विकसित होंगे परिषदीय विद्यालय
विकसित होंगे परिषदीय विद्यालय
6श्रवस्ती, चित्रकूट, फतेहपुर समेत दस जिले शामिल 16शैक्षणिक ढांचे को बदलने के लिए केंद्र सरकार की नई पहल
यह है मानक1
क्या कहते हैं बीएसए 1
1.1 किलो वाट का लगेगा सोलर
सुविधा 18
विजय द्विवेदी, श्रवस्ती1भारत-नेपाल सीमा पर स्थित श्रवस्ती का शैक्षिक स्तर देश के न्यूनतम शिक्षा प्रतिशत का पैमाना है। साक्षरता की फेहरिस्त में जिला सबसे निचले पायदान पर खड़ा है। केंद्र सरकार ने श्रवस्ती समेत 10 जिलों के शैक्षणिक ढांचों को बदलने के लिए कमर कस ली है। शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मांटेसरी के तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों को विकसित किया जाएगा। अशिक्षा का अंधेरा मिटाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम से प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति सुधरेगी और ककहरा का टिका ज्ञान आगे बढ़ेगा। 1ऊर्जा संरक्षण के उपायों को लागू करने व परिषदीय विद्यालयों में नौनिहालों के लिए उत्तम शैक्षणिक माहौल तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके लिए ऐसे परिषदीय विद्यालय चुने गए हैं जहां विद्युत आपूर्ति की सुविधा न हो तथा इंडिया मार्का-2 हैंडपंप स्थापित हो और क्रियाशील हो। साथ ही हैंडपंप से पानी के साथ बालू या मिट्टी न आती हो। ग्रामीण आबादी के नजदीक के स्कूलों को पहले चरण में चुना गया है जिससे आवश्यकता पड़ने पर आरओ के पानी का लाभ ग्राम समूहों को भी मिल सके। पठन-पाठन के साथ बच्चों के ज्ञान का नियमित मानीटरिंग की जाएगी। 1प्रदेश के चुने गए 10 जिले 1शासन की ओर स्कूलों की दशा सुधारने के लिए पहले चरण में प्रदेश के 10 जिलों का चयन किया गया है। इनमें श्रवस्ती के अलावा चित्रकूट, फतेहपुर, गोरखपुर, कन्नौज, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, संतकबीरनगर व सोनभद्र शामिल है। 1स्कूल में कम से कम 100 की छात्र संख्या होनी चाहिए। इसके अलावा विद्यालय पक्का निर्मित हो तथा वाटर टैंक की स्थापना के लिए पक्की छत उपलब्ध हो। विद्यालयों की छत पर सोलर पैनल की स्थापना होनी है। ऐसे में छत पर किसी प्रकार की छाया नहीं होनी चाहिए। सयंत्र की स्थापना के बाद इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधान शिक्षक के साथ ग्राम प्रधान की होगी। 1बीएसए महेश प्रताप सिंह ने बताया कि शासन की ओर से श्रवस्ती जिले को इस महत्वपूर्ण परियोजना में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह के आदेश पर विद्यालयों का चयन कर सूची का अनुमोदन डीएम से करवाकर नेडा को सौंप दिया गया है। सर्वशिक्षा अभियान के जिला समंवयक अजीत कुमार उपाध्याय को संयत्रों की स्थापना की निगरानी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि इस जिले में 20 स्कूलों का चयन किया गया है।विद्यालयों का विकास करने के लिए 1.1 किलो वाट का सोलर पैनल लगाया जाएगा। चार कक्षों तथा एक प्रधान शिक्षक के कक्ष में पंखा लगेगा। सौ लीटर स्टोरेज टैंक के साथ एक आरओ वॉटर तथा सबमर्सिबल वॉटर पंप व एक हजार लीटर ओवर हेड टैंक की स्थापना की जाएगी। इससे प्रतिदिन 250 लीटर शुद्ध पेयजल प्राप्त होगा। , चित्रकूट, फतेहपुर समेत दस जिले शामिल 16शैक्षणिक ढांचे को बदलने के लिए केंद्र सरकार की नई पहल
