बागपत। बीएसए के निरीक्षण में अनुपस्थित मिलने वाले शिक्षकों के खिलाफ ऐसी खानापूर्ति की गई अब हर कोई इस पर सवाल उठाने लगा। कार्रवाई के नाम पर सभी अनुपस्थित शिक्षकों को प्रशासनिक कार्रवाई के नाम पर शिक्षकों को देहात के आंतरिक दूरस्थ गांवों से निकालकर शहर अथवा हाईवे के किनारे स्थित विद्यालयों में नियुक्त कर दिया गया। प्रशासन की नजरों में धूल झोंकते हुए बीएसए ने इतना बड़ा खेल कर दिया और कोई कुछ कह भी नहीं सका। लोगों ने लोकायुक्त तक बीएसए को घसीट लिया है।
बामनौली के अजय कुमार एवं शर्मिष्ठा द्वारा प्रमुख सचिव कमलेश कुमार एवं जिलाधिकारी को दिए शिकायती पत्र में बताया है कि बीएसए डॉक्टर महेंद्र प्रताप सिंह ने कार्रवाई के नाम पर शिक्षकों को उनके मनचाहे विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया है। उन्होंने शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई के नाम पर अक्तूबर 2014 से दिसंबर 2014 तक 20 शिक्षकों के स्थानांतरण किए। इनमें से एक दो स्थानांतरण को छोड़कर सभी शिक्षकों को देहात के क्षेत्रों से निकालकर शहर या हाईवे के किनारे स्थित विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया है। उनका आरोप है कि बेसिक शिक्षाधिकारी ने अपने अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए शिक्षकों को उनके मनचाहे विद्यालयों में स्थानांतरित कर दिया है। अजय कुमार ने कहा कि इस बारे में डाएम, शिक्षामंत्री एवं बेसिक शिक्षा सचिव से शिकायत की थी, मगर कोई कार्रवाई नहीं हुई। उन्होंने प्रमुख सचिव कमलेश कुमार को दिए शिकायती पत्र में मामले की जांच कर कार्रवाई की मांग की है।
बीएसए पर ही अनुपस्थित कराने का आरोप
अजय कुमार ने आरोप लगाया है कि बीएसए ने छापामार कार्रवाई से पूर्व ही शिक्षकों को फोन कर अनुपस्थित रहने के लिए कह दिया था, जिससे उन पर कार्रवाई कर उन्हें दूरस्थ गांवों से हटाया जा सके और उनकी तैनाती सजा के तौर पर शहर अथवा सड़क किनारे के गांवों में की जा सके। जबकि गांवों के स्कूलों में शिक्षकों की कमी हो गई।के बावजूद शिक्षको के ट्रांसफर, कार्यवाही के नाम पर दे दिए शहर और सड़क किनारे के स्कूल,कार्यवाही के नाम पर की गयी खानापूर्ति,पंचायत चुनाव के कारण 19 सितंबर 2015 तक लगाई गयी थी रोक,मामले की जानकारी होने के बावजूद प्रशासन बन रहा मूदर्शक
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