लखनऊ : जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान (डायट) में प्रशिक्षण पा रहे बीटीसी छात्रों ने लखनऊ के प्राइमरी स्कूलों का स्तर जांचा। वे चुनिंदा स्कूलों में गए तो वहां की बुनियादी सुविधाएं और पढ़ाई का स्तर परखा। नतीजा यह आया कि ज्यादातर स्कूलों में शिक्षक छात्र अनुपात आरटीई के मुताबिक नहीं मिला। शिक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली संस्था 'असर' ने डायट के सहयोग से यह अध्ययन करवाया था।
बीटीसी प्रशिक्षुओं के लिए डायट ने 18 से 21 नवंबर तक कार्यशाला का आयोजन किया। इसमें उन्हें आरटीई के मानक और स्कूलों की मूलभूत सुविधाओं की बारे में जानकारी दी गई। 'असर' के ही तैयार किए गए सर्वेक्षण नमूने के आधार पर ये प्रशिक्षु शहर के चुनिंदा स्कूलों में गए। वहां उन्होंने शौचालय, एमडीएम और अन्य बुनियादी सुविधाओं को परखा। साथ ही छात्र शिक्षक अनुपात और पढ़ाई के तौर-तरीकों की भी जानकारी ली।कार्यशाला में मास्टर ट्रेनर के तौर पर सुनील कुमार, दिलीप कुमार, राजेश दुबे और निमिषा दुबे ने इन प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण दिया।
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