लखनऊ । सूबे के 51 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय की सुविधा नहीं है। इतना ही नहीं करीब 30 हजार आंगनबाड़ी केंद्रों में पीने का साफ पानी भी उपलब्ध नहीं है। इससे यहां आने वाली महिलाओं व बच्चों को काफी परेशानी होती है। यह खुलासा जिलों से आई रिपोर्ट में हुआ है। दरअसल, केंद्र सरकार ने सूबे की आंगनबाड़ी केंद्रों में स्वच्छ पेयजल, शौचालय व रसाईघर की उपलब्धता के बारे में सूचनाएं मांगी थी। इसी के बाद बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय ने जिलों से इस संबंध में रिपोर्ट भेजने के लिए कहा था।
गौरतलब है कि प्रदेश में कुल एक लाख 87 हजार नौ सौ 97 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। विभिन्न जिलों से आई रिपोर्ट के मुताबिक इनमें से 50,890 केंद्रों में शौचालय और 30,392 केंद्रों में स्वच्छ पेयजल तक की सुविधा उपलब्ध नहीं है। यही नहीं, एक लाख 35 हजार 582 आंगनबाड़ी केंद्रों में रसोईघर भी नहीं है। इसके बावजूद यहां बच्चों के लिए हॉट एंड कुक्ड फूड बनाया जा रहा है।
📌 पंचायतराज विभाग कराएगा शौचालय व पेयजल की व्यवस्था ः
निदेशक बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार आनंद कुमार सिंह ने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्रों में शौचालय व पेयजल की व्यवस्था पंचायतराज विभाग को करनी है। लिहाजा सभी अफसरों से यह कहा गया है कि वे नए बनने वाले आंगनबाड़ी केंद्रों के प्रस्तावित स्थल की सूची जिला पंचायतराज अधिकारी को जरूर उपलब्ध कराएं। जिससे वे प्राथमिकता के आधार पर शौचालय व पेयजल की सुविधा उपलब्ध करा सकें।
📌 बलरामपुर समेत कई जिलों को दोबारा जांच करने के निर्देश
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार निदेशालय ने कई जिलों को पुन: जांच कर रिपोर्ट भेजने के निर्देश दिए हैं। इनमें बलरामपुर, बदायूं, इलाहाबाद, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर, गाजीपुर, कन्नौज, आगरा, सिद्धार्थनगर, महराजगंज, मथुरा, अलीगढ़ व संत कबीरनगर शामिल है।
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