जागरण संवाददाता, सीतापुर : जिले के परिषदीय विद्यालयों को जल्द ही श्रेणीबद्ध किया जाएगा। हर श्रेणी के मुताबिक विद्यालय को अंक आवंटित किए जाएंगे। नौनिहालों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार लाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग यह कदम उठाने जा रहा है, क्योंकि विद्यालयों का श्रेणीकरण के अंक उसके शैक्षिक माहौल व गुणवत्ता के आधार पर दिए जाएंगे। कमजोर विद्यालयों पर विभाग की विशेष नजर रहेगी। श्रेणीकरण के साथ ही शैक्षिक माहौल को बनाने के लिए शिक्षाधिकारियों को विद्यालयों की जांच करने के भी रूपरेखा तैयार की गई है। शासन से दिशा निर्देश मिलने के बाद विभाग ने जिले के सभी प्राथमिक एवं उच्च प्राथमिक विद्यालयों को श्रेणीबद्ध करने की कवायद शुरू कर दी है। जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान के प्राचार्य अशोक कुमार ने सभी समन्वयक, खंड शिक्षाधिकारी, बीआरसी एवं यूआरसी समन्वयकों को दिशा निर्देश जारी किए गए हैं। शासन ने परिषदीय विद्यालयों का शैक्षिक माहौल सुधारने के लिए सभी विद्यालयों को श्रेणीकृत करने के आदेश जारी किए हैं। विद्यालयों को श्रेणी आवंटन के लिए अ, ब, स, द शब्दों का प्रयोग किया जाएगा। जो विद्यालय शासन की मंशा के अनुरूप खरे नहीं उतरेंगे उन्हें श्रेणी विहीन माना जाएगा। जांच के दौरान स, द व श्रेणी विहीन मिलने वाले विद्यालयों में शैक्षिक माहौल को बेहतर करने के लिए विभाग प्रयास करेगा। छात्र-छात्रओं की अर्धवार्षिक परीक्षा की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन के दौरान शिक्षक छात्रों की कमियों को तलाश कर उनके अभिभावकों से मिलकर छात्रों की कमजोरियों को दूर करने का प्रयास करेंगे। अ श्रेणी वाले विद्यालयों को नजीर के तौर पर सार्वजनिक रूप से प्रचारित किया जाएगा। जिससे दूसरे स्कूलों के शिक्षक विद्यालयों की गुणवत्ता को सुधारने का प्रयास कर सकें। शैक्षिक माहौल के साथ ही हर विद्यालय की सफाई व्यवस्था, शासन द्वारा संचालित योजनाओं के क्रियान्वयन, सुरक्षा, एवं शिक्षक एवं छात्र-छात्रओं की उपस्थित का मूल्यांकन टीमें करेंगी। विद्यालय के श्रेणीकृत हो जाने के बाद जिले के सभ एनपीआरसी व बीआरसी निर्धारित प्रारूप पर रिपोर्ट डॉयट प्राचार्य को उपलब्ध कराएंगे। यहां से रिपोर्ट शासन को जाएगी। रिपोर्ट के आधार पर शासन स्तर से आवश्यक निर्देश भी जारी होंगे।सभी खंड शिक्षाधिकारियों, समन्वयकों, एनप आरसी व बीआरसी को पत्र लिखकर विद्यालयों की श्रेणीकृत करके सूची मांगी है। विद्यालयों का श्रेणीकरण व शैक्षिक माहौल को शासन की मंशा के अनुरूप किया जाएगा।
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