DISTRICT WISE NEWS

अंबेडकरनगर अमरोहा अमेठी अलीगढ़ आगरा इटावा इलाहाबाद उन्नाव एटा औरैया कन्नौज कानपुर कानपुर देहात कानपुर नगर कासगंज कुशीनगर कौशांबी कौशाम्बी गाजियाबाद गाजीपुर गोंडा गोण्डा गोरखपुर गौतमबुद्ध नगर गौतमबुद्धनगर चंदौली चन्दौली चित्रकूट जालौन जौनपुर ज्योतिबा फुले नगर झाँसी झांसी देवरिया पीलीभीत फतेहपुर फर्रुखाबाद फिरोजाबाद फैजाबाद बदायूं बरेली बलरामपुर बलिया बस्ती बहराइच बागपत बाँदा बांदा बाराबंकी बिजनौर बुलंदशहर बुलन्दशहर भदोही मऊ मथुरा महराजगंज महोबा मिर्जापुर मीरजापुर मुजफ्फरनगर मुरादाबाद मेरठ मैनपुरी रामपुर रायबरेली लखनऊ लख़नऊ लखीमपुर खीरी ललितपुर वाराणसी शामली शाहजहाँपुर श्रावस्ती संतकबीरनगर संभल सहारनपुर सिद्धार्थनगर सीतापुर सुलतानपुर सुल्तानपुर सोनभद्र हमीरपुर हरदोई हाथरस हापुड़

Saturday, October 31, 2015

लखनऊ : स्कूल जाने से पहले बच्चे के आंखों की जांच जरूरी, नई दिल्ली से आई आंखों की विशेषज्ञ डॉ. अनीता पांडा ने दी जानकारी


लखनऊ (डीएनएन)। शायद बहुत लोग बच्चे को स्कूल भेजने से पहले बच्चे के आंखों की जांच नहीं कराते होंगे। ऐसा न करना बच्चे के आंखों के लिए नुकसानदेह होता है। ऐसा न करके लोग बच्चे को भैंगा रोग की गिरफ्त में डालते हैं। यह रोग बच्चों की आंखों को धीरे-धीरे छिनने लगता है। इस पर सभी अभिभावक को ध्यान देने की जरूरत है। यह   नई दिल्ली से आई आंखों की विशेषज्ञ डॉ. अनीता पांडा ने दी। वह एसोसिएशन ऑफ कम्यूनिटी ऑप्थलमॉलोजिस्ट ऑफ इंडिया के तत्वावधान में आयोजित छठें वार्षिक समारोह को संबोधित कर रही थीं। इस चार दिवसीय कार्यक्रम का आयोजन केजीएमयू के साइटिफिक कंवेंशन सेंटर में किया गया है।

उन्होंने बताया कि बच्चों को यह बीमारी होने के कारण उसके चश्मे का नंबर हमेशा बढ़ता जाता है। जिसके कारण एक दिन ऐसा आता है जब बच्चे को चश्मे से भी दिखाई नहीं पड़ता है और बच्चों के लिए यह सबसे बड़ा अभिशाप बन जाता है। बच्चों की आंखों के साथ ऐसा न हो इससे बचने के लिए परिजनों को जागरूक होने की जरूरत है। यदि परिजन जागरूक होंगे तभी वह बच्चे को इस रोग से बचा सकते हैं। बच्चों में की आंखों को यह बीमारी बड़ी तेजी से अपने आगोश में लेती जा रही है। पढ़ाई के कारण बच्चे की आंख पर दबाव बढ़ता है, जिसके कारण बच्चे को कम दिखाई देने लगता है। यदि पहले ही जानकारी हो जाए तो उसकी आंखों पर जोर डालने से पहले इसका उपचार कराया जा सकता है। इस बीमारी से ग्रसित मरीज को ऑपरेशन से ठीक किया जा सकता है। चश्मे का लेंस बढ़ने के साथ-साथ बच्चे की आंखें भी टेढ़ी होने लगती है।

खबर साभार : डीएनए


No comments:
Write comments