गाजीपुर : बकाया मानदेय व अन्य मांगों को लेकर रसोइयों का गुस्सा शनिवार को फूट पड़ा। वे एकजुट होकर महुआबाग स्थित बेसिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय का घेराव कर नारेबाजी शुरू कर दीं। रसोइयों के गुस्से को देखते हुए कर्मचारी भाग खड़े हुए। करीब दो घंटे तक रसोइयां हंगामा करती रहीं। सूचना पर शहर कोतवाल केके मिश्र व एमडीएम प्रभारी राहुल राय पहुंचे और आश्वासन देकर रसोइयों का गुस्सा शांत कराया।ब्लाक प्रमुख चंदा यादव ने कहा कि शिक्षा विभाग एक हजार रुपये मानदेय देकर रसोइयों को बंधुआ मजदूर बना दिया है। जिले में सैकड़ों ऐसी रसोइयां है जिन्हें वर्षों से मानदेय नहीं मिला है। इस स्थिति में उनका परिवार भुखमरी के कगार पर आ गया है। रसोइयां विद्यालय नियमित जाती हैं लेकिन उसके बावजूद कई ऐसे विद्यालय हैं जहां भोजन नहीं बनता। रसोइयां संघ की जिलाध्यक्ष सुगंती कुशवाहा ने कहा कि कभी-कभार विद्यालय जाने वाले अध्यापकों को हर माह वेतन का भुगतान हो जाता है लेकिन नियमित विद्यालय जाने वाली रसोइयों का नहीं होता। इसमें बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से इंकार नहीं किया जा सकता। बिना कारण बताए विद्यालय से निकाली गई रसोइयों का को अगर दोबारा नहीं रखा गया तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगी।1 आशा देवी ने कहा कि बेसिक शिक्षा अधिकारी व एमडीएम प्रभारी रसोइयों का मानसिक शोषण करते है। पूर्व में इनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था लेकिन पुलिस की मिलीभगत से ये मामले की लीपापोती कर दिए। चेताया कि अगर बेसिक शिक्षा अधिकारी व एमडीएम प्रभारी की गिरफ्तारी नहीं होगी तो 7 मार्च को विधानसभा पहुंचकर 15 सूत्रीय मांग पत्र मुख्यमंत्री को सौंपेंगी। घेराव के दौरान रसोइयां प्रतिवर्ष नियुक्ति प्रथा बंद हो, रसोइयों का मानदेय खाता द्वारा करो, मानदेय छह हजार करो आदि नारे लगा रहीं थीं। घेराव में सावित्री देवी, मीरा, दयमंत्री, सुमित्र, अतवारी, बब्बन यादव, प्रभावती, रेखा, परवीन, मुन्नी आदि थी
No comments:
Write comments