी एक बडी चुनौती होगी।
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