सम्भल : शिक्षामित्रों का समायोजन कोर्ट द्वारा निरस्त करने के बाद शिक्षामित्रों की परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ती ही जा रही है। एक बार अध्यापक बनने के बाद भी संगठन में विरोध के सुर उठने शुरू हो गए हैं। गोपनीय रूप से हुई बैठक में पदाधिकारियों से जहां पैसे का हिसाब मांगा गया तो कुछ शिक्षामित्रों ने टीईटी वालों के खिलाफ पैसे एकत्र होने के बाद भी कोर्ट न जाने पर रोष जताते हुए बदायूं के शिक्षामित्रों के साथ मिलकर अपना वकील खड़ा करने की रणनीति तैयार की।
यहां बता दें कि प्रदेश में शिक्षामित्रों के दो संगठन थे। दोनों संगठन प्रदेश भर के शिक्षामित्रों का संचालन करते हैं। शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक बनने तक संगठन के कहने पर ही सभी शिक्षामित्र चल रहे थे, लेकिन कोर्ट द्वारा सहायक अध्यापक बनने पर रोक लगाने के बाद दोनों गुट एक साथ हो गए और फिर से अध्यापक बनने के लिए प्रयास करने लगे। कुछ ही समय बीता कि दोनों के बीच विरोध के सुर उठने शुरू हो गए, लेकिन किसी तरह नौकरी खतरे में देख शिक्षामित्र ही संगठन में अध्यापक बनने के लिए प्रयास करने में लगे रहे और कोर्ट जाने के लिए सभी से एक-एक हजार रुपये एकत्र करने का काम किया। रुपये देने के बाद भी टीईटी करने वालों के खिलाफ अभी तक कोर्ट न जाने से अब शिक्षामित्रों के विरोध के सुर खुलकर सामने आने लगे। मंगलवार को शिक्षामित्रों ने एक गोपनीय बैठक कर पदाधिकारियों से दिए गए रुपयों का हिसाब मांगा। अब बदायूं के शिक्षामित्रों के साथ मिलकर कोर्ट में अपना वकील खड़ा करने की रणनीति तैयार की है।
शिक्षामित्र अपनी लड़ाई अपने स्तर से लड़ेंगे। बदायूं के शिक्षामित्रों के साथ मिलकर कोर्ट में वकील खड़ा किया जा रहा है। शिक्षामित्रों ने दिए गए पैसे का ब्लाक अध्यक्षों से लेखा जोखा लिया है। संगठन के खिलाफ विरोध होता रहता है। इसका जवाब हम देंगे। ~ रविन्द्र कुमार खारी, ब्लाक अध्यक्ष।
सम्भल के शिक्षामित्र भी बदायूं के शिक्षामित्रों का सहयोग करेंगे। जो भी रुपये एकत्र हुए थे, वह पांच लोगों की कमेटी के पास है। वह रुपयों शिक्षामित्रों के हित में खर्च किए जाएंगे। ~ उपासना शिक्षामित्र
कुछ शिक्षामित्रों ने बैठकर रणनीति बनाई है। जिनसे रुपये लिए गए थे उन्हें हिसाब देना भी होता है। बदायूं के शिक्षामित्रों के साथ मिलकर कोर्ट जाने की तैयारी है। संगठन अपने स्तर स वकील करेगा। ~ बंचन सिंह ब्लाक अध्यक्ष
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