बदहाल विद्यालय कैसे संवारेंगे बच्चों का भविष्य
6जर्जर भवन, टूटी फर्श और दीवारों से गायब ईंटें
अनदेखी
संवादसूत्र, बौंडी (बहराइच) : क्षेत्र के कई परिषदीय विद्यालयों के भवन जर्जर हैं, चहारदीवारी नहीं बनायी गयी है। छात्र-छात्रएं जान जोखिम में डालकर भविष्य को संवारने में जुटे हैं। अभिभावकों ने बच्चों को असुरक्षित देख विद्यालयों के प्रति आक्रोश जताया है। शिक्षा क्षेत्र फखरपुर में कुल 177 प्राथमिक व 65 पूर्व माध्यमिक विद्यालय संचालित हैं। 1प्राथमिक विद्यालय अमवा तेतारपुर में चहारदीवारी न होने कारण भवन की खिड़कियां व दरवाजे चोर निकाल ले गए हैं। यही हाल मनेरी, मरौचा, चुनहा, जैतापुर, अटोडर, कौड़हा, बौंडी, गुजौली, कोदही, सांईगांव आदि का भी है। जहां या तो चहारदीवारी बनायी नहीं गई है अथवा क्षतिग्रस्त है। बौंडी निवासी कौशल गुप्त ने बताया कि कब्रिस्तान, श्मशान में सरकार द्वारा चहारदीवारी बनवाई जा रही है पर विडंबना है कि देश के कर्णधार नौनिहालों के विद्यालयों के प्रांगण में सरकार चहारदीवारी की आवश्यकता नहीं महसूस कर रही है। विद्यालयों के प्रांगण में बनाये गए अतिरिक्त कक्ष व भूकंप रोधी भवनों की हालत भी दयनीय है। 1मिलता है रखरखाव का बजट : शासन-प्रशासन द्वारा हर वर्ष प्राथमिक विद्यालय के रखरखाव के लिए पांच हजार व साज-सज्जा के लिए पांच से आठ हजार रुपये तक आवंटित होता है। नियमित मानीटरिंग के अभाव में इस धन का पूर्ण सदुपयोग नही हो पा रहा है । प्राथमिक विद्यालय के निर्माण के लिए शासन द्वारा तकरीबन साढ़े छह लाख रुपये आवंटित किए जाते हैं। इन पैसों से विद्यालय भवन, किचन, शौचालय व चहारदीवारी का निर्माण कराया जाना होता है। सरकारी विभाग के बंदरबांट के चलते यह भवन एक-दो वर्ष में ही बदहाल हो जाते हैं। 1शौचालय निर्माण में अनियमितता : सभी परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालयों में छात्र-छात्रओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनवाए जाने चाहिए। प्रत्येक विद्यालय में दो शौचालय, दो यूरिनल रूम, दो वाश बे¨शग तथा पानी की टंकियां लगाने के लिए धन आवंटित किया गया, किंतु अधिकतर विद्यालयों से सुविधाएं नदारद हैं। मजबूरन छात्र-छात्रएं खुले में शौच जाने को विवश हैं। एक दो विद्यालयों में पानी की टंकी मिल जाएंगी। अधिकतर विद्यालयों के शौचालयों के दरवाजे तक नदारद हैं। 1बौंडी के अमवा तेतार का जर्जर प्राथमिक विद्यालय भवनजागरणखंड शिक्षा अधिकारी फखरपुर बृजलाल वर्मा ने बताया कि अमवातेतारपुर के विद्यालय के दरवाजे व खिड़की चोर निकाल ले गए हैं, किंतु विद्यालय की सुरक्षा में ग्रामीणों के योगदान की भी जरुरत है। उन्होनें बताया कि जर्जर भवन में छात्रों को न बैठाने की हिदायत अध्यापकों को दी गई है। बजट आने पर भवन का पुर्ननिर्माण करवाया जाएगा।
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