सरकार की नीतियों के खिलाफ बीएसपी के सदस्यों ने नारेबाजी की।
लखनऊ : राज्य कर्मचारी और शिक्षकों को मकान बनवाने के लिए लोन की सीमा बढ़ाई जाएगी। इस बारे में सरकार ने प्रस्ताव मांगा है। सरकार की ओर से नेता सदन अहमद हसन ने यह जानकारी विधान परिषद में दी। एमएलसी ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने पूछा था कि क्या शिक्षकों और कर्मचारियों को पीएफ से अधिकतम 75 हजार रुपये लोन की व्यवस्था है/ इस पर जवाब दिया गया कि पांच साल के वेतन के बराबर या 75 हजार रुपये में जो न्यूनतम होगा, उतना लोन लिया जा सकता है। इस पर ध्रुव कुमार त्रिपाठी ने महंगाई को ध्यान में रखते हुए इस राशि को बढ़ाए जाने की मांग की। उन्होंने कहा कि 'न्यूनतम' जगह पर जो 'अधिकतम' होगा, कर दिया जाए तो बेहतर होगा। इस पर अहमद हसन ने जानकारी दी कि लोन की सीमा बढ़ाने का प्रस्ताव मांगा गया है।
गलत जवाब की होगी जांच : विधान परिषद सदस्य डॉ. यज्ञदत्त शर्मा ने बाल विकास पुष्टाहार विभाग पर सवाल उठाया। उन्होंने बताया कि आरटीआई के तहत विभाग से जानकारी मांगी थी लेकिन नहीं दी गई। जानकारी न दिए जाने वर विभाग के दोषी कर्मचारियों पर कार्रवाई का क्या प्रावधान है। इस पर सदन में जवाब दिया गया कि उन्हें आरटीआई के तहत जानकारी दे दी गई है। इस पर डॉ. शर्मा ने सदन को बताया कि उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई। सदन को गुमराह करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों पर क्या कार्रवाई होगी/ बीजेपी के सदस्यों ने भी इस बारे में कार्रवाई पर सवाल पूछा। सरकार के जवाब से असंतुष्ट होने पर सभापति ओम प्रकाश शर्मा ने जांच कराकर कार्रवाई के आदेश दिए।
सवाल स्थगित : राजबहादुर सिंह चंदेल ने भातखंडे संगीत सम विश्वविद्यालय के बारे में सवाल पूछा तो जवाब दिया गया कि यह संस्कृति विभाग के अधीन नहीं है। इस गलती को स्वीकार करते हुए सवाल स्थगित कर दिया गया।
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