जूनियर हाई स्कूल टीचर्स असोसिएशन ने बीएसए को लिखा लेटर, पुरुष शिक्षक मांग रहे करवा चौथ की छुट्टी
जूनियर हाई स्कूल टीचर्स असोसिएशन ने बरेली में बेसिक शिक्षा अधिकारी (बीएसए) को लेटर लिखकर करवा चौथ के दिन यानी 30 अक्टूबर को मेल टीचर्स के लिए छुट्टी की मांग की है। इसके पीछे असोसिएशन का तर्क है कि करवा चौथ केवल महिलाओं का त्योहार नहीं है। इसमें पुरुष भी शामिल होते हैं। छुट्टी न मिलने की वजह से काफी दिक्कत होती है।
पुरुष शिक्षकों ने बताया कि करवा चौथ के दिन केवल महिला टीचर्स को ही छुट्टी लेने की इजाजत है। लेकिन कुछ पुरुष भी पत्नियों की लंबी आयु के लिए व्रत रखते हैं। वे मेल टीचर्स जो व्रत नहीं रखते उनका कहना है कि यह उनकी पत्नियों के लिए महत्वपूर्ण त्योहार है। इस दिन घर के कामों में अपनी पत्नियों का हाथ बंटाना चाहते हैं इसलिए उन्हें इस मौके पर छुट्टी चाहिए। यह लेटर शनिवार को लिखा गया था। इसकी कॉपी हमारे सहयोगी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के पास है। शिक्षा विभाग के सूत्रों ने बताया कि टीचर्स की मांग को बेसिक शिक्षा परिषद के प्रिंसिपल सेक्रेटरी के यहां भेजा जा रहा है ताकि वह इस पर विचार कर सकें।
राज्य सरकार ने जब से करवा चौथ के दिन महिला टीचर्स के लिए छुट्टी की घोषणा की है यह पहली बार है कि मेल टीचर्स ने छुट्टी की मांग की हो।
यूनियर हाई स्कूल टीचर्स असोसिएशन के तहत बरेली जिले में 2000 टीचर्स हैं इनमें से 900 महिला टीचर्स हैं। यूनियर हाई स्कूल टीचर्स असोसिएशन के जिला अध्यक्ष राकेश मिश्रा ने बताया कि ज्यादातर टीचर्स अपनी पत्नी के साथ इस दिन व्रत रखते हैं इसलिए वे छुट्टी चाहते हैं। यह तो एक तरह का भेदभाव है कि करवा चौथ के दिन केवल महिला टीचर्स को छुट्टी मिल सकती है। इस दिन महिला टीचर्स के ना आने से मेल टीचर्स पर वर्क प्रेशर बढ़ जाता है। इस वजह से महिला टीचर के साथ ही पुरुष टीचरों को भी छुट्टी दी जानी चाहिए। जिससे वे भी इसमें शामिल हो सकें। मेल टीचरों का कहना है कि करवा चौथ के दिन छुट्टी मिलने पर वे काम में अपनी पत्नी का सहयोग कर सकते हैं।
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