हरदोई, जागरण संवाददाता: विद्यालयों में अब धनराशि की कमी पर बच्चों को ब्याज की धनराशि से खाना खिलाया जाएगा। मध्यांहन भोजन प्राधिकरण के वित्त नियंत्रक ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को इस संबंध में पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि जो धनराशि भेजी जा चुकी है उसे शत प्रतिशत खातों में भेज दिया जाए। आने वाले महीनों में देरी पर ब्याज से काम चलाया जाए। परिषदीय विद्यालयों में मिड-डे मील की परिवर्तन लागत को लेकर अधिकांश महीनों में समस्या बनी रहती है। किसी महीने में पूरी धनराशि आ गई तो अन्य महीनों में दिक्कत रहती है, हालांकि मार्च में शासन दिल खोलकर पैसा देता है और उसी कड़ी में मध्यांहन भोजन प्राधिकरण ने भी धनराशि जारी कर दी है। वित्त नियंत्रक कुंवर डीबीबी सिंह ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी पत्र में बताया कि वित्तीय वर्ष में भेजी गई धनराशि को शत प्रतिशत खातों में भेज दिया जाए। आवश्यकता को देखते हुए विद्यालयों के पास अप्रैल की अग्रिम धनराशि भी भेजी जा सकती है। उन्होंने साफ कहा कि बैंक में जमा धनराशि पर अर्जित होने वाला ब्याज योजना के संसाधनों का हिस्सा होता है। जिसे आगामी वित्तीय वर्ष के प्रारंभिक अवशेष के रूप में दर्शाया एवं भारत सरकार को सूचित किया जाना चाहिए। वित्त नियंत्रक श्री सिंह ने विद्यालयों को यह भी अवगत करा दें कि उनके द्वारा मध्यांहन भोजन योजना के बैंक खाते में ब्याज के रूप में अर्जित धनराशि प्राप्ति में दर्शाते हुए संबंधित व्यय में व्यय की जा सकती है। जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी डा. ब्रजेश मिश्र ने बताया कि पत्र आया है। उसी के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी
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