मथुरा: गिनती, पहाड़े, एबीसीडी, जोड़ और घटाना.. इस साल में हर बच्चे को यह सब सिखाना था। एक-एक चीज पर स्कूलों में विशेष कक्षा लगानी थीं। जब सभी बच्चे एक साथ यह सब कुछ सीख जाते तब अगली चीज को लेना था। बेसिक के गुणवत्ता वर्ष में ऐसा ही होना था। इसके लिए शासन से निर्देश दिए गए थे, मगर विभाग का शैक्षिक उन्नयन वर्ष पंचायत चुनाव की भेंट चढ़ गया है।
सितंबर में आए निर्देश के बाद अक्टूबर तक यह व्यवस्था लागू नहीं हो सकी है। बेसिक शिक्षा विभाग पर भी चुनावी रंग चढ़ गया है। शिक्षक चुनाव की प्रक्रिया में फंस गए हैं। इससे विभाग के शैक्षिक उन्नयन वर्ष में होने वाली अभियान की पढ़ाई तो दूर पाठ्यक्रम पूरा कराना भी भारी पड़ रहा है। बेसिक शिक्षा विभाग का नया सत्र यूं तो एक अप्रैल से ही शुरू हो चुका है, लेकिन पुस्तकें अगस्त तक बंटने के कारण पढ़ाई शुरू हो पाने में देर होती रही। सितंबर में सचिव बेसिक शिक्षा परिषद ने वर्तमान शैक्षिक सत्र को शैक्षिक गुणवत्ता वर्ष के रूप में मनाने के निर्देश दिए।
इसके तहत उन्होंने बच्चों को गिनती, पहाड़े, जोड़, घटाना, गुणा, भाग, भिन्न, हिन्दी तथा अंग्रेजी पढ़ना और लिखना, एबीसीडी आदि चीजें बच्चों को सिखाने के लिए इनकी पढ़ाई अभियान चला कर करने को कहा। हर दिन के लिए एक टॉपिक को लेकर उसे ही सभी बच्चों को सिखाना था। जिले में इसकी तैयारी भी की गई थी। मगर अब अक्टूबर में विभाग में भी चुनावी रंग चढ़ा नजर आ रहा है। स्कूलों में बच्चों की संख्या कम हो गई है। उधर शिक्षक भी चुनावी ड्यूटी और प्रशिक्षण के चक्कर में फंस गए हैं। ऐसे में इस गड़बड़ी के कारण स्कूलों में शिक्षण प्रभावित हो रहा है। अभियान की पढ़ाई तो छोड़ो स्कूलों में तो पाठ्यक्रम पूरा कराना भी विभागीय स्कूलों में मुश्किल लग रहा है।
- अक्टूबर में दुरुस्त नहीं हो सकेगी पढ़ाई
खबर साभार : दैनिक जागरण
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