संवाद सहयोगी, बुलंदशहर : बेसिक शिक्षा विभाग की स्थिति देखिए की बीएसए से बड़े खंड शिक्षा अधिकारी हैं। बीएसए ने अनुदेशकों को प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता के लिए बच्चों की तैयारी कराने के आदेश दिए थे, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी ने अनुदेशकों की स्कूल में पहुंचकर जबरदस्ती अनुपस्थिति लगा दी। जबकि यह अनुदेशक जिला अस्पताल में बच्चों का मेडिकल तैयार करा रहे हैं। बेसिक शिक्षा विभाग की प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता लखनऊ में आयोजित होनी है। प्रतियोगिता से पूर्व तत्कालीन बेसिक शिक्षा अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने आदेश दिया था कि सभी अनुदेशकों और व्यायाम शिक्षकों को ब्लाक, जिला, मंडल एवं प्रदेशस्तरीय प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कराना है। अनुदेशक और व्यायाम शिक्षक उसी तैयारी में लगे हुए हैं। ब्लाक से लेकर मंडल स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता तो संपन्न हो गई है, लेकिन एक मार्च को जनपद के 58 खिलाड़ी प्रदेश स्तरीय खेलकूद प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने के लिए लखनऊ जाएंगे। लखनऊ जाने से पहले सभी परिषदीय खिलाड़ियों के मेडिकल सर्टीफिकेट और एक्सरा मांगे हैं। जिन खिलाड़ियों के पास मेडिकल सर्टीफिकेट होगा उन्हीं को प्रदेश स्तरीय प्रतियोगिता में प्रतिभाग कराया जाएगा। मंडलीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतने वाले 58 खिलाड़ियों का चयन हुआ है। पिछले चार दिनों से अनुदेशक जिला अस्पताल में सार्टिफिकेट बनवाने के लिए चक्कर काट रहे हैं। खंड शिक्षा अधिकारी डिबाई ने रजनेश कुमार पूर्व माध्यमिक विद्यालय दानपुर के अनुदेशक की अनुपस्थिति लगा दी। जिला व्यायाम शिक्षक पंकज यादव ने बीएसए एवं बेसिक शिक्षा निदेशक लखनऊ को पत्र लिखा है कि खंड शिक्षा अधिकारी अनुदेशकों का शोषण कर रहे हैं। दबाव बनाने के लिए जानते हुए भी कार्रवाई कर रहे हैं। जबकि अनुदेशक अपने कार्य में लगे हुए हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है कि बीएसए के आदेश को ठेंगा दिखाकर खंड शिक्षा अधिकारी कार्रवाई कर रहे हैं। बीएसए वेदराम ने बताया कि खंड शिक्षा अधिकारियों से इस संबंध में बात की जाएगी। इस तरह से कार्रवाई करना गलत है। यदि अनुदेशक अपना कार्य कर रहे हैं।
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