सत्यापन के फेर में फंसा शिक्षकों का वेतन
Publish Date:Tue, 02 Feb 2016 08:37 PM (IST) | Updated Date:Tue, 02 Feb 2016 08:37 PM (IST)
जागरण संवाददाता, वाराणसी : संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में करीब 10 हजार अंकपत्र सत्यापन के लिए लंबित हैं। इसमें ज्यादातर शिक्षकों के अंकपत्र व प्रमाणपत्र शामिल हैं। सत्यापन के अभाव में एलटी शिक्षक व शिक्षामित्र से सहायक अध्यापक पद पर समायोजित शिक्षकों का वेतन फंसा हुआ है।
सूबे के करीब 35 हजार शिक्षामित्रों के अंकपत्र विश्वविद्यालय में सत्यापन के लिए आए थे। वहीं परीक्षा अभिलेख संदिग्ध होने के कारण सत्यापन में देरी हो रही है। संदिग्ध परीक्षा अभिलेखों को देखते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन कंप्यूटर में दर्ज रिकार्ड से मिलाकर कर सत्यापन रिपोर्ट भेज रहा है। कुलपति प्रो. यदुनाथ दुबे का कहना है कि अंकपत्रों के सत्यापन के लिए 14 कर्मचारियों की टीम गठित कर दी है। समय-समय पर इसकी समीक्षा भी की जा रही है। इस क्रम में जौनपुर, झांसी, फैजाबाद, सिद्धार्थ नगर, हमीरपुर, सीतापुर, बांदा, महोबा, एटा, अलीगढ़, इटावा, रामपुर, फिरोजाबाद, हापुड़, बहराइच, कन्नौज, बस्ती, चित्रकूट, लखनऊ सहित कई जनपदों से आए अंकपत्रों का सत्यापन कार्य पूरा भी कर लिया गया है। संबंधित जनपदों में रिपोर्ट भी भेज दी गई है। उन्होंने बताया कि अन्य जनपदों को भी जल्द ही सत्यापन रिपोर्ट भेज दी जाएगी।
वेतन ही नहीं नियुक्ति भी फंसी
एलटी ग्रेड में वाराणसी मंडल में 197 शिक्षकों की नियुक्ति करीब छह माह पहले की गई थी। सत्यापन के अभाव में इन शिक्षकों का वेतन भुगतान अब तक फंसा हुआ है। वहीं शासन ने अब अभ्यर्थियों के अंकपत्रों का सत्यापन कराने के बाद ही नियुक्ति पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। इसके चलते नियुक्तियां भी फंसी हुई हैं। वाराणसी मंडल में एलटी शिक्षकों के कुल 494 पद रिक्त हैं। संयुक्त शिक्षा निदेशक डा. प्रदीप कुमार ने बताया कि संस्कृत विश्वविद्यालय ने अब तक एक भी अंकपत्रों का सत्यापन नहीं किया है
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