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Friday, October 2, 2015

इलाहाबाद : चुनावी डयूटी का बहिष्कार, वेतन नहीं दिए जाने पर लिया फैसला, ढाई हजार शिक्षामित्रों ने पंचायत चुनाव से मोड़ा मुंह

चुनावी डयूटी का बहिष्कार, वेतन नहीं दिए जाने पर लिया फैसला

ढाई हजार शिक्षामित्रों ने पंचायत चुनाव से मोड़ा मुंह

शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक पद पर समायोजित ढाई हजार शिक्षा मित्रों ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव का बहिष्कार कर दिया है। लेखा विभाग द्वारा वेतन नहीं दिए जाने से यह फैसला लिया है। आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन व प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश पदाधिकारियों ने यह निर्णय लिया है। शिक्षामित्रों ने हुंकार भरी है कि जब तक वेतन देने की कार्रवाई नहीं की जाती है, सरकारी मिशन के कार्यो में सहयोग नहीं किया जाएगा।

प्रशासन उहापोह की स्थिति में है। शासन द्वारा गाइड लाइन नहीं जारी किए जाने से लेखा विभाग ने वेतन देने से हाथ खड़े कर दिए हैं। शासन के निर्देश पर शैक्षिक सत्र 2014 अगस्त में 1445 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक के पद पर समायोजित किया गया था। मई 2015 में 698 व जुलाई में 1105 शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया था।

शैक्षिक अभिलेखों का सत्यापन होने के बाद सहायक अध्यापक के पद समायोजित कर शिक्षामित्रों को वेतन देने की कार्रवाई शुरू कर दी गई थी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शिक्षामित्रों के समायोजन प्रक्रिया को अवैध करार देते हुए निरस्त कर दिया था। अब हालात यह बन गए हैं कि न शिक्षामित्र सहायक अध्यापक रह गए हैं न ही शिक्षामित्र। ऐसी स्थिति बनने के बाद शिक्षा विभाग ने भी उनसे हाथ खींच लिया है। जबकि शिक्षामित्र बार बार प्रदर्शन कर बीएसए पर वेतन देने का दबाव बना रहे हैं। उच्च अधिकारियों से वेतन संबंध में कोई दिशा निर्देश नहीं प्राप्त होने से अधिकारी परेशान हैं।

वेतन के संबंध में कई बार बीएसए व लेखाधिकारियों से वार्ता की गई। अधिकारी कोई पहल नहीं कर रहे हैं। ऐसे में प्रदेश स्तर के पदाधिकारियों ने निर्देशित किया है कि शिक्षामित्र त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव में डयूटी का बहिष्कार करेंगे। -अश्वनी त्रिपाठी, जिलाध्यक्ष आदर्श शिक्षामित्र वेलफेयर एसोसिएशन

बीएसए व लेखाधिकारी द्वारा वेतन देने के बारे में पूछने पर कहा जाता है कि कोर्ट द्वारा समायोजन निरस्त किया गया है। इसलिए वेतन नहीं दिया जा सकता है। प्रदेश पदाधिकारियों ने निर्देशित किया है जब तक वेतन देने की कार्रवाई नहीं की जाती है। तब तक कोई भी सरकारी मिशन में सहयोग नहीं किया जाएगा। -वसीम अहमद, जिलाध्यक्ष प्राथमिक शिक्षामित्र संघ

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