जासं बदायूं : बच्चों का खाने से पहले वॉशवेशन पर हाथ धोना, छात्र-छात्रओं के लिए अलग-अलग शौचालय होना, पेयजल की सुचारू व्यवस्था, मीना मंच व बाल संसद का गठन, स्वच्छता अभियान के कार्यक्रम आदि। सभी कार्य व्यवस्थित ढंग से होना। ऐसे हों जिले के आठ उच्च प्राथमिक विद्यालय व दो कस्तूरबा गांधी आवासीय बालिका विद्यालय। विद्यालय की व्यवस्थाओं में बदलाव करके अन्य विद्यालयों के लिए आदर्श बनाया जाएगा। जिसके लिए सर्व शिक्षा अभियान की ओर से जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को बजट उपलब्ध करा दिया गया है। सत्र के समाप्त होने तक कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी और परियोजना को रिपोर्ट भेजी जाएगी।स्वच्छ विद्यालय व बाल स्वच्छता मिशन के अंतर्गत छात्र-छात्रओं की सौ से ज्यादा संख्या वाले जिले के कुल दस विद्यालयों का चयन करने के बाद व्यवस्था में बदलाव किया जाएगा। हाथ धोने के लिए वॉशवेशन लगाया जाएगा, जहां एक बार में दस विद्यालय हाथ धो सकेंगे। छात्र-छात्रओं के लिए अलग-अलग शौचालय बनाए जाएंगे, कांवेंट विद्यालय की तर्ज पर इन शौचालयों में स्वच्छता रहेगी। शौचालय प्रयोग की विधि, हाथ धोने का तरीका व स्वच्छता संबंधी नारों का दीवार लेखन किया जाएगा। रोज स्वच्छता संबंधी गतिविधियां कराई जाएंगी। महीने में एक बार विद्यालय परिसर व आसपास के क्षेत्र में साफ-सफाई कराकर संबंधित सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे। योजनाओं का संचालन बेहतरीन ढंग से किया जाएगा। विद्यालयों में नियमित सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति की जाएगी। रख-रखाव प्रबंध समिति व अभिभावकों के सहयोग से किया जाएगा। प्रार्थना के समय स्वच्छता को लेकर चर्चा होगी। शिक्षिकाएं छात्रओं को महावारी संबंधी स्वच्छता की जानकारी देंगी। हर विद्यालय में ओवरहेड टैंक पर 12 हजार रुपये, ग्रुप हैंड वा¨शग सिस्टम पर 13 हजार रुपये खर्च होंगे। साबुन, सफाई आदि पर 42 सौ रुपये खर्च किए जाएंगे। योजना के तहत बेसिक शिक्षा विभाग को 4 लाख 97 हजार रुपये का बजट जारी किया गया है। 31 मार्च तक गतिविधियों का संचालन किया जाएगा और बजट का उपभोग प्रमाण पत्र सर्व शिक्षा अभियान की परियोजना को भेजा जाएगा।उत्तम स्वच्छता व्यवहार और योजनाओं के संचालन व रखरखाव में भागीदारी में सर्वश्रेष्ठ उदाहरण प्रस्तुत करने वाले तीन सर्वश्रेष्ठ विद्यालयों को पुरस्कृत किया जाएगा। हर विद्यालय को पुरस्कार स्वरूप दस हजार रुपये की धनराशि दी जाएगी। पुरस्कार के लिए विद्यालय का चयन करने से पहले विद्यालय की व्यवस्थाओं के साथ-साथ छात्र-छात्रओं के व्यवहारिक जीवन को देखा जाएगा।निर्मल विद्यालय योजना में पुरस्कृत होंगे विद्यालय
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