लखनऊ : स्कूलों में एलईडी वितरण की शुरुआत के साथ ही इसमें घपला होना भी शुरू हो गया है। हाल में ही जिला प्रशासन की ओर से स्कूलों में बल्ब की जगह एलईडी लगाने की पहल की गई। पहले तो अधिकारी जिन स्कूलों मे बिजली नहीं, उसमें एलईडी बांट आए। इसके बाद अब स्कूलों को निर्धारित संख्या से कम एलईडी देना शुरू कर दिया गया है। जिला प्रशासन की ओर से एक कमरे में दो एलईडी देने का मानक तय किया गया है, लेकिन जिम्मेदार कई ब्लॉक्स में पांच कमरों के स्कूलों को भी मात्र दो एलईडी देकर गोलमाल कर रहे हैं।
प्राथमिक विद्यालय लालसा खेड़ा में पांच कमरे हैं, लेकिन यहां के शिक्षकों ने बताया कि उन्हें दो ही एलईडी दी गई हैं। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय गोसालालपुर में चार कमरे हैं। नियमत: यहां आठ एलईडी मिलनी चाहिए, लेकिन यहां सिर्फ दो ही एलईडी दी गई हैं। पूर्व माध्यमिक विद्यालय गोसालालपुर में दो एलईडी देने पर शिक्षकों ने विरोध किया तो उन्हें चार एलईडी दे दी गईं। इसके अलावा मलिहाबाद, काकोरी, माल और सरोजनीनगर समेत कई ब्लॉकों में प्रति कमरा एक एलईडी से ज्यादा नहीं दी गई हैं। मोहनलालगंज ब्लॉक में नियम के मुताबिक प्रति कमरा दो एलईडी दी गई हैं।
शिक्षक से पहले प्रधान के साइन
एलईडी लेने पर रिसीविंग में हेडमास्टर और ग्राम प्रधान दोनों के हस्ताक्षर होते हैं। नियमत: पहले शिक्षक एलईडी लेकर हस्ताक्षर करते हैं, जिसके बाद ग्राम प्रधान के हस्ताक्षर होने चाहिए। हालांकि, शिक्षकों के मुताबिक कई ब्लॉकों में प्रधान से पहले हस्ताक्षर करा लिए गए और उसके बाद उनका साइन लिया गया। इससे शिक्षक मिलीभगत का भी आरोप लगा रहे हैं।
स्कूल में कमरे पांच और एलईडी मिलीं दो
स्कूलों में निर्धारित संख्या से कम एलईडी दी जा रही हैं। कई में तो कमरों की संख्या से भी कम दी गई है। इसका शिक्षक विरोध कर रहे हैं। -वीरेंद्र सिंह, महामंत्री प्राथमिक शिक्षक संघ
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