जासं, श्रवस्ती: अंधेरगर्दी देखना हो तो बेसिक शिक्षा विभाग आइए। यहां नियम कानून को दर-किनार कर अपने स्तर से ही शिक्षा की गाड़ी दौड़ाई जा रही है। लंबे समय से ब्लॉक सह समंवयक का नवीनीकरण नहीं किया गया है। निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी एबीआरसी की पहुंच और जुगाड़ के आगे शिक्षा विभाग बौना दिख रहा है। अंधेरगर्दी का आलम है कि एबीआरसी को शैक्षिक अनुश्रवण में सहयोग देना चाहिए, लेकिन निर्धारित विषय में शिक्षकों का सहयोग कम खामियों का निरीक्षण ज्यादा होता है। अशिक्षा के घने बादलों की ओट में छिपे श्रवस्ती में साक्षरता पटरी पर नहीं आ पा रही है। यहां की आधे से ज्यादा आबादी अंगूठा टेक है। उन्नति एवं विकास के लिए साक्षरता का पैमाना बहुत ही जरूरी माना जाता है। इस पैमाने को बढ़ाने के लिए जिले में 888 प्राथमिक व 391 उच्च प्राथमिक विद्यालय संचालित हैं। इन विद्यालयों में पठन-पाठन को बेहतर बनाने के लिए हर ब्लॉक में पांच ब्लॉक सह समंवयक पांच वर्ष पूर्व तैनात किए गए थे। इकौना, हरिहरपुररानी, जमुनहा में पांच-पांच, जबकि सिरसिया में चार एबीआरसी की नियुक्ति की गई। एबीआरसी का काम शैक्षिक स्तर को बेहतर बनाकर मॉडल प्रस्तुत करना है। बताया जाता है कि एबीआरसी की तैनाती के बाद इनका नवीनीकरण नहीं किया गया है, जबकि तीन वर्ष में नवीनीकरण का प्राविधान है। चयन के बाद रिनीवल करने के लिए एबीआरसी का कार्य संतोषजनक होना चाहिए। खंड शिक्षा अधिकारी की रिपोर्ट पर बीएसए रिनीवल कर डीएम से एबीआरसी का अनुमोदन कराते हैं। निर्धारित अवधि बीत जाने के बाद भी एबीआरसी का रिनीवल नहीं कराया गया है। यही नहीं नियमों की अनदेखी करते हुए एबीआरसी बनाए भी गए हैं। सिरसिया के शिक्षक को गिलौला में एबीआरसी बनाया गया है, जबकि वह अधिकांश बलरामपुर में ही रहते हैं। सर्वशिक्षा अभियान के जिला समंवयक अजीत उपाध्याय ने बताया कि जिले में 24 एबीआरसी तैनात हैं। अभी रिनीवल में तीन माह बाकी हैं।
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