- शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण शहर से लेकर ग्रामीण अंचलों के अधिकांश विद्यालय में हुआ शिक्षण कार्य
सीतापुर (एसएनबी)। लौहपुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल और आचार्य नरेन्द्र देव
की जयन्ती पर केन्द्र एवं प्रदेश सरकार द्वारा घोषित किये गये सार्वजनिक
अवकास के बावूजद जिले के अधिकांश विद्यालय खुले रहे। इतना ही नही कई
विद्यालय प्रबन्ध तंत्र को इस बाबत जानकारी देने के बाद भी स्थिति ज्यो की
त्यों बनी रही। मामले का शर्मनाक पहलू तो यह है कि जिलाधिकारी डा0
इन्द्रवीर सिंह एक और जहां सरकार की मंशा के अनरूप कलेक्ट्रेट में मातहतों
को राष्ट्रीय एकता दिवस पर शपथ दिलाई, वही शिक्षा विभाग से जुड़े
अधिकारियों ने शासन की मंशा को नेस्तनाबूंद करने का काम किया है। शिक्षा
विभाग से जुड़े अधिकारियों ने शासन के दिशा निर्देशो को सभी ब्लाकों में
समयबद्धता के साथ नही पहुंचा पाये, जिसका नतीजा यह निकला कि पहली बार
राष्ट्रीय एकता दिवस पर घोषित की गई सार्वजनिक अवकाश सिर्फ कागजों तक ही
सीमित रहा है।मालूम हो कि केन्द्र सरकार और प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश
यादव ने लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल और आर्चाय नरेन्द्र देव की जयंन्ती
को पहली बार राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाने के लिये सार्वजनिक
अवकाश की घोषणा की थी। जिसके क्रम में जिलाधिकारी डा0 इन्द्रवीर सिंह ने
सभी विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिया था कि शनिवार को राष्ट्रीय एकता
दिवस पर शपथ दिलाई जाये। इसी क्रम में शनिवार को डीएम ने कलेक्ट्रेट सभागार
में अपने मातहत अधिकारियों को शपथ दिलाकर शासन की मंशा को चरितार्थ करने
का काम किया है, वही शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने समय से सभी ब्लाकों पर
अवकाश की सूचना न दे पाने के कारण सार्वजनिक अवकाश के दिन भी शहर व ग्रामीण
क्षेत्र के अधिकांश विद्यालय खुले रहे। जिले के बिसवां, मिश्रिख, लहरपुर,
सिधौली, महमूदाबाद तथा महोली तहसील क्षेत्रों में विद्यालय प्रतिदिन की
भांति खुले रहे। एैसे में शासन के निर्देशों की धज्जियां उड़ना लाजमी है।
इस
सम्बन्ध में महोली के उपजिलाधिकारी अतुल प्रकाश श्रीवास्तव से जब वार्ता
की गई तो उन्होने कहा कि सार्वजनिक अवकाश घोषित होने के बाद भी यदि तहसील
क्षेत्र के विद्यालय खुले थे, तो उसकी जांच कराई जायेगी। दोषी व्यक्तियों
के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी। उन्होने कहा कि शासन के दिशा निर्देशो
का अक्षरश: पालन कराना उनकी सर्वोच्च प्रथमिकता है।
खबर साभार : सहारा
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