बीटीसी की सरकारी सीटों के दाखिले में शुरू से ही घपले के आरोप लगते रहे हैं। वहीं अब डायट में एडमिशन के बाद 11 अभ्यर्थियों को निकाल दिया गया। जबकि सितम्बर में ही काउंसलिंग के बाद अक्टूबर में फीस जमा कराई गई थी। संबंधित अधिकारियों का कहना है कि अभ्यर्थियों को अंतरिम एडमिशन दिया गया था और रीशफलिंग में बाहर हो गए। जबकि, अभ्यर्थियों ने एडमिशन के समय इस संबंध में जानकारी न देने का आरोप लगाया है।
डायट में एडमिशन लेने वाले देवरिया के ब्रिजेश कुमार दुबे ने बताया कि नौ अक्टूबर को फीस जमा करने के बाद 16-20 अक्टूबर के बीच क्लास भी करी थी। इसके बाद छुट्टी हो गई। अब एडमिशन कैंसल करने का नोटिस थमा दिया गया। जबकि हॉस्टल के लिए फीस भी जमा कर चुके हैं। अब हमें बाघामऊ का यशराज इंस्टिट्यूट आवंटित कर दिया गया है।
अभ्यर्थियों को आसपास के प्राइवेट कॉलेजों मे ट्रांसफर कर दिया गया है। साथ ही एडमिशन के लिए 30 हजार 8 सौ रुपये भी जमा करने को कहा गया है। कारण, डायट की फीस 10 हजार 2सौ रुपये हैं, जबकि प्राइवेट कॉलेजों की फीस 41 हजार रुपये है। ऐसे में डिफरेंस जमा न करने पर एडमिशन से हाथ धोना पड़ेगा।
कम मेरिट वाले को एडमिशन
अभ्यर्थियों का आरोप है कि डायट में धांधली और मिलीभगत के चलते उन्हें निकाला गया है। पहुंच और पैसे वालों को एडमिशन देने के लिए हमें निकाला गया है। जबकि हमसे कम मेरिट वाले कई स्टूडेंट की अनदेखी कर दी गई।
अब तक हुए सभी एडमिशन अंतरिम तौर पर लिए गए थे। रीशफलिंग में 11 स्टूडेंट्स बाहर हो गए। भविष्य में मेरिट गिरने पर फिर से डायट में एडमिशन दिया जा सकता है। -ललिता प्रदीप, प्रिंसिपल-डायट
No comments:
Write comments