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Sunday, February 21, 2016

इलाहाबाद : (माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड) चार साल में सात अध्यक्ष बदले लेकिन नहीं हुआ कोई कार्य,शिक्षकों के 20 हजार से ज्यादा पद खाली

शिक्षकों के 20 हजार से ज्यादा पद खाली
माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड
पवन द्विवेदी इलाहाबाद। प्रदेश की पूर्णबहुमत वाली समाजवादी पार्टी की सरकार के चार वर्ष बीतने जा रहे हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डमें शिक्षक, शिक्षिकाओं और प्रधानाचायरे के रिक्त करीब 20 हजार से अधिक पदों पर भर्ती प्रक्रिया अभी तक शुरूनहीं हो पायी है।इससे 10 लाख से अधिक अभ्यर्थीपरेशान होकर माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का चक्कर लगा रहे हैं। सपा के करीब चार वर्षके शासन में बोर्ड में सात अध्यक्ष और आधा दर्जन सचिव सहित अन्य अधिकारी बदले जा चुके हैं। उधर, माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड का प्रति माह का खर्च करीब Rs एक करोड़ है,जो अभ्यर्थियों की फीस से पूरा किया जा रहा है।माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचायरे के वर्ष 2011 में पांच हजार पद, टीजीटी-पीजीटी और प्रधानाचायरे के वर्ष 2013 में सात हजार पद, टीजीटी-पीजीटी और प्रधानाचायरे के वर्ष 2015-16 में करीब 10 हजार पदों पर शिक्षक-शिक्षिकाओं का चयन होना है, लेकिन चयन बोर्ड में करीब चार वर्षसे कभी अध्यक्ष नहीं, तो कभी सदस्यों की कमी से कार्यशुरूनहीं हो पा रहा है।इस तरफ प्रदेश की सपा सरकार भी ध्यान नहीं दे रही है। प्रदेश में सपा की सरकार जब 2012 में बनी, तो उस समय बोर्ड के तत्कालीन अध्यक्ष डा. आरपी वर्मा थे।उन्होंने टीजीटी-पीजीटी और प्रधानाचायरे के वर्ष-2011 का परीक्षा कार्यक्रम घोषित कर परीक्षा और इंटरव्यू की तैयारियां शुरूकर दी थीं।इतना ही नहीं बोर्ड में सीसीटीवी कैमरे, बोर्डकी नयी बिल्डिंग सहित अन्य कार्यकिया था।टीजीटी-पीजीटी के लिए आनलाइन आवेदन लिये जाने की तैयारियां की गयी थीं, लेकिन अंत में डा. वर्माको हटा दिया गया।इसके बाद करीब सात माह तक वरिष्ठ सदस्य डा. धनंजय गुप्ता प्रभारी अध्यक्ष चयन बोर्ड रहे।उसके बाद स्थायी अध्यक्ष डा. देवकी नंदन शर्माआये, लेकिन वह भी परीक्षा नहीं करा सके क्योंकि उनकी कैंसर से करीब 11 माह में ही मौत हो गयी। इसके बाद बोर्ड के वरिष्ठ सदस्य डा. आशाराम यादव को प्रभारी अध्यक्ष बनाया गया।उन्होंने प्रधानाचायरे के वर्ष 2011 के अभ्यर्थियों को बिना काल लेटर भेजे ही इंटरव्यू शुरू कर दिया।इससे विवाद बढ़ गया और अंत में शासन ने करीब सात माह में डा. आशाराम को पद से हटा दिया।फिर उच्चतर शिक्षा सेवा आयोग के वरिष्ठ सदस्य डा. परशुराम पाल को बोर्ड का स्थायी अध्यक्ष बनाया गया।उन्होंने टीजीटी-पीजीटी वर्ष 2013 के पदों पर भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर परीक्षा करा दी, लेकिन कुछविरोधियों ने डा. पाल को उनके पद से हटवा दिया।इसके बाद चयन बोर्ड की सबसे कनिष्ठ सदस्य अनीता यादव को बोर्ड का सदस्य बनाया गया, लेकिन हाईकोर्टने योग्यता के मामले पर उन्हें पद से हटाते हुए कार्यकरने पर रोक लगा दी। वह करीब तीन माह तक अध्यक्ष रहीं।इस दौरान इनोवा गाड़ी की खरीद हुई थी।फिर बोर्डके नये अध्यक्ष बने डा. सनिल कुमार। उन्होंने भी करीब चार माह तक कार्य किया, लेकिन हाईकोर्टने योग्यता के मामले पर उनके भी कार्यकरने परे रोक लगा दी।अब करीब तीन माह से बोर्डके अध्यक्ष का पद रिक्त है।दूसरी ओर बोर्डमें चार सदस्यों का पद भी रिक्त है, जबकि हाईकोर्टने चयन बोर्ड की सदस्य व पूर्वअध्यक्ष अनीता यादव और ललित कुमार श्रीवास्तव के योग्यता संबंधी मामले को देखते हुए उनके कार्य करने पर रोक लगा दिया है, लेकिन ये लोग बोर्डसे वेतन सहित अन्य मानदेय ले रहे हैं।इस प्रकार माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड में अब डा. मो उमर और प्रो. विनय कुमार रावत ही सदस्य हैं।सात सदस्यों के पद हैंरिक्त : माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्डमें अध्यक्ष सहित 11 सदस्य होते हैं। अध्यक्ष का कार्यकाल पांच वर्षहोता है, जबकि सदस्यों का कार्यकाल दो वर्षका होता है।इस समय बोर्ड में अध्यक्ष सहित सात सदस्यों के पद रिक्त चल रहे हैं, जो चार सदस्य हैं, उनमें से दो सदस्यों को अयोग्य मानते हुए हाईकोर्टने उनके कार्यकरने पर रोक लगा दिया है। भर्तीप्रक्रिया अगले महीने से: सचिवउत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के सचिव जितेन्द्र कुमार का कहना हैकि बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्यों के रिक्त पदों पर शासन स्तर से चयन कर भर्ती प्रक्रिया शुरूहो गयी है। इसके माह के अंत तक पूरा होने की संभावना है।उन्होंने कहा कि पूरी उम्मीद है कि मार्च से बोर्डमें टीजीटी, पीजीटी और प्रधानाचायरें के रिक्त पदों पर भर्तीप्रक्रिया शुरूहो जायेगी, जिन विषयों के प्रवेश परीक्षा के रिजल्टघोषित होने हैं, वे कर दिये जायेंगे और जिन विषयों का इंटरव्यूहोना है, वह भी एक माह के अंदर शुरूहो जाएंगे।ऐसे में पूरी संभावना हैकि नये शैक्षिक सत्र से प्रदेश के सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षकों की तैनाती शुरूहो जायेगी।
दचार साल में सात अध्यक्ष बदले लेकिन नहीं हुआ कोईकार्यदप्रतिमाह खर्चहो रहा करीब Rs एक करोड़ दसहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में वर्ष2011 से टीजीटी-पीजीटी शिक्षकों और प्रधानाचायरे के पद हैं रिक्त

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