इलाहाबाद : नौकरी पाने की अरसे से आस लगाए युवा अफसरों की टालमटोल से बेहद
निराश हैं। 15 हजार शिक्षकों की भर्ती पूरी न होने से आहत युवाओं ने अब
अपने बीटीसी एवं टीईटी के प्रमाणपत्रों की प्रतियां फूंकने का निर्णय किया
है। उनका कहना है कि ये प्रमाणपत्र उनके काम नहीं आ रहे हैं तो इन्हें
संजोने से ही क्या लाभ। बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 15
हजार सहायक अध्यापकों की भर्ती की प्रक्रिया 9 दिसंबर 2014 से चल रही है।
चार बार आवेदन लिये गए और एक बार काउंसिलिंग हो चुकी है, लेकिन अब तक यह
भर्ती पूरी नहीं हो सकी है। बार-बार आवेदन लेने से आवेदकों की संख्या काफी
अधिक हो गई है ऐसे में युवा परिषद के अफसरों से सीटें बढ़ाने की मांग कर
रहे हैं। इसी को लेकर शिक्षा निदेशालय में बेसिक शिक्षा परिषद सचिव
कार्यालय के सामने तीन दिन से अनशन चल रहा है। लगातार अनसुनी होने पर
युवाओं ने निर्णय किया है कि वह शुक्रवार दोपहर में बीटीसी एवं टीईटी
प्रमाणपत्रों की प्रतियां फूंकेंगे। युवा रवीश कुमार, विकास दुबे और
यजेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि वर्षो से योग्य साथी बेरोजगारी की हालत में
इधर-उधर भाग रहे हैं। अभी कोई उम्मीद भी नहीं दिख रही है ऐसे में यह
प्रमाणपत्र संजोकर क्या करेंगे। जिस संस्थान से मिले हैं उसी के मुख्य
कार्यालय शिक्षा निदेशालय में ही उनकी प्रतियां जलाकर विरोध करेंगे।
- 12091 के अभ्यर्थी भी निराश
राब्यू, इलाहाबाद : शिक्षा निदेशालय में बेसिक
शिक्षा परिषद सचिव कार्यालय के सामने 15वें दिन अनशन पर बैठे युवा भी बेहद
परेशान हैं। उन्हें अब तक अफसर एवं शासन का कोई निर्देश नहीं मिला है। वह
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से आस जरूर लगाए हैं। युवाओं का कहना है कि शिक्षा
विभाग के अधिकारी सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना कर रहे हैं। वहीं
अनशनकारी मनोज मौर्या को बेली अस्पताल प्रशासन ने जबरन घर भेज दिया है।
युवाओं ने यह भी कहा कि जल्द ही सुप्रीम कोर्ट में अवमानना याचिका भी दाखिल
की जाएगी।
खबर साभार : अमर उजाला
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