जागरण संवाददता, संतकबीर नगर : जनपद में शिक्षा विभाग की अजग-गजब लीला है। एक तरफ तैनाती होती है तो दूसरी तरफ फर्जी डिग्री से नौकरी हथियाने वाले शिक्षकों की भरमार है। पिछले दो वर्ष में एक दर्जन शिक्षक पकड़े गए हैं। नौकरी छोड़ने के बाद उसके नाम से मिलते नाम वाली महिला की तैनाती के मामले ने तूल पकड़ लिया है। सत्यापन में जहां डिग्रियां अवैध पाई जा रहीं। जांच में कई गुरुजी लोगों को पोल पट्टी खुल सकती है। परिषदीय व माध्यमिक विद्यालयों में ऐन केन प्रकाणोन नौकरी हथियाने का खेल चल रहा है। एक वर्ष पूर्व तीन शिक्षकों का हाईस्कूल, इंटरमीडिएट व स्नातक योग्यता में नाम व अनुक्रमांक भिन्न -भिन्न मिला। जांच के बाद डायट प्राचार्य ने कोतवाली में तहरीर देकर मुकदमा पंजीकृत कराया। इससे पूर्व भी तैनात सहायक अध्यापकों के योग्यता में फर्जीवाड़ा मिलने पर कार्रवाई की गई। हाल में ही संयुक्त निदेशक की जांच में माध्यमिक शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की गई। सूत्रों की माने तो ब्लाक क्षेत्रों में कई परिषदीय विद्यालयों में शिक्षक ऐसे तैसे नौकरी हासिल करके वेतन उठा रहे हैं। कई तो ड्यूटी बजाकर सेवानिवृत्त होकर पेंशन उठा रहे हैं। कुछ ने तो विश्वविद्यालय से सत्यापन पर मन माफिक रिपोर्ट भी लगवा कर सब कुछ ठीक ठाक कर लिया है।72 हजार हजार शिक्षकों की भर्ती में जागृति सिंह पुत्री प्रेमशंकर सिंह के स्थान पर नियुक्त लेने वाली फर्जी शिक्षिका का पता नहीं चल पाया है। दो दिनों से मोबाइल फोन बंद होने के बाद सुराग नहीं लग सका है।1होगी कार्रवाई : जिला बेसिक शिक्षाधिकारी महेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि नौ फरवरी को ज्वाइन करने वाली शिक्षिका के संबंध में जानकारी होने पर संबंधित खंड शिक्षाधिकारी को निर्देशित किया गया। विद्यालय से शिक्षिका गायब है। दोषी के खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। 1शिक्षकों में अधिक फर्जीवाड़ा: विभागीय सूत्रों की मानें तो 2008 के बाद जो भी शिक्षक बहाल हुए, उनके प्रमाणपत्र की जांच नियोजन पत्र जारी करने के पहले की गई। ऐसे शिक्षकों में फर्जी प्रमाणपत्र वाले कम हैं। 2006 में शिक्षा मित्रों को नियोजित शिक्षक मान लिया गया। कई शिक्षकों की बहाली नियोजित शिक्षकों के रूप में हुई।
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