रायबरेली। जनपद की बिगड़ चुकी शिक्षा को पटरी पर लाने का पूरा प्रयास किया जा रहा है। शिक्षकों मे अधिकार बोध तो है परन्तु कर्तब्य बोध नहीं है। प्रतिमाह एक बच्चे पर हजारों खर्च होने के बाद भी शैक्षिक स्तर नहीं उठ रहा है। यह उद्गार जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी राम सागर पति त्रिपाठी ने नगर क्षेत्र के प्रा.वि. गोरा बाजार में आयोजित शिक्षा उन्नयन गोष्ठी व स्वेटर वितरण के दौरान व्यक्त किये।
श्री त्रिपाठी ने कहाकि बेसिक शिक्षा का तस्वीर बदलने का प्रयास हो रहा है। कुछ शिक्षकों के लिए गुरू शब्द परिहास हो गया है उन्होंने कहा कि तब और शर्म आती है जब अकर्मण्य के लिए सिफारिश आती है उन्होंने कहा कि यह दर्द है जो न चाहते हुए बाहर आ गया। बीएसए ने प्राइवेट मेडिकल प्रेक्टिसनर्स द्वारा प्रा.वि. गोरा बाजार को गोद लेने की भूरि-भूरि प्रशन्सा की। साथ ही विद्यालय की प्रभारी प्रधानाचार्या गायत्री यादव को आयोजन के लिए धन्यवाद दिया। वहीं चिकित्सक संगठन द्वारा बच्चों को स्वेटर बांटे गये। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे नेत्र चिकित्सक डा. संजय रस्तोगी ने चिकित्सकों की ओर से विद्यालय को गोद लेने की घोषणा की और कहा कि हमारा संगठन बच्चों के लिए बेहतर प्रयास करेगा। डा. राजीव सिंह ने कहा कि यदि सामाजिक संगठन मिलकर विद्यालय के उत्थान का कार्य करें तो बेहतर शिक्षा दी जा सकती है। डा. सिंह ने परीक्षा प्रणाली में फेल या पास प्रणाली पर लागू करने पर जोर दिया। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि खण्ड शिक्षा अधिकारी नगर शशिप्रभा पाण्डेय व खण्ड शिक्षा अधिकारी मुख्यालय अजय सिंह रहें। इस अवसर पर प्राइवेट मेडिकल प्रेक्टिसनर्स एसोसिएशन के सभी पदाधिकारी, शिक्षक व अभिभावक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन नगर अध्यक्ष प्रा.शि.सं. पंकज द्विवेदी ने किया।
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