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Friday, October 9, 2015

फतेहपुर : कन्या पाठशाला बनकर रह गए परिषदीय स्कूल, आंकड़े बताते हैं कि परिषदीय स्कूलों में छात्राओं के अलावा अनुसूचित व बीपीएल परिवारों के बच्चे ही पढ़ाई कर रहे

फतेहपुर। परिषदीय स्कूल कन्या पाठशाला बनते जा रहे हैं। इन स्कूलों में पंजीकृत बच्चों में 52 प्रतिशत से अधिक छात्राएं हैं। इनके अलावा बड़ी संख्या अनुसूचित जाति के छात्रों की है। परिषदीय स्कूलों में सामान्य श्रेणी के पढ़ने वाले बच्चों की संख्या 19 फीसदी रह गई है।

जिले में कुल 2650 परिषदीय स्कूल हैं। इनमें दिन प्रतिदिन छात्राओं की संख्या बढ़ रही है। चालू सत्र में परिषदीय स्कूलों में कुल 2,55,858 बच्चे पंजीकृत हैं। इनमें छात्राओं की संख्या 1,31,350 है, जो 52 फीसदी से अधिक है। इनके अलावा परिषदीय स्कूलों में अनुसूचित जाति के 47,789 तथा बीपीएल परिवारों के 31,849 बच्चे पढ़ रहे हैं। तीनों श्रेणी के मिलाकर ऐसे बच्चों की संख्या 2,10,988 होती है। इनसे इतर परिषदीय स्कूलों में 44,870 बच्चे सामान्य श्रेणी के पंजीकृत हैं

यह आंकड़े बताते हैं कि परिषदीय स्कूलों में छात्राओं के अलावा अनुसूचित जाति व बीपीएल परिवारों के बच्चे ही पढ़ाई करते हैं। अभिभावक कहते हैं कि परिषदीय स्कूलों का दिन प्रतिदिन गिरता शैक्षिक स्तर बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने के लिए मजबूर कर रहा है। अगर बच्चे अच्छी पढ़ाई करके नौकरी पेशा हासिल कर लेंगे, तो परिवार आगे बढ़ेगा। रही बात छात्राओं की, तो गुणवत्ता परक शिक्षा की कोई आवश्यकता नहीं है, क्योंकि शादी के बाद उन्हें सुसराल चले जाना है। पढ़ाई की औपचारिकता पूरी कराना है, जो परिषदीय स्कूलों में पूरी हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में वर्तमान समय में अभी ज्यादातर अनुसूचित जाति के परिवारों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होती है।

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