जागरण संवाददाता, एटा: तीन दिन पहले स्कूल से लौटते समय अगवा किए प्रधानाध्यापक को पुलिस ने मुक्त करा लिया। 25 लाख की फिरौती मांग रहे अपहर्ताओं ने उन्हें मैनपुरी के लहरा गांव में बंधक बनाकर रखा था। पुलिस ने गिरोह के पांच बदमाशों को गिरफ्तार कर लिया, जबकि चार फरार हो गए।1थाना सकीट के गांव कुंजपुर स्थित प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक रामगोपाल शाक्य 27 फरवरी को स्कूल की छुट्टी होने के बाद बाइक से घर मलावन लौट रहे थे। रास्ते से ईको सवार बदमाशों ने उनका अपहरण कर लिया। इसके बाद 25 लाख रुपये की फिरौती मांगी गई। शिक्षक के अपहरण को लेकर प्राथमिक शिक्षकों ने आंदोलन छेड़ दिया था। क्रमबद्ध तरीके से यह आंदोलन जिलेभर में फैलाने की तैयारी चल रही थी। मामला बढ़ता देख पुलिस अपहरणकर्ताओं की तलाश में जुटी थी।एसएसपी अशोक कुमार त्रिपाठी ने अपर पुलिस अधीक्षक विसर्जन सिंह यादव के नेतृत्व में तीन टीमें बनाईं। जांच के बाद पुलिस को सूचना मिली कि अपहरण में थाना सकीट के गांव गढ़िया कौंची का नरेश तथा गांव कुंजपुर के एक-दो लोग शामिल हैं। पुलिस ने एक बदमाश को कुंजपुर से उठा लिया। पूछताछ हुई तो उसने पूरा राज खोल दिया। 1एसएसपी अशोक कुमार ने पत्रकार वार्ता में बताया कि क्राइम ब्रांच, स्वाट टीम और थाना सकीट व मलावन की टीमों ने सोमवार देर रात गांव लहरा में रामवीर के घर पर दबिश दी। वहां एक कमरे में अपहृत रामगोपाल बंधे हुए जमीन पर पड़े थे। पुलिस ने उन्हें मुक्त कराते हुए पांच लोगों को पकड़ लिया। जिनमें रामवीर निवासी गांव लहरा थाना क्षेत्र बिछवां मैनपुरी, नरेश निवासी गढ़िया कौंची थाना सकीट, मोनू उर्फ यादवेंद्र निवासी बरनाहल मैनपुरी, सुभाष निवासी कुंजपुर थाना सकीट, रामनाथ निवासी कुंजपुर थाना सकीट एटा हैं। बदमाशों ने जिस गाड़ी से अपहरण किया वह पुलिस के कब्जे में नहीं आ सकी है। देर रात प्रधानाध्यापक और पांचों बदमाशों को एटा लाया गया। पुलिस के मुताबिक बदमाश अपह्रत के परिजनों से लगातार संपर्क कर रहे थे। एक बदमाश ने अपने एक रिश्तेदार को इस काम के लिए लगा रखा था। परिवार ने फिरौती के लिए हामी भी भर ली थी, लेकिन उससे पहले ही भंडाफोड़ हो गया। बिछवां: शिक्षक रामगोपाल शाक्य को दो दिन पहले दो युवक लहरा लेकर आए थे। किसान रामवीर के बेटे शेर सिंह ने बताया कि उसके दो रिश्तेदार शिक्षक को लेकर पहुंचे तो पिता ने एक कमरे में बंद कर दिया। दहशत में रामगोपाल की तबियत भी खराब हो गई थी। शेर सिंह ने बताया कि रामगोपाल इतनी दहशत में थे कि रामवीर की पत्नी मीरा ने बात करने की कोशिश की लेकिन वह चुप रहे। जिस कमरे में रामगोपाल को रखा गया था वह पूरी तरह बंद रखा गया।एसएसपी ने बताया कि आइजी जोन आगरा की तरफ से पुलिस टीम को 15 हजार रुपये तथा डीआइजी अलीगढ़ परिक्षेत्र की तरफ से 10 हजार रुपये और एसएसपी की तरफ से 5 हजार रुपये पुरस्कार की घोषणा की गई है। कुल 30 हजार रुपये का इनाम पुलिस टीमों को दिया जाएगा। उन्होंने सीओ सकीट निवेश कटियार, एसओ सकीट नौशाद खां, एसओ मलावन दिग्विजय सिंह व क्राइम ब्रांच प्रभारी जमील मुहम्मद रावत को घटना के खुलासे का श्रेय दिया है।1जागरण
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