हाथरस : पूर्व ग्राम प्रधानों से जानकारी की जा रही है कि वे खाद्यान्न और कनवर्जन कॉस्ट के पैसे में गड़बड़ी तो नहीं की। अब इसकी जांच बीएसए करने जा रहे हैं। जांच में पैसा निकलने पर उनसे रिकवरी कराई जाएगी। मिड डे मील नगर में एनजीओ व ग्रामीण क्षेत्र में रसोइये बनाते हैं। कनवर्जन कॉस्ट और खाद्यान्न का पैसा ग्राम प्रधान और हेड मास्टर के संयुक्त हस्ताक्षर के बाद ही निकाला जाता है। बताते चलें कि पूर्व में तमाम ग्राम प्रधानों ने कनवर्जन कॉस्ट और खाद्यान्न के बजट में गड़बड़ी कर देते हैं। अब नई ग्राम पंचायतों का गठन हो चुका है और नए प्रधान चुनकर आ गए हैं। ऐसे में अब जिलाधिकारी ऐसे पूर्व ग्राम प्रधानों की पड़ताल करा रहे हैं, जिनके पास सरकारी पैसा तो नहीं है। बीएसए देवेंद्र गुप्ता एक माह में पूर्व प्रधानों की पूरी जानकारी अपने स्तर से कराएंगे। उसके बाद रिपोर्ट बनाकर जिलाधिकारी के समक्ष भेजेंगे। यदि किसी के पास सरकारी पैसा कनवर्जन कॉस्ट और खाद्यान्न का निकला तो उससे रिकवरी कराई जाएगी।
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