प्राइमरी विद्यालयों में पढ़ने वाले गरीब बच्चों में स्वच्छता की आदत डालने हेतु हुआ एक प्रयोग अफसरों की मनमानी से फ्लॉप हो गया। सरकारी धन से खरीदा साबुन, तौलिया, कंघा और नेलकटर आदि सामान तो कब के गायब हो चुके हैं। स्कूल में पढ़ने आने वाले बच्चों की साफ-सफाई पर भी समुचित ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
साभार : हिंदुस्तान पेपर, पडरौना एडिशन।
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