रामपुर । तमाम मुश्किलों के बाद प्रशिक्षु शिक्षकों को स्कूलों में मौलिक नियुक्ति तो मिल गई, लेकिन अभी तक पूरा मानदेय भुगतान नहीं हो पाया है। पहले बैच में मौलिक नियुक्ति पाने वाले प्रशिक्षु शिक्षकों ने नौ माह से भी अधिक समय तक प्रशिक्षण प्राप्त किया। तीन माह तक बीआरसी पर प्रशिक्षण के बाद छह माह से अधिक समय तक स्कूलों में प्रशिक्षण हासिल किया। इसके बावजूद मौलिक नियुक्ति पाने वाले सभी प्रशिक्षु शिक्षकों को अभी तक पूरे मानदेय का भुगतान नहीं हुआ है।
प्रदेश सरकार ने चार साल से पहले 2011 में प्राथमिक विद्यालयों में 72 हजार से अधिक शिक्षकों की भर्ती के लिए प्रक्रिया शुरू की थी। चार साल तक तमाम बाधाओं का सामना करने के प्रशिक्षु शिक्षकों को इस माह परिषदीय स्कूलों में सहायक अध्यापक के पद पर मौलिक नियुक्ति तो मिल गई, लेकिन उनकी मुश्किलें अभी तक खत्म नहीं हुई हैं। जिले में पहले बैच में करीब पांच सौ से अधिक प्रशिक्षु शिक्षकों को स्कूलों में सहायक अध्यापक के रूप में नियुक्ति दी जा चुकी है। अभी तक उन्हें नौ माह के प्रशिक्षण के बदले सिर्फ छह माह के मानदेय का ही भुगतान किया गया है। बीएसए श्याम किशोर तिवारी ने बताया कि प्रशिक्षु शिक्षकों ने जितने समय का प्रशिक्षण किया है उतने समय का मानदेय भुगतान किया जाएगा। वहीं, वित्त एवं लेखाधिकारी श्यामलाल जायसवाल का कहना है कि प्रशिक्षण छह माह का ही था। शासन से उसी समय अवधि के मानदेय भुगतान के निर्देश मिले हैं।
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