संवादसूत्र, बलरामपुर : सीखने की कोई उम्र नहीं होती है। आदमी जब सीखना चाहे तभी नई चीजें सीख सकता है। सीखना एक कला है और जो इस कला में माहिर हो जाता है उसके लिए जीवन सरल बन जाता है। 1यह बातें जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जय सिंह ने साक्षर भारत मिशन के अंतर्गत ब्लॉक संसाधन केंद्र सेखुईकला पर आयोजित प्रेरक प्रशिक्षण के समापन समारोह में कही। कहा कि शिक्षक समाज का निर्माता होता है इसके द्वारा पढ़ाए जाने वाले बच्चे ही आगे चलकर देश व समाज के निर्माता बनते हैं और देश को आगे ले जाते हैं। इसलिए शिक्षक को अपना कार्य पूरी लगन व जिम्मेदारी के साथ करना चाहिए। जिससे वह समाज को बेहतर परिणाम दे सके। कहा कि एक शिक्षक यदि प्रतिवर्ष दस बच्चों को भी बेहतर शिक्षा देता है तो यह उसकी बेहतर उपलब्धि होगी। इसका परिणाम बच्चे के उज्ज्वल भविष्य के रूप में देखने को मिलेगा। कहा कि प्रशिक्षकों ने पिछले तीन दिनों के प्रशिक्षण में जो भी सिखाया बनाया है आप लोग उसे अपने ब्लॉक में होने वाले प्रशिक्षण में शिक्षकों को बताएंगे। इसलिए प्रशिक्षण में सीखी गई चीजों को बेहतर रूप से तैयार करें। उसमें किसी भी प्रकार की दिक्कत आने पर अपने प्रशिक्षकों से संपर्क कर सकते हैं। इससे पूर्व अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरूआत विद्या की देवी मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर की। कार्यक्रम का संचालन बीआरसी रामसमुझ यादव ने किया। समारोह में जिला समंवयक राजेंद्र गुप्ता, रक्षाराम,अजरुन, अरुण यादव, विपिन चंद्र उपाध्याय सहित कई प्रेरक उपस्थित रहे।बीआरसी सेखुइकला में प्रशिक्षुओं को संबोधित करते बीएसए जय सिंह तथा प्रशिक्षण में उपस्थित प्रशिक्षकजागरण
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