बदायूं : पहले तो न जाने कितनी ही योजनाएं बना कर बच्चों को स्कूलों तक लाने तक प्रयास किए जाते हैं। जब आवेदन आए तो इन्हें नियमों के फेर में लेते हुए आवेदन ही निरस्त कर दिया गया। ऐसा होने से मंशा पर सवाल उठ रहा है। किसी भी प्राइवेट विद्यालय में शिक्षा ग्रहण कराए जाने को चलाई जा रही अलाभित वर्ग के बालक-बालिकाओं के प्रवेश की योजना के अंतर्गत बेसिक शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए चार आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। आवेदन करने वालों को जानकारी भेज दी गई है। क्षेत्र के आसपास एक किमी की परिधि में कोई भी सरकारी विद्यालय न होने की स्थिति में गरीब बच्चों को नजदीकी के किसी भी प्राइवेट विद्यालय में दाखिला दिलाने का प्रावधान है। बालक-बालिका को कक्षा एक में प्रवेश दिए जाने का नियम है। इसकी फीस बेसिक शिक्षा वहन करता है। शासन ने बच्चों को योजना का लाभ देने के लिए सख्त निर्देश भी दिए हैं। जिसके आधार पर बालक-बालिकाओं से आवेदन प्राप्त किए जा रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग को प्राप्त हुए दस आवेदनों में तीन आवेदकों के फार्म के आधार पर खंड शिक्षा अधिकारियों से जांच कराई गई तो पता चला कि आवेदन करने वाले बच्चों के घर के पास परिषदीय विद्यालय संचालित है। तीनों के आवेदन निरस्त कर दिए गए हैं। साथ ही एक आवेदन कक्षा तीन में प्रवेश के लिए प्राप्त हुआ था। शासनादेश में कक्षा एक में ही प्रवेश होने के निर्देश के चलते आवेदन निरस्त किया गया है। बीएसए आनंद प्रकाश शर्मा ने बताया कि शासनादेश के विपरीत प्राप्त हुए आवेदनों को निरस्त किया गया है
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