यह है मानक1
क्या कहते हैं बीएसए 1
1.1 किलो वाट का लगेगा सोलर
सुविधा 18
विजय द्विवेदी, श्रवस्ती1भारत-नेपाल सीमा पर स्थित श्रवस्ती का शैक्षिक स्तर देश के न्यूनतम शिक्षा प्रतिशत का पैमाना है। साक्षरता की फेहरिस्त में जिला सबसे निचले पायदान पर खड़ा है। केंद्र सरकार ने श्रवस्ती समेत 10 जिलों के शैक्षणिक ढांचों को बदलने के लिए कमर कस ली है। शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए मांटेसरी के तर्ज पर परिषदीय विद्यालयों को विकसित किया जाएगा। अशिक्षा का अंधेरा मिटाने के लिए सरकार की ओर से उठाए गए इस कदम से प्राथमिक विद्यालयों की स्थिति सुधरेगी और ककहरा का टिका ज्ञान आगे बढ़ेगा। 1ऊर्जा संरक्षण के उपायों को लागू करने व परिषदीय विद्यालयों में नौनिहालों के लिए उत्तम शैक्षणिक माहौल तैयार करने के लिए केंद्र सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। इसके लिए ऐसे परिषदीय विद्यालय चुने गए हैं जहां विद्युत आपूर्ति की सुविधा न हो तथा इंडिया मार्का-2 हैंडपंप स्थापित हो और क्रियाशील हो। साथ ही हैंडपंप से पानी के साथ बालू या मिट्टी न आती हो। ग्रामीण आबादी के नजदीक के स्कूलों को पहले चरण में चुना गया है जिससे आवश्यकता पड़ने पर आरओ के पानी का लाभ ग्राम समूहों को भी मिल सके। पठन-पाठन के साथ बच्चों के ज्ञान का नियमित मानीटरिंग की जाएगी। 1प्रदेश के चुने गए 10 जिले 1शासन की ओर स्कूलों की दशा सुधारने के लिए पहले चरण में प्रदेश के 10 जिलों का चयन किया गया है। इनमें श्रवस्ती के अलावा चित्रकूट, फतेहपुर, गोरखपुर, कन्नौज, ललितपुर, महोबा, मिर्जापुर, संतकबीरनगर व सोनभद्र शामिल है। 1स्कूल में कम से कम 100 की छात्र संख्या होनी चाहिए। इसके अलावा विद्यालय पक्का निर्मित हो तथा वाटर टैंक की स्थापना के लिए पक्की छत उपलब्ध हो। विद्यालयों की छत पर सोलर पैनल की स्थापना होनी है। ऐसे में छत पर किसी प्रकार की छाया नहीं होनी चाहिए। सयंत्र की स्थापना के बाद इसकी सुरक्षा की जिम्मेदारी प्रधान शिक्षक के साथ ग्राम प्रधान की होगी। 1बीएसए महेश प्रताप सिंह ने बताया कि शासन की ओर से श्रवस्ती जिले को इस महत्वपूर्ण परियोजना में शामिल किया गया है। उन्होंने बताया कि डीएम राघवेंद्र विक्रम सिंह के आदेश पर विद्यालयों का चयन कर सूची का अनुमोदन डीएम से करवाकर नेडा को सौंप दिया गया है। सर्वशिक्षा अभियान के जिला समंवयक अजीत कुमार उपाध्याय को संयत्रों की स्थापना की निगरानी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि इस जिले में 20 स्कूलों का चयन किया गया है।विद्यालयों का विकास करने के लिए 1.1 किलो वाट का सोलर पैनल लगाया जाएगा। चार कक्षों तथा एक प्रधान शिक्षक के कक्ष में पंखा लगेगा। सौ लीटर स्टोरेज टैंक के साथ एक आरओ वॉटर तथा सबमर्सिबल वॉटर पंप व एक हजार लीटर ओवर हेड टैंक की स्थापना की जाएगी। इससे प्रतिदिन 250 लीटर शुद्ध पेयजल प्राप्त होगा।
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