बिजली
है नहीं, स्कूलों
में बांट आए एलईडी
जिले के 374 स्कूलों में बिजली कनेक्शन नहीं, गांव में बत्ती मगर स्कूल में अंधेरा
पांच साल पहले हुई थी वायरिंग
लखनऊ में कुल करीब 2000 प्राइमरी और जूनियर स्कूल हैं, जबकि गांवों में यह आंकड़ा 1800 के करीब है। शिक्षा विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, 374 स्कूलों में बिजली का कनेक्शन नहीं है। इन स्कूलों में पांच साल पहले वायरिंग करवाई गई थी, लेकिन बिजली कनेक्शन आज तक नहीं हो सका है। |
जिला प्रशासन ने टारगेट पूरा करने के लिए उन सरकारी स्कूलों में भी एलईडी बल्ब बंटवा दिए, जहां बिजली है ही नहीं। पूरे जिले में 374 प्राइमरी स्कूल ऐसे हैं, जहां वायरिंग है, लेकिन बिजली कनेक्शन नहीं है। शिक्षा विभाग के अफसरों को इसकी जानकारी होने के बावजूद इन स्कूलों में भी एलईडी बल्ब बांट दिए गए, लेकिन यह चेक करना जरूरी नहीं समझा गया कि स्कूल में बिजली आती भी है या नहीं। जिला प्रशासन इन दिनों राजधानी के ग्रामीण क्षेत्रों के सरकारी स्कूलों में एलईडी बल्ब बंटवा रहा है। इसका जिम्मा पंचायत स्तर के कर्मचारियों को मिला है और ये कर्मचारी टारगेट पूरा करने के लिए उन स्कूलों में भी बल्ब बांट रहे हैं, जहां बिजली आती ही नहीं। कई स्कूलों में तो एलईडी बल्ब बंटने के बाद वायरिंग की भी समस्या खड़ी हो गई है। मोहनलालगंज के करोरा और अचली समेत कई गांवों के प्राइमरी स्कूलों में ट्यूबलाइट और पंखे की वायरिंग है, लेकिन एलईडी बल्ब लगाने के लिए होल्डर की वायरिंग नहीं है। ऐसे में इन स्कूलों में एलईडी बल्ब लगाने के लिए नई वायरिंग करवानी होगी, लेकिन स्कूलों के पास इसका कोई बजट नहीं है।
केस 1
काकोरी के ईट गांव के प्राइमरी स्कूल में
बिजली कनेक्शन नहीं है, लेकिन
जिला प्रशासन
ने यहां भी एलईडी बल्ब बंटवा दिए। अब शिक्षक यह सोच रहे हैं कि वे इन बल्ब का क्या करें।
केस 2
पान खेड़ा के प्राइमरी स्कूलों में न वायरिंग है, न बिजली कनेक्शन। जरूरत पड़ने पर पड़ोस में रहने वालों के घर से तार खींच लिया जाता है, लेकिन यहां भी चार एलईडी बल्ब दे दिए गए।
केस 3
काकोरी के लालसा खेड़ा गांव के प्राइमरी स्कूलों भी वायरिंग हो चुकी है, लेकिन बिजली कनेक्शन आज तक नहीं हो सका है। इस स्कूल में भी चार एलईडी बल्ब बांटे गए हैं। |
खबर साभार : नवभारत
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