जागरण संवाददाता, मुजफ्फरनगर: हजारों बीघा सार्वजनिक कृषि भूमि अवैध कब्जा मुक्त कराने के लिए गत 20 वर्षों से डीएम कार्यालय पर धरना दे रहे मास्टर विजय सिंह ने बालश्रम में जुटे बच्चों की ओर मुख्यमंत्री का ध्यान आकृष्ट है। मुख्यमंत्री को प्रेषित ज्ञापन में उन्होंने कहा कि यदि बच्चे बालश्रम में जुटे रहेंगे तो स्कूल कैसे जाएंगे? ऐसे में 30 मार्च से शुरू हो रहे स्कूल चलो अभियान का भी कोई औचित्य नहीं रहेगा। बुनियादी शिक्षा को मजबूत बनाने के लिए शासन के निर्देश पर बेसिक शिक्षा विभाग 30 मार्च से जनपद में स्कूल चलो अभियान शुरू करने जा रहा है। ऐसे में 14 साल तक के प्रत्येक उस बच्चे का नामांकन विद्यालयों में कराने के निर्देश हैं जो या तो कभी स्कूल ही नहीं गया या फिर किसी कारण उसकी पढ़ाई बीच में ही छूट गई। डीएम कार्यालय पर 20 वर्षों से धरनारत व लिम्का सहित विभिन्न रिकार्डस बुक में अपना नाम दर्ज करा चुके मास्टर विजय सिंह ने ज्ञापन में कहा कि स्कूल चलो अभियान की सफलता के लिए बालश्रम पर शत-प्रतिशत प्रतिबंध लगाना जरूरी है। 1चाय की दुकान, बाइक रिपेयरिंग और कारखानों आदि में छोटे-छोटे बच्चे काम कर रहे हैं, उनके व उनके परिवार के समक्ष समस्या है। जिस कारण आजीविका कमाने या तो उनके अभिभावक ही उन्हें वहां भेज रहे हैं या फिर सस्ते श्रम के चक्कर में दुकानदार के प्रलोभन पर वे वहां काम कर रहे हैं। जब ऐसे बच्चों के परिवारों को शासन द्वारा संचालित योजनाओं का लाभ नहीं दिलाया जाएगा, तब तक बालश्रम पर लगाम कसना नामुमकिन है। उन्होंने कहा कि स्कूल चलो अभियान तभी सफल हो सकता है जब प्रत्येक अधिकारी अपनी जिम्मेदारी को समङों और इस मामले में अभिभावकों को भी विश्वास में ले। ताकि बच्चे वास्तव में स्कूल जा सके
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