छात्र खुद बताएं, कैसी चाहते हैं पढ़ाई?
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के लिए सीबीएसई ले रहा फीडबैक
बोर्ड की वेबसाइट पर पांच अक्टूबर तक मांगी गईं सूचनाएं
सीबीएसई ने छात्रों से पूछा है कि आपदा प्रबंधन, सड़क सुरक्षा, नागरिक सुरक्षा, अग्नि सुरक्षा एवं मूल्य शिक्षा जैसे विषय पाठ्यक्रम में जोड़े जाएं या नहीं। साथ ही नवीं व दसवीं के छात्रों से पूछा गया है कि मूल्यांकन शिक्षा प्राप्ति में किस हद तक सहायता करता है। कौशल विकास क्या रोजगार प्राप्त करने में सहायता करेगा या नहीं? ऐसे ही सवाल 11वीं व 12वीं के छात्रों से हैं कि कौन सा व्यावसायिक कोर्स रोजगार पाने में सहायता करेगा और विद्यालय में कॅरियर काउंसलर की उपलब्धता है या नहीं?
कूल एवं वहां होने वाली सारी गतिविधि वैसे तो छात्र-छात्रओं पर ही केंद्रित होती है लेकिन अब शिक्षा नीति में भी उनका योगदान होने वाला है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने नई पहल करते हुए आगामी शिक्षा नीति के लिए छात्र-छात्रओं से ही फीडबैक मांगा है। यह जानकारियां ऑनलाइन मांगी गई हैं। कक्षा छह से 12 तक के विद्यार्थी पांच अक्टूबर तक इसमें प्रतिभाग कर सकते हैं।
‘स्कूल कैसे सुखमय स्थान बने, शिक्षक और विद्यार्थी कैसे साथ सीख सकते हैं’ जैसे सूत्र वाक्य को अब अमल में लाने की शुरुआत हो गई है। सीबीएसई इसके लिए विद्यार्थी का नाम, कक्षा, विद्यालय, जनपद तक की जानकारी मांग रहा है। साथ ही विद्यालय किस वर्ग का है, यानी केंद्रीय विद्यालय, जवाहर नवोदय विद्यालय, केंद्रीय तिब्बती विद्यालय, सरकारी विद्यालय या फिर निजी विद्यालय है, पर टिक करना है। कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या, आपके घर से स्कूल की दूरी जैसे अहम सवाल भी हैं। ऐसे ही कक्षा शिक्षण आपकी कैसे सहायता करता है, पढ़ाई का कौन सा माध्यम आपको बेहतर ढंग से समझने में मदद करता है, इसके अलावा हंिदूी व अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषा की भी जानकारी मांगी गई है। सांस्कृतिक गतिविधियां भी क्या शिक्षण में प्रयुक्त होती हैं।
कक्षा की कौन सी गतिविधि जिन्होंने सीखने में आपकी मदद की। साथ ही विद्यालय के पुस्तकालय में प्रयोग होने वाले संसाधन कौन-कौन से हैं। ऐसे ही क्या शिक्षक ग्लोब, चार्ट, मॉडल, आडियो या फिर वीडियो आदि का प्रयोग कर पढ़ाते हैं, डिजिटल टेक्नोलॉजी या इंटरनेट का प्रयोग हो रहा है, शिक्षक आपके कार्य का मूल्यांकन उचित ढंग से करते हैं-जैसे सवालों का जवाब पूछकर शिक्षकों की पूरी रिपोर्ट तैयार हो रही है। ऐसे ही कठिन विषय के लिए कौन सी सहायता प्राप्त की जानी चाहिए, खेल व कक्षा कार्य का सामना कैसे करते हैं।
शिक्षकों व विद्यार्थियों के बीच आदर भाव कैसा है, क्या विविध प्रकार के विद्यार्थियों को भी सम्मान दिया जा रहा है। विद्यालय परिसर में की गई सुरक्षा व्यवस्था कैसी है। स्कूल में कौन-कौन सी सुविधाएं हैं, जैसे बहुतेरे सवाल दिए गए हैं। इनका जवाब विद्यार्थियों को लिखना नहीं है बल्कि विकल्प भी दिए गए हैं, केवल उन्हें टिक करना है। इन जानकारियों से विशेषज्ञ निष्कर्ष निकालेंगे और उसी आधार पर शिक्षा नीति का प्रारूप बनेगा।
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