इलाहाबाद । प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में पदोन्नति के लिए अनुभव पांच वर्ष से कम करके तीन वर्ष किए जाने के बाद भी 2011 तक नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों को पदोन्नति नहीं दी जा रही है। शिक्षकों का कहना है कि सरकार एवं सचिव बेसिक शिक्षा परिषद के आदेश के बावजूद अधिकारी मनमानी कर रहे हैं, जिससे उनका अवसर खत्म हो रहा है। बीएसए की ओर से मनमानी किए जाने के खिलाफ प्रदेश भर के प्राथमिक शिक्षक कोर्ट का दरवाजा खटखटा सकते हैं।
शिक्षकों का कहना है कि अकेले इलाहाबाद में ही उच्च प्राथमिक विद्यालयों में विज्ञान-गणित के 676 पद रिक्त हैं, जबकि सामान्य चयन के 1352 पद सामान्य विषयों के खाली हैं। 1400 प्राथमिक स्कूल प्रभारी प्रधानाध्यापक संचालित कर रहे हैं। इसके बाद भी बीएसए कह रहे हैं कि पद रिक्त नहीं हैं। आदर्श शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. रुद्र प्रभाकर मिश्र का कहना है कि जिले में 3428 पद रिक्त हैं, इन पदों पर 2011 बैच तक के शिक्षकों की पदोन्नति हो सकती है। सरकार की ओर से पदोन्नति के नियम में ढील दिए जाने के बाद भी सबी बीएसए मनमानी पर उतारू हैं। बीएसए ने विद्यालयों आवंटन में भी मनमानी की है। इस कारण से पदोन्नति के बाद भी कुछ शिक्षकों ने ज्वाइनिंग से मना कर दिया। प्राथमिक शिक्षकों ने 31 जनवरी तक पदोन्नति पर निर्णय नहीं होने की दशा में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल करने का निर्णय लिया है।
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