जागरण संवाददाता, खेसरहा, बांसी, सिद्धार्थनगर : गरीब की बच्चियों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए लागू योजनाओं पर जिम्मेदार लापरवाह बने हुए हैं। इन्हें भी निश्शुल्क आवासीय शिक्षा प्रदान हो इसके लिए चल रही बालिका शिक्षा योजना विभाग की शिथिलता से परवान नहीं चढ़ पा रही है। योजना की शुरूआत जनपद में वर्ष 2004-05 में हुई। तहसील के तीन विकास खंडों में से बांसी व मिठवल में यह विद्यालय चार वर्ष पूर्व स्थापित तो हो गये पर खेसरहा का विद्यालय एक दशक बाद भी नहीं बन सका। विकास खंड के कड़जा प्राथमिक विद्यालय परिसर में बन रहे इस विद्यालय भवन का निर्माण कार्य तीन वर्ष से बंद पड़ा है। 36 लाख की लागत से बनने वाले इस विद्यालय भवन को वर्ष 2009 में ही तैयार हो जाना था, पर जिम्मेदारों की अनदेखी से आधा अधूरा कार्य कर ठेकेदार काम बंद कर फरार हो गया। नतीजतन यह विद्यालय 15 किमी दूर बांसी स्थित डायट के छात्रवास में आज भी चल रहा है। विद्यालय के दूर होने से ब्लाक क्षेत्र की अधिकांश बच्चियां शिक्षा के अधिकार से वंचित रह जा रही हैं। क्षेत्र के रामदीन, दयाराम, बुद्धिराम, विक्रम, मोलहु, शांति, रूकमणी, विद्यावती आदि का कहना है जब यहां विद्यालय भवन बनकर तैयार हो जायेगा तब हम अपनी लड़कियों का नामांकन उसमें करायेंगे।निर्माणाधीन खेसरहा का कस्तूरबा विद्यालय। जागरणकार्य करवा रही कार्यदायी संस्था के खिलाफ बहुत पहले ही कार्रवाई हो चुकी है। बंद निर्माण कार्य को शुरु कराने के लिए उच्चाधिकारी लगे हुए हैं, जल्द ही कार्य शुरु होने की उम्मीद है।
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