टांडा (अंबेडकरनगर) : बेसिक शिक्षा मंत्री अहमद हसन के खास लगाव वाली बुनकर नगरी के स्कूलों में अभिभावक अपने पाल्यों को स्कूल भेजने से कतरा रहे हैं। ऐसे में परिषदीय विद्यालयों में जितने छात्र पंजीकृत हैं, उसमें से 50 फीसद भी स्कूल नहीं आ रहे। वह भी तब, जब शिक्षिका घर-घर छात्रों को बुलाने जा रही है। बेसिक शिक्षा मंत्री टांडा कस्बे से खास लगाव रखते हैं। यहां मोहल्ला अलीगंज में परिषदीय प्राथमिक विद्यालय (बालक) स्थित है। मोहल्ले में बुनकरों की बाहुल्यता है। शनिवार को साढ़े नौ बजे विद्यालय परिसर में स्थित आम के पेड़ के नीचे छात्रों की क्लास लगी है। कक्षा एक से पांच तक 103 छात्र-छात्रएं पंजीकृत हैं। हाजिरी में 53 छात्र-छात्रएं ही उपस्थित पाए गए। ऐसा तब है जबकि विद्यालय की प्रधानाध्यापिका अजीजा खातून कुछ देर पहले ही बच्चों के घर जाकर उन्हें स्कूल आने के लिए कहकर आयीं थीं। वह बताती है कि बच्चों के अभी आने की संभावना है। सहायक अध्यापिका गुलशन नूरी कक्षा एक, दो, तीन और चार, पांच के छात्र-छात्रओं को अजीज खातून पढ़ा रही थीं। मध्याह्न भोजन पकाने के लिए बेइला देवी, ज्ञानधारी, सरवरी महिला रसोइया नियुक्त हैं। सरवरी बाजार से सब्जी लेने गयी थीं। परिसर के फर्श में पीली ईंट लगाई गई है। बगल में ही प्राथमिक विद्यालय कन्या स्थित है। दो विद्यालयों के मध्य एक दीवार खड़ी करके परिसर अलग-अलग कर दिए गए हैं। नौ बजकर 42 मिनट हो रहे थे। विद्यालय के छात्र-छात्रएं व्यवस्थित नहीं हो सके थे। छात्र-छात्रओं की पंजीकृत संख्या इस विद्यालय में 110 है। हाजिरी नहीं होने से बच्चे की सही संख्या नहीं बतायी जा सकी। प्रधानाध्यापिका नगमा ने अनुमान से बताया कि 45 बच्चे पढ़ने आए हैं। कम बच्चे के आने का कारण बताती हैं कि पड़ोस के घरों में बच्चे कुरान शरीफ का पारा पढ़ने जा रहे हैं। सहायक अध्यापिका सीमा गोद में बच्चे को लेकर स्कूल पढ़ाने आयी हैं। अब उनके सामने समस्या यह कि छात्रों को पढ़ाएं या अपने बच्चे की देखभाल करें।
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